रविवार, 25 जुलाई 2010

परिवार नियोजन लक्ष्य के प्रति उदासीन चिकित्सकों की वेतन वृध्दियाँ रोकें - कलेक्टर

परिवार नियोजन लक्ष्य के प्रति उदासीन चिकित्सकों की वेतन वृध्दियाँ रोकें - कलेक्टर

स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक में दिये निर्देश

ग्वालियर 24 जुलाई 10/ बार-बार सचेत करने के बावजूद जिन चिकित्सकों द्वारा परिवार नियोजन की लक्ष्यपूर्ति में उदासीनता बरती जा रही है, उनकी दो-दो वेतन वृध्दियाँ रोकने के प्रस्ताव संभाग आयुक्त को भेजें। साथ ही दोषी मैदानी कर्मियों के खिलाफ भी लघु शास्ति दीर्घ शस्ति की कार्रवाई की जाये। यह निर्देश कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिये। कलेक्टर ने बैठक में यह भी स्पष्ट किया कि जो चिकित्सक जिस संस्था में पदस्थ हैं वहीं पर उपस्थित रह कर काम करें, चिकित्सकों को सामुदायिक चिकित्सालयों में डयूटी के बहाने बुलाया जाये। यदि चिकित्सक डयूटी के समय नदारद मिलेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने इस कड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सालवई से लम्बे समय से नदारद एक चिकित्सक की सर्विस ब्रेक करते हुए तीन माह का वेतन शासन हित में राजसात करने की हिदायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दी है।

       कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने कहा कि राज्य शासन ने जनसंख्या स्थिरीकरण को ध्यान में रखकर मौजूदा वर्ष को परिवार नियोजन वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। अत: इस कार्यक्रम में किसी प्रकार की ढिलाई कतई बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने चिकित्साधिकारियों को परिवार नियोजन कार्यक्रम की लक्ष्यपूर्ति के लिये विशेष प्रयास करने की हिदायत दी। साथ ही कहा कि मैदानी महिला एवं पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी लक्ष्य देकर इस काम में लगायें। श्री त्रिपाठी ने संस्थागत प्रसव बढ़ाने और शासकीय अस्पताल में प्रसव के लिये आने वाली महिलाओं को तत्समय ही जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रोत्साहन राशि प्रदान करने के निर्देश भी दिये।

       घरेलू कामकाजी महिलाओं, रिक्शा व हाथ ठेला श्रमिकों, मंडी में काम करने वाले हम्मालों व तुलावटियों आदि को दीन दयाल अन्त्योदय उपचार योजना की तरह नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने के निर्देश भी कलेक्टर ने बैठक में दिये। अंधत्व निवारण कार्यक्रम की लक्ष्यपूर्ति के लिये स्वयं सेवी व सामाजिक संस्थाओं की मदद से आगामी अक्टूबर माह में मेगा नेत्र शिविर लगाने के लिये श्री त्रिपाठी ने अभी से प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने जन सहयोग से जिले में नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने और स्कूली बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने की भी हिदायत दी। बैठक में मलेरिया नियंत्रण व कुष्ठ निवारण सहित अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।

       यहां कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस के. श्रीवास्तव तथा जिला चिकित्सालय मुरार के सिविल सर्जन डॉ. अग्रवाल सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के जिला प्रभारी, खण्ड चिकित्साधिकारी एवं सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारी मौजूद थे।

 

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