मंगलवार, 22 मार्च 2011

'' प्रेम के तिलक- स्नेह के चंदन'' के साथ मंत्री ने अनुरक्षण गृह की बालिकाओं ने मनाया भाई दौज का त्याहौर

'' प्रेम के तिलक- स्नेह के चंदन'' के साथ मंत्री ने अनुरक्षण गृह की बालिकाओं ने मनाया भाई दौज का त्याहौर

ग्वालियर 21 मार्च 11/ ''प्रेम का तिलक, स्नेह का चंदन, रक्षा का अभयदान और भाईबहन का मिलन'' यह दृश्य था अनाथ बेसहारा बालिकाओं और महिलाओं के लिये संचालित राजकीय बालिका महिला अनुरक्षण गृह का, जिसमें बिना किसी औपचारिकताओं और आडम्बर के बीच भाईदौज का पावन पर्व सम्पन्न हुआ। भाई दौज के त्यौहार पर आज अनुरक्षण गृह में निवासरत बालिकाओं ने प्रदेश के गृह, परिवहन एवं जेल राज्य मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह को रोली से तिलक किया तो भाई ने बहिनों के माथे पर गेंदे की पंखुड़ियों से चंदन का लेप कर अपना स्नेह व्यक्त किया। श्री कुशवाह ने इन बालिकाओं को अपनी धर्मबहन स्वीकार किया है प्रत्येक त्यौहार उन बालिकाओं के बीच मनाकर उनके जीवन की एकांकीपन को भरने का प्रयास करते हैं।

       इस अवसर पर श्री कुशवाह ने कहा कि यूँ तो समाज में अनेक प्रकार के दुखों से पीड़ित व्यक्ति हैं हम सभी की मदद नहीं कर सकते हैं लेकिन अपने जीवन में कुछ क्षण जरूरतमंदों के बीच गुजार सकें तो स्वयं को सुकून प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तो समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण हेतु कार्यक्रम, योजनायें, सुविधायें मुहैया कराने का  प्रयास किया जाता है लेकिन सामाजिक समस्याओं का निराकरण समाज की भागीदारी से ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि इन केन्द्र पर निवासरत सभी बालिकाओं की रहन सहन, पढ़ाई लिखाई से लेकर उनके पुनर्वास तक की जिम्मेदारी निभाई जा रही है। लेकिन समाज के प्रबुध्द वर्ग को भी आगे आना चाहिये।

       भाई दौज के इस मिलन समारोह में अनुरक्षण गृह अंतवासिनी बहनों ने परंपरागत तरीके से आटे का चौक पूर कर पटे पर बिठाकर थाली में रोरी, चावल और दीपक से भाई की आरती उतारी व तिलक लगाया, जिसके बदले में भाई श्री कुशवाह ने बहनों के माथे पर चंदन का लेप कर स्नेह भरी छांव का अहसास दिया, बहनों के पेर छूकर भारतीय परंपरा में बहिनों को सम्मान भी दिया।

 

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