रविवार, 31 जनवरी 2010

राघौगढ में तहसील स्तरीय पत्रकारों की कार्यशाला आयोजित

राघौगढ में तहसील स्तरीय पत्रकारों की कार्यशाला आयोजित

सूचना परख एवं जन उपयोगी खबरों को प्राथमिकता में लें...--श्री शर्मा

ग्वालियर 28 जनवरी 10। आने वाला समय ग्रामीण पत्रकारिता का हैं। ग्रामीण अंचलों में पाठकों की संख्या जिस तेजी से बढ रही हैं,उससे ग्रामीण अंचल के पत्रकारों की समाचारों के प्रति जबावदेही भी बढ रही हैं।ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार सूचना परख एवं जन उपयोगी खबरो को प्राथमिकता में लें ताकि उनके द्वारा प्रेषित समाचारों से जन जागरूकता बढे।पत्रकार न्यूजसेंस के प्रति गंभीर हो और न्यूसेंस से बचें।

      जनसम्पर्क संचालनालय के निर्देशानुसार गुना जिले की राधौगढ़ तहसील मुख्यालय पर आज गुरुवार को आयोजित पत्रकारों की प्रशिक्षण सह-कार्यशाला को संबोधित करते हुये दैनिक भास्कर ग्वालियर के संपादक श्री अनिल शर्मा ने उक्त विचार प्रकट किये। कार्यशाला में ग्वालियर सहारा समय के प्रमुख श्री जावेद खान और संयुक्त संचालक जनसम्पर्क ग्वालियर श्री सुभाष अरोरा भी सम्मिलित हुये। इस अवसर पर राधौगढ़ एवं आरोन तहसील के करीब 30 ग्रामीण पत्रकारों ने कार्यशाला में भाग लिया। श्री अनिल शर्मा ने पत्रकारों से कहाकि कोई भी समाचार लिखने के पहले यह सोच लेना चाहिये कि आपके द्वारा लिखी जाने वाली खबर समाज को क्या संदेश दे रही है, खबर वह हो जो पाठक के लिये उपयोगी हो,उसमें आश्चर्य का बोध भी हो। उन्होंने कहाकि ग्रामीण क्षेत्रों में खबरों का भण्डार छुपा है,जरुरत इस बात की है, कि आपकी नजर उन खबरों पर पढ़े और वह आपकी लेखनी के माध्यम से समाज के बीच में आये। हर पत्रकार को आगे बढ़ने के लिये अपडेट होना भी आवश्यक है। इसके लिये जरुरी है कि पत्रकार निरन्तर अध्ययन भी करते रहें।

      सहारा समय के वरिष्ठ पत्रकार श्री जावेद खान ने कहाकि ग्रामीण क्षेत्रों में पत्रकारिता करना एक चुनौती पूर्ण कार्य है। पत्रकार की पहचान उसके द्वारा लिखी गई खबर से होती है। ग्रामीण क्षेत्र से मिली छोटी छोटी खबरें ही बड़ी खबरों को फीडबेक देती हैं। उन्होंने कहाकि प्रिंट मीडिया की खबरों का आज भी अपना एक अलग महत्व है भले ही इलेक्ट्रानिक मीडिया अपनी रफतार से चल रहा हो।संसाधनों के अभाव के वाबजूद भी पत्रकार को यह प्रयास करने चाहिये कि उनके द्वारा लिखी गई खबर तत्काल समाचार कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने कहाकि पत्रकार में इच्छा शक्ति के साथ दबाव में न आने की ललक भी होना चाहिये। समाज में जनचेतना लाने और बदलाव लाने में पत्रकार महत्ती भूमिका निभा सकता है।उन्होंने सुझाव दिया कि तहसील स्तर के पत्रकार मिलकर एक ऐसा केन्द्र स्थापित करें जहां सूचना सम्प्रेषण की व्यवस्थायें हों। इस केन्द्र को संचालित करने के लिये पत्रकार अपना स्व-सहायता समूह भी बना सकते हैं।                     

संयुक्त संचालक जनसम्पर्क श्री सुभाष अरोरा ने कहाकि नकारात्मक खबरों के साथ सकारात्मक खबरों को भी पाठक वर्ग पढ़ना चाहता है। ग्रामीण क्षेत्रों में शासन की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उनकी सफलता पर आधारित खबरें लिखी जा सकती है। इसके साथ ही किसानों,महिलाओं और गरीब तबके के हित में पत्रकार काफी उपयोगी सामग्री दे सकते हैं।उन्होंने कहाकि वर्तमान समय में मीडिया भी हाईटेक हुआ है।खबरे और सूचनायें देने के अनेक संसाधन विकसित हुये हैं। ग्रामीण पत्रकारों को वर्तमान परिवेश में ढ़लने के लिये अपने आप को तैयार करना चाहिये।

      कार्यशाला में शामिल हुये पत्रकारों ने अनेक सुझाव दिये। पत्रकार श्री निर्मल साहू ने कहाकि शासन द्वारा तहसील स्तर पर अधिमान्यता देने का निर्णय सराहनीय है,इससे ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकारों का मनोबल बढेंगा। उन्होंने कहाकि तहसील स्तर पर भी पत्रकारों से सीधा संवाद रखने वाला एक कार्यालय होना चाहिये। पत्रकार श्री सुनील पाण्डेय ने पत्रकारों को चिकित्सा सुविधा देने और अन्य पत्रकार साथियों ने भी सुझाव देते हुये इस प्रकार की कार्यशालायें समय-समय पर आयोजित किये जाने की बात कही।प्रारंभ में सहायक संचालक जनसम्पर्क श्री जी.एस.वाधवा ने कार्यशाला के उद्वेश्य पर प्रकाश डाला। इसके पूर्व अतिथियों ने महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में शामिल हुये राधौगढ़ एवं आरोन के पत्रकारों ने अतिथियों का स्वागत किया।      

 

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