कन्हैया कुमार के विरूद्ध ग्वालियर न्यायालय में आपराधिक मामला पेश , परिवाद पर सुनवाई 21 मार्च को
ग्वालियर , 14 मार्च 2016 , वाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय के कन्हैया कुमार के विरूद्ध एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया की शिकायती क्रिमिनिल परिवाद पत्र पर , दिल्ली के कन्हैया कुमार के विरूद्ध भारतीय सेना के मामले में आपराधिक व राष्ट्राद्रोही टीका टिप्पणी , बयानादि को लेकर , ग्वालियर न्यायालय ने कन्हैया कुमार के विरूद्ध केस दर्ज किया है । इस क्रिमिनस केस की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी ।
ज्ञातव्य है कि कन्हैया कुमार के विरूद्ध इंदौर न्यायालय में भी एक क्रिमिनल कंपलैण्ट परिवाद पत्र के रूप में एडवोकेट अमित सिंह सिसोदिया द्वारा प्रस्तु की गयी है , जो कि देश में और न्यायालय में अशांति फैलाने , भड़काऊ भाषण आकद देने तथा लोगों की आस्थाओं व निजी धार्मिक विश्वास पर हमला करने व चोट पहुँचाने को लेकर दायर किया गया है , एकाध दिन में यह मामला भी गैर जमानती संज्ञेय अपराध के रूप में रजिस्टर होने वाला है ।
सुनने में आ रहा है कि ऐसा ही कोई क्रिमिनल केस परिवाद पत्र कन्हैया कुमार व उसके समर्थकों के विरूद्ध चम्बल की एक अदालत में अन्य आपराधिक कारणों पर प्रस्तुत किया जाने वाला है । या संभवत: सीधे ही पुलिस में एफ.आई. आर. दर्ज कराई जा सकती है ।
ऐसी सूरत में कन्हैया कुमार व उसके समर्थकों को देश भर की अलग अलग जेलों में डिटेन्शन में राजबन्दी के रूप में रखा जा सकता है , जहॉं हर जगह से उसे अलग जमानत लेनी अनिवार्य होगी । क्रिमिनल केसों की राजनीतिक सूरत ऐसी है कि यदि अन्य राज्यों में भी कुछ प्रकरण दर्ज हुये तो , कन्हैया कुमार व उसके साथियों को जमानत लेने में पसीने छूट जायेंगें , कानूनन तब जमानत संभव नहीं होगी । कन्हैया का समर्थक की परिभाषा में प्रत्यक्षत: व अप्रत्यक्षत: या किसी सोशल मीडिया या व्हाटस एप्पादि के जरिये समर्थन देने व देशद्रोहात्मक या राष्ट्रविरोधी कन्हैया कुमार का किसी भांति समर्थन किया है ।
ग्वालियर , 14 मार्च 2016 , वाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय के कन्हैया कुमार के विरूद्ध एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया की शिकायती क्रिमिनिल परिवाद पत्र पर , दिल्ली के कन्हैया कुमार के विरूद्ध भारतीय सेना के मामले में आपराधिक व राष्ट्राद्रोही टीका टिप्पणी , बयानादि को लेकर , ग्वालियर न्यायालय ने कन्हैया कुमार के विरूद्ध केस दर्ज किया है । इस क्रिमिनस केस की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी ।
ज्ञातव्य है कि कन्हैया कुमार के विरूद्ध इंदौर न्यायालय में भी एक क्रिमिनल कंपलैण्ट परिवाद पत्र के रूप में एडवोकेट अमित सिंह सिसोदिया द्वारा प्रस्तु की गयी है , जो कि देश में और न्यायालय में अशांति फैलाने , भड़काऊ भाषण आकद देने तथा लोगों की आस्थाओं व निजी धार्मिक विश्वास पर हमला करने व चोट पहुँचाने को लेकर दायर किया गया है , एकाध दिन में यह मामला भी गैर जमानती संज्ञेय अपराध के रूप में रजिस्टर होने वाला है ।
सुनने में आ रहा है कि ऐसा ही कोई क्रिमिनल केस परिवाद पत्र कन्हैया कुमार व उसके समर्थकों के विरूद्ध चम्बल की एक अदालत में अन्य आपराधिक कारणों पर प्रस्तुत किया जाने वाला है । या संभवत: सीधे ही पुलिस में एफ.आई. आर. दर्ज कराई जा सकती है ।
ऐसी सूरत में कन्हैया कुमार व उसके समर्थकों को देश भर की अलग अलग जेलों में डिटेन्शन में राजबन्दी के रूप में रखा जा सकता है , जहॉं हर जगह से उसे अलग जमानत लेनी अनिवार्य होगी । क्रिमिनल केसों की राजनीतिक सूरत ऐसी है कि यदि अन्य राज्यों में भी कुछ प्रकरण दर्ज हुये तो , कन्हैया कुमार व उसके साथियों को जमानत लेने में पसीने छूट जायेंगें , कानूनन तब जमानत संभव नहीं होगी । कन्हैया का समर्थक की परिभाषा में प्रत्यक्षत: व अप्रत्यक्षत: या किसी सोशल मीडिया या व्हाटस एप्पादि के जरिये समर्थन देने व देशद्रोहात्मक या राष्ट्रविरोधी कन्हैया कुमार का किसी भांति समर्थन किया है ।
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