आयुर्वेद महाविद्यालय के अस्पताल की दूसरी मंजिल का निर्माण होगा
स्वशासी शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय की कार्यकारणी की बैठक में कई निर्णय
ग्वालियर 16 सितम्बर 08। शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के अस्पताल की दूसरी मंजिल का निर्माण करवाया जावेगा, गैर शिक्षक अमले की भर्ती की जावेगी तथा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिये पदोन्नति एवं विभागीय स्तर पर प्रयास कर पूर्ति की जावेगी। यह निर्णय आज यहां संभागायुक्त डॉ. कोमल सिंह की अध्यक्षता मे सम्पन्न स्वशासी शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय की कार्यकारिणी समिति की बैठक मे लिया गया। बैठक में भारतीय चिकित्सा पध्दति एवं होम्योपैथी के आयुक्त श्री एम.के. वार्ष्णेय, जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, प्रधानाचार्य डा. बी.एम. गुप्ता सहित कार्यकारिणी समिति के सदस्यगण एवं लोकनिर्माण विभाग के सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक मे आयुर्वेद महाविद्यालय की मान्यता को बनाये रखने की दृष्टि से उन सभी कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता से पूरा कराने पर बल दिया गया जिनकी कमी के कारण सेन्ट्रल कोंसिल ऑफ इण्डियन मेडीसन ने संस्था में आयुर्वेद के शिक्षण पर पाबन्दी लगा रही है।
समिति ने पैशनरों, स्वतंन्त्रता संग्राम सेनानियों तथा भूतपूर्व सैनिकों को आयुर्वेद महाविद्यालय के चिकित्सालय में निशुल्क चिकित्सा सुविधा दिये जाने तथा नगर की विभिन्न बस्तियों में कैम्प आयोजित कर अधिक से अधिक नागरिकों को चिकित्सा लाभ पहुंचाने का भी निर्णय लिया।
समिति ने चिकित्सालय भवन की दूसरी मंजिल पर चार वार्ड बनाने की अनुमति देते हुए इस कार्य के लिये 56 लाख रूपये की मंजूरी दी। साथ ही समिति ने 50 नये पलंग, गद्दा, कम्बल और चादर आदि क्रय करने। चिकित्सालय के लिये 10 हार्सपावर का जनरेटर तथा लेबर रूम को तैयार कराने की भी स्वीकृति प्रदान कर दी। महाविद्यालय के औषधि उद्यान हेतु सी-मैप लखनऊ से विभिन्न प्रजातियों के मेडीसनल प्लांट लाने और उद्यान को उन्नत एवं विकसित करने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय का डायसेक्शन हॉल तथा ग्रन्थालय को भी निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप करने की समिति ने हिदायत दी।
बैठक में महाविद्यालय एवं समिति के सदस्य प्रोफेसर डॉ. के.के. खरे, प्रोफेसर डॉ. के.एल. मिश्रा, प्रभारी अधीक्षक डॉ. पी.एस. तोमर, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालनयंत्री भी ओ.पी. भार्गव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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