शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

पांच खदानों की लीज निरस्त करने से 'अवैध खनन का पाप' नहीं धुलेगा

पांच खदानों की लीज निरस्त करने से 'अवैध खनन का पाप' नहीं धुलेगा
सरकार आरोपी मंत्रियों और खनिज ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई का साहस दिखाए : मानक अग्रवाल
 
भोपाल 11 नवम्बर । प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील की पांच खदानों की लीज निरस्त किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार के मंत्रियों और वन तथा खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश में खनिज संपदा का जो भारी मात्रा में अवैध दोहन हो रहा है अब वह बहुत बड़े पाप की शक्ल अख्त्यार कर चुका है। बेमन से केवल पांच खदानों की लीज निरस्त करने से यह बड़ा पाप धुलने वाला नहीं है। यदि भाजपा सरकार वास्तव में प्रदेश को खनिज के मामले में कंगाल होने से बचाना चाहती है, तो अवैध खनन के आरोपी मंत्रियों, खनिज ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल आपराधिक प्रकरण दर्ज करके निष्पक्ष एजेंसी से अवैध खनन के सभी घोटालों की जांच कराई जाए। अवैध खनन को लेकर जिन मंत्रियों के नाम उजागर हो चुके हैं, उन्हें तत्काल मंत्री पद से हटाया जाए और इस गोरख धंधे में संलिप्त अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।
अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस ने सीहोरा तहसील की खदानों के अवैध खनन को लेकर पिछली 14 अक्टूबर को भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में एफआईआर और 19 अक्टूबर को न्यायालय में परिवाद दायर किया था। कांग्रेस द्वारा की गई इस कार्यवाही के बाद ही राज्य सरकार जागी है और उसने बेल्लारी से बड़े खनिज घोटाले की गंभीरता की तरफ से ध्यान हटाने के लिए पांच खदानों की लीज निरस्त करने का नाटक किया है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि इस समय प्रदेश में जहां-जहां भी खनिज संपदा बची है-वहां-वहां बड़े पैमाने पर मंत्रियों और सरकारी अफसरों के संरक्षण में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है। इस तरह प्रदेश को खनिज रहित बनाने का बड़ा षडयंत्र सरकार के संरक्षण में चल रहा है। आपने मांग की है कि सतना जिले के उंचेहरा और नागौद क्षेत्र में अवैध खनन के संबंध में खनिज संसाधन राज्यमंत्री राजेन्द्र मिश्रा और लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्रसिंह की ओर शक की सुई घूम रही है, इसलिए इन दोनों को मंत्री पद से तत्काल हटाया जाए, जिससे कि घोटालाें की निष्पक्ष जांच संभव हो सके।

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