शनिवार, 24 जुलाई 2010

गौ-वंश वध करने के दोषी व्यक्ति को न्यूनतम एक वर्ष से अधिकतम सात वर्ष तक का कारावास

गौ-वंश वध करने के दोषी व्यक्ति को न्यूनतम एक वर्ष से अधिकतम सात वर्ष तक का कारावास

विधेयक में दण्ड और जुर्माना दोनों सजाएं देने का प्रावधान

भोपाल 23 जुलाई 10 पशुपालन मंत्री श्री अजय विश्नोई ने कहा है कि मध्यप्रदेश गौ-वंश वध प्रतिषेध संशोधन विधेयक में यह प्रावधान है कि ऐसे व्यक्ति को, जो किन्हीं भी साधनों से, किसी गौ-वंश का वध करेगा या करवायेगा या वध के लिये देगा या दिलवायेगा, को न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम सात वर्ष के कारावास और न्यूनतम पांच हजार रुपये जुर्माने से दण्डित किया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया है कि विधेयक में इस अपराध के लिये दण्ड और जुर्माना दोनों सजाएं देने का प्रावधान किया गया है। श्री विश्नोई ने बताया कि पूर्व में तीन साल तक कारावास या 10 हजार रुपये तक के जुर्माने की सजा थी। गौरतलब है कि इस विधेयक को मध्यप्रदेश विधानसभा ने गुरुवार को पारित किया है। अब यह पारित विधेयक अनुमति के लिये केन्द्र शासन को भेजा जायेगा।

       पारित विधेयक में गौ-मांस को अपने कब्जे में रखने अथवा उसका परिवहन करने पर न्यूनतम 6 माह और अधिकतम 3 वर्ष तक के कारावास और न्यूनतम 5 हजार रुपये के जुर्माने से दण्डित किये जाने का भी प्रावधान किया गया है। पशुपालन मंत्री ने बताया कि इस प्रावधान के अंतर्गत गौ-वंश का अवैध परिवहन करते हुए पकड़े गये ड्रायवर के साथ वाहन का मालिक भी दोषी होगा। इन दोनों व्यक्तियों पर विधेयक में किये गये प्रावधान के अनुसार कार्रवाई की जायेगी।

       श्री विश्नोई ने बताया कि विधेयक में अवैध परिवहन में पकड़े गये गौ-वंश की बेहतर देखभाल करने की व्यवस्था प्रस्तावित है। अधिकृत गौशालाओं में गौ-वंश रखे जाने पर उनके चारे की व्यवस्था पशुपालन विभाग द्वारा की जायेगी।

 

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