बुधवार, 23 नवंबर 2011

मुरैना जिला अभिभाषक संघ का निर्वाचन संपन्न , हरी सिंह सिकरवार फिर बने अध्यक्ष, नई कार्यकारणी गठित

मुरैना जिला अभिभाषक संघ का निर्वाचन संपन्न , हरी सिंह सिकरवार फिर बने अध्यक्ष, नई कार्यकारणी गठित

मुरैना 23 नवम्बर 2011 , आज यहॉं जिला न्यायालय मुरैना में संपन्न जिला अभिभाषक संघ (District Bar Association- Morena) के चुनावों में बेहद कड़ी स्पर्धा में हरी सिंह सिकरवार पुन: तीसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित हो गये हैं , इसके साथ ही पूरी कार्यकारणी का नव निर्वाचन हुआ है विजयी प्रत्याशीयों की सूची इस प्रकार है - हरी सिंह सिकरवार एडवोकेट - अध्‍यक्ष (तीसरी बार) , रामभरोसी पचोरी एडवोकेट- उपाध्यक्ष, महेन्द्र कुमार अग्रवाल एडवोकेट- सचिव, प्रदीप जैन एडवोकेट- कोषाध्यक्ष, दीपक बाबू शुक्ला एडवोकेट- सह सचिव, राजेन्द्र गुप्ता एडवोकेट- लाइब्रेरियन .... ग्वालि‍यर टाइम्स परि‍वार सभी विजयी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई देता है

गुरुवार, 17 नवंबर 2011

फर्जी व झूठे गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर छपने या दिखाने से पहले लगेगी रोक, पहले सरकार करेगी जॉंच तब छपेगा या दिखेगा विज्ञापन

भ्रामक विज्ञापनों के मुद्दे पर गौर करने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन

बड़ी संख्‍या में उपभोक्‍ताओं की शिकायतों के मद्देनज़र सरकार झूठे और भ्रामक विज्ञापनों की प्रभावी तरीके से जांच करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन पर विचार कर रही है। भारत की विज्ञापन मानक परिषद द्वारा 'विज्ञापन की विषय वस्‍तु के स्‍वविनियमन सुदृढ़ीकरण' पर आयोजित एक सम्‍मेलन में प्रमुख भाषण देते हुए उपभोक्‍ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रो. के.वी. थॉमस ने यह बात कही।। भ्रामक विज्ञापनों के बार में श्री थॉमस ने कहा कि ऐसे विज्ञापनों को छपने से पहले ही रोकने की ज़रूरत है ताकि यह मासूम उपभोक्‍ताओं को हानि न पहुंचा सकें। इसके लिए मौजूदा कानूनों को कारगर बनाने और स्‍व विनियामक तंत्र को सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत है।

उन्‍होंने कहा कि बेशक उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, उपभोक्‍ताओं को गलत व्‍यापार कार्यों से सुरक्षा प्रदान करता है और भ्रामक विज्ञापनों के बारे में उपभोक्‍ता अदालतों ने काफी बढि़या निर्णय भी लिए हैं लेकिन उनके पास विज्ञापनों के निरीक्षण का अधिकार नहीं है और न हीं उनके पास कोई जांच एजेंसी है। वह झूठे और भ्रामक विज्ञापनों के लिए उपभोक्‍ताओं को मुआवज़ा तो दिला सकती हैं लेकिन ऐसे विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए कोई मशीनरी नहीं है। इनके पास सुधारात्‍मक विज्ञापनों के लिए निर्देश जारी करने का अधिकर है लेकिन यह निर्देश तभी प्रभावी हो सकते हैं जब यह सामने आने के तुरंत बाद ही जारी हों।

इस सिलसिले में उन्‍होंने कुछ मुकदमों के उदाहरण दिए और कहा कि फैसले में देरी के कारण लोग भ्रामक विज्ञापनों के बुरे परिणामों से नहीं बच पाए।

श्री थॅामस ने कहा कि इस क्षेत्र में हम सब को मिलकर काम करने की ज़रूरत है ताकि उपभोक्‍ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

ग्वालियर चम्‍बल में चुनावों की जोशगर्मी शुरू, कांग्रेस का खिसका मजबूत खंब और बसपा ने लपका

ग्वालियर चम्‍बल में चुनावों की जोशगर्मी शुरू, कांग्रेस का खिसका मजबूत खंब और बसपा ने लपका
मुरैना डायरी
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
 
भाजपा में सवैया खिवैया और चौथाईये पौने का खेल
ग्वालियर के आनंद नगर में हुये कांग्रेस भाजपा संग्राम के ही बहाने सही राजनीति के समीकरण और कांग्रेस भाजपा के अगले विधानसभा चुनावों में रणनीतिक खुलासों पर तो खुल कर बहस शुरू हो ही गयी है , तकरीबन परिदृश्य साफ सा हो गया है कि म.प्र. और विशेषकर ग्वालियर चम्बल संभाग में क्या राजनीतिक खेल होना है । ग्वालियर चम्बल संभाग जहॉं सवर्ण बाहुल्य क्षेत्र हैं तो वहीं चम्बल संभाग विशुद्ध राजपूत क्षेत्र है ।
ग्वालियर चम्बल की राजनीति की राजधानी और राजनीति का केन्द्र इस समय मुरैना लोकसभा और मुरैना जिला की दिमनी विधानसभा सीटों में समाहित है जहॉं से भाजपा के दिग्गज और धुरंधर नेता नरेन्द्र सिंह तोमर इस राजनीति कर रहे हैं , इस समय ग्वालियर चम्बल की राजनीति की यह राजधानी नरेन्द्र सिंह तोमर के पूरी तरह कब्जे में हैं जहॉं नरेन्द्र सिंह तोमर इस समय भाजपा के मुरैना से खुद सांसद हैं और उनके अंधे अनुयायी शिवमंगल सिंह तोमर दिमनी विधानसभा से भाजपा विधायक हैं ।
चूंकि अम्बाह विधानसभा, दिमनी विधानसभा और गोहद विधानसभा तीनों ही तोमर राजपूत बाहुल्य क्षेत्र हैं वहीं मुरेना लोकसभा पूरी तरह राजपूत बाहुल्य क्षेत्र और उसमें भी तोमर राजपूतों की बाहुल्यता के चलते नरेन्द्र सिंह तोमर एक पुख्ता जमीन पर जड़ें टिका कर राष्ट्रीय राजनीति में टिके हुये हैं ।
नरेन्द्र सिंह तोमर का भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा से गुणा भाग ठीक ठाक नहीं जम पा रहा यह बात तो काफी समय से लोग जानते हैं किन्तु ग्वालियर की आनंद नगर की घटना के बाद यह बात खुलकर सामने आ गयी और कानाफूसी के दौर चालू हो ही गये। जहॉं प्रभात झा नरेन्द्र सिंह तोमर के धुर विरोधियों को आगे बढ़ाने में लगे हुये हैं वहीं नरेन्द्र सिंह तोमर के समर्थकों को साथ ही दरकिनार भी कर रहे हैं ।
ग्वालियर चम्बल में ठाकुरवाद ब्राह्मणवाद लंबे समय से एक गहरा जहरीला दंश रहा है जो अब भाजपा में खुल कर नजर आने लगा है ।
लगभग यह साफ है कि अगले चुनावों में प्रभात झा के रहते नरेन्द्र सिंह तोमर की इच्छा के मुताबिक भाजपा का टिकिट वितरण नहीं होगा । और अंचल में नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा बिछायी गयी राजनीतिक बिसात को प्रभात झा पूरी तरह पलट देने की तैयारी में है ।
दूसरी ओर कांग्रेस की असल हालत भी ग्वालियर काण्ड के बहाने खुल कर सामने आ गयी है, चूंकि कांग्रेस ने ग्वालियर चम्बल अंचल पूरी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया के हवाले कर रखा है और सिंधिया पिछड़े वर्ग की राजनीति तक ही सीमित हैं ऐसी सूरत में यदि केवल प्रद्युम्न सिंह तोमर को छोड़ दिया जाये तो सिंधिया के पास पूरे ग्वालियर चम्बल अंचल में केवल शून्य शेष बचता है । प्रद्युम्न सिंह तोमर भी तोमर होने के कारण चुनाव जीते यह बात किसी से छिपी नहीं है वहीं प्रद्युम्न की जीत में नरेन्द्र सिंह तोमर का भी बहुत बड़ा योगदान होने का आरोप भाजपा के अन्य नेता जयभान सिंह पवैया द्वारा लगाया जाता रहा है ।
कांग्रेस के अय धड़े अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह गुट इस समय पूरी चम्बल में शांत और निष्क्रिय हैं , ग्वालियर घटनाक्रम के बाद भी अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह गुट के नेताओं का न तो कोई बयान जारी हुआ और न आंदोलन में ही कहीं नजर आये जिसका मतलब व संदेश एकदम साफ है कि ग्वालियर चम्बल की राजनीति का ध्रुव अगले चुनावों में भी नरेन्द्र सिंह तोमर के ही आसपास केन्द्रित रहेगा और ग्वालियर चम्बल क्षेत्र नरेन्द्र सिंह तोमर की ही बिछायी गयी बिसात के तहत राजनीति में अपनी भूमिका अदा करेगा ।
खिसक गया कांग्रेस का मजबूत स्तंभ , लपक लिया बसपा ने
कांग्रेस के कद्दावर और दमदार राजपूत नेता निरंजन सिंह सिकरवार अभी चंद रोज पहले बसपा का एक बड़ा सम्मेलन करा कर बसपा में शामिल हो गये हैं । निरंजन सिंह सिकरवार मुरैना जिला की सुमावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खांड़ोली के रहने वाले हैं । जाहिर है कि बसपा के सुमावली विधानसभा से अगले प्रत्याशी निरंजन सिंह सिकरवार ही होंगें । सुमावली विधानसभा में गुर्जर राजपूत व काछी कुशवाहा और ब्राह्मण समाज के लोगों का बाहुल्य व जातीय संतुलन है, यहॉं से वर्तमान में ऐदल सिंह कंसाना कांग्रेस से विधायक हैं । सुनने में आया है कि ऐदल सिंह कंसाना अगला चुनाव सुमावली से लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और वे मुरैना विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं , मुरैना विधानसभा में इस समय परशुराम मुदगल बसपा से विधायक हैं , वहीं भाजपा से पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह दोबारा लड़ने के इच्छुक हैं !
तय होने लगे दिमनी पर भी राजनीतिक समीकरण
अंदर से छनकर आ रही खबरों के मुमाबिक दिमनी विधानसभा पर अगले विधानसभा चुनावों में अपना प्रत्याशी बदलने जा रही है , गुपचुप चल रहे अंदरूनी सर्वे और रिपोर्टो में दिमनी विधानसभा पर भाजपा अरूण सिंह तोमर और रविन्द्र सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाने और उनकी विजय की संभावनायें टटोल रही है ।
कांग्रेस का जारी है गोपनीय सर्वे, बदल सकते है मध्यप्रदेश कांग्रेस के पदाधकिारी
ग्वालियर चम्बल अंचल में राहुल गांधी के अति गोपनीय व खास निर्देशों पर कांग्रेस का अति गोपनीय व खास सर्वे बहुत ही उच्च स्तर के लोगों द्वारा पिछले 20 -25 दिन से जारी है । ग्वालियर अंचल की छन कर आयी कुछ गुप्त रिपोर्टो के मुताबिक कांग्रेस की सूबे में हालत बहुत खस्ता होने की चौंकाने वाली जानकारी उभर रही है वहीं चम्बल अंचल में कांग्रेस की उपस्थित या प्रभाव तकरीबन शून्य बनकर उभर रहा है फिलवक्त सर्वे जारी है सो अधिक तो कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन यह जाहिर है कि जो चौंकाने वाली रिपोर्टें निकल उभर कर सामने आती जा रहीं हैं उससे कांग्रेस आला कमान सन्नाटे में हैं और इस सर्वे के बाद संभव है कि कांग्रेस में बहुत बड़ा फेरबदल हो और ग्वालियर चम्बल क्षेत्र सिंधिया से छीन लिया जाये या मध्‍यप्रदेश कांग्रेस में ही बहुत बड़ा फेरबदल किया जाये । हालांकि अभी कुछ कहना जल्दबाजी ही है । 
 

शनिवार, 12 नवंबर 2011

कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि मनोज पाल सिंह ने दिया लोकायुक्त को म.प्र. के खनिज घोटाले पर शिकायती शपथ पत्र, मामला दर्ज करने की मांग

विशेष प्रतिनिधि, भोपाल जिला पंचायत मुरैना के सदस्य तथा कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त में शपथ पत्र प्रस्तुत कर जबलपुर जिले की सीहोरा तहसील के ग्राम झींटी में मंत्रियों तथा अधिकारियों की मिली भगत से लगभग 600 करोड़ रुपए के अवैध उत्खनन का आरोप लगाया है और पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल की ओर से इस मामले को न्यायालय भी ले जाया गया है और कांग्रेस नेताओं ने श्यामला हिल्स थाने जाकर इसे लेकर एफआईआर दर्ज कराने की भी कोशिश की थी। पुलिस ने कांग्रेस को सूचित किया है कि यह पुलिस के अहस्तक्षेप योग्य मामला है। मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त को की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि ग्राम झींटी में जिन चार कंपनियों मेसर्स पेसिफिक एक्सपोर्ट कंपनी कटनी, नरसिंह माइंस कटनी, मायाराम सिंह ग्वालियर और निवेदन भारद्वाज को खनिज का दोहन करने के लिए लौह अयस्क की खदानें स्वीकृत की गई, उसमें नियमों का पालन नहीं किया गया और आंख मूंद कर कार्यवाही की गई। इसके बाद अवैध उत्खनन की शिकायत सांसद उदय प्रताप सिंह, विधायक आरिफ अकील तथा उपनेता प्रतिपक्ष विधानसभा चौधरी राकेश सिंह द्वारा की गई। इन शिकायतों की जांच के लिए एसके मंडल कार्यपालक संचालक के नेतृत्व में जांच दल गठित किया गया, जिसने जांच में शिकायत सही पाई गई। मौके पर अवैध उत्खनन तथा आदिवासियों की जमीन का उपयोग होना जांच दल द्वारा प्रमाणित किया गया। शिकायत में कहा गया है कि पट्टा अवैधानिक तरीके से देने, अवैध उत्खनन प्रमाणित होने तथा इसमें अधिकारियों की सांठगांठ साबित होने के बाद भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त से दस्तावेजों का अवलोकन कर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं अवैध कृत्यों के लिए कानूनी कार्रवाई की मांग की है। स्कूलों में सुनाया गया प्रधानमंत्री का पत्र भोपाल। प्रदेश की सभी शासकीय शालाओं में शुक्रवार को प्रधानमंत्री का पत्र सुनाया गया। शिक्षा के हक नाम से जारी पत्र में बच्चों को शिक्षा के अधिकार के संबंध में बताया गया है। पत्र में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार कानून बन चुका है। शिक्षा पाने का सभी बच्चों का कानूनी अधिकार है।




शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

उ.प्र. चुनाव के पहले हो सकता है चम्बल प्रदेश का गठन : चौबे

उ.प्र. चुनाव के पहले हो सकता है चम्बल प्रदेश का गठन : चौबे
चम्बल घाटी की जनता तैयार रहे प्रदेश गठन के लिए
राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के संयोजक नरसिंह कुमार चौबे ने कहा है कि पृथक चम्बल प्रदेश की मांग एक ऐसी जनकल्याणकारी लौ में परिवर्तित हो गई है कि चम्बलांचल के निवासियों में आत्मविश्वास का एक ऐसा अनौखा प्रकाश भर गया है जो अपने आपमें एक मिशाल है, आज के परिवेश में चम्बल की वादियों में रहने वाले लोग उस उक्त का बड़ी बेसब्री से इंजतार कर रहें हैं। ऐसा लगता है कि उनकी व्याकुल और उत्साहित नजरें प्रदेश गठन को पूर्ण होने को देखने के लिए बैचेन हैं। जनता हमसे हर जगह केवल एक ही बात पूछ रही हे कि उनके पृथक चम्बल प्रदेश गठन में अब क्या देरी है।  विकास का सूरज कब चमकेगा यहां के तमाम संसाधनों का उपयोग इनके विकास में होगा, मन में भाईचार और प्यार की अनुभूति होगी। लोगों के दिल खुशियों से लबरेज होंगे तथा पूरे क्षेत्र में कहीं भी बन्दूकों की भूमिका नहीं होगी। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि उ.प्र. के आगामी चुनाव के पहले हो सकता है पृथक प्रदेश का गठन, चम्बल घाटी की जनता तैयार रहे पृथक प्रदेश गठन के के लिए।
चौबे ने यह विचार पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के समर्थन में चलाए जा रहे चम्बल रथ यात्रा हस्ताक्षर अभियान के दौरान नगर एवं देहात में जनसमुदायों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि चम्बल घाटी विकास से कोसों दूर, उ.प्र. लखनऊ से, म.प्र. भोपाल से, राजस्थान जयपुर से बिहड़ी बाहुल्य सीमा वर्ती ऐसे जिले हैं, जो कि तीन-तीन प्रदेशों में बंटे होने के कारण राय और केन्द्र सरकार की लाखों, करोड़ों, अरबों की जन कल्याणकारी योजनाएं आती रहीं है, औ्रर सीमावर्ती जिले होने के कारण दम तोड़ती रहीं, जिसमें न उस पार के लोगों को कोई लाभ मिला और न ही इस पार के लोगों को, इसलिए म.प्र. मालवा से चली चम्बल चम्बलांचल में हुई कलंकित।
चौबे ने कहा है कि पृथक चम्बल प्रदेश की ऐसी जनकल्याणी मांग है, चम्बलांचल में पृथक प्रदेश गठन से ही होगा विकास। अभी तक एक प्रदेश को विभाजन करके प्रदेश गठन होते रहें हैं। चाहे छत्तीसगढ़ हो या उत्तराखण्ड, झारखण्ड हो या तेलंगाना या विदर्भ की मांग चल रही हो। यह सभी एक ही राय के टुकड़े होकर पृथक प्रदेश गठन होते रहे हैं। पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग एक ऐसी जन कल्याणकारी मांग है जिसमें सीमावर्ती 21 जिलों को मिलाकर पृथक प्रदेश गठन की मांग की गई है। जिसमें उ.प्र. से आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरा, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी तथा ललितपुर, म.प्र. से गुना, शिवपुरी, अशोक नगर, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और भिण्ड, राजिस्थान से धौलपुर, सवाई माधौपुर, कोटा, बारा, झालावाद, पृथक चम्बल प्रदेश में सम्मलित किए गए हैं।
 चौबे ने संबोधित करते हुए कहा कि हस्ताक्षर अभियान से कोई भी वंचित नहीं रहेगा। राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी द्वारा चम्बलांचल की समस्याओं एवं निदान के मुख्य बिन्दुओं को लेकर राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी 27 दिसम्बर 1999 से पृथक चम्बल प्रदेश गठन एवं पचनदा बांध के निर्माण की मांग के समर्थन में चम्बल रथ यात्रा, हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। अब केन्द्र सरकार ने 25 अक्टूबर 1983 की पचनदा परियोजना को अब 60 करोड़ रुपए देकर मांग को मान लिया है। अब पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के समर्थन में चम्बल रथ यात्रा हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है, एक करोड़ हस्ताक्षर का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें 60 लाख हस्ताक्षर हो चुके हैं शेष 40 लाख हस्ताक्षर पूर्ण होने पर दिल्ली जाकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिया जाएगा। चम्बलांचल की जनता तैयार रहे, इस अभियान की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को आगे आना होगा।

पांच खदानों की लीज निरस्त करने से 'अवैध खनन का पाप' नहीं धुलेगा

पांच खदानों की लीज निरस्त करने से 'अवैध खनन का पाप' नहीं धुलेगा
सरकार आरोपी मंत्रियों और खनिज ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई का साहस दिखाए : मानक अग्रवाल
 
भोपाल 11 नवम्बर । प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील की पांच खदानों की लीज निरस्त किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार के मंत्रियों और वन तथा खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश में खनिज संपदा का जो भारी मात्रा में अवैध दोहन हो रहा है अब वह बहुत बड़े पाप की शक्ल अख्त्यार कर चुका है। बेमन से केवल पांच खदानों की लीज निरस्त करने से यह बड़ा पाप धुलने वाला नहीं है। यदि भाजपा सरकार वास्तव में प्रदेश को खनिज के मामले में कंगाल होने से बचाना चाहती है, तो अवैध खनन के आरोपी मंत्रियों, खनिज ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल आपराधिक प्रकरण दर्ज करके निष्पक्ष एजेंसी से अवैध खनन के सभी घोटालों की जांच कराई जाए। अवैध खनन को लेकर जिन मंत्रियों के नाम उजागर हो चुके हैं, उन्हें तत्काल मंत्री पद से हटाया जाए और इस गोरख धंधे में संलिप्त अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।
अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस ने सीहोरा तहसील की खदानों के अवैध खनन को लेकर पिछली 14 अक्टूबर को भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में एफआईआर और 19 अक्टूबर को न्यायालय में परिवाद दायर किया था। कांग्रेस द्वारा की गई इस कार्यवाही के बाद ही राज्य सरकार जागी है और उसने बेल्लारी से बड़े खनिज घोटाले की गंभीरता की तरफ से ध्यान हटाने के लिए पांच खदानों की लीज निरस्त करने का नाटक किया है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि इस समय प्रदेश में जहां-जहां भी खनिज संपदा बची है-वहां-वहां बड़े पैमाने पर मंत्रियों और सरकारी अफसरों के संरक्षण में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है। इस तरह प्रदेश को खनिज रहित बनाने का बड़ा षडयंत्र सरकार के संरक्षण में चल रहा है। आपने मांग की है कि सतना जिले के उंचेहरा और नागौद क्षेत्र में अवैध खनन के संबंध में खनिज संसाधन राज्यमंत्री राजेन्द्र मिश्रा और लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्रसिंह की ओर शक की सुई घूम रही है, इसलिए इन दोनों को मंत्री पद से तत्काल हटाया जाए, जिससे कि घोटालाें की निष्पक्ष जांच संभव हो सके।

ग्वालियर में प्रभात झा की शह पर भाजपाइयों ने की कांग्रेसियों के साथ मारपीट

ग्वालियर में प्रभात झा की शह पर भाजपाइयों ने की कांग्रेसियों के साथ मारपीट
 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूरिया द्वारा भाजपाई गुण्डागर्दी की कड़ी निंदा
भोपाल 11 नवम्बर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने आज ग्वालियर नगर निगम के कार्यक्रम के दौरान नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष शम्मी शर्मा सहित कांग्रेसियों के साथ भाजपाइयों द्वारा की गई मारपीट की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इन दिनों भाजपा सरकार के मुख्य मंत्री एवं कई मंत्रीगण गंभीर आर्थिक अपराधों से घिर गए हैं। नित नये घोटाले उजागर हो रहे हैं। इससे भाजपा के नेता और कार्यकर्ता बुरी तरह बौखला उठे हैं। ग्वालियर में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा और ग्वालियर नगर निगम की महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता की मौजूदगी में कांग्रेसियों के साथ भाजपाइयों द्वारा आज हुई पिटाई की घटना इसी बौखलाहट की प्रतिक्रिया है। आपने कहा है कि भाजपा ने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसको आरोपों की ऐसी बाढ़ का सामना करना पड़ेगा। प्रदेश में स्थितियां तेजी से भाजपा और उसकी सरकार के खिलाफ होती जा रही हैं। प्रभात झा इससे उपजी खीज को कांग्रेसियों के साथ मारपीट के जरिए निकाल रहे हैं।
भूरिया ने कहा है कि आज नगर निगम, ग्वालियर ने ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र में निर्माण कार्यों का भूमि पूजन रखा था। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष भूमि पूजन करने पहुंचे थे। जिस वार्ड में यह कार्यक्रम आयोजित था वह विधान सभा क्षेत्र और वार्ड कांग्रेस के कब्जे में है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक को नगर निगम द्वारा आमंत्रित नहीं किया गया था, जबकि यह कार्यक्रम उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र में हो रहा था। कांग्रेस विधायक और कांग्रेस की वार्ड पार्षद के प्रति नगर निगम द्वारा बरती गई उपेक्षा से कांग्रेसजनों में भारी आक्रोश था। कांग्रेस पार्षद सुषमा चौहान को बताया गया था कि चूंकि कार्यक्रम उनके वार्ड में हो रहा है, इसलिए कार्यक्रम का संचालन वे करेंगी। लेकिन प्रभात झा और महापौर समीक्षा गुप्ता के मंच पर पहुंचने के बाद माईक भाजपा के व्यक्ति को सौंप दिया गया। कांग्रेस विधायक, पार्षदों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसका कड़ा विरोध किया। इस बीच अचानक भाजपा कार्यकर्ताओं ने वार्ड पार्षद सुषमा चौहान को धक्का देकर गिरा दिया। इससे कांग्रेस कार्यकर्ता भी उत्तेजित हो गए और मांग करने लगे कि यह कार्यक्रम नगर निगम का है एवं कांग्रेस विधायक और कांग्रेस पार्षद के क्षेत्र में हो रहा है, इसलिए प्रमुख कांग्रेस नेताओं को भी मंच पर स्थान दिया जाए। तब तक प्रभात झा और महापौर सहित       12 भाजपा नेता मंच पर बैठ चुके थे।
प्रदेशाध्यक्ष ने आगे कहा है कि इसी बीच ''मारो सालाें को'' कहते हुए भाजपा के लोग अचानक कांग्रेसियों पर टूट पड़े। उन्होंने कांग्रेसियों के साथ धक्का मुक्की और मारपीट की। आपने आरोप लगाया है कि भाजपा नेताओं के इशारे पर पुलिस वालों ने भी कांग्रेस कार्यकर्ताआें पर कुर्सियां फेंकी और उनको कई प्रकार से अपमानित किया। भाजपाइयों द्वारा की गई निर्मम मारपीट और पुलिस वालों द्वारा कांग्रेसियों पर कुर्सियां फेंकने के कारण पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल, नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शम्मी शर्मा और जिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष दर्शनसिंह यादव सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए। इस घटना के विरोध में 500-600 कांग्रेसियों ने पुलिस की गुण्डागर्दी के विरोध में थाने पर जबर्दस्त प्रदर्शन किया। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा के इशारे पर ग्वालियर विधान सभा क्षेत्र के कांग्रेस विद्यायक प्रद्युमनसिंह तोमर सहित करीब 50 कांग्रेसजनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि गिरफ्तारी भाजपा के उन नेताओं और कार्यकर्ताओं की होना चाहिए थी, जिन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान कांग्रेसजनों के साथ मारपीट और महिलाओं के साथ बदसलूकी की। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां और उनके द्वारा धरना-प्रदर्शन अभी जारी है।
भूरिया ने चेतावनी दी हे कि कांग्रेस कार्यकर्ता एक अनुशासित पार्टी के लोग हैं। वे शांति और अनुशासन में विश्वास करते हैं। भाजपा को अपने कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रखना चाहिए, अन्यथा कांग्रेस को भी उन्हींके सिक्कों में भुगतान करने के लिए विवश होना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में सारी जवाबदारी भाजपा और उसकी सरकार की होगी। आपने दोषियाें के विरूद्व कार्रवाई की मांग की है।