शुक्रवार, 16 जुलाई 2010

हत्या के आरोप में आजीवन कारावास काट रहे टी.आई. दोषमुक्त

हत्या के आरोप में आजीवन कारावास काट रहे टी.आई. दोषमुक्त

ग्वालियर बहुचर्चित रामकली हत्याकाण्ड दिनांक 18.01.1989 के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा काट रहे तत्कालीन थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंघल को माननीय उच्च न्यायालय की ग्वालियर खण्डपीठ द्वारा दिनांक  06.07.2010 को दोषमुक्त करार दिया गया है।

      यह जानकारी अभिभाषक समीर कुमार श्रीवास्तव ने देते हुये बताया है कि दिनांक 18.01.1989 को पुरानी छावनी थाने में मृतिका रामकली को किसी व्यक्ति के कत्ल में आरोप में पूछताछ के लिये थाने लाया गया था। इसके पश्चात इस घटना के दूसरे दिन रामकली की लाश थाना प्रभारी के कमरे की खिड़की से नग्न अवस्था में लटकी हुई पाई गई जिस पर संबंधित तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ रामकली की हत्या के आरोप में कार्यवाही की गई तथा इस मामले की सुनवाई माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय में की गई जिसमें दिनांक 18.08.2009 को अनिल कुमार सिंघल को धारा 302 आई.पी.सी. के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय के इस फैसले के विरूद्व अनिल कुमार सिंघल की ओर से माननीय उच्च न्यायालय में अभिभाषक समीर कुमार श्रीवास्तव के माध्यम से क्रिमीनल अपील दायर की गई जिसमें अभिभाषक श्री श्रीवास्तव द्वारा सुनवाई के दौरान यह साबित कर दिया कि घटना दिनांक 18.01.1989 से पूर्व थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंघल का तबादला हुजरात कोतवाली थाने में हो चुका था इसलिये इस घटना से अनिल कुमार सिंघल का कोई लेना-देना नहीं था जिसके दस्तावेज अभिभाषक श्रीवास्तव द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में प्रस्तुत किये गये जिस पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 06.07.2010 को थाना प्रभारी अनिल कुमार सिंघल को दोषमुक्त करार देते हुये जेल से रिहा किया गया।

 

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