अजय सिंह की जन चेतना यात्रा से म.प्र. की राजनीति में भूचाल , चड्डी छाप मीडिया दलाली का नमक अदा करने उतरा
मुरैना डायरी
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
होने लगे चुनावी गणित सेट
म.प्र. में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के चुनावी गणित सेट होना शुरू हो गये हैं , यह तय है कि अबकी बार म.प्र. विधानसभा चुनावों में और लोकसभा चुनावों में म.प्र. के राजनैतिक भूगोल और गणित काफी बदले हुये होंगें तथा तमाम मामलों में म.प्र. विधानसभा और लोकसभा का परिदृश्य म.प्र. में बदलेगा, भाजपा ने जहॉं गॉंवों ग्रामीण जनता को फोकस कर अलख जगाना शुरू कर दी है तो कांग्रेस अपने नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में विधानसभा वार चुनावी अलख जगाने का काम शुरू कर चुकी है ।
कांग्रेस और भाजपा के चुनावी अभियान हालांकि शुरू हो चुके हैं लेकिन इन दो राजनीतिक दलों के अलावा किसी अन्य राजनीतिक दल का चुनावी अभियान अभी शुरू नहीं हुआ है ।
एक ओर दोनों दलों के राजनीतिक अभियान शुरू हो चुके हैं वहीं दूसरी ओर चुनावों में संभावित प्रत्याशियों ने टिकिट के लिये अपनी सेंटिंग लगानी शुरू कर दी है ।
भाजपा खेमे से मिल रही खबरों के अनुसार करीब 15 फीसदी वर्तमान विधायकों के टिकिट उनकी परफारमेन्स के आधार पर बदले जायेंगें , करीब 30 फीसदी नये चेहरे मैदान में लाये जायेंगें । भाजपा की और कांग्रेस की टिकिटों की सबसे अधिक मारामारी ग्वालियर चम्बल एवं मालवा क्षेत्र में प्रमुखत: है ।
कांग्रेस खेमे से मिल रही खबरों के अनुसार करीब 25 – 30 फीसदी कांग्रेस प्रत्याशी ऐसे चयन किये जा चुके हैं जिनकी प्रथम दृष्टया प्रथम प्रयास में ही जीत की संभावना है । ग्वालियर चम्बल मालवा में कांग्रेस टिकिटों के अधिक दावेदार होते हुये भी करीब आधी सीटों पर प्रत्याशी तय किये जा चुके हैं और कांग्रेस अपनी मनस्थिति में उन्हें ही चुनावों में अपना प्रत्याशी रखने का मन अंकित कर चुकी है । सुनने में आया है कि कांग्रेस पिछले चुनावों में हार चुके प्रत्याशियों को इस बार टिकिट नहीं देगी और उन प्रत्याशियों को जिन आला नेताओं की सिफारिश पर टिकिट दिया गया था उन आला नेताओं को भी इस बार टिकिट वितरण में परे रख कर नजरअंदाज स्थिति में दर किनार किया जायेगा । कांग्रेस के 30 से 40 फीसदी टिकिट नये नेताओं को दिये जायेंगें ।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही म.प्र. विधानसभा चुनावों के साथ ही आगामी लोकसभा चुनावों के मद्दे नजर भी अपनी अपनी तैयारियॉं कर रहीं हैं ।
कांटेदार होंगें अबकी बार लोकसभा चुनाव
ग्वालियर में कांग्रेस गुना के बजाय ग्वालियर से ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतार लोकसभा लड़वा सकती है वहीं गुना सीट पर दिग्विजय सिंह को लोकसभा चुनाव लड़वा सकती है , इसी प्रकार भिण्ड में पुराना प्रत्याशी रिपीट किया जा सकता है और मुरेना में नरेन्द्र सिंह तोमर का मुकाबला नरेन्द्र सिंह तोमर से करवा सकती है । हालांकि नरेन्द्र सिंह तोमर अभी कांग्रेस में शामिल नहीं हुये हैं लेकिन बहुत जल्द वे कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं ऐसी खबर है ।
नरेन्द्र सिंह तोमर कांग्रेस के टिकिट पर दिमनी विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं और लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाय दिमनी विधानसभा में कांग्रेस के लिये सीट जीतना चाहते हैं , उनका कहना है कि दिमनी विधानसभा सीट लंबे समय से भाजपा के पास है, हमारे ही वोटों से भाजपा यह सीट जीतती रही है और अब यह सीट कांग्रेस को मिलनी चाहिये इसके लिये वे खुद ही मैदान में उतरना चाहते हैं
अजय सिंह की जन चेतना यात्रा और चड्डी छाप दलाल मीडिया में बौखलाहट फैली
अजय सिंह की जन चेतना यात्रा से म.प्र. की राजनीति में भूचाल आ गया है, बुरी तरह हड़बड़ाई भाजपा और आर.एस.एस. ने अपनी चालें अपने तरीके से वलनी शुरू कर दीं हैं , पिछले लंबे अरसे से सरकार और प्रशासन एवं नेताओं की दलाली , चमचागिरी और मक्खनमारी में लगे चड्डी छाप पत्रकारों और मीडिया वालों ने अजय सिंह की जन चेतना यात्रा को लेकर भ्रम फैलाना शुरू कर दिये हैं , चड्डीछाप दलाल व चमचों ने पहले तो कांग्रेस में गुट एवं गुटीय ताकतों का कांग्रेस में वजूद होने का प्रोपेगंडा फैलाया और म.प्र. में कांग्रेस के बजाय अलानी कांग्रेस और फलानी कांग्रेस का माया जाल बिछाना शुरू कर दिया , आर.एस.एस. और भाजपा प्रायोजित खबरें छाप कर और चला कर म.प्र. में कांग्रेस के गुटीय अस्तित्व उछालना शुरू किया और कहा कि अजय सिंह की जन चेतना यात्रा में अलां गुट का फलां गुट का नेता नहीं पहुँचा , अमुक सुपर शक्ति इस यात्रा में नामौजूद रही, ये नहीं पहुँचा वो नहीं पहुँचा ।
सवाल पत्रकारिता पर खड़े हो गये तमाम, वह यह कि जब कांग्रेस के किसी नेता ने जन चेतना यात्रा में किसी गुट की यात्रा होना नहीं स्वीकारा और न गुरेज जताया तो मीडिया या पत्रकार यह सवाल कैसे उठा सकते हैं , दिल्ली में जब सोनिया गांधी ने साफ व स्पष्ट पहले ही कह दिया कि कांग्रेस में गुटबाजी कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी और सख्ती से हर किस्म की गुटबाजी से निबटा जायेगा तो प्रश्न यह है कि म.प्र. कांग्रेस में कांग्रेस द्वारा निकाली गयी जनचेतना यात्रा में गुटबाजी का बोध कराने वाले समाचार किसने प्रकाशित कराये , क्या मीडिया ने खुद ही छापे या प्रसारित किये या फिर कांग्रेस के उन तथाकथित स्वयंभू क्षत्रपों ने बिलबिला कर यह खबरें पैसा बांट कर प्रायोजित कर छपवाईं जो अभी भी कांग्रेस को कांग्रेस नहीं अपने बाप की जागीर या अपने बाप का बयनामा मानते हैं और समझते हैं , कांग्रेस पर अपनी सील ठुकी चाहते हैं कि ''.... '' कांग्रेस ..... फलानी ढिकानी कांग्रेस .... दीवार पर इबारत साफ लिख दी है सोनिया गांधी ने ... लेकिन अब भी अगर किसी कांग्रेसी को समझ न आये तो यह उसका दुर्भाग्य है ... या फिर यह खबरें भाजपा और आर.एस.एस. ने प्रायोजित कर छपवाईं और प्रसारित करायीं .।
अजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की ग्वालियर चम्बल यात्रा जून में
अजय सिंह के नेतृत्व में जन चेतना की यात्रा जून माह में ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में आयेगी , इस यात्रा को लेकर कांग्रेस पहले से ही काफी सतर्क एवं सावधान है , ग्वालियर चम्बल क्षेत्र के राजपूत बाहुल्य क्षेत्रों में अजय सिंह ने अपने पिता स्वर्गीय अर्जुन सिंह के दिग्गज गढ़ चम्बल में अपने संपर्क सूत्रों को यात्रा की इत्तला दे दी है , वहीं इसी यात्रा के दरम्यान चम्बल अंचल के कई दिग्गज कांग्रेस में शामिल होंगें, कई बने बनाये गढ़ टूटेंगें और कई नये किले बनेंगें , ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में यह यात्रा आने पर यह संदेश भी कांग्रेस जनता को साफ साफ देगी कि कांग्रेस में कोई भी गुट अब नहीं है , और प्रदेश में एकमात्र भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही है , क्षेत्रीय नेताओं के नाम पर चलने वाली हर कांग्रेस अब खत्म होकर मूल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही बस केवल शेष है ।
मुरैना में प्रकाशित हो रही है एडवोकेट डायरेक्ट्री
मुरैना जिला अभिभाषक संघ के जिला अध्यक्ष एडवोकेट हरी सिंह सिकरवार ने बताया है कि मुरैना जिला के समस्त एडवोकेटस की टेलीफोन डायरेक्ट्री जिला अभिभाषक संघ मुरैना द्वारा प्रकाशित की जा रही है , इस संबंध में सभी अभिभाषकगण से अपने ताजा दो फोटो जिला अभिभाषक संघ मुरैना की लायब्रेरी में महेन्द्र के पास जमा कराने व एक फार्म भर कर 18 मई तक जमा कराने का सभी एडवोकेटस से अनुरोध किया गया है
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