मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

लोकसभा निर्वाचन 2009 : मतदान केन्द्रों के बाहर बूथ बनाने के संबंध में धारा 144 के तहत आदेश जारी

लोकसभा निर्वाचन 2009 : मतदान केन्द्रों के बाहर बूथ बनाने के संबंध में धारा 144 के तहत आदेश जारी

ग्वालियर, 13 अप्रैल 09/ लोक सभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिये कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आकाश त्रिपाठी ने मतदान केन्द्रों के संबंध में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत आदेश दिये हैं । जारी आदेश के अनुसार 30 अप्रैल को मतदान सम्पन्न होने तक  मतदान केन्द्रों की 100 मीटर की परिधि में कोई भी व्यक्ति मोबाइल/कार्डलेस फोन्स का उपयोग नहीं करेगा, लेकिन यह प्रतिबंध पीठासीन अधिकारी, निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक,सुरक्षा में लगे अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर लागू नहीं होगा ।  इन अधिकारियों को भी अपना मोबाइल साइलेंट मोड में रखना होगा ।

 मतदाताओं को अशासकीय मतदाता पहचान पर्ची जारी करने हेतु मतदान केन्द्रों की परिधि के 200 मीटर के अन्दर कोई बूथ स्थापित नहीं किया जावेगा । एक ही परिसर में एक से अधिक मतदान केन्द्र होने पर भी ऐसे परिसरों से 200 मीटर की दूरी पर ऐसे मतदान केन्द्रों के लिए एक उम्मीदवार का एक ही बूथ बनाया जावेगा । ऐसे बूथ पर केवल एक मेज एवं दो कुर्सियां दी जायेगी और उसके साथ एक छत्री या त्रिपाल का टुकड़ा ही लगाया जा सकेगा, जिससे उन कुर्सियों पर बैठने वाले व्यक्ति धूप/वर्षा से अपनी रक्षा कर सकें,ऐसे बूथ के साथ कन्नाते नहीं लगाई जायेगी । ऐसे बूथ बनवाने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक अभ्यर्थी को पहले से लिखित रूप में रिटर्निंग आफीसर को उन मतदान केन्द्रों के नाम ओर क्रम संख्या बतानी चाहिए जहां ऐसे बूथ उसके द्वारा स्थापित करवाए जाते है,ऐसे बूथ स्थापित करवाने से पहले इसे संगत स्थानीय कानून के अधीन संबंधित सरकारी प्राधिकरणों अथवा स्थानीय प्राधिकरणों जैसे निगमों, नगर-पालिकाओं,जिला परिषदों,शहरी क्षेत्र समितियां आदि से लिखित अनुमति भी लेनी होगी । बूथ प्रबन्धकों को पुलिस/संबंधित निर्वाचन प्राधिकारियों के द्वारा मांग करने पर इस प्रकार की लिखित अनुमति प्रस्तुत करना होगी । ऐसे बूथ बनवाने पर आने वाले व्यय का लेखा निर्वाचन व्यय लेखा पंजी में रखना अनिवार्य होगा । ऐसे बूथ निर्वाचकों को केवल गैर-सरकारी पहचान पर्चियां जारी करने के एक मात्र प्रयोजन के लिए इस्तेमाल किए जाएेंगे,ये गेर -सरकारी पहचान पर्चियां आयोग के अनुदेशानुसार ही मुद्रित की जाएंगी । जिन पर अभ्यर्थी का नाम या प्रतीक अथवा राजनीतिक दल का नाम नहीं होना चाहिए । किसी भी दल के ध्वज की अनुमति का कागज/पर्ची भी निषेधित है ।

       किसी भी स्थिति में ऐसे बूथों के पास भीड़ को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी जाएगी, न ही मतदान केन्द्र पर ऐसे व्यक्ति को आने की अनुमति दी जाएगी,जो पहले ही मतदान कर चुका हो, यह बात उसकी बायी तर्जनी पर लगी अमिट स्याही से प्रमाणित हो जाएगी । बूथों पर बैठे हुए व्यक्ति मतदान केन्द्रों पर जाने वाले मतदाताओं के रास्ते में किसी भी तरह की रूकावट नहीं डालेगे अथवा दूसरे उम्मीदवार के बूथों पर जाने से उन्हें नहीं रोकेंगे या मतदाताओं को स्वयं उनकी इच्छानुसार मताधिकार का प्रयोग करने में किसी प्रकार की रूकावट नहीं डालेंगे । ऐसे बूथ पर केवल 3


4 50 वर्गफीट का बैनर लगाया जा सकेगा,जिस पर अभ्यर्थी का नाम उसका दल एवं चुनाव चिन्ह लिखा जा सकता है । मतदान के दिन मतदान केन्द्र/अभ्यर्थी के बूथ पर बैठने वाले मतदान एजेंट/कार्यकर्ता के लिए यह आवश्यक होगा कि वह उसी मतदान केन्द्र/पड़ोस के मतदान केन्द्र का वोटर हो ओर उसके प्ाास साथ में फोटो परिचय पत्र अथवा शासन द्वारा जारी किया गया ऐसा पहचान पत्र हो, जिस पर उसका फोटो लगा हो । मतदान एजेंट किसी भी स्थिति में मतदान के दिन मतदान केन्द्र से संबंधित मतदाता सूची मतदान समाप्ति से पूर्व अपने साथ मतदान केन्द्र से बाहर नहीं ले जा सकेगा । आदेश के उल्लंघन में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों के अन्तर्गत संबंधित के विरूद्व प्रकरण पंजीबद्व किया जावेगा । 

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