सोमवार, 14 मार्च 2016

मशहूर फिल्म अभि‍नेत्री आभा परमार ने लाइक कीं कई पोस्ट नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' की

मशहूर फिल्म अभि‍नेत्री आभा परमार ने लाइक कीं कई पोस्ट नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''  की
ग्वालियर टाइम्स , 14 मार्च 2016 , ग्वालियर की मूलत: निवासी और ख्याति नाम मशहूर फिल्म अभि‍नेत्री आभा परमार ने आज फेसबुक के ग्रुप चम्बलघाटी में नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' की कई पोस्ट और वीडियो , एक साथ लाइक किये , जिसमें उनका महाभारत योद्धा अर्जुन के वंशज होने एवं आरक्षण पर जारी वीडियो भी शामिल है ।
उल्लेखनीय है कि मूलत: ग्वालियर की निवासी आभा परमार अनेक बड़े बैनर की  फिल्मों जिसमें अमिताभ बच्चन की मशहूर फिल्म ''मैं आजाद हूँ '' तथा अन्य अनेक बड़े हीरोज की फिल्में शामिल हैं , में काम कर चुकीं हैं , इसके साथ ही वर्षों से वे टी.वी. की मशहूर एक्ट्रेस भी हैं , और उनके तमाम सीरियल दूरदर्शन सहित तमाम चैनलों पर आ चुके हैं जिसमें बंगाली पृष्ठभूमि पर प्रसिद्ध सीरियल , चन्द्रकान्ता , सहित सैकड़ों टी.वी. सीरियल शामिल हैं , दोपहर में दूरदर्शन पर दिखाये जाने वाले ''घण्टा प्रसाद , घण्टा वाले'' में भी एक प्रमुख में नजर आईं ।
यह भी स्मरणीय है कि आभा परमार और नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' न केवल एक साथ ही एक ही स्कूल में ग्वालियर में पढ़े हैं और केवल एक कक्षा जूनियर व सीनियर रहे हैं , बल्क‍ि ग्वालियर में आकाशवाणी ग्वालियर से कई सुपर हिट कार्यक्रम भी साथ साथ दे चुके हैं , अनेक ड्रामा व नाटकों में साथ साथ काम कर चुके हैं । एक्टिंग के अनेक मैडल्स भी साथ साथ जीत चुके हैं , आभा परमार और नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' दोनों एक दूसरे के स्कूल के समय से फेन रहे हैं , आभा परमार ग्वालियर से लेकर बंबई और मुंबई तक का लंबा सफर तय करके अभि‍नय की दुनियां की , फिल्मी व टी.वी. पर्दे की आज बहुत बड़ी स्टार हैं , जबकि नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' वहीं अपने ग्वालियर चम्बल में जहॉं की तहॉं जमे और डटे हैं ।
आभा परमार की फेसबुक के चम्बलघाटी ग्रुप में ढेर सारी लाइकिंग से प्रसन्न नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' ने केवल इतना कहा कि , जब हम आमने सामने कभी मिलेंगें , सही आनंद तो उस दिन आयेगा , लेकिन आभा ने अपनी व्यस्तता में से समय निकाल कर भी फेसबुक पर न केवल हमें जमकर पढ़ा वरन फिल्म दुनियां के नामी गिरामी हस्त‍ियों , हीरोज व हीरोइन को भी लगातार हमारी इसी तारतम्य में रखा और चंबल पर पान सिंह तोमर पर बरसों पहले लिखी हमारी एक आलेखनुमा स्टोरी पर पूरी फिल्म ''पान सिंह तोमर'' ही बनवा दी , इसके लिये हम आभा के कृतज्ञ व आभारी हैं । आभा ने बंबई में ग्वालियर और चम्बल को जिन्दा रखा , यहॉं की भाषा व संस्कृति को जिन्दा रखा , यह हमारे लिये फख्र की बात है ।

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