शनिवार, 25 दिसंबर 2010

मां संस्कार व गुणों की खान : मनीषा , सरस्वती शिशु मंदिर में मना मातृ सम्मेलन

मां संस्कार व गुणों की खान : मनीषा

सरस्वती शिशु मंदिर में मना मातृ सम्मेलन

 

ग्वालियर। बच्चे की प्रथम गुरु माता है। वह अपने बच्चे को संस्कार व गुणों की खान से उसका भविष्य संवारती है। यह बात विघा भारती, अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से संबध्द सरस्वती शिशु मंदिर आंतरी में आयोजित मातृ सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य सरस्वती शिशु मंदिर बादलगढ़ श्रीमती मनीषा शर्मा ने कही।

प्रधानाचार्य श्रीमती शर्मा ने कहा कि भगवान राम, श्रीकृष्ण, अर्जुन आदि को उनकी माताओं ने अच्छे संस्कार व वीरता का पाठ पढ़ाया। जिनके अदम्य साहस को आज भी हम याद करते हैं। उन्होंने मातृ शक्ति को नमन करते हुए कहा कि मातृ शक्ति का लोहा हर किसी ने माना है और आगे भी मनता रहेगा। उन्होंने उपस्थित माताओं से आव्हान किया कि वे अपने बच्चों को अच्छे संस्कार व शिक्षा दें, जिससे बच्चे नए समाज का निर्माण कर भारत देश को ऊंचाईयों पर ले जाए।

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए समाजसेवी श्रीमती इंद्रा तिवारी ने कहा कि मातृ शक्ति को आदी काल से पूजा जाता रहा है। माता ही देश, समाज, परिवार व बालक-बालिका के भविष्य को संवारने में अपनी अहम भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि भारत ही ऐसा देश है, जहां नारी को पूजा जाता है। पूर्व में कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमती मनीषा शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रावलित कर किया। इस दौरान विघालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना का गायन किया। तत्पश्चात रामायण व कवियों पर आधारित प्रश्नमंच प्रतियोगिता हुई। जिसमें लक्ष्मीबाई टोली विजयी रही। संचालन शिशु मंदिर आंतरी की प्रधानाचार्य ने किया। इस मौके पर श्रीमती स्मिता, श्रीमती साधना, श्रीमती उमा, श्रीमती पिंकी सहित सरस्वती शिशु मंदिर आंतरी, बिलौआ का स्टॉफ व अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

 

 

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