ग्वालियर टाइम्स ने पूरे किये 11
साल , आज से बारहवीं साल में प्रवेश
अकेले चले थे जानिब ए मंजिल मगर
, लोग साथ आते गये , कारवां बनता गया
विशेष सम्पादकीय
नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनन्द’’
हम चाहे रहें न रहें , चाल हमने वह
चली है दोस्त कि पसेमर्ग हमें सदा याद करेंगें ।
काम हमने वह किया और वह करेंगें, जमाने में नाम लोग हमारा सदा याद
करेंगें ।।
सन 2004 में 16 नवम्बर को ग्वालियर टाइम्स वेब पोर्टल का पंजीयन
होने के साथ ही एक बहुत छोटी सी शुरूआत हमने आज से 11 साल पहले की थी ।
आहिस्ते आहिस्ते अपने काम के दम पर ग्वालियर टाइम्स ने अपना नाम भी
कमाया और वेब की दुनियां में अपने नाम का सिक्का व धाक जमा ली ।
सन 2011 में नवम्बर तक लगातार सन 2004 से लेकर ग्वालियर टाइम्स डॉट
कॉम डोमेन पर चलती रही , उसके बाद कुछ परिस्थितियां
ऐसीं बनीं कि ग्वालियर टाइम्स के हाथ से डॉट कॉम डोमेन निकल गया , महज तीन दिन की चूक हुई और बरसों से चल रहा डॉट कॉम डोमेन ग्वालियर टाइम्स
के हाथों से निकल गया , उसके बाद आगे एकाध साल ग्वालियर
टाइम्स डॉट कॉम को छोड़कर , डॉट को डॉट इन पर चलती रही ।
इधर कुछ बरस राजनीतिक वापसी करके उसमें समय बर्बाद हुआ और ग्वालियर
टाइम्स पर ध्यान देने का वक्त नहीं मिला , फिर
अंतत: दीर्घकालिक अनुभव के बाद हमने यह निर्णय लिया कि राजनीति को छोड़ कर पूरा
ध्यान ग्वालियर टाइम्स पर ही लगाना होगा । और ग्वालियर टाइम्स को डॉट इन डोमेन पर
स्थिर किया । और इस साल भी ज्यादा वक्त राजनीति से या राजनीतिक पापों से पिण्ड
छुड़ाने में गुजर गया ।
खैर हमारे 11 साल के इस सफर में जब ग्वालियर टाइम्स डाट कॉम डोमेन
पर काम कर रही थी तब 86 लाख हिटस लेकर अपना रूतबा बुलंद किये हुये थी और एक जलजला
व एक जलवा बिखेर कर वेब दुनिया के मैदान ए जंग में अपना परचम सारी दुनिया में
बिखेरे हुई थी । ग्वालियर टाइम्स का एक खास पेज चम्बल की आवाज वेब पर बहुत
प्रसिद्ध हिट रहा है । ग्वालियर टाइम्स जहॉं 85 लाख हिटस खींच रही थी , तो चम्बल
की आवाज जो कि ग्वालियर टाइम्स का महज एक
छोटा सा हिस्सा थी , उस समय 35 लाख हिटस लेकर अपना एक अलग ही रूतबा बनाये हुये थी
।
खैर अब तो ग्वालियर टाइम्स डॉट इन डोमेन पर है । और इसी पर भविष्य
में सदैव स्थिर रहेगी ।
11 साल की अल्पावधि में हमने बहुत कुछ देखा , ग्वालियर टाइम्स का
तो रूतबा और बुलंदी निरंतर बढ़ती ही रही , बढ़ती ही गई, बढ़ती ही जा रही है , तब
जब हमने काम शुरू किया था तब काम करना और
वेब ट्रेफिक पाना बहुत कठिन काम था , आज की तारीख में वही काम तकरीबन एक लाख गुना
ज्यादा आसान हो गया है । आज करो़ड़ों हिटस लेना व वेब ट्रेफिक हासिल करना बहुत
आसान है, आज काम करने के तरीके बहुत बदल गये हैं , बहुत से बदलाव आ गये हैं । और
चूंकि स्वयं इंजीनियरिंग व टैक्नॉलॉजी में एक्सपर्ट होने के कारण हमने स्वयं ही
बिना संसाधनों के ही अनेक अत्याधुनिक टैक्नालॉजीयों का प्रयोग आज से दस साल पहले
शुरू किया था , खैर अब तो नया बहुत कुछ करना है , और साल भर से पहले यानि कि जब
ग्वालियर टाइम्स अपने 12 साल पूरे करे तो , एक अदद व खास मुकाम व बेहतरीन उदाहरण व
प्रेरणा स्त्रोत के रूप में ग्वालियर टाइम्स खड़ी हो ।
इस दरम्यां बहुत से लोग ग्वालियर टाइम्स में आये और गये , कई टीमें
बनीं बिखरीं , खैर यह सब व्यवसाय का एक हिस्सा है । और ग्वालियर टाइम्स रही हो
चाहे नेशनल नोबलयूथ अकादमी , अपने नियमों , शर्तो , उसूलों पर कभी समझौते नहीं
करती , यह इतिहास ही हमारी बुलंद धरोहर रही है ।
जिसने भी ग्वालियर टाइम्स में या नेशनल नोबल यूथ अकादमी में आकर खुदा
बनने की या राजनीति करने की हिमाकत की या अन्य किसी तरह से अपना महत्व दिखाने की
कोशिश की , ग्वालियर टाइम्स और नेशनल नोबल यूथ अकादमी ने उठा
कर उसे न केवल बाहर फेंक दिया बल्कि धूल में भी मिला दिया ।
खैर लोगों का आना जाना किसी भी व्यावसायिक संस्थान की नियमित व एक
चालू प्रक्रिया रहती है । बस इतना बहुत खूब रहा कि न कभी नेशनल नोबलयूथ अकादमी ने
और न कभी ग्वालियर टाइम्स ने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता किया , न कभी किसी के सामने सिर झुकाया । एक विश्वसनीयता व योग्यता साबित की व
कमाई ।
अपने से ज्यादा योग्य व अनुभवी के सामने झुको , विेवेक बुद्धि व चातुर्य जागृत रखकर ही इस दुनिया में टिका जा सकता है ,
चाहे वह वेब की दुनिया हो या असल वास्तविक दुनिया हो । ग्वालियर
टाइम्स को और नेशनल नोबलयूथ अकादमी को दोनों ही कामों का गहरा मैदानी अनुभव है ,
असल धरातल पर भी और आकाशीय आसमानी दुनिया का भी ।
मात देने की कोशिश ही आपको मात दिलाती है । खैर यह खुशी की बात है
कि नेशनल नोबलयूथ अकादमी भी बरसों बाद अगले साल यानि सन 2016 में अपना मैदानी काम
दोबारा शुरू करने जा रही है । चूंकि ग्वालियर टाइम्स और नेशनल नोबल यूथ अकादमी का
अटूट व माता पुत्री पुत्र जैसा एक पारिवारिक रिश्ता है । अत: बेशक ही दोनों ही अब
एक दूसरे के लिये मददगार साबित होंगें ।
जिन लोगों ने हमारे साथ पिछले समय में कभी भी काम किया उन सभी को , अपनी आज की टीम को , आने वाली नई टीम को , अपने सहयोगीयों व साथियों , पाठकों, दर्शकों के प्रति हृदय से आभार व कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं । और आने वाले
वक्त में चूंकि बहुत बड़े बदलावों की प्रक्रिया और उन्नति व प्रगति के नये पथ पर
नये परचम फहराने के लिये आपकी अपनी ग्वालियर टाइम्स और नेशनल नोबलयूथ अकादमी दोनों
ही तैयार हैं । वर्ष सन 2016 में बहुत कुछ करके बहुत कुछ नया पाना है , हमारे पास देने को भी बहुत है और पाने को भी बहुत है, और बारहवां साल पूरा करके तेरहवें साल में दम रखना है , इसी की तैयारी के साथ आपके पूर्ववत सहयोग, प्यार व
साथ की सदैव ही नेशनल नोबलयूथ अकादमी को और ग्वालियर टाइम्स को आवश्यकता रहेगी ।
इब्तिदा ए इश्क है, रोता है क्या ,
आगे आगे देखिये कि होता है क्या .....
हवायें लाख रोकें रास्ता आंधीयां बनकर , मगर वो छा ही जाते हैं, जो बादल घिरकर आते है
.......
आपका अपना
नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनन्द’’
17 नवम्बर 2015
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