शिक्षक कक्षा से अपना रिश्ता हमेशा बनाये रखें- श्रीमती चिटनिस
शिक्षा के अधिकार अधिनियम पर कार्यशाला आयोजित
ग्वालियर 14 जुलाई 10। स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा है कि शिक्षकों पर शैक्षणिक कार्य के अलावा भले ही कोई भी दायित्व आ जाये, लेकिन उन्हें कक्षा से अपना रिश्ता नहीं तोड़ना चाहिये, उन्हें पढ़ाने से प्यार होना चाहिये। साथ ही शिक्षक को एक अच्छा इंसान होना चाहिये, इससे शिक्षा के लिये आने वाला समय उज्जवल होगा। श्रीमती चिटनिस ने यह प्रेरणादायक बात आज यहां लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा विश्वविद्यालय के सभागार में शिक्षा का अधिकार अधिनियम पर आयोजित कार्यशाला में कही। इस अवसर पर जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती प्रेमाबाई गुर्जर, उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मण सिंह सोलंकी, यूनीसेफ के सलाहकार श्री एल एस. बघेल, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी, नगर निगम आयुक्त श्री एन बी एस. राजपूत, अपर कलेक्टर श्री आर के. जैन, संयुक्त संचालक शिक्षा श्री के के. द्विवेदी, जिला शिक्षा अधिकारी श्री डी आर. ज्ञानानी, शिक्षाविद, जनप्रतिनिधिगण, शिक्षक, पालक शिक्षक संघ के सदस्य, पत्रकार तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि अन्य कार्यों में यदि कोई कमी रहती है तो वह बाद में भी ठीक हो सकती है, लेकिन शिक्षा एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसमें की गई कोताही की कोई रिपेयरिंग नहीं होती है, इससे आने वाली अनेक पीढ़ियों का भविष्य बिगड़ सकता है। इसलिये शिक्षक अपने कार्य को सामान्य नौकरी नहीं मानें। शिक्षा के अधिकार अधिनियम की सफलता उन्हीं के हाथ में हैं। उन्होंने निजी शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि वे एडवांस में छात्रों को प्रवेश नहीं दें। उन्हें 25 प्रतिशत कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिला देना होगा। यदि ऐसे बच्चों का दाखिला कोई स्कूल शत प्रतिशत करते हैं, तो सरकार ऐसे विद्यालयों को तीन हजार रूपये प्रति बच्चे के मान से राशि प्रदाय करेगी। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम क्रांतिकारी है, इसे और अधिक प्रभावशाली बनायेंगे।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा व्यापम के माध्यम से परीक्षा करवाकर पारदर्शी तरीके से शिक्षकों की भर्ती की जा रही है तथा संविदा शिक्षकों को शिक्षक संवर्ग में लिया गया है। साथ ही शिक्षकों का वेतन बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके पूर्व उन्होंनें उपस्थित शिक्षाविदों जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों से अधिनियम के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त किये। साथ ही उनसे किये गये सवालों के बखूबी उत्तर दिये। यूनीसेफ के सलाहकार श्री बघेल ने उपस्थित जनों को पॉवर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन के जरिये अधिनियम के प्रावधानों को विस्तार से समझाया। कलेक्टर श्री त्रिपाठी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि इस अधिनियम में 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है, यह लाभ उन्हें मिले यह सभी को मिलकर सुनिश्चित करना है।
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