मंगलवार, 16 सितंबर 2008

अवैध निर्माण नहीं रोक पाने वाले उपयंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी: निगमायुक्त

अवैध निर्माण नहीं रोक पाने वाले उपयंत्रियों के खिलाफ कार्यवाही की जावेगी: निगमायुक्त

ग्वालियर दिनांक 15 सितम्बर 2008:      निगमायुक्त द्वारा आज शहर के विकास कार्यों में चल रहे विलंब के लिये ठेकेदार तथा निगम के इंजीनियरों को कसा। उन्होंने हुडको से प्राप्त ऋण से बनाई जा रही सडकों के कार्य में गति लाने तथा हाऊसिंग बोर्ड पर नगर निगम को स्थानांतरित की गई दर्पण कॉलोनी, दीनदयाल नगर, माधव प्लाजा में चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश ठेकेदारों तथा इंजीनियरों को दिये गये।

       शहर में बढ़ते अवैध निर्माण की शिकायत पाये जाने पर निगमायुक्त ने अपने इंजीनियरों को कहा कि यदि अवैध निर्माण की कोई भी शिकायत शहर के अंदर पाई जाती है तो क्षेत्र से संबंधित सब-इंजीनियर के खिलाफ गंभीर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी। उन्होंने कहा कि पिछले चार माह में महापौर निधि के अंतर्गत 24 स्थानों पर सी.सी. रोड, सामुदायिक भवन आदि कार्यों के कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं जिसके लिये 68,78,784/- रू. स्वीकृत किये गये हैं लेकिन महापौर निधि के अंतर्गत अभी तक स्वीकृत कार्यों की गति अत्यंत धीमी है इसी प्रकार विभिन्न वार्डों के मौलिक कार्य के लिये 7,69,29,000/- रू. के मौलिक कार्यों के कार्यादेश भी जारी किये जा चुके हैं लेकिन इन कार्यों में अभी तक ठेकेदारों द्वारा धीमी गति से कार्य किये जाने से अच्छे परिणाम देखने को नहीं मिल रहे हैं, उन्होंने ठेकेदार तथा इंजीनियरों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये।

निगमायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि नगरनिगम ग्वालियर को म0प्र0 गृह निर्माण मण्डल से हस्तांतरित कॉलोनी दर्पणकॉलोनी, दीनदयाल नगर में सीवर, पार्क विकास, डामरीकरण तथा डब्ल्यू.बी.एम. रोड निर्माण हेतु 1,88,00,000/- रू. के कार्यादेश जारी किये जा चुके हैं किन्तु इन क्षेत्रों में वांछित परिणाम प्राप्त नहीं हो रहे हैं उन्होंने संबंधित क्षेत्र के उपयंत्रियों व सहायकयंत्रियों को ठेकेदारों से शीघ्र अतिशीघ्र कार्य पूर्ण कराये जाने के निर्देश दिये। हुडको योजनांतर्गत भी 23 करोड़ रू. के कार्य स्वीकृत हैं किन्तु निर्माण की गति धीमी होने पर निगमायुक्त द्वारा अधिकारियों तथा ठेकेदारों की कसाई की गई।

इन्वेस्टर मीट द्वारा बनाई गई सड़कों के भुगतान के संबंध में ठेकेदार द्वारा निवेदन किये जाने पर निगमायुक्त द्वारा बताया गया कि इन्वेस्टर मीट के द्वारा बनाई गई सड़कों की जांच जारी है, जांच रिपोर्ट आने पर ही सड़कों पर व्यय हुई राशि का भुगतान किया जावेगा। उन्होंने अधिकारियों और ठेकेदाराें को निर्देश दिये कि निगम द्वारा जारी किये गये कार्यादेशों का समयावधि में पालन करें अन्यथा की दशा में ठेकेदार के अनुबंध अनुसार गंभीर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।

बैठक में अधीक्षणयंत्री जनकार्य चतुर सिंह यादव, कार्यपालनयंत्री दिनेश अग्रवाल, विभिन्न क्षेत्रों के सहायकयंत्री तथा निगम के प्रमुख ठेकेदार उपस्थित थे।

 

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