रविवार, 25 जुलाई 2010

लापरवाह ऑंगनबाडी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को करें पद से पृथक

लापरवाह ऑंगनबाडी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं को करें पद से पृथक

विभागीय समीक्षा बैठक में कलेक्टर के निर्देश

ग्वालियर 24 जुलाई 10/ जिन ऑंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही की वजह से स्थानीय महिलाओं बच्चों को विभागीय सेवाओं का लाभ  नहीं मिल पा रहा है, उन्हें पद से पृथक करने की कार्रवाई करें। यह निर्देश कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान विभागीय कार्यक्रम अधिकारी तथा बाल विकास परियोजना अधिकारियों को दिये। कलेक्टर ने विभागीय आधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित करें कि ऑंगनबाड़ी केन्द्र समय से खुलें  और निर्धारित समय पर बंद हों, ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप बच्चों को तीनों पोषण आहार मिल सकें। उन्होंने साफ किया कि इसमें किसी भी स्तर पर कोताही पाये जाने पर कठोर कार्रवाई होगी। विभागीय योजनाओं की लक्ष्य पूर्ति के लिये स्वास्थ्य तथा महिला बाल विकास विभाग के मैदानी अमले के आपसी समन्वय पर भी बैठक में विशेष जोर दिया गया।

       यहाँ कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई विभागीय समीक्षा बैठक में श्री त्रिपाठी ने लाड़ली लक्ष्मी योजना, मंगल दिवस व सांझा चूल्हा के तहत हो रहे पोषण आहार वितरण समेत अन्य योजनाओं की परियोजनावार व पर्यवेक्षकवार विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने सभी बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिये कि सांझा चूल्हा के माध्यम से हो रहे पोषण आहार वितरण कार्यक्रम पर विशेष नजर रखें और यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को गुणवत्तायुक्त पोषण आहार मिले। श्री त्रिपाठी ने कहा कि जिन स्व-सहायता समूहों द्वारा पोषण आहार वितरण में लापरवाही बरती जा रही है उनके खिलाफ कार्रवाई करायें और वैकल्पिक समूहों से साझा चूल्हा का संचालन करायें।

       कलेक्टर ने जिले में संचालित पोषण एवं पुनर्वास केन्द्रों (एन आर सी.) से अधिकाधिक कुपोषित बच्चों को लाभान्वित कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा सभी एन आर सी. में क्षमता के अनुरूप बच्चों को भेजें, जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप कुपोषण निवारण की लक्ष्यपूर्ति हो सके। श्री त्रिपाठी ने सभी परियोजना अधिकारियों व पर्यवेक्षकों को ऑंगनबाडी केन्द्रों के सतत संपर्क में रहने के निर्देश भी दिये।

       बैठक में कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा शर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस के. श्रीवास्तव तथा जिले के सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा ऑंगनबाड़ी पर्यवेक्षक मौजूद थे।

 

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