विश्व का दूसरे नंबर का और भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल मुरैना ,
विश्व की सबसे बड़ी टूरिस्ट सरकार - भारत सरकार , विश्व की सबसे बड़ी
बनिये की दूकान - भारत का लोकतंत्र
व्यंग्य - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
क्या यार मुरैना में आज सबेरे 4 बजे से बिजली नहीं है तो इसका मतलब ये नहीं है कि ( सी.एम. हेल्पलाइन में चार चार कंपलेाट कर तो रखीं हैं , अब बहरे को सुनाई न दे , अंधे को दिखाई न दे तो इसमें हम क्या करें ) अब भइया सिब्बू को बहरा और नंदू को अंधा और कलेक्टर को लंगड़ा मत कह देना ...... ........ हमने कालीचरण कालीराम का खुल गया पोल ..... टूरिस्ट सांसद कह कर उसका सारी दुनियां में नाम रोशन कर डाला उसके मामा के नाम की योजना पर ही कलंक लगा रहा कालीराम सारी दुनियां में 6 करोड़ लोगों तक वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और रिलज कर मशहूर कर दिया ........ तो इसका मतलब ये नहीं कि ......... उसी तर्ज पर ..... मोदी जी को सूट बूट वाला चोर , सूटकेस सोने का टूरिस्ट प्राइम मिनिस्टर कहा जाये ..... इससे तो ऐसा लगता है कि साली पूरी सरकार ( अकेली बेचारी विदेश मंत्री को छोड़कर ) जो विदेशी जगह की सांसद जरूर है मगर कभी विदेश नहीं जाती, आप लोग पूरी की पूरी सरकार को ही बनियों की दूकान और तखरी तराजू वाला प्रशासन , और हर सांसद व मिनिस्टर को ही टूरिस्ट कहें .... एम.पी. के गधा गोबर नंदू भैया की तो जो कल से बुरी तरह धोती खींच ऐसी की तैसी की जा रही है , दुगत बनाई जा रही है , हम तो फेसबुक , ट्विटर और व्हाटस एप्प पर पढ़ पढ़ के पक गये ..... अखबार और दनादन धोती लंगोट खींचने में , उतारने में लगे हैं बेचारों के , अरे ठीक है बेचारों ने सारे बनियों को प्रशासन की दूकान सौंप दी तो क्या हुआ , पैसे देकर आये हैं बेचारे , थानेदारी भी आजकल थाने के महीने के रूपये बंधे होने से मिलती है, मास्टरी की दूकान , डाक्टरी की दूकान, व्यापम की सब्जी मण्डी, इंजीनियर बनाने की फैक्ट्रियां , नोट गिनने की मशीनें चौकीदारों के घर में लगानी पड़ रहीं हैं तो क्या हुआ, अरे यार कमाता कौन नहीं है, नेताओं के मील तो नहीं चलते , तेल तो तिली से ही निकलेगा न , और बनियों से बड़ा कमाऊ पूत कभी कोई सुना है क्या , चलो अब शांत हो जाओ , जादा पोस्ट मत डालो सूट बूट की टूरिस्ट कमाऊ विदेशी बनियों की दूकान सरकार पर ...... वरना हमारी खुपडि़या अगर घूम गई तो ..... हम फिर एक खतरनाक लेख लिख डालेंगें और ..... वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और रिलीज कर मारेंगें ..... फिर मत कहयो के बताई नहीं हती के मूरैना की कलेक्टर ग्वालियर रहती है, कबहूं फेान नहीं उठाती , मुरैना टूरिस्टों का अड्डा है, भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है ...... हियां सांसद से लेकर अफसर , कर्मचारी सब टूरिस्ट ही टूरिस्टूरिस्ट ही भरे पड़े हैं जनता मरे तो मरे .... अपनी बला से ..... इसलिये अब चुप्प हो जाओ ..... हमारा भेजा मत घुमाओ ...... वरना आलतू फालतू में ही किसी बनिये की दूकान लुट जायेगी यूं ही ख्वामख्वाह ही ...... टिचक्यूं - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
व्यंग्य - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
क्या यार मुरैना में आज सबेरे 4 बजे से बिजली नहीं है तो इसका मतलब ये नहीं है कि ( सी.एम. हेल्पलाइन में चार चार कंपलेाट कर तो रखीं हैं , अब बहरे को सुनाई न दे , अंधे को दिखाई न दे तो इसमें हम क्या करें ) अब भइया सिब्बू को बहरा और नंदू को अंधा और कलेक्टर को लंगड़ा मत कह देना ...... ........ हमने कालीचरण कालीराम का खुल गया पोल ..... टूरिस्ट सांसद कह कर उसका सारी दुनियां में नाम रोशन कर डाला उसके मामा के नाम की योजना पर ही कलंक लगा रहा कालीराम सारी दुनियां में 6 करोड़ लोगों तक वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और रिलज कर मशहूर कर दिया ........ तो इसका मतलब ये नहीं कि ......... उसी तर्ज पर ..... मोदी जी को सूट बूट वाला चोर , सूटकेस सोने का टूरिस्ट प्राइम मिनिस्टर कहा जाये ..... इससे तो ऐसा लगता है कि साली पूरी सरकार ( अकेली बेचारी विदेश मंत्री को छोड़कर ) जो विदेशी जगह की सांसद जरूर है मगर कभी विदेश नहीं जाती, आप लोग पूरी की पूरी सरकार को ही बनियों की दूकान और तखरी तराजू वाला प्रशासन , और हर सांसद व मिनिस्टर को ही टूरिस्ट कहें .... एम.पी. के गधा गोबर नंदू भैया की तो जो कल से बुरी तरह धोती खींच ऐसी की तैसी की जा रही है , दुगत बनाई जा रही है , हम तो फेसबुक , ट्विटर और व्हाटस एप्प पर पढ़ पढ़ के पक गये ..... अखबार और दनादन धोती लंगोट खींचने में , उतारने में लगे हैं बेचारों के , अरे ठीक है बेचारों ने सारे बनियों को प्रशासन की दूकान सौंप दी तो क्या हुआ , पैसे देकर आये हैं बेचारे , थानेदारी भी आजकल थाने के महीने के रूपये बंधे होने से मिलती है, मास्टरी की दूकान , डाक्टरी की दूकान, व्यापम की सब्जी मण्डी, इंजीनियर बनाने की फैक्ट्रियां , नोट गिनने की मशीनें चौकीदारों के घर में लगानी पड़ रहीं हैं तो क्या हुआ, अरे यार कमाता कौन नहीं है, नेताओं के मील तो नहीं चलते , तेल तो तिली से ही निकलेगा न , और बनियों से बड़ा कमाऊ पूत कभी कोई सुना है क्या , चलो अब शांत हो जाओ , जादा पोस्ट मत डालो सूट बूट की टूरिस्ट कमाऊ विदेशी बनियों की दूकान सरकार पर ...... वरना हमारी खुपडि़या अगर घूम गई तो ..... हम फिर एक खतरनाक लेख लिख डालेंगें और ..... वर्ल्डवाइड ब्राडकास्ट और रिलीज कर मारेंगें ..... फिर मत कहयो के बताई नहीं हती के मूरैना की कलेक्टर ग्वालियर रहती है, कबहूं फेान नहीं उठाती , मुरैना टूरिस्टों का अड्डा है, भारत का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है ...... हियां सांसद से लेकर अफसर , कर्मचारी सब टूरिस्ट ही टूरिस्टूरिस्ट ही भरे पड़े हैं जनता मरे तो मरे .... अपनी बला से ..... इसलिये अब चुप्प हो जाओ ..... हमारा भेजा मत घुमाओ ...... वरना आलतू फालतू में ही किसी बनिये की दूकान लुट जायेगी यूं ही ख्वामख्वाह ही ...... टिचक्यूं - नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें