उ.प्र. चुनाव के पहले हो सकता है चम्बल प्रदेश का गठन : चौबे
चम्बल घाटी की जनता तैयार रहे प्रदेश गठन के लिए
राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के संयोजक नरसिंह कुमार चौबे ने कहा है कि पृथक चम्बल प्रदेश की मांग एक ऐसी जनकल्याणकारी लौ में परिवर्तित हो गई है कि चम्बलांचल के निवासियों में आत्मविश्वास का एक ऐसा अनौखा प्रकाश भर गया है जो अपने आपमें एक मिशाल है, आज के परिवेश में चम्बल की वादियों में रहने वाले लोग उस उक्त का बड़ी बेसब्री से इंजतार कर रहें हैं। ऐसा लगता है कि उनकी व्याकुल और उत्साहित नजरें प्रदेश गठन को पूर्ण होने को देखने के लिए बैचेन हैं। जनता हमसे हर जगह केवल एक ही बात पूछ रही हे कि उनके पृथक चम्बल प्रदेश गठन में अब क्या देरी है। विकास का सूरज कब चमकेगा यहां के तमाम संसाधनों का उपयोग इनके विकास में होगा, मन में भाईचार और प्यार की अनुभूति होगी। लोगों के दिल खुशियों से लबरेज होंगे तथा पूरे क्षेत्र में कहीं भी बन्दूकों की भूमिका नहीं होगी। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि उ.प्र. के आगामी चुनाव के पहले हो सकता है पृथक प्रदेश का गठन, चम्बल घाटी की जनता तैयार रहे पृथक प्रदेश गठन के के लिए।
चौबे ने यह विचार पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के समर्थन में चलाए जा रहे चम्बल रथ यात्रा हस्ताक्षर अभियान के दौरान नगर एवं देहात में जनसमुदायों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि चम्बल घाटी विकास से कोसों दूर, उ.प्र. लखनऊ से, म.प्र. भोपाल से, राजस्थान जयपुर से बिहड़ी बाहुल्य सीमा वर्ती ऐसे जिले हैं, जो कि तीन-तीन प्रदेशों में बंटे होने के कारण राय और केन्द्र सरकार की लाखों, करोड़ों, अरबों की जन कल्याणकारी योजनाएं आती रहीं है, औ्रर सीमावर्ती जिले होने के कारण दम तोड़ती रहीं, जिसमें न उस पार के लोगों को कोई लाभ मिला और न ही इस पार के लोगों को, इसलिए म.प्र. मालवा से चली चम्बल चम्बलांचल में हुई कलंकित।
चौबे ने कहा है कि पृथक चम्बल प्रदेश की ऐसी जनकल्याणी मांग है, चम्बलांचल में पृथक प्रदेश गठन से ही होगा विकास। अभी तक एक प्रदेश को विभाजन करके प्रदेश गठन होते रहें हैं। चाहे छत्तीसगढ़ हो या उत्तराखण्ड, झारखण्ड हो या तेलंगाना या विदर्भ की मांग चल रही हो। यह सभी एक ही राय के टुकड़े होकर पृथक प्रदेश गठन होते रहे हैं। पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग एक ऐसी जन कल्याणकारी मांग है जिसमें सीमावर्ती 21 जिलों को मिलाकर पृथक प्रदेश गठन की मांग की गई है। जिसमें उ.प्र. से आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरा, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी तथा ललितपुर, म.प्र. से गुना, शिवपुरी, अशोक नगर, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और भिण्ड, राजिस्थान से धौलपुर, सवाई माधौपुर, कोटा, बारा, झालावाद, पृथक चम्बल प्रदेश में सम्मलित किए गए हैं।
चौबे ने संबोधित करते हुए कहा कि हस्ताक्षर अभियान से कोई भी वंचित नहीं रहेगा। राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी द्वारा चम्बलांचल की समस्याओं एवं निदान के मुख्य बिन्दुओं को लेकर राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी 27 दिसम्बर 1999 से पृथक चम्बल प्रदेश गठन एवं पचनदा बांध के निर्माण की मांग के समर्थन में चम्बल रथ यात्रा, हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। अब केन्द्र सरकार ने 25 अक्टूबर 1983 की पचनदा परियोजना को अब 60 करोड़ रुपए देकर मांग को मान लिया है। अब पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के समर्थन में चम्बल रथ यात्रा हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है, एक करोड़ हस्ताक्षर का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें 60 लाख हस्ताक्षर हो चुके हैं शेष 40 लाख हस्ताक्षर पूर्ण होने पर दिल्ली जाकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिया जाएगा। चम्बलांचल की जनता तैयार रहे, इस अभियान की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को आगे आना होगा।
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