रविवार, 21 सितंबर 2008

ग्राम यात्रा-1: चम्बल के गाँवों में जान लेवा है भूख, कुपोषण और बीमारी, मरे सैकड़ों बिन भोजन बिन इलाज और दवा के - सरकारी दावे सरासर झूठ

ग्राम यात्रा-1: चम्बल के गाँवों में जान लेवा है भूख, कुपोषण और बीमारी, मरे सैकड़ों बिन भोजन बिन इलाज और दवा के - सरकारी दावे सरासर झूठ

ग्राम यात्रा

ऑंखों देखी विशेष रपट भाग-1

नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''

लेखक ने इस आलेख को लिखने से पूर्व कई गाँवों और ग्राम पंचायतों में रह कर रूक कर सब कुछ ऑंखों से देखा है

यू तो अब काम की व्यस्तता से गाँवों की ओर जाना कम ही हो पाता है, लेकिन सरकारी बिजली कटौती की विशेष कृपा और अपनी ताई के निधन के कारण फिर एक अन्तराल बाद मुझे अपने गाँव जाना पड़ा !

मेरी ताईयों व ताऊओं की संख्या काफी लम्बी है, चूंकि कुटुम्ब व परिवार बड़ा है तो संख्या लम्बी ही होनी है ! किसी जमाने में हमारे इन ताऊ का आसपास के एरिया में बड़ा चलताड़ा था, उनके नाम की तूती बोलती थी और पत्ते भी उनके हुकुम से हिला करते थे !

समय चक्र के चलते गरीबी और लाचारी के साथ मजबूरीयों ने उन्हें कमजोर भी कर दिया और ताई के शोक में शामिल होने जब मैं अपने माता पिता और परिवार के साथ गाँव पहुँचा कुछ हैरत अंगेज व दिल व दिमाग को झकझोर देने वाली बातों ने मेरे अंतस को हिला दिया !

अपने काम के वक्त में मैंने शायद हजारों गरीबों या मजबूरों की मदद की होगी लेंकिन अपने ही परिवार में घटी इस घटना और उसका पृष्ठ वृतान्त सुन कर मेरा हृदय काँप गया ! हालांकि मुझे यह सब वृतान्त कई कारणों से पता नहीं लग पाया, और मैं सोचता रहा कि सारे शासन और प्रशासन को पता है कि मेरा गाँव कहाँ है, और वहाँ सब वैसे ही ठीक ठाक आटोमेटिक ही चल रहा होगा ! इसलिये अत्यधिक निश्चिन्तता और लापरवाही के साथ उदासीनता भी मैंने अपने गाँव और गाँव पंचायत के प्रति बरती !

लेकिन अपनी ताई (गरीब ताई ) की मृत्यु की पूरी दास्तान मैंने सुनी तो न केवल मैं चौंक गया बल्कि मुझे स्वत: ही अन्य लोगों की चिन्ता और परेशानी ने घेर लिया मैंने फिर सारे अपने कार्य छोड़ कर, गाँव और निवासीयों तथा आसपास के गाँवों की पड़ताल और खैर खबर लेना ही उचित समझा !

हालांकि सबसे सब प्रकार की बातें हुयीं, दुख तकलीफ, परेशानीयों की भी सरकारी व्यवस्थाओं और उसके फर्जीवाड़े की करम कहानी ऑंखों देखी, बिजली के हालात वहाँ रहकर वहीं देखे और महसूस किये, छोटी बातों से लेकर बड़ी बातों तक सब पर चर्चायें और विचार विमर्श हुये, राजनीतिक बाते भी हुयीं यानि कुल मिला कर सम्पूर्ण और समग्र यात्रा मेरी स्वर्गवासी ताई ने करवा दी, सबसे मिलवा दिया और सब कुछ ताजा करवा दिया ! सारी स्मृतियां तरोताजा कर ग्राम और पंचायत वासीयों के लिये उम्मीद के कई दिये जल गये, वे सदा ही मुझसे कुछ अधिक ही उम्मीदें रखते आये हैं ! सबने सब कुछ खुल कर कहा ! मैं उन सौभाग्यशालीयों में हूँ जिसे अपने गाँ, कुटुम्ब, परिवार और पंचायत का विशेष आशीष व स्नेह आजीवन प्राप्त होता रहा है, लेकिन अबकी बार मुझे स्वयं ही पर क्रोध आया कि पूरे साल डेढ़ साल बाद गाँव का चक्कर मारा, तब तक वहाँ बहुत कुछ उलट पुलट हो चुका था ! यद्यपि गाँव से सप्ताह या दो सप्ताह में कोई न कोई चक्कर मार ही जाता है, और मैं हल्की फुल्की खैर खबर लेकर अपने काम में जुटा रहता हूँ, अव्वल तो बिजली न रहने का भय रहता है, फिर फटाफट बहुत काम निपटा डालने की जल्दी सो मामूली खैरियत के बाद आगे अधिक चर्चा नहीं करने की इस आदत पर मुझे काफी रंज महसूस हुआ !

खैर किस्सा यूं हैं कि, ताई का निधन (हालांकि वे वृध्द थीं) गरीबी, भूख और बीमारी से हो गया !

मरते मरते ताई भूखीं मर गयीं, न भोजन न पानी ! बीमारी ने जान ली, इलाज चिकित्सा और दवायें नहीं मिलीं ! कई दिन लाचार बीमार और मजबूरी के चलते अभावों में ही तड़प तड़प कर ताई के प्राण निकल गये !

मेरे गाँव से ठीक चार खेत दूर यानि एक दो फर्लांग भर की दूरी पर निकट के ही गाँव में लगभग 30-35 साल पुराना प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र है, और अम्बाह तहसील नामक शहर की दूरी 4 किलो मीटर है यानि सवा कोस की दूरी पर है ! गाँव से लगभग आधा किलोमीटर दूर पहुँच मार्ग यानि पक्की सड़क भी है ! और गाँव में पढ़े लिखे लगभग सभी है यानि 90 फीसदी हैं !

गाँव के अन्य हालात तो इस रपट आलेख के अगले भागों में जिक्र में खुद ब खुद आयेंगें लेकिन खास बात ये है कि गाँव में असल बेहद गरीब परिवार लगभग 60 फीसदी है, और गरीबी रेखा में असल में अंकित परिवार केवल पाँच फीसदी हैं ! गरीबों के पास गरीबी रेखा में नाम लिखाने को पैसे नहीं हैं इसलिये न उनके नाम गरीबी रेखा में हैं, न और न सरकार उन्हें गरीब मानती है, वस्तुत: न उनके पास पहनने को कपड़े हैं, न खाने को रोटी और न रहने को मकान न इलाज या दवा के लिये पैसे !

ताई स्वर्गवासी होकर कई सवाल छोड़ गई, कई यक्ष प्रश्न दे गयी ! ताई की मौत एक किस्सा न बन कर रह जाये, अफसानों में खो न जाये इससे पहले ही ताई कई कथाओं को भी अपने अन्दर समेट ले गयी !

ताई की कहानी में मुंशी प्रेमचन्द की बूढ़ी काकी नामक कहानी की काकी या ताई भी शामिल है तो बागवान फिल्म के अमिताभ बच्चन और हेमामालिनी के बंटवारे का किस्सा भी शामिल है !

और सबसे बड़ी कहानी जो ताई छोड़ गयी वह सरकार की सच्चाई को चीख चीख कर बता गयी ! गरीबी, बीमारी, लाचारी, ग्रामीण जिन्दगी तथा जीवन मृत्यु के दरम्यां झेलते भारतीय जीवन और गाँवों में वृध्दों की दशा एवं खोखले सरकारी तमाशे का रंगमंच दिखा गयी !

इसके बाद कई ताईयों और ताऊओं से मिला, लगभग सबकी एक ही कहानी बस एक सी ही जिन्दगी और एक सी लाचारी, एक सी बीमारी, एक सा दुख ! कहीं कुछ भी फर्क नहीं , बस ताई चली गयी और वे अपने जाने की बाट जोह रहे हैं, न सरकार से उम्मीद न कोई शिकवा, मुकद्दर के लेख को ही सरकार माने बैठे लोगों को यह पता ही नहीं कि उन्हें क्या मदद कहाँ से और कैसे मिल सकती है, अधिकारी बने बैठे लोकसेवकों से सेवा कैसे ले सकते हैं ! शिकायत किसकी और कहाँ कर सकते हैं !

संयोगवश यूं ही अपनी आदत के चलते मैं कुछ सरकारी किताबें '' आगे आयें लाभ उठायें'' इस किताब में सरकारी योजनायें और उनसे फायदे उठाने के तरीके दिये हैं, और म.प्र. में शिवराज सिंह द्वारा अब तक आयोजित विभिन्न पंचायतों का विवरण देने वाली किताबों की पाँच छह प्रतियां यह सोच कर ले गया था, कि जो भी जरूरतमन्द होंगें मैं उनमें यह किताबे बाँट दूंगा !

लेकिन किताबों को देखते ही वहाँ मारामार शुरू हो गयी किताबे कम थीं और जरूरतमन्द ज्यादा सो सब उलझ पड़े कि यह उसे मिल जायें ! मैं उलझन में था कि ऐसी अवस्था में क्या किया जाये, फिर मैंने वैकल्पिक व्यवस्था कि भई कुछ लोग जो सबसे ज्यादा जरूरत मन्द हैं और जो दूसरों को भी रास्ता बतायें तथा दूसरों का भी भला करते हों वे लोग एक एक किताब ले लो ! बाद बकाया को मैं जब फिर आऊंगा तो सबको दूंगा ! अगर ऐसे बाँटी जाये तो दस बीस हजार किताबे तो अकेले मेरी पंचायत में ही बँट जायेंगीं और मेरे पास थीं ही कुल दस दस किताबे उनमें से आधी मैं पहले ही कहीं और दूसरे गाँव वालों को बाँट आया था, बची हुयी इधर ले आया था ! जैसे तैसे किसी को पंचायतों की किसी को आगे आये लाभ उठायें दे कर बकाया आश्वासन देकर मैंने अपना पिण्ड छुटाया !

लोग किताबे देख कर आश्चर्यचकित थे, उनमें लिखीं योजनाओं और जानकारीयों को पढ़ जान कर विस्फारित थे (बात केवल आठ दिन पुरानी है) !  उन्हें अभी तक पता ही नहीं था कि कौनसी योजनायें सरकार चला रही है, और उनसे कैसे फायदा उठाया जाता है ! सरकार क्या क्या उनके हित के फैसले ले रही है, क्या क्या घोषणायें कर रही हैं ! अब जब उन्हें बुनियादी जानकारी ही नहीं है, तो सोचने वाली बात है कि फिर वे फायदा कैसे उठा सकते हैं, कैसे उसकी मानीटरिंग कर सकते हैं ! कैसा लोकतंत्र, कैसा आम आदमी का राज कैसी गरीब की सरकार ?

गाँव में अखबार आजादी के 62 साल गुजरने के बाद भी आज तक नहीं पहुँचते, गाँव तो छोड़िये, ग्राम पंचायत तक नहीं पहुँचते ! गाँवों में बिजली है ही नहीं सो टी.वी कबाड़खानों या भुस रखने की जगह यानि भुसेरों में पड़ें चूहों के बिल में तब्दील हो गये हैं यानि गांवों में अब टी.वी नहीं देखा जाता !  अब बताओं कि संचार व सूचना से शून्य होकर सत्ररहवीं अठारहवीं शताब्दी के इन गाँव को को विकास की परिभाषा और आयाम आज तक छू ही नहीं सके !

गाँव वाले बताते हैं सूचना का अधिकार कभी किसी के मुँह सुना तो हैं पर पता नहीं ये क्या होता है, हमें नहीं पता इसका क्या फायदा है, हमें नहीं मालुम हमारी पंचायत में कौनसी योजनायें चल रहीं हैं, पंच और सरपंचों को भी नहीं मालुम , वे भी कुछ नहीं बताते ! क्या हमारे गाँव में भी सूचना का अधिकार चलता है, चलता है तो यह क्या होता है इसमें कितना अनुदान मिलता है, भैंस के लिये मिलता है कि बीज के लिये ! क्या सूचना का अधिकार योजना हमारी पंचायत में भी चलती है, चलती है तो इसका फार्म कैसे भरेगा और कित्ते पैसे मिलेंगें ! वगैरह वगैरह !

मैंने पूछा रोजगार गारण्टी योजना कैसी चल रही है ? गाँव वाले बोले ये कहाँ चलती है, दिल्ली या भोपाल में होगी ! जाको झां कितऊं अतो पतो नानें (इसका यहाँ कोई अता पता नहीं है) मैंने कहा अरे भई किसी के जॉब कार्ड तो बने होंगें, किसी को रोजगार तो मिला होगा ! गाँव वाले बोले जब झां चलिई नाने रई तो का बतामें (जब यहाँ चल ही नहीं रही तो फिर क्या बतायें) मैंने कहा कि पंचायत सचिव आपको कुछ नहीं बताता, कोई आपके यहां सर्वे करने नहीं आया !

ग्रामीणों ने उत्तर दिया कि सेकेटटरी भजाय देतु हैं (सेक्रेट्री भगा देता है) झां कैसीऊ कोऊ वर्वे फर्वे नाने भई, भईअऊ होगी तो वैंसेई फर्जी भलेईं कर लई होगी के फिर जिनने (कुछ लोगों के नाम लेते हैं) फर्जी लिखवाय डारें होंगें जेई सारे दलाल हैं सिग गाम को पैसा मिल जुल के खाय जातें !

मैंने पूछा कि रोजगार गारण्टी का कोई काम यहाँ चल रहा है क्या ? या कभी चला है क्या ? ग्रामीणों ने कहा नानें झां ना कभऊं चलो ना चल रहो !

 

क्रमश: अगले अंक में जारी .........                                    

 

दरगाह ख्वाजा खानून साहेब पर रोजा अफ्तार का आयोजन

दरगाह ख्वाजा खानून साहेब पर रोजा अफ्तार का आयोजन

ग्वालिरयर 19 सितम्बर 08। रमजान के मुबारिक माह मे ख्वाजा साहिब शिक्षा कल्याण समिति के तत्वाधान मे आज यहां दरगाह के सभाखाने में रोजा अफ्तार का विशेष आयोजन किया गया। कार्यक्रम की सदारत जनाब ख्वाजा राशिद खानूनी सज्जादानशीन दरगाह ख्वाजा खानून ने की।

       समिति के सचिव डॉ एजाज खानूनी ने बताया कि दरगाह में मदरसा भी संचालित है। इस मदरसा में अध्यनरत बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। साथ ही पुस्तकें एवं भोजन भी नि:शुल्क प्रदाय किये जाते हैं। आज मदरसा के बच्चों को नि:शुल्क पोशाकें वितरित की गई।

       इस अवसर पर ख्वाजा राशिद खानूनी (अध्यक्ष), डॉ. एजाज खानूनी(सचिव) , श्री रामबाबू कटारे(उपाध्यक्ष), श्रीमती नोजते बेगम, श्री नीरेश कुमार जैन, बैजला विडसन, मिन्हाजखां साहब, सज्जादखां अफरीदी, जनाब काजी तनवीर साहब, शाकिब खानूनी साहब, मदरसे मैडम श्रीमती सलीम सुलतान, खिजर मोहम्मद खान, नवाब हुसैन उरमानी, आई. ए. जैदी साहब, काजी तनवीर साहब, कनीज फातिमा, सलीम राजू, सायरा बानो, शहजाद सुततारी साहब, मुन्ना शाह सदर नकीब, मुन्ना बाबा- शाह मदारी तकिया मस्तान शाह बाबा कपूर, बाबा सहरून शाह-तकिया रायरू, सैयद इरफान अली, सईद अब्बासी- अध्यक्ष दरगाह मीरबादशाह साहब।

 

पंचायतों की मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम निर्धारित

पंचायतों की मतदाता सूची तैयार करने का कार्यक्रम निर्धारित

ग्वालियर 19 सितम्बर 08। ऐसी पंचायतें जिनमें  पंच सरपंच जनपद पंचायत सदस्य जिला पंचायत सदस्य के पदों की पूर्ति के लिए उप निर्वाचक होना है उन पंचायतों की मतदाता सूची 1 जनवरी 08 की सन्दर्भ तारीख के आधार पर तैयार करने का कार्यक्रम मप्र. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया गया है।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 अक्टूबर 08 को मतदाता सूची तैयार कराने के लिए कर्मचारियों का चयन एवं अनको प्रशिक्षण दिया जायेगा। 6 अक्टूबर को प्रारंभिक (प्रारूप) मतदाता सूची तैयार की जायेगी। 17 अक्टूबर को मतदाता सूची का मुद्रण किया जायेगा। इसी दिनांक को प्रारंभिक मतदाता सूची के प्रकाशन की तारीख तथा स्थान, जहां मतदाता सूची आम लोगों के निरीक्षण के लिए उपलब्ध रहेगी। 24 अक्टूबर को प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन तथा दावे एवं आपत्तियाँ आमंत्रित करने की औपचारिक सूची जारी की जायेगी तथा दावे आपत्तियां प्राप्त करने का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। एक नवम्बर तक दावे आपत्तियां प्राप्त की जायेगी। 5 नवम्बर तक प्राप्त दावे तथा आपत्तियों का निपटारा किया जायेगा। 6 नवम्बर को ग्राम पंचायतवार अनुपूरक सूचियां तैयार की जायेगी। 8 नवम्बर को अनुपूरक सूचियां का मुदृण तथा अनुपूरक सूचियां मूल(प्रारंभिक) सूचियों के साथ जोड़ने का काम किया जायेगा। 10 नवम्बर 08 से मतदाता सूचियों का अन्तिम प्रकाशन किया जायेगा तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अन्तिम मतदाता सूची के लिए उपलब्ध कराई जायेगी।

 

संभागायुक्त डॉ. सिंह 23 से 26 सितम्बर तक विकास, कानून व्यवस्था एवं चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे

संभागायुक्त डॉ. सिंह 23 से 26 सितम्बर तक विकास, कानून व्यवस्था एवं चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे

 

ग्वालियर 19 सितम्बर 08। संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह 23 सितम्बर से 26 सितम्बर तक संभाग के कलेक्टर, पुलिस अधिकारी एवं राजस्व अधिकारियों की बैठक लेंगें तथा विकास कार्यों, कानून व्यवस्था एवं चुनाव तैयारियों की समीक्षा करेंगे।

       संभागायुक्त कार्यालय से जारी कार्यक्रम के अनुसार डॉ. कोमल सिंह 23 सितम्बर को दोपहर 12 बजे से दो बजे तक शिवपुरी में संभाग के सभी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों की प्रथम बैठक लेंगे। इसी प्रकार शिवपुरी में ही 23 सितम्बर को दोपहर दो बजे से शिवपुरी जिले के राजस्व एवं पुलिस विभाग के अधिकारियों की फील्ड स्टाफ सहित बैठक आयोजित की जायेगी। संभागायुक्त 24 सितम्बर को ग्यारह बजे से स्वास्थ्य प्रबंध संस्थान , सिटी सेंटर ग्वालियर में ग्वालियर जिले के अधिकारियों  की , 25 सितम्बर को दोपहर 12 बजे से गुना में गुना एवं अशोक नगर तथा 26 सितम्बर को दोपहर 12 बजे से दतिया में दतिया जिले के राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक लेंगे।

       प्रथम बैठक 23 सितम्बर को शिवपुरी में संभाग के सभी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक भाग लेंगे। द्वितीय बैठकें उपरोक्तानुसार तिथियों में आयोजित की जायेंगी। जिसमें संबंधित जिले के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के अलावा ए.डी.एम., उप जिला निर्वाचन अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार के साथ पुलिस विभाग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सी.एस.पी., एस.डी.ओ.पी. थाना प्रभारी तथा ग्रामीण विकास से संबंधित जिला एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी भाग लेंगे।

 

मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत 1780 शहरी गरीब आवासहीन परिवार लाभान्वित

मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत 1780 शहरी गरीब आवासहीन परिवार लाभान्वित

ग्वालियर 19 सितम्बर 08। मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत ग्वालियर संभाग की 26 नगरीय निकायों के तहत 1 हजार 780 झुग्गी झोंपड़ियों में निवासरत गरीब शहरी आवासहीन परिवारों को पट्टे प्रदाय किये गये है।

       नगरीय प्रशासन एवं विभाग के संभागीय उपसंचालक से प्राप्त जानकारी के तहत मुख्यमंत्री आश्रय योजना के तहत संभाग के ग्वालियर जिले में 514 आवासहीन परिवारों को, दतिया में 72 परिवारों को, शिवपुरी में 5 सौ, गुना में 394 और अशोक नगर जिले में 112 परिवारों को पट्टे प्रदाय किये गये है।

 

संभाग में पंचम राजस्व अभियान के तहत कुम्हारों के लिए मिट्टी खोदने हेतु 315.138 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की

संभाग में पंचम राजस्व अभियान के तहत कुम्हारों के लिए मिट्टी खोदने हेतु 315.138 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की

ग्वालियर 19 सितम्बर 08। राज्य शासन द्वारा शुरू किये गये पंचम विशेष राजस्व अभियान के तहत ग्वालियर संभाग के 659 ग्रामों में 315.135 हेक्टेयर भूमि कुम्हारों के लिये मिट्टी खोदने हेतु तथा 409 ग्रामों में 435.691 हेक्टेयर भूमि गौशाला के लिये आरक्षित कर 6 हजार 263 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया।

       कार्यालय आयुक्त ग्वालियर संभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 जुलाई से 30 सितम्बर तक संचालित पंचम विशेष राजस्व अभियान के तहत 15 अगस्त तक संभाग में विवादित नामांतरण के 526, विवादित वटंवारे के 285 प्रकरण, अविवादित नामांतरण के 4 हजार 24 प्रकरण, अविवादित बटंवारे के 665 प्रकरण तथा सीमांकन के 759 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

       अभियान के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों से 9 अतिक्रमण हटाकर 2.228 हेक्टेयर भूमि मुक्त करायी गई। संभाग के ग्वालियर जिले में विवादित नामांतरण के 155, विवादित बंटवारे के 31, अविवादित नामांतरण के 1 हजार 84, अविवादित वंटवारे के 62 तथा सीमांकन के 164 प्रकरणों का निराकरण किया गया। शिवपुरी जिले में विवादित नामांतरण के 108, विवादित वटंवारे के 72, अविवादित नामांतरण के 1545, अविवादित वटवारे क 122, सीमांकन के 253 प्रकरण, गुना में विवादित नामांतरण के 111, विवादित बंटवारे के 53, अविवादित नामांतरण के 968, अविवादित बंटवारे के 134 और सीमांकन के 108 प्रकरणों का निराकरण किया गया। दतिया जिले में विवादित नामांतरण के 105, विवादित बंटवारे के 87, अविवादित नामांतरण के 285, प्रकरण अविवादित बंटवारा के 182 और सीमांकन के 170 प्रकरणों का निराकरण किया गया। संभाग के अशोक नगर जिले में विवादित नामांतरण के 47, विवादित बंटवारे के 42, अविवादित नामांतरण के 142 और अविवादित बंटवारे के 169 प्रकरणों का तथा सीमांकन के 64 प्रकरणों का निराकरण किया गया।

 

मुरार एवं डबरा में द्वितीय प्रत्यक्ष सम्पर्क कार्यक्रम आयोजित

मुरार एवं डबरा में द्वितीय प्रत्यक्ष सम्पर्क कार्यक्रम आयोजित

ग्वालियर, 19 सितम्बर 08 ग्रामीण पुस्तकालय एवं संस्कृति केन्द्र के प्रेरकों की कार्य कुशलता बढ़ाने एवं उन्हें अकादमिक रूप से दक्ष करने के उद्देश्य से एक दिवसीय द्वितीय प्रत्यक्ष संपर्क कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । ये कार्यक्रम जिले में संचालित की जा रही दूर शिक्षा से प्रेरक प्रशिक्षण परियोजना के अन्तर्गत जिले के चयनित दो विकास खण्डों मुरार एवं डबरा में 17 एवं 18 सितम्बर को आयोजित किये गये ।

       जिला प्रोंढ़ शिक्षा अधिकारी एवं जिला साक्षरता समिति के सचिव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विकास खण्ड मुरार में 17 सितम्बर को बी.आर.सी.सी.कार्यालय में तथा डबरा में 18 सितम्बर को कम्युनिटी हाल में द्वितीय प्रत्यक्ष सम्पर्क कार्यक्रम आयोजित किये गये । जिसमें परियोजना के अन्तर्गत पंजीबद्व प्रेरक सम्मिलित हुये । म.प्र.राज्य संसाधन केन्द्र इन्दौर से आये श्री प्रभाकर सिंह एवं श्री मनोज लिमये द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित प्रेरकों से दूर शिक्षा से प्रेरक प्रशिक्षण में आ रही कठिनाइयो के बारे में जानकारी प्राप्त कर उपयोगी सुझाव दिये । साथ ही राज्य संसाधन केन्द्र से लाई गई प्रशिक्षण सामग्री भी प्रेरकों को वितरित की गई । इस अवसर पर जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी श्री ए.के.सिंह चौहान, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मुरार श्री एस.के.द्विवेदी एवं डबरा श्री आनन्द प्रकाश तिवारी तथा मुरार के बी.आर.सी.सी.     श्री अनिल कुमार मिश्रा भी उपस्थित थे ।

 

मुरार एवं डबरा में द्वितीय प्रत्यक्ष सम्पर्क कार्यक्रम आयोजित

मुरार एवं डबरा में द्वितीय प्रत्यक्ष सम्पर्क कार्यक्रम आयोजित

ग्वालियर, 19 सितम्बर 08 ग्रामीण पुस्तकालय एवं संस्कृति केन्द्र के प्रेरकों की कार्य कुशलता बढ़ाने एवं उन्हें अकादमिक रूप से दक्ष करने के उद्देश्य से एक दिवसीय द्वितीय प्रत्यक्ष संपर्क कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । ये कार्यक्रम जिले में संचालित की जा रही दूर शिक्षा से प्रेरक प्रशिक्षण परियोजना के अन्तर्गत जिले के चयनित दो विकास खण्डों मुरार एवं डबरा में 17 एवं 18 सितम्बर को आयोजित किये गये ।

       जिला प्रोंढ़ शिक्षा अधिकारी एवं जिला साक्षरता समिति के सचिव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार विकास खण्ड मुरार में 17 सितम्बर को बी.आर.सी.सी.कार्यालय में तथा डबरा में 18 सितम्बर को कम्युनिटी हाल में द्वितीय प्रत्यक्ष सम्पर्क कार्यक्रम आयोजित किये गये । जिसमें परियोजना के अन्तर्गत पंजीबद्व प्रेरक सम्मिलित हुये । म.प्र.राज्य संसाधन केन्द्र इन्दौर से आये श्री प्रभाकर सिंह एवं श्री मनोज लिमये द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया । उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित प्रेरकों से दूर शिक्षा से प्रेरक प्रशिक्षण में आ रही कठिनाइयो के बारे में जानकारी प्राप्त कर उपयोगी सुझाव दिये । साथ ही राज्य संसाधन केन्द्र से लाई गई प्रशिक्षण सामग्री भी प्रेरकों को वितरित की गई । इस अवसर पर जिला प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी श्री ए.के.सिंह चौहान, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मुरार श्री एस.के.द्विवेदी एवं डबरा श्री आनन्द प्रकाश तिवारी तथा मुरार के बी.आर.सी.सी.     श्री अनिल कुमार मिश्रा भी उपस्थित थे ।

 

सामाजिक न्याय मंत्रालय के राष्ट्रीय न्यास का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन शुरू

सामाजिक न्याय मंत्रालय के राष्ट्रीय न्यास का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन शुरू

न्यास की अध्यक्ष श्रीमती नटराजन ने किया शुभारंभ करीबन बीस राज्यों के प्रतिनिधि ले रहे हैं हिस्सा

ग्वालियर 19 सितम्बर 08। मानसिक मंदता, सेरीब्रल पालसी, ऑटिज्म तथा अन्य बौध्दिक व स्नायुविक असमर्थताओं से ग्रसित व्यक्तियों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने एवं उनके कानूनी अधिकारों के संरक्षण के उद्देश्य से गठित राष्ट्रीय न्यास का दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन आज से यहाँ राज्य स्वास्थ्य प्रबंधन एवं संचार संस्थान में शुरू हुआ । भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय से सम्बध्द राष्ट्रीय न्यास द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में देश के लगभग 20 राज्यों की विभिन्न संस्थाओं के 35 प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं ।राष्ट्रीय न्यास की अध्यक्ष श्रीमती पूनम नटराजन ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया ।      

       राष्ट्रीय न्यास की अध्यक्ष श्रीमती पूनम नटराजन ने न्यास से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा मानसिक एवं स्नायुविक असमर्थताओं से ग्रसित लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम चुनौतीपूर्ण है । किन्तु मानव होने के नाते   निशक्तों को आगे बढ़ाना हमारा नैतिक दायित्व है। इस काम से हमें जो आत्मिक संतुष्टि मिलती है, उसकी तुलना संसार के किसी सुख से नहीं की जा सकती। उन्होनें कहा उक्त प्रकार के नि:शक्तजन एवं उनके परिवारों को ऐसी सेवा, प्रशिक्षण व सहायता दें, जिससे नि:शक्त जनों की क्षमताओं में अधिकत्तम इजाफा हो । हमारा मकसद है कि वे न केवल समाज की मुख्य धारा में शामिल हों, बल्कि समाज के विकास में भी अपना योगदान देकर एक अर्थपूर्ण जीवन व्यतीत कर सकें।राष्ट्रीय न्यास की अध्यक्ष ने न्यास की स्नेप गतिविधियाँ, मुख्य मुद्दे, स्वयं सेवी संस्थाओं से अपेक्षाएें, न्यास की योजनायें व कार्यक्रमों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला ।

       बौध्दिक एवं स्नायुविक असमर्थताओं से ग्रसित व्यक्तियों की सेवा सहायता में बीते दस वर्ष से संलग्न संस्था रोशनी रामकृष्ण आश्रम की बालिकाओं ने आरंभ में प्रार्थना प्रस्तुत की । रोशनी की निदेशिका सुश्री मंजुला पाटनकर ने स्वागत उद्बोधन के साथ संस्था के कार्यों के बारे में पावर प्रजेन्टेशन के जरिये विस्तार से जानकारी दी । इसी प्रकार मध्यप्रदेश सहित हरियाणा, आसाम, आंध्र प्रदेश, गुजरात, केरल, उत्तराखंड, आदि राज्यों की संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी अपनी अपनी संस्थाओं के माध्यम से राष्ट्रीय न्यास की योजनाओं पर किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी ।

 

शारीरिक अक्षमता उन्हे नहीं रोक पाई आगे बढ़ने से

यदि मन में लगन, दृढ़ इच्छा शक्ति और आगे बढ़ने  की जिजीविषा हो तो कोई भी शारीरिक नि:शक्तता जीवन पथ में बाधा नहीं बनती । यही सब राष्ट्रीय न्यास के वार्षिक सम्मेलन में भाग लेने आए तीन नि:शक्त प्रतिभागियों ने साबित किया है । पूर्वोत्तर राज्य असम में स्थित सिलगुड़ी निवासी केप्टन सेन गुप्ता दृष्टि बाधित है और वे अकेले सफर कर ग्वालियर पहुँचे हैं । इसी तरह चमोली उत्तराखंड से श्री बृजमोहन नेगी भी बस द्वारा अकेले यहाँ पधारे हैं । वे न केवल अस्थि बाधित है बल्कि जुबान से भी साफ साफ बोल नहीं पाते ।सम्मेलन में एक नि:शक्त महिला सुश्री पूर्णिमा बोहरा भी भाग लेने आयी हैं। गहरी जीवटता के धनी ये नि:शक्तजन शारीरिक रूप से समर्थ लोगों के लिए भी प्रेरणादायी है ।

 

भूतपूर्व सैनिकों का सम्मेलन 26 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास पर

भूतपूर्व सैनिकों का सम्मेलन 26 सितम्बर को मुख्यमंत्री निवास पर

ग्वालियर,19 सितम्बर 08 भूतपूर्व सैनिकों का सम्मेलन 26 सितम्बर को भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित किया जायेगा ।

       जिला सैनिक कल्याण अधिकारी लें.कर्नल डी.पी.एस. भदौरिया ने बताया कि सम्मेलन को मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सम्बोधित करेंगे व पूर्व सैनिकों एवं विधवाओं की समस्याओं से रूबरू होगे ।सम्मेलन का आयोजन पूर्व मंत्री एवं भा.ज.पा.प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेन्द्र सिंह तौमर के प्रयासों से हो रहा है । सम्मेलन का आश्वासन श्री तौमर ने 20 जुलाई 08 को मृगनयनी गार्डन में आयोजित सम्मेलन में भूतपूर्व सैनिकों से किया था। सम्मेलन को सफल बनाने के लिये क्षेत्र के समस्त भूतपूर्व सैनिक एवं सैनिक विधवाओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का आग्रह किया है। श्री भदौरिया ने बताया कि कोआर्डीनेटिंग कान्फ्रेस शहीद हाल जिला सैनिक कल्याण कार्यालय ग्वालियर में सोमवार 22 सितम्बर 08 को 12 बजे आयोजित की जा रही है । श्री भदौरिया ने सम्मेलन को सफल बनाने के लिये सभी भूतपूर्व सैनिकों से सहयोग की अपेक्षा की है ।

 

जिला स्तरीय समीक्षा एवं सलाहकार समिति की बैठक 27सितम्बर को

जिला स्तरीय समीक्षा एवं सलाहकार समिति की बैठक 27सितम्बर को

ग्वालियर, 19 सितम्बर 08 जिला स्तरीय समीक्षा एवं सलाहकार समिति की बैठक 27 सितम्बर 08 को अपरान्ह 3.30 बजे राज्य स्वास्थ्य प्रबन्धन एवं संचार संस्थान में आयोजित की गई है । बैठक की अध्यक्षता कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी करेंगे ।

       बैठक में पिछली डी.एल.आर सी और डी.एल.सी.सी.बैठक की कार्यवाही का अनुमोदन,जिले के बैकों की जमा राशि अग्रिम राशि तथा सी.डी.रेशियों की जानकारी,वार्षिक साख योजना के अन्तर्गत त्रैमासिक अवधि तक ऋण वितरण की समीक्षा सहित विभिन्न रोजगार मूलक योजनाओं की समीक्षा की जायेगी ।

 

वित्त एवं विकास निगम की विभिन्न रोजगार मूलक योजनाओं में आवेदन पत्र आमंत्रित

वित्त एवं विकास निगम की विभिन्न रोजगार मूलक योजनओं में आवेदन पत्र आमंत्रित

ग्वालियर 19 सितम्बर 08। जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति ग्वालियर द्वारा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा क्रियान्वित विभिन्न रोजगार मूलक योजनाओ में आवेदन पत्र आमंत्रित किये है।

       जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम.के. जैन ने बताया कि ट्रेक्टर ट्रॉली प्रदाय योजना और टाटा मैजिक प्रदाय योजना में 4-4 इकाईयों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी तरह जीप टैक्सी प्रदाय योजनामें 2 इकाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। श्री जैन बताया कि इन योजनाओं का लाभ सफाई कामगार जो ग्वालियर जिले के निवासी है   उन्हें दिया जायेगा। योजना से लाभान्वित होने के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक तथा 45 वर्ष से कम होना चाहिए। आवेदक के पास स्वयं का बैध ड्रायविंग लायसेन्स होना आवश्यक है। आवेदक शासकीय अथवा अर्धशासकीय सेवा में न हो। इसी तरह आवेदक द्वारा पूर्व में स्वरोजगार, प्रतिष्ठा योजना अथवा किसी भी अन्य शासकीय योजना का ऋण एवं अनुदान प्राप्त नहीं किया हो।

       इच्छुक आवेदक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन पत्र 24 सितम्बर 08 तक जिला अन्त्यावसायी सहकारी विकास समिति मर्या. कलेक्ट्रेट ग्वालियर में जमा कर सकते है। आवेदन पत्र इसी कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते है।