शनिवार, 12 नवंबर 2011

कांग्रेस प्रदेश प्रतिनिधि मनोज पाल सिंह ने दिया लोकायुक्त को म.प्र. के खनिज घोटाले पर शिकायती शपथ पत्र, मामला दर्ज करने की मांग

विशेष प्रतिनिधि, भोपाल जिला पंचायत मुरैना के सदस्य तथा कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त में शपथ पत्र प्रस्तुत कर जबलपुर जिले की सीहोरा तहसील के ग्राम झींटी में मंत्रियों तथा अधिकारियों की मिली भगत से लगभग 600 करोड़ रुपए के अवैध उत्खनन का आरोप लगाया है और पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मानक अग्रवाल की ओर से इस मामले को न्यायालय भी ले जाया गया है और कांग्रेस नेताओं ने श्यामला हिल्स थाने जाकर इसे लेकर एफआईआर दर्ज कराने की भी कोशिश की थी। पुलिस ने कांग्रेस को सूचित किया है कि यह पुलिस के अहस्तक्षेप योग्य मामला है। मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त को की गई शिकायत में आरोप लगाया है कि ग्राम झींटी में जिन चार कंपनियों मेसर्स पेसिफिक एक्सपोर्ट कंपनी कटनी, नरसिंह माइंस कटनी, मायाराम सिंह ग्वालियर और निवेदन भारद्वाज को खनिज का दोहन करने के लिए लौह अयस्क की खदानें स्वीकृत की गई, उसमें नियमों का पालन नहीं किया गया और आंख मूंद कर कार्यवाही की गई। इसके बाद अवैध उत्खनन की शिकायत सांसद उदय प्रताप सिंह, विधायक आरिफ अकील तथा उपनेता प्रतिपक्ष विधानसभा चौधरी राकेश सिंह द्वारा की गई। इन शिकायतों की जांच के लिए एसके मंडल कार्यपालक संचालक के नेतृत्व में जांच दल गठित किया गया, जिसने जांच में शिकायत सही पाई गई। मौके पर अवैध उत्खनन तथा आदिवासियों की जमीन का उपयोग होना जांच दल द्वारा प्रमाणित किया गया। शिकायत में कहा गया है कि पट्टा अवैधानिक तरीके से देने, अवैध उत्खनन प्रमाणित होने तथा इसमें अधिकारियों की सांठगांठ साबित होने के बाद भी सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। मनोज पाल सिंह ने लोकायुक्त से दस्तावेजों का अवलोकन कर संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार एवं अवैध कृत्यों के लिए कानूनी कार्रवाई की मांग की है। स्कूलों में सुनाया गया प्रधानमंत्री का पत्र भोपाल। प्रदेश की सभी शासकीय शालाओं में शुक्रवार को प्रधानमंत्री का पत्र सुनाया गया। शिक्षा के हक नाम से जारी पत्र में बच्चों को शिक्षा के अधिकार के संबंध में बताया गया है। पत्र में कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार कानून बन चुका है। शिक्षा पाने का सभी बच्चों का कानूनी अधिकार है।




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