गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

भाजपा के पालतू कठपुतली लोकायुक्त पर करोड़ों की बर्बादी क्यों ? – म.प्र. कांग्रेस

भाजपा के पालतू कठपुतली लोकायुक्त पर करोड़ों की बर्बादी क्यों ? – म.प्र. कांग्रेस

मुख्य मंत्री शिवराजसिंह प्रदेश की जनता को जवाब दें : मानक अग्रवाल

 

भोपाल 20 अक्टूबर । प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने आज जारी बयान में कहा है कि उपलब्ध तथ्यों से यह निर्विवाद रूप से साबित हो चुका है कि म.प्र. के लोकायुक्त न्यायमूर्ति   पी.पी. नावलेकर आर.एस.एस., प्रकारांतर से भाजपा के आदमी हैं। लोकायुक्त जैसे गरिमापूर्ण पद पर उनकी नियुक्ति की सारी औपचारिकताएं एक दिन में पूरी कर आदेश जारी किये जाने से जाहिर है कि अप्रत्यक्ष रूप से आर.एस.एस. के रिमोट कंट्रोल से संचालित प्रदेश की भाजपा सरकार को नावलेकरजी कितने अधिक ''प्रिय'' हैं। आपने कहा है कि सेवानिवृत्ति के बाद इतने महत्वपूर्ण पर पर नियुक्ति के रूप में जो उपकार किया गया है, उसके नीचे वे बुरी तरह दबे हुए हैं। ऐसी दशा में यदि नावलेकरजी भाजपा सरकार और उन पर भाजपा द्वारा वे मुख्यमंत्री सहित भाजपा के मंत्रियों तथा अन्य बड़े नेताआें के प्रति ''अति संवेदनशील'' हैं, तो यह उनके द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर प्रगट की जा रही कृतज्ञता ही है।

मानक अग्रवाल ने कहा है कि भाजपा सरकार के मुखिया शिवराजसिंह लोकायुक्त न्यायमूर्ति नावलेकर के प्रति लगातार अपनी कृपादृष्टि बनाये हुए हैं। वे पिछले सितम्बर महीने में नावलेकरजी के व्यवसायी पुत्र संदीप नावलेकर को अपनी नौ दिवसीय चीन यात्रा में अपने साथ ले गए थे। मेरे द्वारा इस पर आपत्ति ली जाने पर मुख्य मंत्री ने संदीप से मीडिया में स्पष्टीकरण दिलवाया था कि वे म.प्र. सरकार के प्रतिनिधि मंडल में अपने खर्च से चीन गए थे। माना कि वे अपने खर्च से चीन गए थे तो फिर क्या मुख्य मंत्री बताएंगे कि यात्रा का खर्च उठाकर कोई भी व्यक्ति राज्य सरकार के प्रतिनिधि मंडल में शामिल होकर विदेश यात्रा कर सकता है ? वे इस बात का भी जवाब दें कि इस तरह शासकीय प्रतिनिधि में अनाधिकृत व्यवसायी व्यक्ति के शामिल होने से विभिन्न स्तरों पर चर्चाओं और समझौतों की प्रक्रिया की गोपनीयता बनी रह सकती है ?

प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष ने आगे कहा है कि सच बात तो यह है कि संदीप नावलेकर को अपने साथ चीन यात्रा का अवसर देकर मुख्य मंत्री ने लोकायुक्त पर एक और उपकार किया है। इस तरह भाजपा सरकार ने राज्य के लोकायुक्त को उपकारों के बोझ तले इतना दबा दिया है कि उनकी निष्पक्षता और न्यायप्रियता उसके नीचे दब कर रह गई है। लोकायुक्त नावलेकर की हाल ही की कार्यवाहियों से यह स्पष्ट हो चुका है कि लोकायुक्त संस्था भाजपा सरकार की कठपुतली बनकर रह गई है। इसी कारण जहां एक ओर लोकायुक्त कार्यालय ने राज्य के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के कथित भ्रष्टाचार के प्रकरण दब गए हैं-वहीं दूसरी ओर मुख्य मंत्री शिवराजसिंह और उनकी पत्नी साधनासिंह के खिलाफ दर्ज डम्पर कांड भी समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग से संबंधित 100 करोड़ के भ्रष्टाचार के प्रकरण लोकायुक्त ने यह कहकर स्वास्थ्य विभाग को वापस कर दिये हैं, इन प्रकरणों की विभाग अपने स्तर पर ही जांच करें। यदि विभागों को भ्रष्टाचारों की अपने स्तर पर ही जांच करना है, तो फिर प्रदेश में लोकायुक्त की आवश्यकता ही क्या है ?

अग्रवाल ने कहा है कि आज प्रदेश में लोकायुक्त संस्था को एक 'दंतविहीन शेर' बनाकर खूंटे से बांध दिया गया है। ऐसी स्थिति में लोकायुक्त नावलेकरजी बतावें कि प्रदेश की जनता भ्रष्टाचार के मामलों में न्याय पाने के लिए कौन सा दरवाजा खटखटाए ?  आपने मुख्य मंत्री से कहा है कि वे भी प्रदेश की जनता को जवाब दें कि कठपुतली लोकायुक्त पर हर वर्ष करोड़ों खर्च करना कहां तक उचित है ? 

कोई टिप्पणी नहीं: