रविवार, 28 नवंबर 2010

शिवराज सरकार की महत्‍वपूर्ण उपलब्धि- ग्‍वालियर चम्‍बल में दीवाली के बाद फिर बिजली कटौती सिर चढ़कर बोली

शिवराज सरकार की महत्‍वपूर्ण उपलब्धि- ग्‍वालियर चम्‍बल में दीवाली के बाद फिर बिजली कटौती सिर चढ़कर बोली
मुरैना/ ग्‍वालियर २८ नवम्‍बर २०१०,  ग्‍वालियर चम्‍बल के संभागीय मुख्‍यालयों पर १० घण्‍टे की घोषित  नियमित बिजली कटौती के बाद अब अंधाधुन्‍ध अघोषित बिजली कटोती - इस समाचार के प्रकाशन के वक्‍त तक संभागीय मुख्‍यालयों पर प्रात: ६ बजे से अभी तक बिजली नहीं थी ।

मुरैना एवं भिण्‍ड जिला में प्रतिदिन की जा रही 10 घण्‍टे की डिक्‍लेयर्ड बिजली कटौती के बाद दीपावली के त्‍यौहार पर तथा त्‍यौहार गुजरने के बाद अतिरिक्‍त बिजली कटौती का चम्‍बल संभाग के निवासियों को और अधिक सामना करना पड़ रहा है ।

नरक चतुर्दशी पर जहॉं रात में १० बजे  से ११ बजे तक की अतिरिक्‍त बिजली कटौती की गयी वहीं ऐन दीपावली यानि आज ५ नवम्‍बर २०१० को प्रात: ७ बजे से काटी गयी बिजली कटौती आज दिनांक २८ नवम्‍बर को इस समाचार के लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्‍त तक समूचे शहर में बिजली कटोती जारी है । वर्ममान में शहर में शट डाउन चल रहा है । उल्लेखनीय है कि चम्‍बल के ६५ फीसदी ग्रामीण क्षेत्र में बिजली है ही नहीं वहीं जहॉं हैं वहॉं दो दिन छोड़ कर महज ४ घण्‍टे के लिये मात्र बिजली दी जा रही है । ऐन त्यौहार पर की जा रही अनाप शनाप भारी बिजली कटौती से जनता में भारी रोष व आक्रोश व्याप्‍त हो गया है । स्‍मरणीय है मुरेना शहर चम्बल संभाग का संभागीय मुख्‍यालय है । इस दरम्‍यान बिजली घर का शिकायत दर्ज कराने का फोन नंबर ०७५३२- २३२२४४ सहित सभी अधिकारीयों एवं कर्मचारीयों के फोन बन्‍द चल रहे हैं जो कि हरदम बिजली शट डाउन करने से पूर्व आउट ऑफ क्रेडल एवं स्विच आफॅ कर लिये जाते हें ।   

शनिवार, 27 नवंबर 2010

National Human Rights Commission - SAKSHI N.G.O. case - Sexual Harassment at work place - Case No. 1775/35/2003-2004-WC

Sexual Harassment at work place - Case No. 1775/35/2003-2004-WC

The Commission took cognizance of a complaint, dated 12.3.2004 referred by Ms. K. Geeta, Programme Coordinator of SAKSHI, an NGO alleging sexual harassment of Ms. Asha Rajora, Technical Assistant in the Herbal Research and Development Institute, Gopeshwar, Uttaranchal by the Director of the Institute. Allegations of further harassment by way of non-renewal of her job contract with effect from 1.5.2004 were also levelled.

The Commission directed the Chief Secretary, Uttaranchal and District Magistrate, Dehradun to submit their reports in the matter. The Commission also directed the State Authorities to inform (i) whether the Vishakha Guidelines are being followed in letter and spirit, while holding the inquiry; and (ii) whether any protection has been given to the complainant in the meanwhile.

An interim report received from the Chief Secretary, Govt. of Uttaranchal indicated that the Commissioner, Garhwal Circle, has been requested to inquire into the matter as he was heading the Divisional Vigilance Committee. The interim report was however silent about the constitution of Divisional Vigilance Committee and whether it is in conformity with the guidelines laid down by the Supreme Court of India in Vishakha's case, which requires that the Complaints Committee should be headed by a woman and not less than half of its members should be women. Further, to prevent the possibility of any undue pressure or influence from senior levels such Complaints Committee should involve a third party, either NGO or other body who is familiar with the issue of sexual harassment. The Chief Secretary, Uttaranchal was therefore requested to clarify as to whether the Divisional Vigilance Committee is in conformity with Vishakha Guidelines.

The Principal Secretary, Govt. of Uttaranchal informed the Commission that on the basis of the recommendations made by the Vigilance Committee, which was constituted in accordance with the guidelines in Vishakha case, the services of Dr. J. S. Rawat, Director, HRDI, Gopeshwar were terminated with effect from 4.10.2004. Since action had been taken by the Government in the case of sexual harassment the case was closed on 17.1.2005.

 

Presented By:

Narendra Singh Tomar

Advocate

Highcourt of Madhya Pradesh

शुक्रवार, 26 नवंबर 2010

उप पंजीयक रिश्वत लेते हुये पकड़े गये

उप पंजीयक रिश्वत लेते हुये पकड़े गये
Bhopal: Thursday, November 25, 2010
लोकायुक्त कार्यालय की विशेष पुलिस स्थापना इंदौर ने उप पंजीयक गजेन्द्र कुमार जैन को भूमि की रजिस्ट्री करने के एवज में 35 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथो पकड़ा है। आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
 
श्री जितेन्द्र कुमार निवासी कसरावद जिला खरगोन ने उनके द्वारा साढ़े छ: बीघा सिचिंत जमीन की रजिस्ट्री के लिये कागज उप पंजीयक कार्यालय धर्मपुरी जिला धार को सौंपे। आवेदक की भूमि की रजिस्ट्री के एवज में आरोपी उप पंजीयक रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा 35 हजार रूपये रिश्वत की मांग की गई। यह रिश्वत रजिस्ट्री के कागज सौंपे जाने के एवज में मांगी गई। शिकायत के आधार पर आरोपी उप पंजीयक को 35 हजार रूपये की राशि रिश्वत लेते हुये पकड़ा गया।

बुधवार, 17 नवंबर 2010

ग्‍वालियर टाइम्‍स वेब पोर्टल के 6 वर्ष पूरे हुये , 7 वें साल में गौरवशाली प्रवेश

ग्‍वालियर टाइम्‍स वेब पोर्टल के 6 वर्ष पूरे हुये , 7 वें साल में गौरवशाली प्रवेश

अकेले चले थे जानिबे मंजिल मगर ..  लोग साथ आते गये कारवां बनता गया

मुरैना 17 नवम्‍बर 2010 , मुरैना और चम्‍बल के नाम से नाक भौंह सिकोड़ने वालों के लिये एक गौरवपूर्ण चुनौती देकर उभरी एक छोटी सी वेबसाइट मजाक ही मजाक में केवल निजी शौक पूरा करने के लिये वर्ष सन 2004 में मुरैना के एक छोटे से कमरे में एक छोटे से कम्‍प्‍यूटर से पूरी तरह संसाधन विहीन नौजवान ने मुरैना की एक प्रसिद्ध स्‍वयंसेवी संस्‍था नेशनल नोबलयूथ अकादमी के बैनर तले बना कर शुरू की थी । शुरूआत में यह वेबसाइट लोक सेवाओं एवं लोकोपयोगी सेवाओं की वेबसाइटों का लिंक संग्रह के रूप में शुरू हुयी और पूरी तरह निजी उपयोग के लिये इसका प्रसारण प्रारंभ किया गया ।

लेकिन बेहद उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी के भरपूर संग्रह के चलते ही चन्‍द माह में ही वेबसाइट बेहद लोकप्रिय हो गयी । लेकिन वेबसाइट की पूरी पूरी नकल और तर्ज पर भारत सरकार सहित अन्‍य राज्‍य सरकारों द्वारा कॉमन सर्विस सेण्‍टर योजना चालू कर देने से वेबसाइट के खाके में वर्ष सन 2005 में काफी फेरबदल कर इसमें समाचार प्रकरशन और प्रसारण को अंदर के पेजों से हटा कर मुख्‍यपृष्‍ठ पर लाया गया और लोक सेवाओं व लोकसेवाओं को हिडन कर दिया गया ।

वेबसाइट ने लम्‍बे समय तक धन के और सहयोग के अभाव का सामना किया । इस वेबसाइट की दूसरी ओर दिनों दिन बढ़ती लोकप्रियता और हिटस से जहॉं अन्‍य लोग अचम्भित थे वहीं खुद वेबसाइट के डिजाइनर व जन्‍मदाता नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द'' भी हैरत और अचम्‍भे में थे । वेबसाइट की लोकप्रियता बढ़ते बढ़ते इस हद पर आ गई कि जिन सर्वर पर वेबसाइट चलाई जाती वे ही सर्वर फेल हो जाते और हाथ खड़े कर देते ।

अंतत: संघर्ष के दौर में ही म.प्र. सरकार की यी विज्ञापन नीति से वेबसाइट को सरकारी विज्ञापन मिलने की कुछ आशा बंधी लेकिन म.प्र. में भ्रष्‍टाचार इतनी बुरी तरह हावी था कि नाममात्र के या बिल्‍कुल भी नहीं हिटस और पाठक दर्शक वाली वबसाइटों को म.प्र. जनसम्‍पर्क विभाग ने विज्ञापन दे डाले और चम्‍बल की धरती पर मुरैना मध्‍यप्रदेश में जन्‍मी पली बढ़ी और धुआंधार हिटस वाली वेबसाइट को जनसम्‍पर्क विभाग ने 30 40 पत्र लिखने के बावजूद न तो विज्ञापन सूची में शामिल करने की जहमत ही उठाई और न किसी पत्र का उत्‍तर देना ही आवश्‍यक ही समझा ।

हालात इतनी खराब थी कि जब नई विज्ञापन नीति के मुताबिक वेबसाइटों को विज्ञापन नीति में शामिल किये जाने वाला आवेदन पत्र जब विभाग से सम्‍पर्क करके अनेक बार मांगा गया तो यह नया आवेदन पत्र श्रीमान भ्रष्‍ट महोदय गण द्वारा कभी बनाया ही नहीं गया , केवल विज्ञापन नीति घोषित करके चुपके से बैठ गये और वेबसाइटों को विज्ञापन के लिये स्‍वीकृति मात्र स्‍वीकार कर अपने कर्तव्‍य की इति कर ली । यह नया आवेदन पत्र आज दिनांक तक जनसम्‍पर्क विभाग संचालनालय तक में उपलब्‍ध नहीं है , बावजूद इसके अनेक घटिया वेबसाइटों को किस आधार पर या किस फार्म पर विज्ञापन सूची में शामिल किया गया या विज्ञापन दिये गये , इसका जवाब आज दिनांक तक मध्‍यप्रदेश के किसी अधिकारी कर्मचारी के पास नहीं है । खैर ये तो फर्जीवाड़े और भ्रष्‍टाचार की कहानी है जो कि मध्‍यप्रदेश की पत्रकारिता की जड़ यानि जनसम्‍पर्क विभाग में ही पेबस्‍त है ।

ग्‍वालियर टाइम्‍स ने इस सरकारी विज्ञापन के आसरे को भी दर किनार करते हुये अपना काम जारी रखा और धीरे धीरे कर के वेबसाइट से वेबपोर्टल और फिर धीरे धीरे बहुत बड़ा वेबसमूह बन गई । अनेक संघर्षों के और संसाधनों के अभाव के चलते हुये भी मुरैना और चम्‍बल जैसी जटिल जगह पर अपना काम जारी रखते रखते अपना काफिला धीरे धीरे ही सही आगे बढ़ाया । लेकिन दुर्भाग्‍य से बिजली के अभाव यानि भारी बिजली कटौती ने वेबसाइट की राह अत्‍यधिक दुश्‍वार कर दी । परिणामस्‍वरूप वेबसमूह को अपने सदा नियमित अपडेट होने वाले अनेक महत्‍वपूर्ण भागों का प्रकाशन ओर अपडेशन रोकना पड़ा । चम्‍बल की आवाज , इण्डिया न्‍यज , हिन्‍दी विकास, भिण्‍ड समाचार, मुरैना समाचार, मध्‍यप्रदेश की आवाज, ग्‍वालियर समाचार जैसे कई भाग लेख आलेख फीचर्स , हास्‍य व्‍यंग्‍व जैसे नियमित अपडेट किये जाने वाले भागों का अपडेशन स्‍थगित करके बैठना पड़ा । हालांकि इस स्‍थगन से नुकसान सरकार का ही हुआ क्‍योंकि इन भागों में 70- 80 फीसदी प्रकाशन और प्रसारण सरकारी ही जाता था । इसके अलावा दन में तीन या चार बार अपडेट किये जाने वाले लोकल फोटो भी अपडेशन से स्‍थगित करने पड़े ।

तमाम संघर्ष और व्‍यथाओं के चलते भी समूह अपना काम जारी रखे रहा और अंतत: मुरैना में ही तुरन्‍त तत्‍काल डोमेन रजिस्‍ट्रेशन सुविधा और वेबसर्वर सुविधा उपलब्‍ध करा दी गयी ।

आज वेबसाइट ने संघर्ष करते हुये अपने कीमती 6 साल पूरे कर लिये हैं और 7 वें वर्ष में प्रवेश कर गई है । 16 नवम्‍बर 2004 को पंजीकृत होकर अस्तित्‍व में आई छोटी सी शुरूआत हालांकि आज बहुत बड़ा आगाज बन गई है और जन जन की आवाज बन गई है ...  अभी तो हमें और आगे जाना है .. बहुत आगे ..  हमारे प्रिय सुधी पाठकों, दर्शकों और सहयोगियों ने सदा हमारा साथ दिया , हमें समर्थन दिया अपना प्‍यार बनाये रखा और हमें जर्रे से आफताब और नाकुछ से तूती की आवाज को बुलन्‍द आवाज में बदला , हम आप सबके हृदय से आभारी है और आपका दिल से शुक्रिया करते हैं ..  आपका हमारा साथ, प्रेम, समर्थन और सहयोग सदा बरकरार रहे, हम अपने फसबुक और ऑरकुट मित्रों के भी आभारी है जिन्‍होनें इतनी विशाल संख्‍या में हमारा साथ देकर हमें काम करने तथा और अधिक बेहतर काम करने की असीम ऊर्जा दी ...   इसी आशा और विश्‍वास के साथ ..

आपका

काफिला चलता रहे , वक्‍त भी चलता रहे , तेरा मेरा साथ न छूटे कभी, बस इतनी इनायत बनी रहे .....  

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

प्रधान सम्‍पादक एवं प्रधान संचालक व सी.ई.ओ.

ग्‍वालियर टाइम्‍स वेब समूह एवं राजहंस वेब रजिस्‍ट्रेशन एवं वेब होस्टिंग सेण्‍टर     

 

एक मूर्खतापूर्ण सरकारी फरमान से लोग परेशान, सरकारी दफ्तर ठप्‍प

एक मूर्खतापूर्ण सरकारी फरमान से लोग परेशान, सरकारी दफ्तर ठप्‍प

मुरैना 17 नवम्‍बर 2010 , कभी कभी कुछ मूर्खतापूर्ण सरकारी फरमान न केवल आम जनता के लिये परेशानी का सवब बन जाते हैं बल्कि खद सरकारी कामकाज को ही ठप्‍प करा देते हैं । ऐसा ही एक विचित्र सरकारी फरमान पिछले एक साल से मुरैना में जिला प्रशासन ने जारी करके न केवल जिले के व्‍यावसायियों को चौपट करने के कगार पर ला खड़ा किया है बल्कि मुरैना के सरकारी कार्यालयों में कुर्सियॉं खाली रहने का भी सवब बन गया है ।

गुमाश्‍ता एक्‍ट या शॉप एक्‍ट के तहत लगभग एक साल पहले जिला प्रशासन ने मुरैना में रविवार को सभी दूकानें व प्रतिष्‍ठान बन्‍द रखने का या जबरदस्‍ती बन्‍द कराने का एक मूर्खतापूर्ण फरमान न केवल जारी ही कर दिया बल्कि डण्‍डे के जोर से जबरन इसे लागू भी करा दिया ।

हुआ ये कि बकौल भारत सरकार और मध्‍यप्रदेश सरकार की वर्षो पुरानी पारम्परिक सोच और रिवाज के मुताबिक लोगों को हफ्ते में एक तयशुदा दिन का अवकाश यानि रविवार का पारम्‍परिक अवकाश दिया जाता है । वह इसलिये कि लोग हफ्ते भर की थकान और सुस्‍ती दूर कर लें अपने परिवार को थोड़ा वक्‍त दे सके उनकी जरूरतें पूरी कर सकें तथा साथ ही अपने अवश्‍यक घरेलू कामकाज व खरीददारी आदि भी कर सकें ।

बकौल हुक्‍म ए जिला प्रशासन मुरैना इसी घोषित पारम्‍परिक रकारी अनिवार्य अवकाश को सारा शहर मुरैना इस दिन बन्‍द रहता है । लोग जो हफ्ते भर बाद अपने या अपने परिवार के लिये जरूरत का कुछ भी सामान खरीदना चाहें तो या बाजार घूना चाहें तो सारा का शहर और दूकानें बन्‍द देखकर यहॉं तक कि पान की दूकानें और चाय ठेले तथा सब्‍जी भाजी तक की दूकानें बन्‍द पाकर मुँह बाये घर वापस आने के और कोई चारा नहीं रहता ।

हालांकि ग्‍वालियर जैसे बड़े शहर में भी सप्‍ताह के अलग अलग दिन अलग अलग बाजार बन्‍द रखने का नियम है जैसे बाड़ा मंगलवार को तो लोहिया बाजार या अन्‍य बाजार अन्‍य दिन को लेकिन मुरैना का हाल ये है कि समूचा शहर एक ही दिन को पूरी तरह बन्‍द और वह भी रविवार को ।

परिणाम ये होता है कि रविवार को शहर में त्राहि त्राहि मच जाती है । सभी चाय पानी और सब्‍जी भाजी तक को तरस जाते हैं ।

केवल आम जनता ही इससे परेशान हो ऐसा नहीं है, सरकारी कर्मचारी भी इसी दिन इसी हाल से गुजरते हैं । प्रायवेट कार्यालयों के कर्मचारीयों और फैक्‍ट्री मजदूरों का हाल तो इससे भी बुरा है । उनका साप्‍ताहिक अवकाश लगभग पूरी तरह बेकार ही जाता है । मजे की बात ये है कि इसका परिणाम ये है कि सरकारी गाडि़यों में साहबों की बीवियॉं , साहब और उनके बच्‍चे साप्‍ताह के अन्‍य दिनों में दिन भर न केवल मुरैना शहर की दूकानों में मटरगश्‍ती करते हैं बल्कि सरकारी दफ्तर और सरकारी कामकाज छोड़कर घरेलू खरीददारी और बाजारी काम काज में लगे रहते हैं , मौके नजाकत और हालात का लाभ उठाकर अफसरों की देखा देखी नीचे के मातहत कर्मचारी भी साहब , साहब की बीवी और साब के जरखरीद गुलामों की देखा देखी साहब के पग चिह्नों पर चल पड़ते हैं , और सरकारी कार्यालय और सीट कामकाज छोड़कर फरार रहते हैं ।   

 

बी एस एन एल की 3 जी सेवायें महज खोखला मजाक, तमाम टेक्निकल खामियां और नंबर 1503 जो कभी नहीं अटेण्‍ड होता

बी एस एन एल की 3 जी सेवायें महज खोखला मजाक, तमाम टेक्निकल खामियां और नंबर 1503 जो कभी नहीं अटेण्‍ड होता

ग्‍वालियर /मुरैना / भिण्‍ड 17 नवम्‍बर 2010, कहने को बी एस एन एल ी 3 जी सेवायें म.प्र. सर्किल सहित ग्‍वालियर चम्‍बल अंचल में भी चालू और उपलब्‍ध हैं लेकिन हकीकत यह है कि फिलहाल ये सेवायें न तो संतोषजनक ही है और न इनकी सुनवाई या शिकायत फरोख्‍त का कोई हिल्‍ला कहीं है । लाखों करोड़ों रूपये विज्ञापनों पर फूंक कर बी एस एन एल जिस नंबर 1503 का प्रचार दिन रात करता है उस नंबर 1503 की हालत ये है कि इस नंबर का म.प्र. सर्किल में कोई धनीधोरी नहीं है । अव्‍वल तो यह नंबर लगता ही नहीं हैं ... इस मार्ग की सभी लाइनें व्‍यस्‍त हैं .. यह सुनने में व्‍यस्‍त रहिये या फिर .. हमारे सभी अधिकारी अभी दूसरे ग्राहकों की शिकायतें समस्‍या सुलझाने में लगे हैं...  आपका काल जल्‍दी ही लिया जायेगा .   दिन भर और रात भर केवल यही सुनते रहिये .. फिर .. सुनिये माफ करिये ..  हमारा अधिकारी जल्‍द ही आपको काल बैक करेगा ...  आप इस काल को डिस्‍कनेक्‍ट कर दें ... और यह काल बैक का काल कभी नहीं आता .... पिछले तीन माह में हमने इस नबर 1503 को मुरैना से पॉंच अलग अलग बी एस एन एल की सिमों से तकरीबन 300 दफा दिन भर और रात भर नियमित रूप से लगातार आजमाया ...  हालात जस के तस ही रहे । यह नंबर आज तक कभी भी अटेण्‍ड ही नहीं हुआ   अब इसकी क्‍या वजह है यह हमारी समझ में आज तक नहीं आई .. फिलहाल म.प्र. बी एस एन एल सर्किल में यह नबर बेमतलब का नाकारा और बेकार है ।

हमने इसके बाद बी एस एन एल की एक 3 जी सिम लेकर ट्राइ किया और बढि़या मंहगा नोकिया का 3 जी मोबाइल भी खरीदा । हफ्ते भर झकमारी का नतीजा ये हुआ ये कि रिजल्‍ट ये मिले कि आप बी एस एन एल की 3 जी सेवा के अव्‍वल तो कभी पूरे सिगनल हीं नहीं पायेंगें , दूसरे हर 10 या 15 मिनिट बाद 3 जी नेटवर्क गायब होने और मोबाइल के आटोमेटिकली रिफ्रेश होकर दोबारा चालू होने जैसी समस्‍याओं से व्‍यथित रहेंगें । कभी एक सार यह नेटवर्क काम करे , यह कदापि संभव नहीं ।

इसके अलावा इस कनेक्‍शन में यह भी खूबी है कि वायरस और ट्रोजन हॉर्स का जमकर खुला रास्‍ता इस नेटवर्क में है , दो या तीन दिन बाद आपका कम्‍प्‍यूटर किसी भी मतलब का नहीं रहेगा , यहॉं तक कि हार्डवेयर तक रिकागनाइज नहीं करेगा । इसी तरह मोबाइल फोन भी आपको हर 6 या आठ घण्‍टे बाद फार्मेट करना होगा ।

आप को 3 जी या 2 जी सेटिंग्‍स चाहिये तो आप बी एस एन एल के दोनों निर्धारित नंबरों पर एस एम एस भेजते रहिये आपको इस जीवन में तो कभी सेटिंग्‍स रिसीव ही नहीं होंगीं । हमें एक बार एक मैसेज जरूर मिला कि सेटिंग्‍स के लिये आप फलां फलां वेबसाइट पर लाग इन करें । अरे मूरख और फर्जी फोकट बी एस एन एल , जरा से कामनसेन्‍स से तो काम ले बेवकूफ कि अगर सेटिंग नहीं होगीं तो आदमी इण्‍टरनेट पर जायेगा ही कैसे और कैसे तेरी फलां फलां डब्‍लू ब्‍लू डब्‍लू लाग इन करेगा । मैसेज भेज दिया कि सेटिंग के लिये फलां फलां लाग इन करें । अब लाग इन काहे से करेगा आदमी । ये हाल है बी एस एन एल की सरकार का । और 1503 कभी लगता नहीं आप शिकायत या समस्‍या किससे कहेंगें या कैसे हल करेंगें । नेटवर्क फुल तो कभी आता ही नहीं जो दो या तीन छोटे डण्‍डे आते भी हैं वे हर 10 या 15 मिनिट बाद आते जाते रहते हैं । डाउनलोड स्‍पीड अधिकतम दिन के वक्‍त 35 से 50 केबी/ सेकण्‍ड और रात के वक्‍त 100 से 170 केबी/ सेकण्‍ड । अब बताओ प्‍यारे कि 3 जी के नाम पर ई वी डी ओ चला रहे हो या ब्राडबैण्‍ड 256 केबी/ सेकण्‍ड वाला देकर जनता की ऑंखों में धूल झोंककर चूना लगा रहे हो ।  फ्री की सुविधा बी एस एन एल की तो किसी का पुरखा भी इस्‍तेमाल नहीं कर सकता , जब कनेक्‍शन चलेगा ही नहीं तो अपने आप टापते रह जाओगे । लीजिये यह है हाल बी एस एन एल 3 जी सर्विस का , हम तो भुगत लिये प्‍यारे ... अब आप लोग भी निबट लो सिस्‍टम ए बी एस एन एल से... ट्राइ कर लो .. ट्ररइ करने में क्‍या हर्ज है  

 

 

मंगलवार, 9 नवंबर 2010

ग्‍वालियर टाइम्‍स ने चम्‍बल में लगाये निजी वेबसर्वर, डोमेन रजिस्‍ट्रेशन और वेब होस्टिंग की सुविधा अब मध्‍यभारत में भी उपलब्‍ध

ग्‍वालियर टाइम्‍स ने चम्‍बल में लगाये निजी वेबसर्वर, वेब होस्टिंग की सुविधा अब मध्‍यभारत में उपलब्‍ध

ग्‍वालियर /मुरैना/ भिण्‍ड 10 नवम्‍बर 2010, मध्‍यभारत के ग्‍वालियर टाइम्‍स वेब समूह ने देवपुत्र प्रायवेट लिमिटेड गुप ऑफ कम्‍पनीज के साथ एक अनुबन्‍ध व पारस्परिक समझौते के तहत अपने निजी वेबसर्वर चम्‍बल घाटी में स्‍थापित किये हैं । अब ग्‍वालियर चम्‍बल सहित सम्‍पूर्ण मध्‍यभारत को जिसमें राजस्‍थान , उत्‍तरप्रदेश एवं मध्‍यप्रदेश का मिला जुला क्षेत्र सम्मिलित है को वेब होस्टिंग सहित डोमेन रजिस्‍ट्रेशन की सुविधा उपलब्‍ध हो गयी है । और चन्‍द मिनिटों में किसी भी वेबसाइट को अब डोमेन रजिस्‍टर्ड और सर्वर अलाट किया जा सकेगा । इसके अतिरिक्‍त ग्‍वालियर टाइम्‍स तथा देवपुत्र पायवेट लिमिटेड कम्‍पनी समूह ने वेब हो‍स्टिंग को बेहद सस्‍ता और कारगर बनाने के लिये अनेक व्‍यापक कदम उठाये हैं । अब केवल 200 रूपये के नाम मात्र शुल्‍क पर से प्रारंभ पैकेज से वेब सर्वर ओर वेब होस्टिंग उपलब्‍ध हो जायेगी । ग्‍वालियर चम्‍बल और राजस्‍थान तथा उत्‍तरप्रदेश के चम्‍बल घाटी से सीमावर्ती क्षेत्र के निवासियों को डोमेन रजिस्‍ट्रेशन और वेब होस्टिंग के लिये अब भटकना नहीं होगा ।

छात्रों और स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं को समूह द्वारा विशेष रियायती पैकेजों की घोषणा की गयी है ।

समूह के सी.ई.ओ.नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने कहा है कि वेब डोमेन रजिस्‍ट्रेशन और वेब सर्वर होस्टिंग से सम्‍बन्धित अनेक समस्‍याओं का निराकरण अब त्‍वरित संभव होगा और लोग धन ऐंठ कर परेशानी पैदा करने वाले वेब होस्टिंग कम्‍पनीयों के लुभावने प्रलोभनों व माया जाल से बच सकेगें , जो कि न तो संतोषजनक सेवायें ही दे पाते हैं और न समस्‍याओं को ही सुनते हैं ।

अपने निजी सर्वर यूनिटों के क्षमता शुरूआत में ही अत्‍याधुनिक और एडवांस्‍ड हार्डवेयर टैक्‍नालाजी के साथ अत्‍याधुनिक सर्वर सिस्‍टम की रखी गयी है । समूह द्वारा स्‍थापित सर्वरों में दोनों प्रकार की होस्टिंग सुविधा उपलब्‍ध रहेगी, विण्‍डोज सर्वर 2008 R-2 एवं लाइनेक्‍स अपाचे सर्वर एडवांस्‍ड अपडेट और नवीनतम टैक्‍नालॉजी के साथ होस्टिंग हेतु उपलब्‍ध रहेंगें । साथ ही एक्टिव सर्वर पेजेस, जावा , आदि सुविधायें भी व्‍यापक रूप से उपलब्‍ध रहेंगीं ।

वेब डिजाइनिंग न जानने वाले लोगों को सर्वर पर प्री इंस्‍टाल्‍ड साफ्टवेयर से चन्‍द मिनिटों में खुद की वेबसाइट और वेब पेजेस बनाने की भी सुविधा रहेगी । इसी प्रकार इमेज होस्टिंग, वीडियो होस्टिंग, चैनल होस्टिंग, न्‍यूज पेपर और लाइव न्‍यूज पोर्टल आदि की सुविधा भी लोगों को उनलब्‍ध रहेगी । इसी सीक्‍वेन्‍स में थ्री जी वीडीयो शूट भी वेब पोर्टल पर लाइव ब्राडकास्‍ट व वेबकास्‍ट किये जा सकेंगें । डेडीकेटेड सर्वर सुविधा भी इच्‍छुक लोगों को उपलब्‍ध रहेगी वहीं फ्रण्‍टपेज एक्‍सटेंशन्‍स आदि भी वेब मास्‍टर्स के लिये उपलब्‍ध रहेंगें । प्रत्‍येक वेबसाइअ को पृथक एफ.टी. पी. एवं वेबसाइट डोमेन पर ही ई मेल पते आदि भी उपलब्‍ध रहेंगें ।

विशिष्‍ट जानकारी ब्रोशर में देखी जा सकती है । इस सम्‍बन्‍ध में और जानकारी या व्‍यावसायिक पूछताछ हेतु gwaliortimes@gmail.com  पर ई मेल भेज कर अधिक जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है ।           

 

 

शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

दीपावली पर बिजली कटौती सिर चढ़ कर बोली, म.प्र. में त्यौहार अंधेरे में

दीपावली पर बिजली कटौती सिर चढ़ कर बोली, म.प्र. में त्यौहार अंधेरे में

मुरैना ५ नवम्‍बर २०१० । मुरैना एवं भिण्‍ड जिला में प्रतिदिन की जा रही १५ घण्‍टे की डिक्‍लेयर्ड बिजली कटौती के बाद दीपावली के त्‍यौहार पर अतिरिक्‍त बिजली कटौती का चम्‍बल संभाग के निवासियों को और अधिक सामना करना पड़ रहा है ।

नरक चतुर्दशी पर जहॉं रात में १० बजे  से ११ बजे तक की अतिरिक्‍त बिजली कटौती की गयी वहीं ऐन दीपावली यानि आज ५ नवम्‍बर २०१० को प्रात: ७ बजे से काटी गयी बिजली कटौती इस समाचार के लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्‍त तक शहर में बिजली कटोती जारी है । वर्ममान में शहर में शट डाउन चल रहा है । उल्लेखनीय है कि चम्‍बल के ६५ फीसदी ग्रामीण क्षेत्र में बिजली है ही नहीं वहीं जहॉं हैं वहॉं दो दिन छोड़ कर महज ४ घण्‍टे के लिये मात्र बिजली दी जा रही है । ऐन त्यौहार पर की जा रही अनाप शनाप भारी बिजली कटौती से जनता में भारी रोष व आक्रोश व्याप्‍त हो गया है । स्‍मरणीय है मुरेना शहर चम्बल संभाग का संभागीय मुख्‍यालय है । इस दरम्‍यान बिजली घर का शिकायत दर्ज कराने का फोन नंबर ०७५३२- २३२२४४ सहित सभी अधिकारीयों एवं कर्मचारीयों के फोन बन्‍द चल रहे हैं जो कि हरदम बिजली शट डाउन करने से पूर्व आउट ऑफ क्रेडल एवं स्विच आफॅ कर लिये जाते हें ।   


सोमवार, 1 नवंबर 2010

कलियुग वर्णन – श्री महाभारत खिलभाग हरिवंश पुराण भाग -1, प्रस्‍तुति – नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनन्‍द’’

कलियुग वर्णन श्री महाभारत खिलभाग हरिवंश पुराण भाग -1

प्रस्‍तुति नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

प्रस्‍तुत श्‍लोकार्थ भी महाभारत खिलभाग हरिवंश से हिन्‍दी टीका सहित ज्‍यों के त्‍यों प्रस्‍तुत किये जा रहे हैं , किसी आलोचना प्रत्‍यालोचना के लिये इनमें कोई गुंजाइश नहीं है यह प्रस्‍तुति मात्र है । मूल संस्‍कृत श्‍लोक सबके लिये ग्राह्य एवं सबकी समझ में न आने से नहीं दिये जा रहे, यहॉं केवल उनके यथावत हिन्‍दी अर्थ दिये जा रहे हैं ।   

भाग -1

जन्‍मेजय ने कहा महर्षे । हमारा मोक्षकाल निकट है या दूर, यह हम लोग नहीं जानते अत: जिसने द्वापर को अधर्म की अधिकता से दूषित कर दिया है, उस युगान्‍त अर्थात कलियुग का वर्णन सुनना चाहता हूं ।।1।।

कलियुग में मनुष्‍य थोड़े से आयास से किये जाने वाले सत्‍कर्म द्वारा सुखपूर्वक महान धर्म के फल की प्राप्ति कर सकता है, इस प्रकार इस धर्म विषयक लोभ से हम लोगों ने उस कलिकाल में जन्‍म ग्रहण किया है ।। 2।।

व्‍यास जी बोले राजन । कलियुग में प्रजाओं की रक्षा न करते हुये उनसे कर लेने वाले राजा उत्‍पन्‍न होंगें, जो सदा अपने शरीर मात्र की रक्षा में संलग्‍न रहेंगें ।। 5।।

कलियुग में जो क्षत्रिय नहीं हैं, ऐसे लोग भी राजा होंगे । ब्राह्मण लोग शूद्रों के आश्रित होकर जीविका चलायेंगे और शूद्र ब्राह्मणों के से आचार का पालन करने वाले होंगे ।।6।।

जन्‍मेजय । कलियुग में धनुष बाण धारण करने वाले (क्षत्रिय वृत्ति से जीने वाले ) ब्राह्मण और श्रोत्रिय ब्राह्मण दोनों एक पंक्ति में बैठकर पंचयज्ञों से रहित हविष्‍य में भोजन करेंगे ।।7।।

जन्‍मेजय कलियुग में मनुष्‍य शिल्‍प कर्म करने वाले, असत्‍यवादी मदिरा और मॉंस के प्रेमी तथा पत्‍नी को ही मित्र मानने वाले होंगे ।।8।।

युगान्‍त काल कलियुग में चोर राजोचित वृत्ति से रहेंगें औरा राजाओं का स्‍वभाव चोरों के समान हो जायेगा तथा सेवक उन वस्‍तुओं का भी उपभोग करेगें, जिन्‍हें भोगने के लिये उन्‍हें स्‍वामी की ओर से आज्ञा नहीं मिली हो ।।9।।

कलियुग में धन ही सबके लिये स्‍पृहणीय होंगे, सत्‍पुरूषों के आचार व्‍यवहार का आदर नहीं होगा और धर्म से पतित हुये मनुष्‍य के प्रति निन्‍दाभाव रखने वाले कोई न होंगें ।। 10।।

मनुष्‍य धर्म और अधर्म से विवेक रहित होंगे, विधवायें तथा सन्‍यासी परस्‍पर समागम करके बच्‍चे पैदा करेंगे । सोलह वर्ष से कम आयु अवस्‍था वाले मनुष्‍य भी संतानोत्‍पादन करेंगें ।। 11।।

कलियुग में जनपद के लोग अन्‍न बेंचेंगें, चौराहों पर द्विज लोग वेदों का विक्रय करेंगें और युवती स्त्रियां मूल्‍य लेकर व्‍यभिचार करने वालीं होंगीं ।।12।।

उस समय सब लोग ब्रह्मवादी हो जायेंगें (ब्रह्मवाद की आड़ लेकर कर्म भ्रष्‍ट हो जायेंगें ) दूसरी शाखाओं का लोप हो जाने के कारण सभी अपने को वाजसनेयी शाखा का बतलायेंगें और शूद्र अपने से बड़ों के सम्‍मान में केवल मो (अजी) कहने वाले होंगें ।। 13।।

युगान्‍तकाल में ब्राह्मण लोग तप और यज्ञ  के बेचने वाले होंगें । उस समय सभी ऋतुयें विपरीत स्‍वभाव की हो जायेंगीं ।। 14।।

क्रमश: जारी ...... अगले भाग में