गुरुवार, 27 दिसंबर 2007

शीत लहर के साथ सर्दी फिर लौटी

DSC01147 ग्‍वालियर 27 दिसम्‍बर । हल्‍की शीत लहर के साथ ग्‍वालियर चम्‍बल में सर्दी ने दोबारा दस्‍तक दे दी है । हालांकि दोपहर के वक्‍त की गर्मी अभी जारी है, लेकिन सुबह, शाम और रात की सर्दी फिर से अंचल में ठिठुराने लगी है ।

अभी दो दिन पहले अंचल में जहॉं अचानक लोगों को होली के दिनों के मौसम का अहसास होने लगा था वहीं अब पुन: लोगों को वापस मार्च से दिसम्‍बर में आना पड़ा है ।

हालांकि शुरू में अचानक तेज शीत लहर और सर्दी के प्रकोप से अनेक वृद्धों की अंचल में मौत हो गयी थी । किन्‍तु सर्द हवाओं के थमने के बाद लोगों को कुछ राहत सी महसूस हुयी । 

संभाग आयुक्त ने ग्रामीण अंचल का भ्रमण कर राहत, पेयजल, विद्युत व स्वास्थ्य सेवाओं का लिया जायजा

संभाग आयुक्त ने ग्रामीण अंचल का भ्रमण कर राहत, पेयजल,

विद्युत व स्वास्थ्य सेवाओं का लिया जायजा

 

 

मुरैना 26 दिसम्बर 07 ॥ अल्प वर्षा की बजह से उत्पन्न हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किये गये रोजगार, पेयजल, विद्युत एवं सिंचाई संबंधी कार्यों को गति देने के उद्देश्य से चंबल एवं ग्वालियर संभाग के आयुक्त डा. कोमल सिंह ने आज मुरैना जिले के ग्रामीण अंचलों का जायजा लिया । उन्होंने खासतौर पर जिले की अम्बाह व पोरसा तहसील के ग्रामीणों से रूवरू होकर उनकी कठिनाईयां व समस्यायें जानी और शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की वास्तविक स्थिति का जायजा भी लिया।  इस मौके पर कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, मुख्य अभियन्ता विद्युत श्री जी.एस. कलसी, मुख्य अभियन्ता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री राय तथा अन्य संबंधित अधिकारी उनके साथ थे ।

       संभाग आयुक्त ने अम्बाह तहसील के ग्राम थरा में संचालित शासकीय माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय के निरीक्षण के दौरान यहां बनाये गये अतिरिक्त कक्ष की गुणवत्ता ठीक न होने पर नाराजगी व्यक्त की । उन्होंने इसकी जांच कराने और संबंधित के खिलाफ भृष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिये । यह अतिरिक्त कक्ष सर्वशिक्षा अभियान के तहत पालक शिक्षक संघ द्वारा बनाया गया है । डा. कोमल सिंह ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों से मध्यान्ह भोजन वितरण के संबंध में भी चर्चा की । यहां के एक बच्चे धर्मसिंह ने बताया कि उसे मध्यान्ह भोजन में दाल रोटी सब्जी मिलती है और कभी -कभी खीर पूड़ी भी मिलती है । यहां के माध्यमिक विद्यालय में अभी तक मध्यान्ह भोजन शुरू नहीं हुआ है । कमिश्नर ने इस पर नाराजगी जताई और कहा इस विद्यालय में गत एक नवम्बर से मध्यान्ह भोजन वितरण क्यों शुरू नहीं हो सका, इसकी जांच की जाये ।

       भ्रमण के दौरान संभाग आयुक्त ने ग्रामीणों से रूबरू होकर राशन व मिट्टी के तेल वितरण तथा पेयजल के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की । उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सचेत करते हुए कहा वे इस पर ध्यान रखें कि उचित मूल्य की दुकानें नियमित रूप से खुलें और पात्रता अनुसार सामग्री वितरण हो,  इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।

 

गरीब मरीजों को उपचार योजना का लाभ मिलने में कठिनाई न हो - डा. कोमल सिंह

गरीब मरीजों को उपचार योजना का लाभ मिलने में कठिनाई न हो - डा. कोमल सिंह

कमिश्नर ने किया जिला चिकित्सालय मुरैना का आकस्मिक निरीक्षण

 

 

मुरैना 26 दिसम्बर 2007 // चंबल एवं ग्वालियर संभाग के आयुक्त डा. कोमल सिंह ने कहा है कि शासकीय अस्पतालों में गरीबी रेखा के नीचे के मरीजों के साथ पूरी संवेदनशीलता वरती जाए और उन्हें दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना के तहत नि: शुल्क चिकित्सा सुविधा मिलने में कोई कठिनाई न हो । उन्होंने यह निर्देश आज जिला चिकित्सालय मुरैना के आकस्मिक निरीक्षण के समय सबंधित अधिकारियों को दिये । संभाग आयुक्त ने मुरैना जिले में दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना के कार्ड तत्परता से बनाने की जहाँ सराहना की वहीं इस योजना के तहत सभी पात्र मरीजों को लाभन्वित कराने के लिए अस्पतालों में विशेष प्रबंध करने के निर्देश भी दिये। गौरतलब है कि मुरैना जिले में दीनदयाल अन्त्योदय उपचार योजना के तहत अब तक 63 हजार से अधिक कार्ड बनाकर वितरित किये जा चुके हैं ।  जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के समय कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी भी उनके साथ थे।

       संभाग आयुक्त ने शासकीय अस्पतालों व ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ बनाने पर जोर देते हुये हिदायत दी कि मुख्य चिकित्साधिकारी हर सप्ताह कम से कम एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का आकस्मिक निरीक्षण अवश्य करें। इसी प्रकार संबंधित खण्ड चिकित्साधिकारी भी अपने क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण करें। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना का लाभ सभी पात्र महिलाओं को दिलाने और संस्थागत प्रसवों की संख्या में इजाफे के लिए विशेष प्रयास किये जाने पर बल दिया। आयुक्त ने जिला चिकित्सालय मुरैना के हर वार्ड में जाकर मरीजों को मुहैया कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने जिला चिकित्सालय के नवीनीकरण के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया और इन कार्यों को जल्द पूर्ण कराने के निर्देश दिये। कमिश्नर ने इस हेतु शीघ्र आवंटन प्राप्त करने के लिए भोपाल स्थित वरिष्ठ अधिकारियों से दूरभाष पर बात भी की।

 

स्व. माणिकचंद्र वाजपेयी की स्मृति में आज व्याख्यान

स्व. माणिकचंद्र वाजपेयी की स्मृति में आज व्याख्यान

देश के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार-लेखक भाग लेंगे

प्रदेश के यशस्वी पत्रकार स्वर्गीय माणिकचन्द्र वाजपेयी की द्वितीय पुण्यतिथि पर जनसम्पर्क संचालनालय म.प्र. द्वारा 'स्व. माणिकचन्द्र वाजपेयी स्मृति' का आयोजन रवीन्द्र भवन में 27 दिसम्बर को किया जा रहा है।

इस अवसर पर जनसम्पर्क एंव संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा की अध्यक्षता में 'मूल्यों का संरक्षण और पत्रकारिता' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन पूर्वान्ह 11 बजे से किया जायगा। इसमें वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व सम्पादक भाषा श्री वेदप्रताप वैदिक, वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद श्री राजनाथ सिंह, महानिदेशक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल श्री अच्युतानन्द मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार लेखक एवं पूर्व सम्पादक दैनिक भास्कर श्री महेश श्रीवास्तव तथा वरिष्ठ पत्रकार श्री गिरिजाशंकर विचार प्रकट करेंगे।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता और मूल्यधारित पत्रकारिता के लिये स्व. माणिकचन्द्र वाजपेयी राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार स्थापित किया गया है। स्व. वाजपेयी की प्रथम पुण्य तिथि पर गत वर्ष यह पुरस्कार वरिष्ठ पत्रकार तथा राष्ट्रधर्म के पूर्व सम्पादक श्री भगवतीधर वाजपेयी (जबलपुर) को प्रदान किया गया।

सरलता, सादगी तथा अपनत्व के प्रतीक स्व. माणिकचन्द्र वाजपेयी का जन्म 7 अक्टूबर 1919 को वटेश्वर जिला आगरा (उ.प्र.) में हुआ था। उन्होंने लहरौली जिला भिण्ड से प्रकाशित 'देशमित्र' के सम्पादक के रूप में पत्रकारिता की शुरूआत की थी। वे दैनिक स्वदेश इंदौर से पत्र के स्थापना वर्ष 1966 से ही जुड़े थे और 1968 से 1985 तक वे इसके सम्पादक रहे। उन्होंने 'स्वदेश' भोपाल, जबलपुर, सागर व रायपुर, बिलासपुर के सलाहकार सम्पादक तथा स्वदेश ग्वालियर, गुना तथा झांसी के प्रधान सम्पादक के रूप में 1987 से 2005 तक पत्रकारिता की नई पौध का अंतिम समय तक पथ प्रदर्शन किया। उन्होंने महत्वपूर्ण राष्ट्रीय विषयों पर आधा दर्जन से अधिक पुस्तकों की रचना भी की थी तथा उनकी कई लेखमालाएं बहुचर्चित रहीं। स्व. वाजपेयी का महाप्रयाण विगत 27 दिसम्बर 2005 को ग्वालियर म.प्र. में हुआ।

 

खेल क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने रचा नया इतिहास

खेल क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने रचा नया इतिहास

राज्य सरकार द्वारा खेलों और खिलाड़ियों को लगातार प्रात्सोहित करने का परिणाम है कि वर्ष 2007 में खेल के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने अनेक एतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की है। जिससे प्रदेश में खेलों में ताजगी और नई ऊर्जा का संचार हुआ है। इस दौरान राष्ट्रीय खेलों के साथ-साथ राज्य स्तरीय खेलों में भी मध्यप्रदेश का दबदबा रहा और उसमें इतिहास रचा गया है। केवल पांच माह की छोटी सी अवधि में प्रदेश की खिलाड़ियों और दलों ने 184 पदक जीत कर प्रदेश को खेल के मानचित्र पर सम्मानजनक स्थान दिलाया है। साथ ही प्रदेश में स्थापित खेल अकादमियों के 15 खिलाड़ियों का भारतीय राष्ट्रीय टीम में भी चयन किया गया है। खेल अकादमियों के संचालन का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों की खेल प्रतिभाओं को तराश कर उनके खेल स्तर में वृध्दि करना है ताकि अंर्तराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर यह खिलाड़ी प्रदेश एवं देश को पदक अर्जित कर गौरवान्वित कर सकें।

खेलों के क्षेत्र में अधोसंरचना के साथ ही उच्च स्तरीय प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध हो इस लिए भी राज्य सरकार ने इस वर्ष इतिहासिक निर्णय लेते हुए शुटिंग, घुड़सवारी, वॉटरस्पोट, मार्शल आर्ट एवं पुरूष हॉकी एकाडमी स्थापना की गई है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा इन अकादमियों के लिए प्रदेश के विभिन्न अंचलों के चयनित खिलाड़ियों को अनेक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। खेल अकादमियों ने विगत पांच माह में 119 स्वर्ण, 31 रजत एवं 34 कांस्य पदक विभिन्न राष्ट्रीय र्टूनांमेंट में अर्जित किए है।

33 वें राष्ट्रीय खेल 2007 गोवाहटी (आसाम) में मध्यप्रदेश के दल के भाग लेने से पूर्व 15 दिसंबर 2006 से दो फरवरी 2007 तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए। 33 वें राष्ट्रीय खेल नो से उन्नीस फरवरी 2007 तक असम गोवाहटी में आयोजित किए गए जिसमें प्रदेश के दल ने 12 स्वर्ण, 19 रजत एवं 32 कांस्य पदक अर्जित करते हुए इतिहासिक सफलता अर्जित की।

औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में पांच से आठ जनवरी 2007 तक आयोजित अखिल भारतीय ग्रामीण खेल-कूद प्रतियोगिता प्रथम समूह में मध्यप्रदेश के 69 दलों ने भाग लिया। राष्ट्रीय रोइंग चैम्पियनशिप 18 से 21 जनवरी 2007 तक आयोजित की गई। पूणे (महाराष्ट्र) में 12 से 16 जनवरी 2007 तक आयोजित राष्ट्रीय युवा उत्सव में शास्त्रीय गायन (हिन्दुस्तानी) विद्या में कुमारी दीप्ति गेडाम ने स्वर्ण पदक एवं श्री रामेनद्र कुमार सोलंकी ने तबला विद्या में कांस्य पदक अर्जित किया। आदिवासी खिलाड़ियों को प्रशिक्षण शिविर 22 जनवरी से दो फरवरी 2007 तक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए।

52वीं राष्ट्रीय स्कूल हॉकी र्टूनामेंट इंदौर में 28 जनवरी से दो फरवरी 2007 में राज्य महिला हॉकी खिलाड़ियों द्वारा प्रथम बार स्वर्ण पदक अर्जित किया। तृतीय चरण के संविदा प्रशिक्षको का फाउण्डेशन कोर्स पांच से बारह जनवरी 2007 तक आयोजित किए गए। भारत से मात्र श्री भूपेन्द्र सिंह, फेन्सिग प्रशिक्षक का चयन पेरिस (फ्रांस) में उच्च तकनीकी प्रशिक्षण के लिए 12 फरवरी से तीन मार्च तक के लिए किया गया। नौवी एशियाई जूनियर प्रतियोगिता श्रीलंका में डबल्स एवं सिंग्लस में स्वर्ण पदक अर्जित किया एवं जूनियर एशियन चैम्पियानशिप बैंकॉक में स्वर्ण पदक अर्जित किया।

युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण देने हेतु डी.एस.वाय.डब्ल्यू. एकेडमी के अन्तर्गत एनीमेशन एवं ट्रेवल के क्षेत्र में डी.क्यू. एवं कूनी एकेडमी का प्रशिक्षण माह फरवरी 2007 से भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में प्रारंभ किया जा चुका है। डी.एस.वाय.डब्ल्यू. एकेडमी के अंतर्गत ही सौन्दर्य फिटनेस एवं न्यूट्रीशन के क्षेत्र में भी रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण संचालित करने की प्रारंभिक तैयारियां प्रगति पर है। इस प्रशिक्षण को सफलता पूर्वकर् उत्तीण करने वाले युवाओं को शत-प्रतिशत रोजगार की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

खेल के क्षेत्र मे प्रदेश अग्रणी पंक्ति में खड़ा हो सके इसके लिए राज्य सरकार द्वारा भोपाल के ग्राम सतगढ़ी में 172 एकड़ भूमि पर सर्वसुविधा युक्त अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खेल ग्राम स्थापित किया जा रहा है। आदिवासी क्षेत्रों के ग्रामीण युवा केन्दों के सुदृढ़ीकरण की योजना को मूर्तरूप देते हुए वर्ष 2006-07 में 11 आदिवासी जिलों में ग्रामीण युवा केन्द्रों का सुदृढ़ीकरण किया गया। वर्ष 2007-08 में 21 जिलों में ग्रामीण युवा केन्द्रों का भी सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।

राष्ट्रीय खेल दिवस पर 29 अगस्त को प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री निवास पर खेल पंचायत का आयोजन किया गया इस खेल पंचायत में खिलाड़ियों के साथ-साथ खेल विशेषज्ञों, खेल संगो एवं खेल से जुड़े लोगों ने समस्याएं तथा सुझाव आमंत्रित किए गए। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इस पंचायत में खेलों के विकास एवं खिलाड़ियों के हित के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।

खेलों और खिलाड़ियों को मध्यप्रदेश को शिखर पर लाकर गौरवान्वित करने के उद्देशय से खेल बजट में भी उल्लेखनीय वृध्दि की गई साथ ही खेल विभाग के कारगर प्रयासों से कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताए भी वर्ष 2007 में आयोजित की गई।

 

राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) 30 दिसम्बर को

राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) 30 दिसम्बर को

राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (नेट) का आयोजन 30 दिसम्बर को किया गया है। यू.जी.सी. द्वारा आयोजित इस परीक्षा के आयोजन का दायित्व मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय को सौंपा गया है। यू.जी.सी.-नेट परीक्षा समन्वयक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस परीक्षा में विभिन्न 38 विषयों के कुल 1097 विद्यार्थी शामिल होंगें।

नेट परीक्षा के लिये स्थानीय कैरियर कॉलेज को परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। समस्त उम्मीदवारों को प्रवेश पत्र जारी किये जा चुके हैं। यदि किसी उम्मीदवार को प्रवेश पत्र प्राप्त ना हुए हों तो वे 27, 28 एवं 29 दिसम्बर को म.प्र. भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय, गैस राहत भवन, गोविन्दपुरा भोपाल से कार्यालयीन समय में प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षा के दिन परीक्षा केन्द्र अथवा भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार के प्रवेश पत्र नहीं बनाये जायेगें।

परीक्षा में 38 विषयों के कुल 1097 विद्यार्थी शामिल होंगे। परीक्षा के प्रश्न पत्रों के निर्धारित समय अनुसार प्रथम प्रश्न पत्र (अनिवार्य) प्रात: 9.30 बजे से 10.45, द्वितीय (वैकल्पिक) प्रात: 10.45 से दोपहर 12 बजे, तृतीय प्रश्न पत्र (वैकल्पिक) अपरान्ह 1.30 बजे से 4 बजे तक होगा। समस्त उम्मीदवारों को परीक्षा के समय प्रवेश पत्र के साथ उपस्थित होना अनिवार्य होगा।

 

इण्‍टरनेट पर व्‍यावसायिक संव्‍यवहार पर स्‍टाम्‍प शुल्‍क लगेगा

प्रदेश सरकार बना रही है स्वयं का स्टाम्प विधेयक : सुझाव मांगे जायेंगे

इण्‍टरनेट पर व्‍यावसायिक संव्‍यवहार पर स्‍टाम्‍प शुल्‍क लगेगा

इलेक्ट्रॉनिक लेन-देन विधि सम्मत बनेगा

प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक संव्यवहार को कानूनी रूप देने के लिए राज्य सरकार मध्यप्रदेश स्टेम्प विधेयक 2007 को अंतिम रूप देने जा रही है। इसे आम जनता के लिए प्रकाशित कर सुझाव मांगे जायेंगे। वर्तमान में भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 प्रदेश में लागू है। परन्तु विगत कुछ वर्षों से यह आवश्यकता महसूस की जा रही है कि बदले हुए परिवेश में वर्तमान अधिनियम के स्थान पर राज्य विशिष्ट अधिनियम बनाया जाये। मौजूदा अधिनियम में हर छोटे-छोटे संशोधन के लिए केन्द्र सरकार से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है और इसमें संशोधन में अत्यधिक विलम्ब होता है।

मध्यप्रदेश स्टेम्प विधेयक 2007 को बनाने के लिए गत दिवस वाणिज्यिक कर मंत्री श्री बाबूलाल गौर की अध्यक्षता में गठित केबिनेट उप समिति की बैठक में विधेयक के प्रारूप पर विचार किया। बैठक में उप समिति के सदस्य वित्त मंत्री श्री राघवजी, आवास एवं पर्यावरण तथा उद्योग एवं वाणिज्यिक मंत्री श्री जयन्त मलैया मौजूद थे। लोक निर्माण मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय भी उक्त उप समिति के सदस्य हैं।

नये विधेयक में इलेक्ट्रानिकली संव्यवहार को स्टाम्प शुल्क के दायरे में लाया जायेगा। साथ ही 100 वर्ष से अधिक पुराने मौजूदा भारतीय स्टाम्प अधिनियम 1899 में शामिल प्रावधानों के बारे में न्यायालयों द्वारा अनेक परस्पर विरोधाभासी निर्णय दिये गये हैं। इन प्रावधानों को प्रस्तावित विधेयक में स्पष्ट किया जायेगा। इसके अलावा शस्ति के प्रावधानों को भी संशोधित किया जायेगा। इसके बन जाने से राज्य के राजस्व में वृध्दि भी हो सकेगी। वर्तमान में मौजूदा अधिनियम में केन्द्र सरकार द्वारा समवर्ती सूची का सहारा लेकर कानून बना दिया जाता है जिससे राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए वर्ष 2005 में स्पेशल इकानामिक झोन में निष्पादित होने वाले सभी दस्तावेजों पर तथा वर्ष 2000 में डिबेंचर के अंतरण के दस्तावेजों पर स्टाम्प शुल्क से छूट, राज्य सूची का विषय होने के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय स्टाम्प अधिनियम में संशोधन कर दी गई। राज्य विशिष्ट अधिनियम अस्तित्व में आने पर ऐसा संभव नहीं हो सकेगा।

प्रस्तावित विधेयक में हस्तांतरण पत्र की परिभाषा का विस्तार, लिखत की परिभाषा का विस्तार (इलेक्ट्रानिक रिकार्ड) को सम्मिलित किया गया है। इसके फलस्वरूप शेयर ट्रांसफार, डिबेंचर ट्रांसफर पर भी राज्य को स्टाम्प शुल्क मिल सकेगा। पट्टे की परिभाषा का विस्तार कर पट्टे के करारों, न्यायालय की डिक्री तथा कोल बियरिंग एरिया एक्ट के अंतर्गत शासकीय कंपनियों में कोयला खदानों को वेष्ठित करने वाले आदेशों का सम्मिलित किया जायेगा। इसी तरह धारा 3 में स्टाम्प शुल्क इलेक्ट्रॉनिक चुकाये जाने का प्रावधान, खनन पट्टों पर भुगतान की गई वास्तविक रायल्टी पर स्टाम्प शुल्क का निर्धारण, गाईड लाइन मूल्यों को वैघानिकता, कलेक्टर के सभी निर्णयों के पुनरीक्षण की राजस्व मण्डल को शक्ति, डेवलपर से इनवेस्टर द्वारा क्रय किये भवन विक्रय करने पर स्टाम्प शुल्क का समायोजन, पट्टे पर बाजार मूल्य के मान से स्टाम्प शुल्क का अधिरोपण, हक की घोषणा के लिखत पर स्टाम्प शुल्क का अधिरोपण शामिल है।

प्रस्तावित विधेयक को विधानसभा में पुर:स्थापित करने के पूर्व भारत सरकार की पूर्व सहमति भी ली जाना प्रस्तावित है।

 

राज्य श्रम संस्थान इंदौर में स्थापित होगा

राज्य श्रम संस्थान इंदौर में स्थापित होगा

श्रम सलाहकार परिषद की बैठक में श्रम मंत्री श्री देवड़ा का संबोधन

श्रम मंत्री श्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य में तेजी से औद्योगिक विकास के साथ श्रमिक कल्याण के लिये प्रतिबध्द होकर कार्य कर रही है। हाल ही में सरकार ने राज्य की श्रम नीति घोषित की है जिसमें श्रमिकों, विशेषकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा एवं हितों की रक्षा के लिये अनेक प्रावधान किये गये हैं।

श्री देवड़ा ने आज यहां श्रम सलाहकार परिषद की 45वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इंदौर में राज्य श्रम संस्थान स्थापित किया जायेगा। श्रम के क्षेत्र में शिक्षण, प्रशिक्षण, अध्ययन और अनुसंधान करने के उद्देश्य से स्थापित इस संस्थान के लिये राज्य योजना मण्डल द्वारा स्वीकृति प्रदान कर आवश्यक धनराशि आवंटित की गई है।

श्रम मंत्री श्री देवड़ा ने कहा कि श्रम कानूनों का सरलीकरण सरकार की प्राथमिकता है। सरकार ने श्रम कानूनों के तहत दाखिल किये जाने वाले 27 रिटर्नस के बजाए एक रिटर्न लागू किया है। इससे प्रदेश में उद्योगों, विशेष रूप से रोजगार मूलक उद्योगों की स्थापना के लिये अनुकूल वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम वेतन अधिनियम के अन्तर्गत वेतन दरें अत्यंत सरलकृत पध्दति से घोषित किया जाना शुरू किया गया है ताकि श्रमिकों और नियोजकों, दोनों को ही अनावश्यक कठिनाइयां नहीं हो।

श्रम मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संगठित और असंगठित क्षेत्र में लागू कानूनों के सरलीकरण का सुझाव केन्द्र सरकार को दिया है। इसमें श्रम कानूनों में राजीनामा (कम्पाउण्ंडिग) की व्यवस्था लागू करने का भी प्रस्ताव है जिससे मुकदमों के निराकरण में गति आ सके और कानून लागू करने के मूल उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सके।

बैठक में अपर मुख्य सचिव (श्रम) श्री राकेश बंसल ने राज्य स्तरीय श्रम सलाहकार परिषद के सदस्यों का स्वागत करते हुए उन्हें परिषद की अनुशंसा पर शासन द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत कराया। श्रमायुक्त श्री रजनीश वैश ने बैठक का संचालन किया और अन्त में आभार व्यक्त किया।

बैठक में भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री मांगीलाल पोरवाल, उपाध्यक्ष श्री केशवलाल गुप्ता, महामंत्री श्री भगवान दास गोंडाने, श्री अरविन्द मोघे (भोपाल), एटक के उपाध्यक्ष श्री कृष्णा स्वामी, सीटू के महासचिव श्री बादल सरोज, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष श्री आर.डी. त्रिपाठी, भारतीय मजदूर संघ रीवा के संभाग प्रमुख श्री धर्मदास शुक्ला, स्लेट पेंसिल कर्मकार मंडल के अध्यक्ष श्री अजय सिंह चौहान (मंदसौर), पत्रकार#गैर पत्रकार संगठन इन्दौर के कार्यकारी अध्यक्ष श्री विनय तिवारी, नियोजकों और औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि सुश्री कल्पना श्रीवास्तव, श्री शलभ शर्मा और श्री एस. पाल के अतिरिक्त श्रम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

मंगलवार, 18 दिसंबर 2007

19 दिसम्‍बर – रामप्रसाद विस्मिल जयन्‍ती पर विशेष

19 दिसम्‍बर रामप्रसाद विस्मिल जयन्‍ती पर विशेष

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले........

सरफरोशी की तमन्‍ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू ए कातिल में है

 

भारत  के स्‍वतंत्रता संग्राम के अमर नायकों में जिन चुनिन्‍दा महामानवों का जिक्र आता है उसमें एक अव्‍वल नाम अमर शहीद रामप्रसाद विस्मिल का भी है । काकोरी ट्रेन डकैती जैसा वीरता पूर्ण दुस्‍साहसी कार्य केवल भारतीय रण बाकुरों की टोली स्‍व. रामप्रसाद विस्मिल के नेतृत्‍व में ही कर सकती थी । भारत के इन महान वीरों के तेज और शौर्य का ही प्रभाव था कि ब्रिटिश सत्‍ता का न केवल सिंहासन हिला बल्कि उसके राज्‍य का कभी न डूबने वाला सूरज भी अंतत: अस्‍त हो गया ।

''सरफरोशी की तमन्‍ना अब हमारे दिल में है.............'' जैसे महान क्रान्ति गीत के रचयिता स्‍व. विस्मिल मुरैना जिला की अम्‍बाह तहसील के ग्राम बरवाई के रहने वाले थे । तोमर राजपूत परिवार में जन्‍मे इस तेजस्‍वी बालक ने बिटिश सत्‍ता के सिंहासन को जिस तरह हिला दिया उससे भारत का बच्‍चा बच्‍चा वाकिफ है ।

आज 19 दिसम्‍बर को इस अमर शहीद की जयन्‍ती है , चम्‍बल घाटी की ओर से हम इस वीर योद्धा को सादर नमन कर अपनी सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । धन्‍य है वो धरा जिस पर जन्‍मे विस्मिल जैसे वीर, पूज्‍य और वन्‍दनीय है वह मातृभूमि जहॉं जान निछावर करने वाले लाल जन्‍मे, धन्‍य हैं वे रक्‍त दानी और प्राणों का बलिदान करने वाले भारतीय नौजवान जिन्‍होंने अपने सुख ऐश्‍वर्य और जीवन का दान देकर हमें आज का भारत दिया । जय हिन्‍द

 

बिजली कित जाय रई है काऊ को नहीं पता

भारी बिजली कटौती से मची त्राहि त्राहि, किसान छात्र और व्‍यवसायी संकट में

बिजली कित जाय रई है काऊ को नहीं पता

मुरैना/ भिण्‍ड/ श्‍योपुर 17 दिसम्‍बर 2007 । चम्‍बल में इन दिनों जहॉं बिजली की भारी दरकार है, वहीं अन्‍धाधुन्‍ध अघोषित बिजली कटौती के चलते किसानों, छात्रों और व्‍यवसायीयों के हलक इस भरी सर्दी में सूखने लगे हैं ।

जहॉं किसान अभी तक खाद, पानी और बिजली की लड़ाई से जूझ रहे हैं वहीं इन दिनों छात्रों की छमाही परीक्षायें चल रही हैं , अनेक छात्र छात्रा तो बोर्ड की परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारीयां कर रहे हैं । वहीं छिटपुट कुटीर व्‍यवसायी जिनकी रोजी रोटी और कारोबार बिजली पर ही आश्रित है पूरी तरह चौपट होकर दिहाड़ी धन्‍धों से बेगार हो भुखमरी की नौबत तक आ पहुँचे हैं ।

हालांकि बिजली कटौती तो वर्ष भर चलती है और सदाबहार आलम दर्शाती रहती है लेकिन जब पानी सिर से ऊपर हो जाता है तो जनता नर्राती है, लेकिन इस देश का दुर्भग्‍य है कि यहॉं नेता और अफसर कान में तेल डाल कर बैठे रहते हैं, खैर अंधेरा कायम रहे महामहिम किल्विष ।

किसानों को जहॉं चम्‍बल नहर से पानी नहीं मिला , खाद नहीं मिली, बिजली नहीं मिली तो वे रो पड़े और कातर स्‍वरों तथा अविरल ऑंसूओं से धरा भिगोने लगे, उनकी यह दशा देख आसमान भी रो पड़ा और चन्‍द मावठी बून्‍दों से उसने भी धरती भिगो दी तो किसानों को जीवन के लिये चन्‍द सांसें और हासिल हो गयीं ।

अब उन बच्‍चों का क्‍या हो, जो इन दिनों छमाही परीक्षाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं या सेमेस्‍टर परीक्षाओं में व्‍यस्‍त हैं, वे भी खून के ऑंसू रो रहे हैं, दिन भर बिजली नहीं तो रात में भी धुऑंधार कटौती, आखिर कब तक जलायें मोमबत्‍ती और दिये या लालटेन । रिजल्‍ट बिगड़ेगा तो भी डण्‍डा उन्‍हीं के सिर, और पढ़ें तो न दिन बिजली न रात बिजली । पढ़ लिये ठीक है, ज्‍यादा बच्‍चे फेल होंगें तो शिक्षित बेरोजगार कम होंगें, वाह क्‍या आइडिया है । खूब फेल करवाओ, न बेटा पढ़ पाओगे न शिक्षित बेरोजगार कहलाओगे ।

कहॉं तक बयॉं करें हालात ए गुलिस्‍तां यहॉं हर शाख पे ..... छोटे मोटे काम धन्‍धे वाले बिजली पर ही दिहाड़ी कारोबार कर रहे हैं और इन दिनों रात और दिन की धुऑंधार कटौती पर दहाड़ें मार कर रो रहे हैं ।

हमें तो अब सारा जमाना ही रोता दिखता है तो हमने रोना छोड़ दिया । समझ गये, नहीं समझे, इन्‍तजार करो समझ जाओगे । जय हिन्‍द ।

 

बुधवार, 12 दिसंबर 2007

म.प्र. के 196 बी.एड. कालेजों की प्रवेश काउं‍सलिंग नियम विरूद्ध- हाईकोर्ट

म.प्र. के 196 बी.एड. कालेजों की प्रवेश काउं‍सलिंग नियम विरूद्ध- हाईकोर्ट

बगैर मान्‍यता बी.एड. पाठयक्रम संचालित करने वाली अशासकीय संस्थाओं के विषय में उच्च न्यायालय का निर्णय

मध्यप्रदेश में बी.एड. पाठयक्रम संचालित करने वाली अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं#महाविद्यालयों के संबंध में म.प्र. उच्च न्यायालय का निर्णय आ गया है। उच्च न्यायालय ने ऐसे महाविद्यालयों को काउंसलिंग के संबंध में शामिल किये जाने को नियम विरुध्द माना है, जिन्हें एन.सी.टी.ई. और राज्य शासन द्वारा मान्यता#अनुमति नहीं दी गयी है। ऐसे महाविद्यालयों की संख्या 196 है।

 

मंगलवार, 11 दिसंबर 2007

टेलीकॉम 2007 12 दिसंबर से शुरू

टेलीकॉम 2007 12 दिसंबर से शुरू

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह बुधवार, 12 दिसंबर, 2007 को राजधानी में इंडिया टेलीकॉम-2007 डिजिटल डिवाइड टू डिजिटल अपार्चुनिटीज सम्मेलन का उद्धाटन करेंगे।

       इसका आयोजन दूरसंचार विभाग और फिक्की कर रहे हैं। इससे पहले 16 अक्टूबर 2007 को एक कार्यक्रम में त्रिपक्षीय ज्ञापन समझौते पर हस्ताक्षर किए जा चुके है जिसके अनुसर सर्वप्रथम पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के अंतर्गत टेलीकॉम सेंटर्स आफ एक्सेलेंस आइडिया सेल्युलर लि0 मिलकर कर रहे हैं। दूसरा सहयोग अनुबंध आईआईएम अहमदाबाद और वोडाफोन के बीच हो रहा है।

       प्रदर्शनी की इंडिया टेलीकॉम श्रृंखला हर वर्ष आयोजित की जाएगी।     

 

सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (1) 2007-अंतिम परिणाम घोषित

सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (1) 2007-अंतिम परिणाम घोषित

       संघ लोक सेवा आयोग ने सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा(1)-2007 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया है । इस परीक्षा का आयोजन संघ लोक सेवा आयोग एवं साक्षात्मकार का आयोजन रक्षा मंत्रालय के सेवा चयन बोर्ड द्वारा इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून, नैवल एकेडमी गोवा के 124वें कोर्स के लिए और एयरफोर्स स्टेशन, बेगम्पट, हैदराबाद (प्री पऊलारइंग) प्रशिक्षण कोर्स अर्थात् 183वें कोर्स के लिए किया गया था ।

       विविध कोर्सोंविंगों में कुछ सर्वनिष्ठ सदस्य हैं । सरकार द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार इंडियन मिलिट्री एकेडमी में रिक्तियों की संख्या 250 है जिसमें एनसीसी के सी प्रमाण पत्र (सेना विंग) धारकों के लिए 32 आरक्षित पद शमिल हैं । नैवल एकेडमी गोवा के लिए रिक्तियों की संख्या 30 है (जिसमें एनसीसी के सी प्रमाण पत्र (नौसेना विंग) धारकों के लिए 6 आरक्षित पद शामिल हैं।)

       इन सूचियों को तैयार करने में मेडिकल परीक्षा के परिणाम को नहीं शामिल किया गया है ।

      संघ लोक सेवा आयोग का इसके परिसर में परीक्षा कक्ष भवन के निकट एक सहायता केन्द्र है । उम्मीदवार इस केन्द्र से उनकी परीक्षाभर्ती के संबंध में कोई भी सूचना स्पष्टीकरण कार्यकाल के दिनों में 10.00 बजे दिन से शाम 5.00 तक व्यक्तिगत तौर पर या 23381125, 230988543 टेलीफोन नं0 पर प्राप्त कर सकते हैं ।

       उम्मीदवार परिणाम से संबंधित सूचना संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट   http://www.upsc.gov.in  पर भी प्राप्त कर सकते हैं ।

 

राज्य सरकार की चार वर्षों की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाएगी 'सुपर फास्ट विकास एक्सप्रेस'

राज्य सरकार की चार वर्षों की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाएगी 'सुपर फास्ट विकास एक्सप्रेस'

जनसंपर्क मंत्री श्री शर्मा ने झंडी दिखाकर रवाना किया

राज्य सरकार ने चार वर्षो के अल्प समय में ही प्रदेश के समग्र विकास के सफल प्रयास किए है जिनसे अब प्रदेश की नई तस्वीर बनी है। पिछले चार वर्षो में हासिल महत्वपूर्ण विकास उपलब्धियों की जानकारी सुदुर अंचलों में आम लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से आज जनसंपर्क मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने सुपर फास्ट विकास एक्सप्रेस (चलित प्रदर्शनी) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सर्वप्रथम भोपाल संभाग के सभी विकास खंडों का यह विकास एक्सप्रेस भ्रमण करेगी। इसी तरह अन्य संभागों में भी सुपर फास्ट विकास एक्सप्रेस चलेगी जो ग्रामीण अंचलों तक पहुंचकर लोगों को कल्याणकारी योजनाओं तथा चार वर्षो में हुए महत्वपूर्ण विकास कार्यो की जानकारी देकर उनमें विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के बारे में जागरूकता लाने का प्रयास करेगी।

जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने आज शाम उनके निवास पर फीता काटकर इस चलित प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयुक्त एवं सचिव जनसंपर्क श्री मनोज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। श्री शर्मा ने इस सुपर फास्ट विकास एक्सप्रेस में प्रदर्शित विकास गतिविधियों के छायाचित्रों और उपलब्धियों को दर्शाने वाले विवरणों का अवलोकन किया और जनसंपर्क विभाग की इस अभिनव पहल की सराहना की।

इस अवसर पर उन्होंने जनसंपर्क विभाग द्वारा चार वर्षों की उपलब्धियों पर केन्द्रित प्रकाशनों का विमोचन भी किया। इनमें राज्य सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, योजनाओं, नई नीतियों, कल्याणकारी फैसलों तथा उपलब्धियों का लेखा-जोखा विस्तार से दर्शाया गया है। इस दौरान विभागीय अधिकारी तथा पत्रकार गण बड़ी संख्या में मौजूद थे।

यह सुपर फास्ट विकास एक्सप्रेस आगामी तीन महीनों तक भोपाल संभाग का सघन भ्रमण करेगी और सभी तहसील एवं विकास खण्ड क्षेत्रों में पहुंचकर जनमानस में जनजागरूकता लाने की पहल करेगी। प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के आकर्षक चित्रों से सजी इस सुपर फास्ट एक्सप्रेस में प्रचार साहित्य के साथ-साथ प्लाज्मा टी.वी. और सिनेमा प्रोजेक्टर भी है जिनके माध्यम से लोगों को प्रदेश में चार वर्षों में आए बदलाव की सही तस्वीर देखने को मिल सकेगी। इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक मंडली भी भ्रमण में साथ रहेगी जो अपने रोचक अभिनय तथा नृत्य-गीतों के माध्यम से भी लोगों को प्रेरित करेगी। विभिन्न तहसील एवं विकासखण्डों में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी अपने-अपने क्षेत्रों में इस सुपर फास्ट विकास एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर आगे रवाना करेंगे।

 

मध्यप्रदेश में ग्यारह दिसम्बर को रेड रिबन एक्सप्रेस का प्रवेश

मध्यप्रदेश में ग्यारह दिसम्बर को रेड रिबन एक्सप्रेस का प्रवेश

एच.आई.वी.-एडस के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से नई दिल्ली से शुरु हुई रेड रिबन एक्सप्रेस 11 दिसम्बर को मध्यप्रदेश में सबसे पहले गुना में प्रवेश करेगी। रेड रिबन एक्सप्रेस प्रदेश के ग्यारह शहरों के रेल्वे स्टेशन पर रूकेगी। इस विशेष ट्रेन के माध्यम से एडस नियंत्रण कार्यक्रम की विभिन्न गतिविधियों और सेवाओं का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। विगत एक दिसम्बर को विश्व एडस दिवस से प्रारंभ हुई इस विशेष रेल में सात कोच है। पहले तीन कोच में एच.आई.वी.#एडस संबंधी जानकारी देने वाली प्रदर्शनी, चौथे कोच में सभागार, पांचवें कोच में परामर्श एवं चिकित्सा सेवाएं तथा शेष दो कोच में अन्य सुविधाएं रहेगीं।

म.प्र. में रेड रिबन एक्सप्रेस

स्थान

 

दिनांक

 

गुना

 

11 दिसम्बर

 

नागदा

 

12 दिसम्बर

 

रतलाम

 

13 दिसम्बर

 

उज्जैन

 

14 दिसम्बर

 

इन्दौर

 

15 दिसम्बर

 

भोपाल

 

17 दिसम्बर

 

इटारसी

 

19 दिसम्बर

 

न्यू कटनी

 

01 जनवरी

 

जबलपुर

 

04 जनवरी

 

सतना

 

06 जनवरी

 

ग्वालियर

 

16 जनवरी

 

मध्यप्रदेश में रेड रिबन एक्सप्रेस 11 दिसम्बर को गुना, 12 दिसम्बर को नागदा, 13 दिसम्बर को रतलाम, 14 दिसम्बर को उज्जैन, 15 दिसम्बर को इन्दौर, 17 दिसम्बर को भोपाल, 19 दिसम्बर को इटारसी, एक जनवरी को न्यू कटनी, 4 जनवरी को जबलपुर, 6 जनवरी को सतना और 16 जनवरी को ग्वालियर रेल्वे स्टेशन पर आयेगी। भोपाल के हबीबगंज रेल्वे स्टेशन पर 17 दिसम्बर को रेड रिबन एक्सप्रेस का उद्धाटन समारोह होगा। नॉको द्वारा पूरे देश में चलाई जा रही इस विशेष रेल के प्रति लोगों विशेषकर युवाओं को इससे जोड़ा जा रहा है। शासन स्तर से सभी संबंधित विभागों एवं जिलों को निर्देश जारी किये गये है। इन विभागों में उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, खेल एवं युवक कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्कूल शिक्षा आदि शामिल है। इसके साथ ही नेहरू युवा केन्द्र, रेल्वे, क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय, गीत एवं नाटय प्रभाग, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन केन्द्र आदि का भी सहयोग लिया जा रहा है।

रेड रिबन एक्सप्रेस के संचालन एवं समन्वय का कार्य नेहरू युवा केन्द्र करेगा। केन्द्र के छ: ग्रुप होगें, जो सायकिलों के माध्यम से गांवों तक जानकारी पहुँचायेगे। इसके साथ ही बस के माध्यम से भी जिले के गांवों में एच.आई.वी.#एडस से संबंधित जानकारी पहुँचाई जायेगी। केन्द्र की टीमों द्वारा ट्रेन के स्टेशन पर रूकने के साथ ही आसपास के क्षेत्रों में प्रचार-प्रसार संबंधी गतिविधियों के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जायेगी। उल्लेखनीय है कि नॉको द्वारा रेड रिबन एक्सप्रेस देश के 180 जिलों में चलाई जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में एच.आई.वी.-एडस के प्रति जन-जागरूकता लाना है।