रविवार, 24 जनवरी 2010

चार कम्पनियों से शीघ्र सम्पत्तिकर वसूली के आदेश

चार कम्पनियों से शीघ्र सम्पत्तिकर वसूली के आदेश

ग्वालियर दिनांक-22.01.2010& नगर निगम ग्वालियर द्वारा प्रबंधक, अम्बर कार्पोरेशन अमर ज्योति बिन्दल तानसेन रोड, ग्वालियर, ओरियेन्टल एक्सर्पोट इम्पोर्ट अमर ज्योति बिंदल तानसेन रोड, ग्वालियर, ओरिम्पैक्स टैक्सटाइल प्रायवेट लिमिटेड, तानसेन रोड, ग्वालियर अमर निटिंग वर्कशॉप प्रायवेट लिमिटेड, तानसेन रोड, ग्वालियर आदि को कर हेतु नोटिस दिये गये। उक्त कम्पनियों से अभी तक के सम्पत्तिकर के रूप में लगभग 54 लाख 29 हजार 111 रू. की राशि वसूल की जावेगी। उक्त आदेश माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ, ग्वालियर द्वारा याचिका क्र. 1880/08 में पारित आदेश दिनांक 23.4.2008 एवं याचिका क्र. 679/09 में पारित आदेश दिनांक 18.03.2009 के क्रम में निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने उपरोक्त संबंधित फर्मों को जारी किया हैं। निगमायुक्त द्वारा शीघ्र सम्पत्तिकर व अन्य उपकर जमा करने के निर्देश दिये हैं।

       अपने पत्र में निगमायुक्त द्वारा प्रबंधक अम्बर कार्पोरेशन अमर ज्योति बिन्दल तानसेन नगर को लेख किया है कि नगर निगम द्वारा दिनांक 16.03.2008 को उल्लेखित डिमाण्ड नोट आपकी ओर यथासमय प्रेषित कर दिनांक 31.3.2007 की बकाया राशि रू. 18 लाख 68 हजार 801 जमा करने हेतु लेख किया गया था। दिनांक 03.02.2009 द्वारा पुन: राशि जमा करने हेतु लेख किया गया । उपरोक्त के अतिरिक्त वर्ष 2007-08, 2008-09 की देय बकाया राशि 1,54,590/- इस प्रकार कुल 31.03.2009 तक बकाया राशि रू. 20 लाख 23 हजार 391 रू. निगम कोष में जमा कराये जाने हेतु पत्र लिखा गया है। इसी प्रकार ज्योति बिन्दल की दूसरी फर्म ओरियेन्टल एक्सपोर्ट इम्पोर्ट को उक्त अवधि के 9 लाख 32 हजार 250 रू. तथा ओरिन पैक्स टैक्सटाईल्स प्रा0लि0 तानसेन रोड, ग्वालियर को रू. 10 लाख 97 हजार 400 एवं अमर निटिंग वक्रशॉप प्रा0लि0 को 13 लाख 76 हजार 70 रू. तत्काल निगम कोष में जमा कराने हेतु निर्देश दिये गये है।

       उल्लेखनीय है कि इस मामले में उपरोक्त कम्पनियों प्रबंधक, अम्बर कार्पोरेशन अमर ज्योति बिन्दल तानसेन रोड, ग्वालियर, ओरियेन्टल एक्सर्पोट इम्पोर्ट अमर ज्योति बिंदल तानसेन रोड, ग्वालियर, ओरिम्पैक्स टैक्सटाइल प्रायवेट लिमिटेड, तानसेन रोड, ग्वालियर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, खण्डपीठ ग्वालियर में याचिका क्र. 1880/2008 में रिट प्रस्तुत की थी जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा 23.01.2008 को आदेश पारित किया गया कि यह प्रकरण्ा राज्य शासन को प्रस्तुत किया जाये इसके बाद उपरोक्त कम्पनियों ने दिनांक 31.03.2009 को राज्य शासन को अपील प्रस्तुत की तथा उपरोक्त कम्पनियों द्वारा राज्य शासन से मांग की गई कि नगर पालिका निगम ग्वालियर द्वारा दिनांक 28.03.2007 को उक्त कम्पनियों द्वारा धारित सम्पत्ति पर जो सम्पत्तिकर लगाया गया है उसे निरस्त किया जाये तथा नगर पालिका निगम ग्वालियर को बलपूर्वक सम्पत्तिकर की वसूली से रोका जाये तथा ग्वालियर नगर पालिका निगम ग्वालियर द्वारा कोई वसूली उपरोक्त कम्पनियों से की गई तो उसे वापिस कराने के आदेश दिये। इसके लिये कम्पनी की ओर से तर्क दिये गये हैं कि नगर पालिका निगम, ग्वालियर की एम.आई.सी. द्वारा 24.09.2002 एवं 28.03.2007 को राज्य शासन स्वामित्व की लीज होल्ड सम्पत्ति पर जो सम्पत्तिकर लगाया गया है वह म0प्र0 नगर पालिका निगम अधिनियम, 1956 की धारा 136 के प्रावधानों के विपरीत है वहीं धारा 135 के अंतर्गत दी गई छूट कम्पनियों द्वारा धारित सम्पत्ति के संदर्भ में लागू होती है इसके साथ ही कम्पनी द्वारा धारित भूमि राज्य शासन के स्वामित्व की है और शासन द्वारा विधिवत प्रक्रिया से निर्धारित शर्तों पर यह भूमि उद्योगपतियों को उद्योगों की स्थापना के लिये दी गई है इसलिये यह भूमि निगम अधिनियम के अंतर्गत सम्पत्तिकर से मुक्त है इसके साथ ही कम्पनियों द्वारा स्थापित उद्योग कम्पनी अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत आते हैं जिन पर निगम अधिनियम के अंतर्गत वसूली नहीं की जा सकती है।

       इसके जबाब में नगर पालिक निगम, ग्वालियर में दिनांक 20.05.2009 को राज्य शासन को अपना जबाब पत्र प्रस्तुत किया जिसमें निगम ने बताया कि म0प्र0 नगर पालिका निगम अधिनियम, 1956 के प्रावधानों के तहत उक्त कम्पनियों द्वारा धारित राज्य शासन की लीज होल्ड पर आवंटित भूमि के संबंध में सम्पत्तिकर प्राप्त करने का अधिकार है क्योंकि 30 वर्ष से अधिक अवधि के लिये आवंटित की गई है जिस पर उक्त कम्पनियों ने स्थायी निर्माण किये हैं तथा निगम द्वारा सम्पत्तिकर की गणना भूतलक्षी प्रभाव से नहीं बल्कि वर्ष 1997 से प्रतिवर्ष निर्धारित दर पर ही प्रारंभ की गई है। वहीं निगम अधिनियम की धारा 133 के प्रावधान उक्त कम्पनियों की सम्पत्तियों के मामले में लागू नहीं होते हैं। इसके साथ ही वार्षिक भाड़ा मूल्य की गणना अधिनियम की धारा 135, 138 और 1997 के नियमों के अनुसार की गई है वहीं निगम ने अपने जबाब में कहा कि उक्त कम्पनियों द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय के जिस आदेश को आधार बनाया है वह इस प्रकरण में लागू नहीं होते हैं।

       इन सब बिन्दुओं पर विस्तार से विवेचना के बाद राज्य शासन ने उपरोक्त कम्पनियों की अपील को अमान्य कर दिया। राज्य शासन ने निर्णय दिया कि उपरोक्त कम्पनियाें द्वारा धारित भूमि राज्य शासन से स्थायी लीज पर है तथा इसके संबंध में सभी प्रत्यायोजनों के लिये कम्पनियों का स्वामित्व निर्विवादित है इसलिये म0प्र0 नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 136 के अंतर्गत उपरोक्त कम्पनियों द्वारा धारित भूमि तथा भवन सम्पत्तिकर से छूट प्राप्त करने की पात्रता नहीं रखते हैं तथा उक्त कम्पनियों द्वारा वर्ष 1997-98 से निगम द्वारा लगाये जा रहे कर का यथासमय भुगतान न किये जाने से यह भूतलक्षी प्रभाव से कर की वसूली नहीं कहा जा सकता है इसलिये उपरोक्त कम्पनियों की अपील खारिज की जाती है।

       निगमायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने विगत 14 जनवरी 2010 को उपरोक्त कम्पनियों के प्रबंधकों, अम्बर कार्पोरेशन अमर ज्योति बिन्दल तानसेन रोड, ग्वालियर, ओरियेन्टल एक्सर्पोट इम्पोर्ट अमर ज्योति बिंदल तानसेन रोड, ग्वालियर, ओरिम्पैक्स टैक्सटाइल प्रायवेट लिमिटेड, तानसेन रोड, ग्वालियर अमर निटिंग वर्कशॉप प्रायवेट लिमिटेड, तानसेन रोड, ग्वालियर को पत्र लिखकर सूचित किया है कि म0प्र0 नगर पालिका निगम अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत देय बकाया राशि तत्काल निगम कोष में जमा करायें अन्यथा बकाया राशि की वसूली के लिये कड़ी कार्यवाही की जावेगी।

 

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