मंगलवार, 9 अक्तूबर 2007

प्रशासनिक अधिकारी अधिक जनोन्मुखी बनें और पूर्ण सकारात्मक दृष्टिकोण अपनायें

प्रशासनिक अधिकारी अधिक जनोन्मुखी बनें और पूर्ण सकारात्मक दृष्टिकोण अपनायें

जनता से सीधा जुड़ाव बनायें अधिकारी, दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस प्रारंभ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रशासन तंत्र का जनोन्मुखी एवं सकारात्मक दृष्टिकोण अनेक जनसमस्याओं को हल करने में सहायक होता है। इसलिए प्रत्येक प्रशासनिक अधिकारी को जनसमस्याओं के निराकरण के लिए जनता और जनप्रतिनिधियों से जीवंत संपर्क रखना चाहिए। श्री चौहान ने प्रशासनिक अधिकारियों से विकास योजनाओं पर अमल में तेजी लाने के लिए दौरों के समय निरीक्षण तथा निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को कहा। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के विकास तथा जनकल्याण के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयास आवश्यक हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहां नर्मदा भवन में संभागीय आयुक्तों तथा जिलाध्यक्षों के दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में कल सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भाग लेंगे। आज बैठक में मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी, विकास विभागों के प्रमुख सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

श्री चौहान ने कलेक्टर और कमिशनों से कहा कि लोकतंत्र में जनता ही राजा होती है। जनता की समस्याओं को संवेदनशील होकर निपटायें। समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये ज्यादा से ज्यादा स्थलों का दौरा कर जन और तंत्र में दूरी को वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दूर करने के लगातार प्रयास करें। श्री चौहान ने कहा कि जनता और मुख्यमंत्री के बीच की दूरी कम करने के लिये वे स्वयं जनदर्शन में आम जनता से मिलते हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि योजनाओं की जानकारी जनसाधारण तक पहुँचाने में उनकी सफलता सुनिश्चित होती है तथा जिला स्तर पर भी इस दिशा में प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने गांव की बेटी योजना तथा पं. दीनदयाल उपचार योजना पर बेहतर अमल की अपेक्षा व्यक्त की। श्री चौहान ने कहा कि सागर, रीवा तथा आंशिक रूप से ग्वालियर संभाग में अवर्षा की स्थिति के कारण खरीफ फसल प्रभावित हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को निर्धारित प्रावधानों अनुसार यथाशीघ्र राहत का वितरण सुनिश्चित होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उचित मूल्य दुकानों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करना राज्य शासन की प्राथमिकता है तथा जिलाध्यक्षों को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गरीब परिवारों को समय पर कैरोसिन एवं खाद्यान्न मिलना चाहिए। श्री चौहान ने कहा कि कुपोषण समाप्त करने, सभी बच्चों को शालाओं में भेजने, गंभीर बीमारियों के रोगियों की चिकित्सा, महिला सशक्तिकरण संबंधी योजनाओं, आंगनवाड़ियों के संचालन एवं अनुसूचित जाति तथा आदिवासी कल्याण की योजनाओं पर बेहतर अमल के लिए सतत प्रयासों की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, खेतिहर मजदूर सुरक्षा योजना, खेत तालाब योजना, बलराम ताल योजना जैसी कई अभिनव योजनाएं राज्य में प्रारंभ की गई हैं। जिसका लाभ जनसाधारण को सुनिश्चित करने के लिये प्रशासन को हर संभव प्रयास करना चाहिये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपेक्षा व्यक्त की कि विकास तथा जनकल्याण की शासन की प्राथमिकताओं को सफलतापूर्वक प्राप्त करने में प्रशासन तंत्र अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य करेगा। इसके पूर्व विभागों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों से खुली चर्चा में भाग लेने तथा मैदानी समस्याओं की जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया। श्री चौहान ने कहा कि राजस्व प्रकरणों का निपटारा निश्चित समय सीमा में होना चाहिए। कुछ जिलों में सिंधी भाइयों को लंबित पट्टे के प्रकरणों का निपटारा भी शीघ्र होना चाहिए।

मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी ने प्रारंभ में सभी कलेक्टरों और कमिश्नरों को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश की जनता को प्रशासन से अत्यधिक अपेक्षा होती है। कलेक्टर और कमिश्नर जिलों और संभागों में प्रशासनिक अधिकारियों और सहयोगियों को मार्गदर्शन दें। सरकार की अपेक्षा है कि कलेक्टर और कमिश्नर अपने जिले और संभाग में प्रशासनिक टीम का नेतृत्व कर आम जनता को परिणाम दें। जनता के साथ सतत संपर्क रखा जाये, जिससे जनसमस्याओं का तेजी से निराकरण हो सके। मुख्य सचिव ने कहा कि कलेक्टर और कमिश्नर जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरने की कोशिश करें। सभी प्रशासनिक अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे आम जनता के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होकर काम करें।

मुख्य सचिव श्री साहनी ने कहा कि जिलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने की जिम्मेदारी भी कलेक्टरों की होती है। अपराधों पर नियंत्रण के साथ-साथ अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों को किसी भी प्रकार का उत्पीड़न का शिकार न होना पड़े, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कलेक्टरों की है। श्री साहनी ने कहा कि कुछ संभागों के जिलों में वर्षा के अभाव में रबी की बोनी प्रभावित होने की संभावना है। कम वर्षा के कारण कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति की घोषणा करना पड़ सकती है। खरीफ की फसलों में सोयाबीन और अन्य फसलों को हुये नुकसान के लिये सर्वे का काम तत्परतापूर्व किया जाये, जिससे किसानों को उनकी फसलों को हुये नुकसान के लिये राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत राहत वितरित की जा सके। श्री साहनी ने असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों के लिये प्रारंभ की गई मुख्यमंत्री खेतिहर मजदूर सुरक्षा योजना के लिये एक नवंबर से अभियान चलाया जायेगा।

 

कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में राजस्व संबंधी प्रकरणों का तेजी से निराकरण और राजस्व संबंधी वसूली पर चर्चा हुई। प्रदेश में सिंधी विस्थापित परिवारों के देने के काम को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिये गये। निर्देश दिये गये कि किसानों के नक्शे, अविवादित नामांतरण और भूअर्जन के प्रकरणों का तेजी से निराकरण किया जाये। बैठक में शासकीय अधिकारी और कर्मचारियों के विभागीय प्रकरणों के निपटारे पर भी चर्चा हुई। वित्त विभाग ने पेंशन प्रकरणों का तेजी से निराकरण करने के लिये कहा। बैठक में गौण खनिजों के उत्खनन, किसानों को रबी सीजन में बिजली की अधिकतम उपलब्धता, ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत रोजगार योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने, अवर्षा की स्थिति के कारण पेयजल उपलब्ध कराने, आदिम जाति कल्याण विभाग की योजनाओं का लाभ सुदूर अंचलों के लोगों को सुलभ कराने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत खाद्यान्न और केरोसिन उपलबध कराने पर भी चर्चा हुई। स्कूल चलें हम अभियान को गांव-गांव तक पहुंचाने के साथ ही महाविद्यालयीन शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग की लाड़ली लक्ष्मी योजना, नगरीय प्रशासन, लोक स्वास्थ्य, मछली पालन, पशु पालन, सामाजिक न्यास, वक्फ की संपत्तियों से अवैध कब्जा हटाने, उद्यानिकी, श्रमिक कल्याण योजनाओं, दीनदयाल अंत्योदय योजनाओं की भी समीक्षा की गई। रबी सीजन के लिये खाद बीज की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई। वन ग्रामों में सुविधा बढ़ाने और उनके व्यवस्थापन की भी समीक्षा की गई।

प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन श्रीमती आई.एम. चहल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज हुई समीक्षा से प्रशासनिक मशीनरी और तेजी से जन समस्याओं का समाधान कर सकेंगे। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह श्री विनोद चौधरी, श्री आर.एन. बैरबा, श्रीमती रंजना चौधरी, श्री राकेश बंसल, प्रमुख सचिव श्री ओ.पी. रावत, श्री प्रशांत मेहता, श्री एम.एम. उपाध्याय, श्री मलय राय, श्री प्रवेश शर्मा, श्री राघव चंद्रा, श्री पुखराज मारू, श्री आई.एस. दाणी, श्री अशोक दास, श्रीमती स्नेहलता श्रीवास्तव, श्री राकेश अग्रवाल, सचिव श्री वसीम अख्तर, श्री पी.सी. मीणा, श्री संजय बंदोपाध्याय, श्री डी.एस. राय, श्री सेवाराम और श्री एस.पी.एस. परिहार ने विभागीय गतिविधियों के संबंध में चर्चा की।

कलेक्टर्स ने विशेष कार्यों का ब्यौरा दिया

जबलपुर कमिश्नर श्री अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि जबलपुर संभाग की सभी 54 तहसीलों में समाधान ऑन लाइन सुविधा जनता को मुहैया कराई गई है। ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में संभाग में विशेष कार्य किया गया है। संभाग का पृथक पोर्टल तैयार किया गया है।

इंदौर कलेक्टर श्री विवेक अग्रवाल ने बतया कि जिले के सभी ग्रामों के नक्शे तैयार करने एवं ग्रामों में चांदा पत्थर लगाने की पहल की गई है।

गुना कलेक्टर ने पटवारी कार्यालय सह आवास गृह व्यवस्था, जिले के सभी कोटावारों को मोबाइल प्रदान करने और यूनीसेफ के सहयोग से सहरिया बहुल ग्रामों में आदिवासी सेवा शिविर आयोजित किए गए हैं। जिले में लगभग पांच हजार अति निर्धन परिवारों को छत उपलब्ध कराने की पहल की गई है। कच्चे मकानों में रहने वालो सहरिया आदिवासी वर्तमान में वर्षाकाल एवं विपरीत मौसम में काफी तकलीफ उठाते हैं। इसके साथ ही रोगियों के उपचार में टेली मेडीसिन की शुरूआत एवं मिट्टी परीक्षण के कार्य भी जिले में संपन्न हुए हैं।

श्री उमाकान्त उमराव कलेक्टर धार ने कहा कि जिले में संस्थागत प्रसव में वृध्दि के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत महिला स्व-सहायता समूह को इस अभियान से जोड़ा गया है।

बैतूल कलेक्टर श्री अरूण भट्ट ने बताया कि जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्राचार्यों के सहयोग से शिक्षक-शिक्षिकाओं की उपस्थिति का रिकार्ड रखा जा रहा है। नियमित कक्षाओं के संचालन से आने वाले परीक्षा परिणामों में सुधार दिखाई देगा।

 

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