विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा निगम की स्ट्रीट लाईट को अवैध घोषित किये जाने का विरोध किया
ग्वालियर दिनांक 23.04.2009- म0प्र0 राज्य विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा मुरार क्षेत्र के ठाटीपुर जोन में शहर की स्ट्रीट लाईटों पर लगी सोडियम एवं टयूवलाईट पॉइन्टों को अवैध करार दिये जाने पर नगर निगम के कार्यपालनयंत्री अतिबल सिंह यादव द्वारा कार्यपालनयंत्री म0प्र0 राज्य विद्युत वितरण कम्पनी, रोशनीघर, ग्वालियर को कड़ा पत्र लिखते हुये उनके द्वारा की गई कार्यवाही को निराधार बताया है। श्री यादव द्वारा विद्युत वितरण कम्पनी पर आरोप लगाया है कि आपके द्वारा प्रत्येक मीटरिंग पॉइन्ट पर दुगुनी एवरेज बिलिंग की जा रही है। इन बिलों के सुधार के लिये अनेक बार राज्य विधुत वितरण कम्पनी को अनुरोध किया गया कि आपके स्ट्रीट लाईट पॉइन्ट स्वीच द्वारा ऑन-ऑफ होते है इस बात के एवरेज यूनिट जोड़े जाते है तो फिर किन परिस्थितियों में शहर की स्ट्रीट लाईट को अवैध ठहराया गया है। नगर निगम द्वारा प्रत्येक माह स्ट्रीट लाईटों का भुगतान विधुत वितरण कम्पनी को किया जा रहा है। पूर्व में 04.12.2006 को निगम द्वारा एक पत्र भेजकर लेख किया गया था कि शास्त्री नगर कॉलोनी नगर निगम की न होकर सी.पी.डब्ल्यू.डी. की तथा उक्त परिसर में जो स्ट्रीट लाईट पॉइन्ट लगे हुये हैं उनका नगर निगम से कोई संबंध नहीं है उसी प्रकार सुरेश नगर में पी.एन.टी. कॉलोनी दूरसंचार विभाग की है लेकिन इन कॉलोनियों के बिल भी नगर निगम को भेजे जाते रहे है। हाईकोर्ट रोड पर नगर निगम द्वारा स्ट्रीट लाईट का कनेक्शन लिया गया है जिसका प्रत्येक माह निगम भुगतान कर रहा है जबकि हाईकोर्ट परिसर लोक निर्माण विभाग का है तथा परिसर के अंदर निगम द्वारा कोई कार्य नहीं किया जाता है और न ही यह निगम की सम्पत्ति है।
हाईकोर्ट के पीछे बनी जज कॉलोनी का भुगतान नगर निगम द्वारा किया जाता है तथा सिटीसेन्टर में स्ट्रीट लाईट सेल्स टैक्स ऑफिस द्वारा बिलिंग की जाती है जिसका प्रत्येक माह भुगतान किया जाता है। उन्होंने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट किया है कि दर्पण कॉलोनी, म0प्र0 गृह निर्माण मण्डल की कॉलोनी है जो निगम को माह अगस्त 2008 में हस्तांतरित हुई तबसे आज तक दर्पण कॉलोनी की स्ट्रीट लाईट का भुगतान नगर निगम ग्वालियर द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने विद्युत मण्डल के अधिकारियों को जानकारी दी कि यूनिवर्सिटी रोड पर लगे तीन पोलों की स्ट्रीट लाईट का तार आपके विभाग के कर्मचारियों द्वारा काटा गया जिसकी शिकायत हमारे विभाग द्वारा की गई। उक्त तार आज दिनांक तक नहीं जोड़े गये है। विद्युत मण्डल द्वारा मेला परिसर मेन रोड की स्ट्रीट लाईट को भी अवैध करार दिया है। श्री यादव द्वारा बताया गया कि इस क्षेत्र की स्ट्रीट लाईटों का संधारण मेले के महाराजा गेट पर लगे मीटर से होता है जिसका नियमित भुगतान नगर निगम द्वारा किया जा रहा है।
सुरेश नगर कॉलोनी शहर की सबसे पुरानी तथा विकसित कॉलोनी है इस कॉलोनी का स्ट्रीट लाईट का वॉयर पूर्व से ही खींचा हुआ था आज भी है जिसकी बिलिंग ठाटीपुर पेटोलपम्प के सामने लगे मीटर से होती है, अगर स्ट्रीट लाईट 24 घण्टे जल रही है तो आपके कर्मचारियों द्वारा स्ट्रीट लाईट का तार काटा गया है तथा स्ट्रीट लाईट के तार को घरेलू तार में परिवर्तित किया गया है। मयूर मार्कैट में भी ऐसा ही किया गया है। नगर निगम द्वारा उक्त कॉलोनियों में कोई अवैध फिटिंग नहीं की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अनुपम नगर में स्ट्रीट लाईट का वॉयर खींचा हुआ है जिसका भुगतान गोविन्दपुरी तिराहे पर लगे मीटर से किया जाता है। चंबल कॉलोनी जो सिंचाई विभाग की कॉलोनी है उस कॉलोनी का नगर निगम से कोई संबंध नहीं है।
श्री यादव द्वारा बताया गया कि विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा स्ट्रीट लाईट को चालू लाईट में परिवर्तित कर दिया गया है जिसके कारण निगम की फिटिंग 24 घण्टे जलने के कारण उन पर स्वीच लगाये गये हैं, इन स्वीचों का भुगतान भी एवरेज पॉइन्ट की यूनिट मानकर नगर निगम ग्वालियर द्वारा किया जा रहा है। कार्यपालनयंत्री विद्युत अतिबल सिंह यादव द्वारा कार्यपालनयत्री विद्युत वितरण कम्पनी को पत्र लिखकर काटी गई स्ट्रीट लाईट को तत्काल खिंचवाने का अनुरोध किया गया है अन्यथा दशा में स्ट्रीट लाईट की व्यवस्था न होने से बढ़ने वाले अपराधों के लिये विद्युत मण्डल उत्तरदायी होगा।
उन्होंने स्ट्रीट लाईट के त्रुटिपूर्ण बिल भेजे जाने पर भी उत्तर संभाग के कार्यपालनयंत्री को पत्र लिखकर अप्रेल 2009 में स्ट्रीट लाईट मीटर के विभिन्न क्षेत्रों में भेजे गये त्रुटिपूर्ण बिलों पर भी आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि किलागेट मीटर की खपत 4683 दर्शायी गयी है उसके साथ एवरेज खपत 7 हजार यूनिट है इसके बावजूद विद्युत वितरण कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा किलागेट से घासमण्डी चौराहे तक स्ट्रीट लाईट के तार काट दिये गये हैं जबकि उस क्षेत्र में स्ट्रीट लाईट वॉयर खींचा हुआ है तथा यह लगभग 30 वर्ष पुराना निगम का मीटर है। इसी प्रकार लधेड़ी सब स्टेशन घासमण्डी धर्मशाला पर मीटर लगा हुआ है जिसका मीटर जला है। अप्रेल माह के बिल में 4 हजार यूनिट की खपत दर्शाई गई है। उक्त क्षेत्र में 40 वर्षों से स्ट्रीट लाईट वॉयर खींचा हुआ है वहां आज भी स्ट्रीट लाईट वॉयर है लेकिन विद्युत वितरण कम्पनी के कर्मचारियों द्वारा स्ट्रीट लाईट फिटिंग के तार काटे जा रहे है। श्री यादव द्वारा इस प्रक्रिया को पूर्णत अनुचित ठहराया गया है। श्री यादव द्वारा शर्मा फार्म रोड चार शहर का नाका मुख्य मार्ग पर स्ट्रीट लाईट का आंकलित खपत 4 हजार रू. दर्शाई गई है जबकि उस क्षेत्र में कहीं भी स्ट्रीट लाईट का तार नहीं है। इस प्रकार मनमानीपूर्ण तरीके से गलत ढंग से विद्युत मण्डल द्वारा नगर निगम को त्रुटिपूर्ण बिल भेजे जा रहे है।
कोटेश्वर मंदिर के सामने कोई मीटर नहीं है इस पर अनुमानित खपत 2 हजार यूनिट दर्शायी गई है। राजा की मण्डी 402 खपत दर्शाई गई है तथा ए.एस.यू. 3 हजार यूनिट दर्शाई गई है जो पूरी तरह गलत है। गोसपुरा न.1 में पूर्व खपत 00005 तथा वर्तमान खपत 00005 दर्शाई गई है इसके साथ ए.एस.यू. खपत 4 हजार दर्शाई गई है। इन स्थानों के मीटर वर्षों से जले होने के बाद भी विद्युत मण्डल द्वारा नहीं बदले गये है। मीटरों के मरम्मत कराकर सही बिल भेजने की मांग की गई है।
उन्होंने कार्यपालनयंत्री म0प्र0 विद्युत वितरण कम्पनी को लिखे पत्र में यह भी अनुरोध किया है कि आपके द्वारा समाचार पत्रों के माध्यम से तथा अनेक पत्र भेजकर यह भ्रामक जानकारी फैलायी जा रही है कि नगर निगम विद्युत बिलों का भुगतान नहीं करता है। यह उपरोक्त परिस्थितियों में उचित नहीं है। यदि मीटर रीडिंग अनुसार आपके विभाग द्वारा बिल प्रस्तुत नहीं किये गये तो निगम स्ट्रीट लाईट के बिलों का भुगतान किस प्रकार कर सकेगा। उन्होंने यह भी लिखा है कि अनेकों पत्र लिखे जाने के बावजूद भी विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा 40-50 वर्षों के बीच लगातार मीटर रीडिंग होने वाले बिन्दु भी अनुमानित आंकलन रीडिंग लिखकर बिल भेजे जा रहे है तथा खपत भी अवैध बतायी जा रही है।
श्री यादव ने अपने की प्रति जिलाधीश ग्वालियर, आयुक्त नगर निगम तथा विशेष न्यायिक मजिस्टे्रट, ग्वालियर को भी देकर अनुरोध किया है कि म0प्र0 विद्युत मण्डल द्वारा गलत तरीके से नगर निगम ग्वालियर द्वारा लगाई गई स्ट्रीट लाईट को अवैध ठहराया जा रहा है। उपरोक्त परिस्थितियों में यदि शहर में कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो म0प्र0 विद्युत मण्डल जबाबदेह होगा।
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