नव संवत्सर में ग्रह स्थतियां एवं संवत्सर परिचय
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनंद''
विक्रम वर्ष – विक्रम संवत 2068 , शक संवत 1933, यह नवीन वर्ष श्री क्रोधी एवं विश्वावसु नामकीय संवत्सर की गणना से प्रभावशील है । इस वर्ष के अधिपति सूर्य नारायण हैं तथा उपेश पद प्रभार चंद्र देव को मिला है । वर्ष का प्रधानमंत्री पदभार देवगुरू बृहस्पति को मिला है, सस्य विभाग शनिदेव पर एवं धान्य विभाग दैत्य गुरू भृगु -शुक्र देव को मिला है, मेघ पर्जन्य नायक पद का का अधिभार चंद्र सुत बुध देव के पास है, रसेश – चंद्र देव, नीरसेश – शनिदेव, फलेश- बुध, धन वित्त – शनिदेव, रक्षा –जल थल नभ आणविक शक्ति- बुध को मिले हैं ।
ग्रह स्थितियां – संवत्सर प्रारंभ में
4 अप्रेल 2011 चैत्र प्रतिपदा से नव वर्ष नव संवत्सर विक्रमाब्द 2068 प्रारंभ
सूर्य – मीन में 14 अप्रेल तक , 14 अप्रेल के बाद मेष राशि में, मंगल – 25 अप्रेल 2011 से मीन में मंगल उदय , बुध 17 अप्रेल 2011 से मीन राशि में बुधोदय, गुरू 24 अप्रेल 2011 से मीन राशि में गुरू उदय, शुक्र वर्तमान में कुंभ राशि में 16 अप्रेल 2011 से मीन राशि में, शनि कन्या राशि में वर्तमान वक्र गति शील – 13 जून से मार्गी एवं 26 सितम्बर को अस्त व 30 अक्टूबर को उदय तथा 15 नवम्बर 2011 को राशि परिवर्तन कर तुला राशि में इसके बाद वर्ष पर्यन्त तुला राशि में गोचर राहू – केतु – क्रमश: धनु एवं मिथुन राशि में वर्तमान 6 जून 2011 से राहू – वृश्चिक राशि में एवं केतु वृष राशि में गोचर करेंगें ।
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