शनिवार, 25 दिसंबर 2010

ग्वालियर का सी.डी.पी. हेरिटेज सिटी के अनुरूप बनेगा, नगर के विकास से संबंधित एजेंसियां समन्वय बढ़ाये

ग्वालियर का सी.डी.पी. हेरिटेज सिटी के अनुरूप बनेगा, नगर के विकास से संबंधित एजेंसियां समन्वय बढ़ाये

एक माह बाद पुन: होगी निर्देशों के पालन की समीक्षा

मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा ग्वालियर के विकास कार्यों की समीक्षा

 

भोपाल : 24 दिसम्बर, 2010

मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने ग्वालियर के सिटी डेव्हलपमेंट प्लान को हेरिटेज सिटी के अनुरूप बनाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री आज शाम विधानसभा के समिति कक्ष में ग्वालियर शहर की विकास परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में राज्य सभा सदस्य श्री प्रभात झा, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, गृह राज्य मंत्री श्री नारायणसिंह कुशवाह, सांसद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, स्थानीय विधायक, महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, विभिन्न शासकीय विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव, कलेक्टर ग्वालियर, ग्वालियर नगर निगम तथा ग्वालियर विकास प्राधिकरण के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नगर के सुव्यवस्थित विकास के लिये सभी संबंधित एजेंसियों में और अधिक समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समन्वय के अभाव में विकास कार्यों के क्रियान्वयन में अनावश्यक विलम्ब होने के साथ ही उनकी लागत राशि भी बढ़ती है। श्री चौहान ने कहा कि वे अनावश्यक विलम्ब और समन्वय के अभाव को गंभीरता से लेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे विकास कार्यों के लोकार्पण से संतुष्ट नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि विकास परियोजना की उद्देश्य पूर्ति और नागरिकों का संतोष ही उनकी समीक्षा की कसौटी होगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नगर की विकास योजनाओं से संबंधित उनके निर्देशों के पालन प्रतिवेदन की वे एक माह में पुन: समीक्षा करेंगे। उन्होंने बैठक में दिये गये निर्देशों के पालन के लिये प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन और विकास श्री एस.पी.एस. परिहार को अधिकृत किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुरार के मल-जल शोधन संयंत्र के पूर्ण होने के बाद भी पम्पों के बंद रहने को गंभीरता से लिया। उन्होंने पी.एच.ई. और नगर निगम के मध्य स्टाफ हस्तांतरण के मसले के शीघ्र निराकरण के साथ ही संयंत्र के संचालन में लापरवाही की जाँच राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन द्वारा और जिला स्तर पर संभागायुक्त द्वारा की जाने के निर्देश दिये। उन्होंने गोला मंदिर के पास नवीन कृषि उपज मंत्री की एप्रोच रोड संबंधी न्यायिक स्थगन को वैकेट करवाने में तत्परता बरतने को कहा। मुख्यमंत्री ने डबरा में फूड पार्क के लिये पूर्व में आरक्षित की गई भूमि पर सामान्य औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग की सी.पी. कालोनी मुरार स्थित वर्कशॉप की भूमि पुर्नधनत्वीकरण योजना के अंतर्गत राजस्व विभाग को हस्तांतरित करने और फिर हाऊसिंग बोर्ड को आवंटित करने को कहा। इसी तरह थाटीपुर की पुर्नधनत्वीकरण योजना के लिये खुली निविदा आमंत्रित करने को कहा। उन्होंने कहा कि निविदा पर्याप्त राशि की नहीं आने पर भूमि हाऊसिंग बोर्ड को देकर योजना क्रियान्वित की जायेगी। श्री चौहान ने पशु चिकित्सालय हुजरात के स्थान पर माधव प्लाजा के निर्माण की योजना को भी शीघ्र अमल में लाने की बात कही।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कारिडोर में ग्वालियर को शामिल करने के लिये उन्होंने केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री को पत्र लिखा है। इस संबंध में वे केन्द्रीय मंत्री से भेंट भी करेंगे। उन्होंने कहा कि नगर में कालीन पार्क और रेडीमेड गारमेंट पार्क की स्थापना के प्रस्तावों को भारत सरकार से स्वीकृति दिलाने की पहल भी उनके स्तर से की जायेगी। श्री चौहान ने कहा कि वे ग्वालियर को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन में सम्मिलित करने के लिये केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री से स्वयं सम्पर्क करेंगे।

श्री चौहान ने नगर में पेयजल की उपलब्धता के लिये 227.78 करोड़ रूपये की ककेटो-पेहसारी योजना के सर्वे कार्य के बाद योजना को पी.पी.पी. मोड से पूर्ण करने की संभावना चार माह में तलाशने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर ए.डी.बी. के ऋण से योजना का क्रियान्वयन करने की तैयारी भी की जाये। उन्होंने वीरपुर बांध और डबरा के लघेरा बांध के सुदृढ़ीकरण के लिये भी जल संसाधन विभाग को निर्देशित किया।

मुख्यमंत्री ने जनगणना कार्य की समाप्ति के बाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में वृध्दि की कार्रवाई करने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने गृह निर्माण मंडल की दीनदयाल नगर योजना और महलगांव की लक्ष्मीबाई आवासीय कालोनी के रहवासियों को नजूल अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने संबंधी प्रकरण को मंत्रिपरिषद के समक्ष लाने को कहा।

श्री चौहान ने महाराज बाड़ा हेरीटेज कन्जरवेशन और महारानी लक्ष्मीबाई मार्केट (विक्टोरिया मार्केट) की पुर्नस्थापना के लिये संयुक्त कार्ययोजना बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने बैजा ताल के सौन्दर्यीकरण का कार्य 13वें वित्त आयोग से पर्यटन के लिये प्राप्त वित्तीय संसाधन से करवाने की पहल करने की बात कही। उन्होंने राजस्व मंडल, परिवहन आयुक्त, आबकारी आयुक्त, आयुक्त भू-अभिलेख और शासकीय मुद्रणालय का साडा क्षेत्र में विस्थापन के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने कहा कि इन सभी विभागों से चर्चा कर विस्थापन के लिये सहमति शीघ्र प्राप्त की जाये। मुख्यमंत्री ने नगर निगम को लक्ष्मीगंज पुल से गुरूद्वारा पुल तक 6 मीटर चौड़ी कांक्रीट सड़क बनाने के लिये निर्देशित किया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नगर की नगर निगम द्वारा संधारित सड़कों के सुधार के लिये प्राथमिकता क्रम में 34 किलोमीटर लम्बाई की 48 सड़कों के लिये आगामी बजट में 15 करोड़ के प्रावधान की स्वीकृति दी। उन्होंने कलेक्टर कार्यालय के नये भवन के निर्माण के लिये 5 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशि और राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के लिये अतिरिक्त भू-अर्जन के लिये 6 करोड़ की राशि का प्रावधान भी अगले बजट में किये जाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नगर में हुडको की मदद से बन रही 7 सड़कों के निर्माण को 25 जनवरी 2011 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। बैठक में उपस्थित जन-प्रतिनिधियों द्वारा इन सड़कों के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाने पर उन्होंने प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को सड़कों की गुणवत्ता जाँचने को कहा। मुख्यमंत्री ने शहर की रेसकोर्स रोड के चौड़ीकरण और रेलवे स्टेशन से विक्की फैक्ट्री मार्ग के नवीनीकरण, ए.पी. ब्रिज से विक्की फैक्टरी तक सड़क को फोर लेन करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिये। श्री चौहान ने इन कार्यों के लिये बजट प्रावधान करने की सहमति दी। उन्होंने कहा कि पुरानी छावनी से यू.पी. बार्डर तक का 108 कि.मी. लम्बे मार्ग का कार्य समय-सीमा में पूरा किया जाये। मुख्यमंत्री ने पड़ाव रेलवे ओवर ब्रिज के लिये अपेक्षित 22 करोड़ रूपये की राशि तीन साल में चरणबध्द स्वीकृत किये जाने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जयारोग्य अस्पताल परिसर में ही 1000 बिस्तरों का नया अस्पताल बनाने पर विचार के लिये अलग से बैठक आहूत करने की बात कही। उन्होंने ग्वालियर पाटरीज की भूमि पर हेबिटेट एण्ड ट्रेड सेन्टर की स्थापना के सांसद यशोधरा राजे सिंधिया के प्रस्ताव पर सहमति भी व्यक्त की। उन्होंने शहर के उद्योगों के विस्थापन के लिये प्रस्तावित मास्टर प्लान में प्रावधान करने के निर्देश दिये।

 

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