गुरुवार, 27 दिसंबर 2007

खेल क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने रचा नया इतिहास

खेल क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने रचा नया इतिहास

राज्य सरकार द्वारा खेलों और खिलाड़ियों को लगातार प्रात्सोहित करने का परिणाम है कि वर्ष 2007 में खेल के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने अनेक एतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की है। जिससे प्रदेश में खेलों में ताजगी और नई ऊर्जा का संचार हुआ है। इस दौरान राष्ट्रीय खेलों के साथ-साथ राज्य स्तरीय खेलों में भी मध्यप्रदेश का दबदबा रहा और उसमें इतिहास रचा गया है। केवल पांच माह की छोटी सी अवधि में प्रदेश की खिलाड़ियों और दलों ने 184 पदक जीत कर प्रदेश को खेल के मानचित्र पर सम्मानजनक स्थान दिलाया है। साथ ही प्रदेश में स्थापित खेल अकादमियों के 15 खिलाड़ियों का भारतीय राष्ट्रीय टीम में भी चयन किया गया है। खेल अकादमियों के संचालन का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों की खेल प्रतिभाओं को तराश कर उनके खेल स्तर में वृध्दि करना है ताकि अंर्तराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर यह खिलाड़ी प्रदेश एवं देश को पदक अर्जित कर गौरवान्वित कर सकें।

खेलों के क्षेत्र में अधोसंरचना के साथ ही उच्च स्तरीय प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध हो इस लिए भी राज्य सरकार ने इस वर्ष इतिहासिक निर्णय लेते हुए शुटिंग, घुड़सवारी, वॉटरस्पोट, मार्शल आर्ट एवं पुरूष हॉकी एकाडमी स्थापना की गई है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा इन अकादमियों के लिए प्रदेश के विभिन्न अंचलों के चयनित खिलाड़ियों को अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। खेल अकादमियों ने विगत पांच माह में 119 स्वर्ण, 31 रजत एवं 34 कांस्य पदक विभिन्न राष्ट्रीय र्टूनांमेंट में अर्जित किए है।

33 वें राष्ट्रीय खेल 2007 गोवाहटी (आसाम) में मध्यप्रदेश के दल के भाग लेने से पूर्व 15 दिसंबर 2006 से दो फरवरी 2007 तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए। 33 वें राष्ट्रीय खेल नो से उन्नीस फरवरी 2007 तक असम गोवाहटी में आयोजित किए गए जिसमें प्रदेश के दल ने 12 स्वर्ण, 19 रजत एवं 32 कांस्य पदक अर्जित करते हुए इतिहासिक सफलता अर्जित की।

औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में पांच से आठ जनवरी 2007 तक आयोजित अखिल भारतीय ग्रामीण खेल-कूद प्रतियोगिता प्रथम समूह में मध्यप्रदेश के 69 दलों ने भाग लिया। राष्ट्रीय रोइंग चैम्पियनशिप 18 से 21 जनवरी 2007 तक आयोजित की गई। पूणे (महाराष्ट्र) में 12 से 16 जनवरी 2007 तक आयोजित राष्ट्रीय युवा उत्सव में शास्त्रीय गायन (हिन्दुस्तानी) विद्या में कुमारी दीप्ति गेडाम ने स्वर्ण पदक एवं श्री रामेनद्र कुमार सोलंकी ने तबला विद्या में कांस्य पदक अर्जित किया। आदिवासी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण शिविर 22 जनवरी से दो फरवरी 2007 तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए।

52वीं राष्ट्रीय स्कूल हॉकी र्टूनामेंट इंदौर में 28 जनवरी से दो फरवरी 2007 में राज्य महिला हॉकी खिलाड़ियों द्वारा प्रथम बार स्वर्ण पदक अर्जित किया। तृतीय चरण के संविदा प्रशिक्षको का फाउण्डेशन कोर्स पांच से बारह जनवरी 2007 तक आयोजित किए गए। भारत से मात्र श्री भूपेन्द्र सिंह, फेन्सिग प्रशिक्षक का चयन पेरिस (फ्रांस) में उच्च तकनीकी प्रशिक्षण के लिए 12 फरवरी से तीन मार्च तक के लिए किया गया। नौवी एशियाई जूनियर प्रतियोगिता श्रीलंका में डबल्स एवं सिंग्लस में स्वर्ण पदक अर्जित किया एवं जूनियर एशियन चैम्पियानशिप बैंकॉक में स्वर्ण पदक अर्जित किया।

युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने हेतु डी.एस.वाय.डब्ल्यू. एकेडमी के अन्तर्गत एनीमेशन एवं ट्रेवल के क्षेत्र में डी.क्यू. एवं कूनी एकेडमी का प्रशिक्षण माह फरवरी 2007 से भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में प्रारंभ किया जा चुका है। डी.एस.वाय.डब्ल्यू. एकेडमी के अंतर्गत ही सौन्दर्य फिटनेस एवं न्यूट्रीशन के क्षेत्र में भी रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण संचालित करने की प्रारंभिक तैयारियां प्रगति पर है। इस प्रशिक्षण को सफलता पूर्वकर् उत्तीण करने वाले युवाओं को शत-प्रतिशत रोजगार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

खेल के क्षेत्र मे प्रदेश अग्रणी पंक्ति में खड़ा हो सके इसके लिए राज्य सरकार द्वारा भोपाल के ग्राम सतगढ़ी में 172 एकड़ भूमि पर सर्वसुविधा युक्त अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खेल ग्राम स्थापित किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों के ग्रामीण युवा केन्दों के सुदृढ़ीकरण की योजना को मूर्तरूप देते हुए वर्ष 2006-07 में 11 आदिवासी जिलों में ग्रामीण युवा केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण किया गया। वर्ष 2007-08 में 21 जिलों में ग्रामीण युवा केन्द्रों का भी सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।

राष्ट्रीय खेल दिवस पर 29 अगस्त को प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री निवास पर खेल पंचायत का आयोजन किया गया इस खेल पंचायत में खिलाड़ियों के साथ-साथ खेल विशेषज्ञों, खेल संगो एवं खेल से जुड़े लोगों ने समस्याएं तथा सुझाव आमंत्रित किए गए। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पंचायत में खेलों के विकास एवं खिलाड़ियों के हित के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।

खेलों और खिलाड़ियों को मध्यप्रदेश को शिखर पर लाकर गौरवान्वित करने के उद्देशय से खेल बजट में भी उल्लेखनीय वृध्दि की गई साथ ही खेल विभाग के कारगर प्रयासों से कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताए भी वर्ष 2007 में आयोजित की गई।

 

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