गुरुवार, 26 मार्च 2009

घरेलू हिंसा रोकने हेतु कार्यशाला सम्पन्न , परिवार परामर्श केन्द्र में पीड़ित महिला को मिल सकता है न्याय

घरेलू हिंसा रोकने हेतु कार्यशाला सम्पन्न , परिवार परामर्श केन्द्र में पीड़ित महिला को मिल सकता है न्याय

ग्वालियर 25 मार्च 09। आज एकीकृत बाल विकास परियोजना मुरार में शासन के निर्देशानुसार घरेलू हिंसा संरक्षण अधिनियम 2005 के अन्तर्गत ऊषा किरण योजना मे तहत घरेलू हिंसा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।

       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप पुलिस अधीक्षक सुश्री सुमन गुर्जर, विशिष्ट अतिथि डॉ. आशा माथुर एवं श्री एम सी. शर्मा सदस्य मानव अधिकार आयोग द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग से उपस्थित बेहट इण्टर कॉलेज के प्राचार्य एवं परिवार परामर्श दात्री श्रीमती वर्गिस, एवं श्रीमती रमा श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थीं।

      घरेलू हिंसा अधिनियम एवं ऊषाकिरण योजना की जानकारी पावर पॉइण्ट प्रजेण्टेशन के माध्यम से श्रीमती इन्दिरा साहनी परियोजना अधिकारी द्वारा दी गई। इस अवसर पर फिल्म प्रदर्शन द्वारा घरेलू हिंसा की शिकार महिला को किस प्रकार न्याय दिया जा सकता है, दिखाया गया। इसके पश्चात श्रीमती वर्गिस द्वारा घरेलू हिंसा के तहत आने वाली पेरशानियों एवं पीड़ित महिला को किस प्रकार संरक्षण दिया जा सकता है, की जानकारी दी गई। यह बताया  गया किस प्रकार भी शिकायत महिला परामर्श केन्द्र तक लाने किन्तु झूँठे प्रकरण कभी न लायें।

      समाज में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति के विषय पर श्री प्रवीन द्वारा बताया गया कि हमें ऐसे प्रयास करने चाहिये कि किसी भी प्रकार परिवार की शान्ति भंग न हो और ऐसा अवसर ही न आये। घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत कार्यशाला भी की जाने की जरूरत पड़े, लेकिन यदि स्थित इतनी बिगड़ चुकी है कि घर में अंदर न्याय नहीं मिल रहा है तो पीड़ित महिला को परिवार परामर्श केन्द्र ले जाकर मदद लेनी चाहिये, परन्तु झूठी शिकायतों से घर को बचाना चाहिये।

इस अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक सुश्री गुर्जर द्वारा घरेलू हिंसा के तहत कौन से दर्ुव्यवहार सम्मिलित है जानकारी दी गई। किसी भी पीड़ित महिला को पुलिस परिवार परामर्श केन्द्र के माध्यम से किस प्रकार सहायता कर सकती है जानकारी दी गई। उन्होंने परामर्श केन्द्र की भूमिका पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार घरेलू झगड़े सुलझाने में सहायता करती है।

      श्रीमती आशा माथुर द्वारा बताया गया कि घरेलू हिंसा किस प्रकार अतीत काल से ही चली आ रही है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक महत्वाकांक्षा घरेलू हिंसा को जन्म देती हैं। इस अवसर पर श्री एम सी. शर्मा द्वारा बताया गया कि यह घरेलू हिंसा कानून से नहीं बल्कि लोकमत से जीती जा सकती है।

      अधिवक्ता सुश्री सूरज अग्रवाल द्वारा झूठी शिकायतों का निराकरण के सम्बन्ध मे बताया गया। उन्होंने बालक बालिका विभेद भी घरेलू हिंसा में आता है। इस अवसर पर बेहट, हस्तिनापुर, उटीला, वेरजा, विल्हैटी, सिरसौद, जमाहर एवं समीपस्थ आंगनवाड़ी केदों की 30 कार्यकर्ताओं एवं 20 किशोरी बालिकायें उपस्थित हुईं।

      पर्यवेक्षक श्रीमती लक्ष्मी तोमर द्वारा सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर श्रीमती मीना चाह्वाण, मंजु मिश्रा एवं विजय गौड़ पर्यवेक्षक ने उपस्थित रहकर सहयोग दिया।

 

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