बुधवार, 28 दिसंबर 2011

भ्रष्‍टाचार से नि‍पटने और नागरि‍कों को तय समय पर सेवाएं प्रदान करने के लि‍ए ऐति‍हासि‍क वि‍धेयक लाए गए

भ्रष्‍टाचार से नि‍पटने और नागरि‍कों को तय समय पर सेवाएं प्रदान करने के लि‍ए ऐति‍हासि‍क वि‍धेयक लाए गए
वार्षि‍क समीक्षा
कार्मि‍क लोक शि‍कायत और पेंशन मंत्रालय
 
        कार्मि‍क लोक शि‍कायत और पेंशन मंत्रालय ने भ्रष्‍टाचार से नि‍टपने और नागरि‍कों को तय समय पर सेवाएं प्रदान करने के लि‍ए ऐति‍हासि‍क वि‍धेयक पेश कि‍ए। इसके अलावा सरकारी कर्मचारि‍यों को जवाबदेह बनाने के भी उपाय कि‍ए गए। मंत्रालय की वर्ष के दौरान प्रमुख पहल/उपलब्‍धि‍यां इस प्रकार हैं :
 
लोकपाल वि‍धेयक-2011
       सरकार ने लोकसभा में लोकपाल और लोकायुक्‍त वि‍धेयक 2011 पेश कि‍या। इसका उद्देश्‍य केन्‍द्र में लोकपाल और राज्‍यों में लोकायुक्‍त की नि‍युक्‍ति‍करना है। प्रस्‍तावि‍त स्‍वायत्‍त और स्‍वतंत्र नि‍काय, लोकपाल और लोकायुक्‍त के पास आरंभि‍क जांच के लि‍ए नि‍रीक्षण और नि‍र्देश देने, जांच के लि‍ए प्रेरि‍त करने और भ्रष्‍टाचार को रोकने के लि‍ए कि‍सी कानून के अंतर्गत दर्ज शि‍कायतों के संबंध में जुर्म के नि‍ष्‍पादन का अधि‍कार होगा। वि‍धेयक में केन्‍द्र और राज्‍यों के लि‍ए एक समान सतर्कता और भ्रष्‍टाचार वि‍रोधी खाका तैयार करने का प्रावधान है। वि‍धेयक में जांच को मुकदमे से अलग करने और दक्षता और वि‍शेषज्ञता का दायरा बढ़ाने में हि‍तों के टकराव को दूर करना शामि‍ल है।
 
शि‍कायत नि‍वारक वि‍धेयक-2011
       सरकार ने तय समय पर सेवाएं प्रदान करने और नागरि‍कों की शि‍कायतें दूर करने के लि‍ए नागरि‍क अधि‍कार वि‍धेयक 2011 हाल ही में संसद में पेश कि‍या। वि‍धेयक के अंतर्गत्‍प्रत्‍येक नागरि‍क प्राधि‍कार को एक सि‍टीजन चार्टर प्रकाशि‍त करना होगा, जि‍समें माल की आपूर्ति‍की श्रेणी का वि‍स्‍तृत वि‍वरण देना होगा, नि‍यत समय की जानकारी देनी होगी जि‍समें माल की आपूर्ति‍की गयी या सेवाएं दी गयी और नागरि‍कों से प्राप्‍त शि‍कायतों के बारे में पूछताछ करने और उसे दूर करने के लि‍ए सभी जन प्राधि‍कारों में शि‍कायत नि‍वारण अधि‍कारि‍यों (जीआरओ) की नि‍युक्‍ति‍का प्रावधान है। वि‍धेयक में जीआरओ के फैसले और माल और सेवाएं प्रदान करने के लि‍ए नामजद अधि‍कारी के अपने काम में वि‍फल रहने की स्‍थि‍ति‍में जुर्माना लागू करने के फैसले के खि‍लाफ अपीलों के लि‍ए राज्‍य लोक शि‍कायत नि‍वारण आयोग और केन्‍द्रीय लोक शि‍कायत नि‍वारण आयोग के गठन का प्रावधान है। नि‍चले स्‍तर पर नि‍युक्‍त अधि‍कारी के पास जि‍ला और उप जि‍ला स्‍तर पर अधि‍कतर शि‍कायतों को दूर करने का अधि‍कार होगा।
 
वि‍देशों में रि‍श्‍वतखोरी वि‍धेयक
       वि‍देशों में सार्वजनि‍क अधि‍कारि‍यों और सार्वजनि‍क अंतर्राष्‍ट्रीय संगठनों के अधि‍कारि‍यों के रि‍श्‍वत लेने से रोकने संबंधी वि‍धेयक 2011 को संसद के मानसून सत्र में पेश कि‍या गया और इस समय यह वि‍भाग की संसद की स्‍थाई समि‍ति‍के समक्ष है। प्रस्‍तावि‍त कानून के अनुसार कोई भी व्‍यक्‍ति‍'जो वि‍देश में वि‍धायी, कार्यकारी, प्रशासनि‍क या न्‍यायि‍क अधि‍कारी के पद पर है' यदि‍उसे भारत में ठेका प्राप्‍त करने के लि‍ए रि‍श्‍वत लेते हुए या देते हुए पाया जाता है तो उसे भारत में सात साल की सजा दी जाएगी। प्रस्‍तावि‍त वि‍धेयक के अंतर्गत इस तरह के अपराधों के लि‍ए 'उकसाने' को भी अपराध माना जाएगा।
 
भ्रष्‍टाचार से नि‍पटने के लि‍ए मंत्रि‍यों का समूह
       सरकार ने भ्रष्‍टाचार से नि‍पटने के उपायों पर वि‍चार करने के लि‍ए जनवरी 2011 में मंत्रि‍यों के एक समूह का गठन कि‍या। मंत्री समूह ने अपनी पहली रि‍पोर्ट दे दी है जि‍से सरकार ने कुछ मामूली बदलाओं के बाद स्‍वीकार कर लि‍या है। स्‍वीकृत सि‍फारि‍शों को लागू करने के लि‍ए सरकार ने कदम उठाया है।
 
समूह ए केन्‍द्रीय सेवा अधि‍कारि‍यों के आईपीआर सार्वजनि‍क
       सरकार ने फैसला कि‍या कि‍प्रशासन में पारदर्शि‍ता और जवाबदेही तय करने के लि‍ए अखि‍ल भारतीय सेवा के अधि‍कारि‍यों और संगठि‍त समूह ए केन्‍द्रीय सेवाओं के अधि‍कारि‍यों की 01 जनवरी, 2011 तक की अचल संपत्‍ति‍के वार्षि‍क ब्‍यौरे सार्वजनि‍क कि‍या जाए।
       केन्‍द्रीय लोक सेवा/पदों के सभी सदस्‍यों के लि‍ए सतर्कता की मंजूरी के बारे में दि‍शा नि‍र्देशों में संशोधन कि‍या गया है। कि‍सी अधि‍कारी को सतर्कता को मंजूरी नहीं दी जाएगी अगर वह पि‍छले वर्ष के लि‍ए अपनी वार्षि‍क अचल संपत्‍ति‍का ब्‍यौरा अगले वर्ष 31 जनवरी तक नहीं देता।
 
 
 
जन शि‍कायतें
       प्रशासनि‍क सुधार और जन शि‍कायत वि‍भाग ने वर्ष के दौरान जन शि‍कायतों को दूर करने के संबंध में कुछ प्रमुख कदम उठाए हैं। सेवोत्‍तम तैयार कि‍या गया और प्रकाशि‍त कि‍या गया। इसके अलावा सेवोत्‍तम को लागू करने के लि‍ए दि‍शा नि‍र्देश सि‍तम्‍बर में तैयार कि‍ए गए। ये दस्‍तावेज वि‍भाग की वेबसाइट www.darpg.gov.in पर भी उपलब्‍ध है। केन्‍द्र सरकार के सभी मंत्रालयों/और राज्‍य सरकारों में केन्‍द्रीयकृत लोक शि‍कायत नि‍वारण और नि‍गरानी प्रणाली को मजबूत करने के लि‍ए वर्ष के दौरान अनेक कदम उठाए गए हैं :
·         सरकार के 62 मंत्रालयों/वि‍भागों/संगठनों के अधि‍कारि‍यों को प्रशि‍क्षण दि‍या गया।
·         प्रणाली से जुड़े फील्‍ड अधि‍कारि‍यों की संख्‍या बढ़ाकर 1500 से 6000 कर दी गयी।
·         स्‍थानीय भाषा के साथ अंतराफलक स्‍थापि‍त कि‍या गया और राजस्‍थान सरकार ने इसे व्‍यवहारि‍क बनाया। राज्‍य के मुख्‍य मंत्री ने इस प्रणाली का उद्घाटन कि‍या।
 
सेवोत्‍तम के लि‍ए क्षमता नि‍र्माण के बारे में कार्यशाला
       केन्‍द्र सरकार के सभी मंत्रालयों/वि‍भागों के लि‍ए क्षमता नि‍र्माण के बारे में दो कार्यशालाएं और सभी राज्‍यों/केन्‍द्रशासि‍त प्रदेशों के लि‍ए दो कार्यशालाए आयोजि‍त की गयीं। सार्वजनि‍क सेवा में उत्‍कृष्‍टता के लि‍ए पुरस्‍कार दि‍ए गए। इनमें चण्‍डीगढ़ में सार्वजनि‍क वि‍तरण प्रणाली, तमि‍लनाडु में कार्यकलाप आधारि‍त ज्ञान, गुजरात में प्राथमि‍क स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र, कर्नाटक में आईसीडीएस, केरल में ग्राम पंचायत का सि‍टीजन चार्टर, नि‍गम मामलों के मंत्रालय में एमसीए 21, प्रारंभि‍क शि‍क्षा में जवाबदेही, सीबीडीटी में सेवोत्‍तम और सीबीईसी में सेवोत्‍तम शामि‍ल है। चार कार्यशालाओं में कुल मि‍लाकर केन्‍द्र, राज्‍य/केन्‍द्रशासि‍त प्रशासन के 450 अधि‍कारि‍यों ने भाग लि‍या।
सरकारी कार्यालयों का आधुनि‍कीकरण
       वर्ष के दौरान प्रशासनि‍क सुधार और लोक शि‍कायत वि‍भाग ने नि‍र्धारि‍त लक्ष्‍य को हासि‍ल करने के लि‍ए 9 मंत्रालयों/वि‍भागों/कार्यालयों के लि‍ए 6.50 करोड़ रुपये जारी कि‍ये। इससे लाभांवि‍त होने वाले संगठनों के साथ नि‍यमि‍त बैठकें की जाती हैं ताकि‍तय समय के अनुसार इन्‍हें लागू कि‍या जा सके।
 
 
ई-गवर्नेंस की दि‍शा में कदम
       वि‍भाग और महाराष्‍ट्र सरकार ने संयुक्‍त रूप से औरंगाबाद में ई-गवर्नेंस के बारे में 14वें राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का आयोजन कि‍या। इस सम्‍मेलन में 'ग्रामीण ई सेवा देने : स्‍थि‍ति‍और चुनौति‍यां' वि‍षय पर वि‍स्‍तृत वि‍चार वि‍मर्श कि‍या गया। सम्‍मेलन के दौरान ई-गवर्नेंस के लि‍ए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार भी प्रदान कि‍ए गए।
       राष्‍ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना के अंतर्गत ई-कार्यालय मि‍शन मोड परि‍योजनाओं में से एक है। इस परि‍योजना का केन्‍द्र सरकार के मंत्रालयों और वि‍भागों के कामकाज में सुधार लाना है। ई-मैनुअल जरि‍ए फाइलों और दस्‍तावेजों का तेजी से नि‍पटारा कि‍या जा सकता है।
 
सीएपीएएम नेतृत्व विकास कार्यक्रम
विभाग ने 2011 में राष्ट्रमंडल लोक प्रशासन एवं प्रबंधन संघ (सीएपीएएम) नेतृत्व विकास कार्यक्रम का भारतीय लोक प्रशासन संस्थान में आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य आज के प्रतिस्पर्धात्मक विश्व में कुशल नेतृत्व का विकास करना था जो कि सीखने की प्रायोगिक पद्धति पर आधारित था और जिसका उद्देश्य फैसलों में स्व-जागरूकता, भावनात्मक कुशाग्रता तथा रणनीतिक विचार विकसित करना था। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों को भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय मंत्रालयों व विभागों तथा राज्य सरकारों से चुना गया था।
सम्मेलन का आयोजना
       मुख्य सचिवों का दूसरा वार्षिक सम्मेलन फरवरी 2011 में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन ने केन्द्र और राज्यों के विचारों के पारस्परिक आदान प्रदान के लिए स्थायी मंच की भूमिका निभाई।
       सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासनिक सुधारों पर सचिवों का तीसरा सम्मेलन सितंबर 2011 में आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक सेवाओं में सुधार, प्रशासन को प्रभावी, पारदर्शी तथा जवाबदेह एवं नागरिकों के अनुकूल बनाने के लिए राज्यों द्वारा किए गए सुधारों एवं पहल के उनके अनुभवों को बांटने के लिए एक राष्ट्रीय मंच तैयार करना था।
 
 
 
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग
       भारत और सिंगापुर के बीच कार्मिक प्रबंधन एवं लोक प्रशासन के क्षेत्र में नवंबर 2011 में एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये। एमओयू में निम्नलिखित बिंदु सम्मिलित थे। (i) क्षमता विकास एवं कौशल सुधार, लोक सेवा वितरण प्रणाली में सुधार (ग्राहकों उन्मुखी सेवाएं, कुल गुणवत्ता प्रबंधन, सिटीजन चार्टर पहल, लोक शिकायत निवारण तंत्र) (ii) मानव संसाधन प्रबंधन (iii) सार्वजनिक क्षेत्र सुधार (iv) नेतृत्व/प्रतिभा विकास
       संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और रायल सिविल सर्विस कमीशन, भूटान के बीच एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये जिसमें लोक सेवा मामलों पर अनुभवों का आदान प्रदान किया जाएगा। यूपीएससी और कनाडा लोक सेवा आयोग के बीच भी एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय आदान प्रदान के द्वारा बेहतर परम्पराओं को प्रोत्साहित करना एवं एक दूसरे से बांटना है।
खाली आरक्षित पदों को भरने के लिए विशेष अभियान का आरंभ
       अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग तथा शारीरिक विकलांगों के लिए आरक्षित खाली पड़े पदों को भरने के लिए सरकार ने एक अभियान शुरू किया। खाली पड़े पदों की संख्या 57947 है, जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 15323, अनुसूचित जनजाति के लिए 20301, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 15323 और शारीरिक विकलांगों के लिए 7000 पद हैं। सभी मंत्रालय एवं विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे उक्त श्रेणियों के पदों को 31 मार्च 2012 तक भरें।
 
भर्ती
       लोक सेवा (प्रारंभिक) परीक्षाओं के लिए सिलेबस और पैटर्न में 2011 में संशोधन किया गया जिसके मुताबिक अब वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय) के दो प्रश्नपत्र होंगे। प्रत्येक प्रश्नपत्र 200 अंकों के होंगे और प्रत्येक के लिए दो घंटे का समय निर्धारित होगा।
       यूपीएससी ने इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के लिए फरवरी 2011 से आवेदन आनलाइन स्वीकार करना शुरू कर दिया है। आनलाइन आवेदन स्वीकार किए जाने से न केवल समय की बचत हो रही है बल्कि फार्म में दिए गए विवरण के अधिक सटीक होने की संभावना है क्योंकि सभी जानकारियां आवेदक स्वयं भरता है।
       यूपीएससी ने प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए आवेदकों के लिए 2011 से केवल आनलाइन मोड में ही फार्म उपलब्ध कराना शुरू किया है।
       आयोग ने सभी प्रकार की परीक्षाओं के संपन्न होने के बाद प्रश्नपत्रों के आदान-प्रदान की व्यवस्था शुरू की है। परीक्षा में सफल एवं असफल आवेदकों को मूल्यांकन प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद प्राप्त अंकों की विवरण की जानकारी उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी शुरू की है।
       आयोग ने हाल ही में ई-एडमिट कार्ड के लिए सरल साफ्टवेयर विकसित किया है जिससे आयोग की वेबसाइट पर जाकर आवेदक अपने प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकेंगे। यह प्रणाली जल्दी ही काम करना शुरू कर देगी।
       इस साल के दौरान कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने अखिल भारतीय स्तर पर 9 मुक्त प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया। इन परीक्षाओं में रिकार्ड 19,42,289 लोगों ने आवेदन किया और 13,83,281 आवेदक परीक्षा में सम्मिलित हुए। एसएससी ने सभी के परिणाम घोषित किए और 67,861 आवेदकों की नियुक्तियों की सिफारिश की।
       एसएससी को सीपीओ में 53,188 कांस्टेबलों (जीडी) की भर्ती के लिए कहा गया है। एसएससी ने बहुत ही कम समय में इस चुनौती को स्वीकार किया है और भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
 
विविध
       विभाग द्वारा 21 अप्रैल 2011 को छठें नागरिक सेवा दिवस का आयोजन किया गया। इस दिन सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिए लोक सेवक स्वयं को नागरिकों के प्रति एक बार फिर समर्पित करने का व्रत लेते हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए वर्ष 2009-10 में तीन श्रेणियों (व्यक्तिगत, समूह एवं संगठन) में पुरस्कार वितरित किए।
       लोकसभा की विशेषाधिकार समिति से विचार विमर्श के बाद प्रशासन, संसद सदस्य और राज्य विधानसभाओं के बीच आधिकारिक कामकाज के लिए दिशा-निर्देश में संशोधन किया गया। 
 
 

रविवार, 25 दिसंबर 2011

कुमारी सैलजा ने फुटपाथ विक्रय पर केंद्रीय कानून हेतु राष्‍ट्रीय मंत्रणा की एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया

कुमारी सैलजा ने फुटपाथ विक्रय पर केंद्रीय कानून हेतु राष्‍ट्रीय मंत्रणा की एक दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया
आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने फुटपाथ विक्रय पर केंद्रीय कानून हेतु राष्‍ट्रीय मंत्रणा का आज यहां आयोजन किया।

इस अवसर पर आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि फुटपाथ विक्रताओं को आम जनता के हितों को नुकसान पहुंचाए बिना अपना व्‍यावसाय करने का संवैधानिक अधिकार है। उन्‍होंने कहा कि फुटपाथ विक्रय स्‍व-रोज़गार का माध्‍यम है तथा यह बिना सर‍कारी सब्सिडी के शहर से गरीबी उपशमन का भी एक उपाय है।

आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने 2009 में शहरी फुटपाथ विक्रय पर राष्‍ट्रीय नीति प्रस्‍तुत की थी। इस नीति के अंतर्गत कोई भी पेशा या व्यवसाय, व्यापार करना हर नागरिक का अधिकार है और इस अधिकार से फुटपाथ विक्रताओं को वंचित नहीं किया जा सकता। उन्‍होंने कहा कि फुटपाथ विक्रेता को परेशानी का सामना इसलिए करना पड़ता है क्‍योंकि शहरों में फुटपाथ विक्रय के लिए कोई जगह निर्धारित नहीं की गई है।

उन्‍होंने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में फुटपाथ विक्रय की सुविधा के लिए एक योजना का प्रस्‍ताव भी किया जा रहा है।

इस बैठक में मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री श्री बाबूलाल गौर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्‍ली सरकार में मंत्री श्री ए.के. वालिया, आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय में सचिव श्री अरुण कुमार मिश्रा, जेएनएनयूआरएम के मिशन निदेशक और अपर सचिव डॉ. पी. के मोंहती, राजीव आवास योजना की संयुक्त सचिव श्रीमती अरुणा सुंदराजन, विशेषज्ञ और फुटपाथ विक्रेता संघ के सदस्य भी उपस्थित थे।


बुधवार, 23 नवंबर 2011

मुरैना जिला अभिभाषक संघ का निर्वाचन संपन्न , हरी सिंह सिकरवार फिर बने अध्यक्ष, नई कार्यकारणी गठित

मुरैना जिला अभिभाषक संघ का निर्वाचन संपन्न , हरी सिंह सिकरवार फिर बने अध्यक्ष, नई कार्यकारणी गठित

मुरैना 23 नवम्बर 2011 , आज यहॉं जिला न्यायालय मुरैना में संपन्न जिला अभिभाषक संघ (District Bar Association- Morena) के चुनावों में बेहद कड़ी स्पर्धा में हरी सिंह सिकरवार पुन: तीसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित हो गये हैं , इसके साथ ही पूरी कार्यकारणी का नव निर्वाचन हुआ है विजयी प्रत्याशीयों की सूची इस प्रकार है - हरी सिंह सिकरवार एडवोकेट - अध्‍यक्ष (तीसरी बार) , रामभरोसी पचोरी एडवोकेट- उपाध्यक्ष, महेन्द्र कुमार अग्रवाल एडवोकेट- सचिव, प्रदीप जैन एडवोकेट- कोषाध्यक्ष, दीपक बाबू शुक्ला एडवोकेट- सह सचिव, राजेन्द्र गुप्ता एडवोकेट- लाइब्रेरियन .... ग्वालि‍यर टाइम्स परि‍वार सभी विजयी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई देता है

गुरुवार, 17 नवंबर 2011

फर्जी व झूठे गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर छपने या दिखाने से पहले लगेगी रोक, पहले सरकार करेगी जॉंच तब छपेगा या दिखेगा विज्ञापन

भ्रामक विज्ञापनों के मुद्दे पर गौर करने के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन

बड़ी संख्‍या में उपभोक्‍ताओं की शिकायतों के मद्देनज़र सरकार झूठे और भ्रामक विज्ञापनों की प्रभावी तरीके से जांच करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन पर विचार कर रही है। भारत की विज्ञापन मानक परिषद द्वारा 'विज्ञापन की विषय वस्‍तु के स्‍वविनियमन सुदृढ़ीकरण' पर आयोजित एक सम्‍मेलन में प्रमुख भाषण देते हुए उपभोक्‍ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रो. के.वी. थॉमस ने यह बात कही।। भ्रामक विज्ञापनों के बार में श्री थॉमस ने कहा कि ऐसे विज्ञापनों को छपने से पहले ही रोकने की ज़रूरत है ताकि यह मासूम उपभोक्‍ताओं को हानि न पहुंचा सकें। इसके लिए मौजूदा कानूनों को कारगर बनाने और स्‍व विनियामक तंत्र को सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत है।

उन्‍होंने कहा कि बेशक उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, उपभोक्‍ताओं को गलत व्‍यापार कार्यों से सुरक्षा प्रदान करता है और भ्रामक विज्ञापनों के बारे में उपभोक्‍ता अदालतों ने काफी बढि़या निर्णय भी लिए हैं लेकिन उनके पास विज्ञापनों के निरीक्षण का अधिकार नहीं है और न हीं उनके पास कोई जांच एजेंसी है। वह झूठे और भ्रामक विज्ञापनों के लिए उपभोक्‍ताओं को मुआवज़ा तो दिला सकती हैं लेकिन ऐसे विज्ञापनों पर नकेल कसने के लिए कोई मशीनरी नहीं है। इनके पास सुधारात्‍मक विज्ञापनों के लिए निर्देश जारी करने का अधिकर है लेकिन यह निर्देश तभी प्रभावी हो सकते हैं जब यह सामने आने के तुरंत बाद ही जारी हों।

इस सिलसिले में उन्‍होंने कुछ मुकदमों के उदाहरण दिए और कहा कि फैसले में देरी के कारण लोग भ्रामक विज्ञापनों के बुरे परिणामों से नहीं बच पाए।

श्री थॅामस ने कहा कि इस क्षेत्र में हम सब को मिलकर काम करने की ज़रूरत है ताकि उपभोक्‍ताओं के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

ग्वालियर चम्‍बल में चुनावों की जोशगर्मी शुरू, कांग्रेस का खिसका मजबूत खंब और बसपा ने लपका

ग्वालियर चम्‍बल में चुनावों की जोशगर्मी शुरू, कांग्रेस का खिसका मजबूत खंब और बसपा ने लपका
मुरैना डायरी
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
 
भाजपा में सवैया खिवैया और चौथाईये पौने का खेल
ग्वालियर के आनंद नगर में हुये कांग्रेस भाजपा संग्राम के ही बहाने सही राजनीति के समीकरण और कांग्रेस भाजपा के अगले विधानसभा चुनावों में रणनीतिक खुलासों पर तो खुल कर बहस शुरू हो ही गयी है , तकरीबन परिदृश्य साफ सा हो गया है कि म.प्र. और विशेषकर ग्वालियर चम्बल संभाग में क्या राजनीतिक खेल होना है । ग्वालियर चम्बल संभाग जहॉं सवर्ण बाहुल्य क्षेत्र हैं तो वहीं चम्बल संभाग विशुद्ध राजपूत क्षेत्र है ।
ग्वालियर चम्बल की राजनीति की राजधानी और राजनीति का केन्द्र इस समय मुरैना लोकसभा और मुरैना जिला की दिमनी विधानसभा सीटों में समाहित है जहॉं से भाजपा के दिग्गज और धुरंधर नेता नरेन्द्र सिंह तोमर इस राजनीति कर रहे हैं , इस समय ग्वालियर चम्बल की राजनीति की यह राजधानी नरेन्द्र सिंह तोमर के पूरी तरह कब्जे में हैं जहॉं नरेन्द्र सिंह तोमर इस समय भाजपा के मुरैना से खुद सांसद हैं और उनके अंधे अनुयायी शिवमंगल सिंह तोमर दिमनी विधानसभा से भाजपा विधायक हैं ।
चूंकि अम्बाह विधानसभा, दिमनी विधानसभा और गोहद विधानसभा तीनों ही तोमर राजपूत बाहुल्य क्षेत्र हैं वहीं मुरेना लोकसभा पूरी तरह राजपूत बाहुल्य क्षेत्र और उसमें भी तोमर राजपूतों की बाहुल्यता के चलते नरेन्द्र सिंह तोमर एक पुख्ता जमीन पर जड़ें टिका कर राष्ट्रीय राजनीति में टिके हुये हैं ।
नरेन्द्र सिंह तोमर का भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा से गुणा भाग ठीक ठाक नहीं जम पा रहा यह बात तो काफी समय से लोग जानते हैं किन्तु ग्वालियर की आनंद नगर की घटना के बाद यह बात खुलकर सामने आ गयी और कानाफूसी के दौर चालू हो ही गये। जहॉं प्रभात झा नरेन्द्र सिंह तोमर के धुर विरोधियों को आगे बढ़ाने में लगे हुये हैं वहीं नरेन्द्र सिंह तोमर के समर्थकों को साथ ही दरकिनार भी कर रहे हैं ।
ग्वालियर चम्बल में ठाकुरवाद ब्राह्मणवाद लंबे समय से एक गहरा जहरीला दंश रहा है जो अब भाजपा में खुल कर नजर आने लगा है ।
लगभग यह साफ है कि अगले चुनावों में प्रभात झा के रहते नरेन्द्र सिंह तोमर की इच्छा के मुताबिक भाजपा का टिकिट वितरण नहीं होगा । और अंचल में नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा बिछायी गयी राजनीतिक बिसात को प्रभात झा पूरी तरह पलट देने की तैयारी में है ।
दूसरी ओर कांग्रेस की असल हालत भी ग्वालियर काण्ड के बहाने खुल कर सामने आ गयी है, चूंकि कांग्रेस ने ग्वालियर चम्बल अंचल पूरी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया के हवाले कर रखा है और सिंधिया पिछड़े वर्ग की राजनीति तक ही सीमित हैं ऐसी सूरत में यदि केवल प्रद्युम्न सिंह तोमर को छोड़ दिया जाये तो सिंधिया के पास पूरे ग्वालियर चम्बल अंचल में केवल शून्य शेष बचता है । प्रद्युम्न सिंह तोमर भी तोमर होने के कारण चुनाव जीते यह बात किसी से छिपी नहीं है वहीं प्रद्युम्न की जीत में नरेन्द्र सिंह तोमर का भी बहुत बड़ा योगदान होने का आरोप भाजपा के अन्य नेता जयभान सिंह पवैया द्वारा लगाया जाता रहा है ।
कांग्रेस के अय धड़े अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह गुट इस समय पूरी चम्बल में शांत और निष्क्रिय हैं , ग्वालियर घटनाक्रम के बाद भी अर्जुन सिंह और दिग्विजय सिंह गुट के नेताओं का न तो कोई बयान जारी हुआ और न आंदोलन में ही कहीं नजर आये जिसका मतलब व संदेश एकदम साफ है कि ग्वालियर चम्बल की राजनीति का ध्रुव अगले चुनावों में भी नरेन्द्र सिंह तोमर के ही आसपास केन्द्रित रहेगा और ग्वालियर चम्बल क्षेत्र नरेन्द्र सिंह तोमर की ही बिछायी गयी बिसात के तहत राजनीति में अपनी भूमिका अदा करेगा ।
खिसक गया कांग्रेस का मजबूत स्तंभ , लपक लिया बसपा ने
कांग्रेस के कद्दावर और दमदार राजपूत नेता निरंजन सिंह सिकरवार अभी चंद रोज पहले बसपा का एक बड़ा सम्मेलन करा कर बसपा में शामिल हो गये हैं । निरंजन सिंह सिकरवार मुरैना जिला की सुमावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खांड़ोली के रहने वाले हैं । जाहिर है कि बसपा के सुमावली विधानसभा से अगले प्रत्याशी निरंजन सिंह सिकरवार ही होंगें । सुमावली विधानसभा में गुर्जर राजपूत व काछी कुशवाहा और ब्राह्मण समाज के लोगों का बाहुल्य व जातीय संतुलन है, यहॉं से वर्तमान में ऐदल सिंह कंसाना कांग्रेस से विधायक हैं । सुनने में आया है कि ऐदल सिंह कंसाना अगला चुनाव सुमावली से लड़ने के इच्छुक नहीं हैं और वे मुरैना विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं , मुरैना विधानसभा में इस समय परशुराम मुदगल बसपा से विधायक हैं , वहीं भाजपा से पूर्व मंत्री रूस्तम सिंह दोबारा लड़ने के इच्छुक हैं !
तय होने लगे दिमनी पर भी राजनीतिक समीकरण
अंदर से छनकर आ रही खबरों के मुमाबिक दिमनी विधानसभा पर अगले विधानसभा चुनावों में अपना प्रत्याशी बदलने जा रही है , गुपचुप चल रहे अंदरूनी सर्वे और रिपोर्टो में दिमनी विधानसभा पर भाजपा अरूण सिंह तोमर और रविन्द्र सिंह तोमर को प्रत्याशी बनाने और उनकी विजय की संभावनायें टटोल रही है ।
कांग्रेस का जारी है गोपनीय सर्वे, बदल सकते है मध्यप्रदेश कांग्रेस के पदाधकिारी
ग्वालियर चम्बल अंचल में राहुल गांधी के अति गोपनीय व खास निर्देशों पर कांग्रेस का अति गोपनीय व खास सर्वे बहुत ही उच्च स्तर के लोगों द्वारा पिछले 20 -25 दिन से जारी है । ग्वालियर अंचल की छन कर आयी कुछ गुप्त रिपोर्टो के मुताबिक कांग्रेस की सूबे में हालत बहुत खस्ता होने की चौंकाने वाली जानकारी उभर रही है वहीं चम्बल अंचल में कांग्रेस की उपस्थित या प्रभाव तकरीबन शून्य बनकर उभर रहा है फिलवक्त सर्वे जारी है सो अधिक तो कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन यह जाहिर है कि जो चौंकाने वाली रिपोर्टें निकल उभर कर सामने आती जा रहीं हैं उससे कांग्रेस आला कमान सन्नाटे में हैं और इस सर्वे के बाद संभव है कि कांग्रेस में बहुत बड़ा फेरबदल हो और ग्वालियर चम्बल क्षेत्र सिंधिया से छीन लिया जाये या मध्‍यप्रदेश कांग्रेस में ही बहुत बड़ा फेरबदल किया जाये । हालांकि अभी कुछ कहना जल्दबाजी ही है । 
 

शनिवार, 12 नवंबर 2011

कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि मनोज पाल सिंह ने दिया लोकायुक्त को म.प्र. के खनिज घोटाले पर शिकायती शपथ पत्र, मामला दर्ज करने की मांग

विशेष प्रतिनिधि, भोपाल जिला पंचायत मुरैना के सदस्य तथा कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त में शपथ पत्र प्रस्तुत कर जबलपुर जिले की सीहोरा तहसील के ग्राम झींटी में मंत्रियों तथा अधिकारियों की मिली भगत से लगभग 600 करोड़ रुपए के अवैध उत्खनन का आरोप लगाया है और पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल की ओर से इस मामले को न्यायालय भी ले जाया गया है और कांग्रेस नेताओं ने श्यामला हिल्स थाने जाकर इसे लेकर एफआईआर दर्ज कराने की भी कोशिश की थी। पुलिस ने कांग्रेस को सूचित किया है कि यह पुलिस के अहस्तक्षेप योग्य मामला है। मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त को की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि ग्राम झींटी में जिन चार कंपनियों मेसर्स पेसिफिक एक्सपोर्ट कंपनी कटनी, नरसिंह माइंस कटनी, मायाराम सिंह ग्वालियर और निवेदन भारद्वाज को खनिज का दोहन करने के लिए लौह अयस्क की खदानें स्वीकृत की गई, उसमें नियमों का पालन नहीं किया गया और आंख मूंद कर कार्यवाही की गई। इसके बाद अवैध उत्खनन की शिकायत सांसद उदय प्रताप सिंह, विधायक आरिफ अकील तथा उपनेता प्रतिपक्ष विधानसभा चौधरी राकेश सिंह द्वारा की गई। इन शिकायतों की जांच के लिए एसके मंडल कार्यपालक संचालक के नेतृत्व में जांच दल गठित किया गया, जिसने जांच में शिकायत सही पाई गई। मौके पर अवैध उत्खनन तथा आदिवासियों की जमीन का उपयोग होना जांच दल द्वारा प्रमाणित किया गया। शिकायत में कहा गया है कि पट्टा अवैधानिक तरीके से देने, अवैध उत्खनन प्रमाणित होने तथा इसमें अधिकारियों की सांठगांठ साबित होने के बाद भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त से दस्तावेजों का अवलोकन कर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं अवैध कृत्यों के लिए कानूनी कार्रवाई की मांग की है। स्कूलों में सुनाया गया प्रधानमंत्री का पत्र भोपाल। प्रदेश की सभी शासकीय शालाओं में शुक्रवार को प्रधानमंत्री का पत्र सुनाया गया। शिक्षा के हक नाम से जारी पत्र में बच्चों को शिक्षा के अधिकार के संबंध में बताया गया है। पत्र में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार कानून बन चुका है। शिक्षा पाने का सभी बच्चों का कानूनी अधिकार है।




शुक्रवार, 11 नवंबर 2011

उ.प्र. चुनाव के पहले हो सकता है चम्बल प्रदेश का गठन : चौबे

उ.प्र. चुनाव के पहले हो सकता है चम्बल प्रदेश का गठन : चौबे
चम्बल घाटी की जनता तैयार रहे प्रदेश गठन के लिए
राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के संयोजक नरसिंह कुमार चौबे ने कहा है कि पृथक चम्बल प्रदेश की मांग एक ऐसी जनकल्याणकारी लौ में परिवर्तित हो गई है कि चम्बलांचल के निवासियों में आत्मविश्वास का एक ऐसा अनौखा प्रकाश भर गया है जो अपने आपमें एक मिशाल है, आज के परिवेश में चम्बल की वादियों में रहने वाले लोग उस उक्त का बड़ी बेसब्री से इंजतार कर रहें हैं। ऐसा लगता है कि उनकी व्याकुल और उत्साहित नजरें प्रदेश गठन को पूर्ण होने को देखने के लिए बैचेन हैं। जनता हमसे हर जगह केवल एक ही बात पूछ रही हे कि उनके पृथक चम्बल प्रदेश गठन में अब क्या देरी है।  विकास का सूरज कब चमकेगा यहां के तमाम संसाधनों का उपयोग इनके विकास में होगा, मन में भाईचार और प्यार की अनुभूति होगी। लोगों के दिल खुशियों से लबरेज होंगे तथा पूरे क्षेत्र में कहीं भी बन्दूकों की भूमिका नहीं होगी। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि उ.प्र. के आगामी चुनाव के पहले हो सकता है पृथक प्रदेश का गठन, चम्बल घाटी की जनता तैयार रहे पृथक प्रदेश गठन के के लिए।
चौबे ने यह विचार पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के समर्थन में चलाए जा रहे चम्बल रथ यात्रा हस्ताक्षर अभियान के दौरान नगर एवं देहात में जनसमुदायों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि चम्बल घाटी विकास से कोसों दूर, उ.प्र. लखनऊ से, म.प्र. भोपाल से, राजस्थान जयपुर से बिहड़ी बाहुल्य सीमा वर्ती ऐसे जिले हैं, जो कि तीन-तीन प्रदेशों में बंटे होने के कारण राय और केन्द्र सरकार की लाखों, करोड़ों, अरबों की जन कल्याणकारी योजनाएं आती रहीं है, औ्रर सीमावर्ती जिले होने के कारण दम तोड़ती रहीं, जिसमें न उस पार के लोगों को कोई लाभ मिला और न ही इस पार के लोगों को, इसलिए म.प्र. मालवा से चली चम्बल चम्बलांचल में हुई कलंकित।
चौबे ने कहा है कि पृथक चम्बल प्रदेश की ऐसी जनकल्याणी मांग है, चम्बलांचल में पृथक प्रदेश गठन से ही होगा विकास। अभी तक एक प्रदेश को विभाजन करके प्रदेश गठन होते रहें हैं। चाहे छत्तीसगढ़ हो या उत्तराखण्ड, झारखण्ड हो या तेलंगाना या विदर्भ की मांग चल रही हो। यह सभी एक ही राय के टुकड़े होकर पृथक प्रदेश गठन होते रहे हैं। पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग एक ऐसी जन कल्याणकारी मांग है जिसमें सीमावर्ती 21 जिलों को मिलाकर पृथक प्रदेश गठन की मांग की गई है। जिसमें उ.प्र. से आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरा, इटावा, औरैया, जालौन, झांसी तथा ललितपुर, म.प्र. से गुना, शिवपुरी, अशोक नगर, दतिया, ग्वालियर, मुरैना, श्योपुर और भिण्ड, राजिस्थान से धौलपुर, सवाई माधौपुर, कोटा, बारा, झालावाद, पृथक चम्बल प्रदेश में सम्मलित किए गए हैं।
 चौबे ने संबोधित करते हुए कहा कि हस्ताक्षर अभियान से कोई भी वंचित नहीं रहेगा। राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी द्वारा चम्बलांचल की समस्याओं एवं निदान के मुख्य बिन्दुओं को लेकर राष्ट्रीय हनुमान सेना पार्टी 27 दिसम्बर 1999 से पृथक चम्बल प्रदेश गठन एवं पचनदा बांध के निर्माण की मांग के समर्थन में चम्बल रथ यात्रा, हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। अब केन्द्र सरकार ने 25 अक्टूबर 1983 की पचनदा परियोजना को अब 60 करोड़ रुपए देकर मांग को मान लिया है। अब पृथक चम्बल प्रदेश गठन की मांग के समर्थन में चम्बल रथ यात्रा हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है, एक करोड़ हस्ताक्षर का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें 60 लाख हस्ताक्षर हो चुके हैं शेष 40 लाख हस्ताक्षर पूर्ण होने पर दिल्ली जाकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन दिया जाएगा। चम्बलांचल की जनता तैयार रहे, इस अभियान की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, हस्ताक्षर अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को आगे आना होगा।

पांच खदानों की लीज निरस्त करने से 'अवैध खनन का पाप' नहीं धुलेगा

पांच खदानों की लीज निरस्त करने से 'अवैध खनन का पाप' नहीं धुलेगा
सरकार आरोपी मंत्रियों और खनिज ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई का साहस दिखाए : मानक अग्रवाल
 
भोपाल 11 नवम्बर । प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल ने राज्य सरकार द्वारा जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील की पांच खदानों की लीज निरस्त किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा सरकार के मंत्रियों और वन तथा खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से प्रदेश में खनिज संपदा का जो भारी मात्रा में अवैध दोहन हो रहा है अब वह बहुत बड़े पाप की शक्ल अख्त्यार कर चुका है। बेमन से केवल पांच खदानों की लीज निरस्त करने से यह बड़ा पाप धुलने वाला नहीं है। यदि भाजपा सरकार वास्तव में प्रदेश को खनिज के मामले में कंगाल होने से बचाना चाहती है, तो अवैध खनन के आरोपी मंत्रियों, खनिज ठेकेदारों और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ तत्काल आपराधिक प्रकरण दर्ज करके निष्पक्ष एजेंसी से अवैध खनन के सभी घोटालों की जांच कराई जाए। अवैध खनन को लेकर जिन मंत्रियों के नाम उजागर हो चुके हैं, उन्हें तत्काल मंत्री पद से हटाया जाए और इस गोरख धंधे में संलिप्त अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए।
अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस ने सीहोरा तहसील की खदानों के अवैध खनन को लेकर पिछली 14 अक्टूबर को भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में एफआईआर और 19 अक्टूबर को न्यायालय में परिवाद दायर किया था। कांग्रेस द्वारा की गई इस कार्यवाही के बाद ही राज्य सरकार जागी है और उसने बेल्लारी से बड़े खनिज घोटाले की गंभीरता की तरफ से ध्यान हटाने के लिए पांच खदानों की लीज निरस्त करने का नाटक किया है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष ने कहा है कि इस समय प्रदेश में जहां-जहां भी खनिज संपदा बची है-वहां-वहां बड़े पैमाने पर मंत्रियों और सरकारी अफसरों के संरक्षण में धड़ल्ले से अवैध खनन जारी है। इस तरह प्रदेश को खनिज रहित बनाने का बड़ा षडयंत्र सरकार के संरक्षण में चल रहा है। आपने मांग की है कि सतना जिले के उंचेहरा और नागौद क्षेत्र में अवैध खनन के संबंध में खनिज संसाधन राज्यमंत्री राजेन्द्र मिश्रा और लोक निर्माण मंत्री नागेन्द्रसिंह की ओर शक की सुई घूम रही है, इसलिए इन दोनों को मंत्री पद से तत्काल हटाया जाए, जिससे कि घोटालाें की निष्पक्ष जांच संभव हो सके।