तोमर राजवंश के महाराजाओं की प्रतिमायें मुरैना जिला में लगेंगीं , महाभारत कालीन इतिहास से सरसब्ज व समृद्ध विषयों को लेकर ऐतिहासिक फिल्में बनेंगीं ।
सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि मुरैना जिला के प्रमुख स्थानों पर महाभारत के सम्राट रहे दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर की भव्य प्रतिमा मुरैना के बैरियर चौराहे पर लगा कर उसे नये रंग रूप में संवार कर भारत व महाभारत की थीम , प्राण , जान व आत्मा के रूप में अति आकर्षक रूप में सुसज्जित करके बनाया जायेगा , इसी प्रकार हल्दीघाटी के परमवीर वीरगति पाकर महाराणा प्रताप की ओर से अकबर की सेना से लड़ते हुये अपने तीन पुत्रों और एक पुत्र के साथ शहीद हुये राजा रामशाह सिंह तोमर व उनके पुत्रों , महाराणा प्रताप के बहिनोई , एवं राजा रामशाह सिंह तोमर के इकलौते पौत्र व महाराणा प्रताप के भानजे की प्रतिमायें लगा कर मुरैना शहर में ही एक अन्य पंच पराक्रमी हल्दीघाटी वीर चौराहे और हल्दीघाटी के युद्ध में शहीद हुये कुल 450 लोगों में से चम्बल के 423 तोमरों का स्मारक स्तम्भ भी बनवाया जायेगा ।
इसी प्रकार जिला मुरैना में ही ऐसाह गढ़ी , अम्बाह व पोरसा में भी महाराजा अनंग पाल सिंह तोमर , राव घाटमदेव सिंह तोमर, ऐसाह गढ़ी के 27 बरस राजा रहे और ग्वालियर पर तोमर साम्राज्य के संस्थापक परमवीर व महापराक्रमी महाराजा देववरम सिंह तोमर ( वीरम देव सिंह तोमर), पानीपत के मैदान में बाबर से लड़ते हुये परमवीर वीरगति प्राप्त शनीचरा में शनि मंदिर के निर्माता महाराजा विक्रमादित्य सिंह तोमर की भी प्रतिमा व चौराहा आदि बनवाये जायेंगें , इसी प्रकार अन्य तोमर राजाओं के नाम पर भी पार्क व उद्यान बनवाये जायेंगें ।
मुरैना जिला में फैली पसरी समस्त महाभारतकालीन विरासतों को लेकर भी ऐतिहासिक फिल्में सरकार बनवायेगी, कुन्तलपुर , ककनमठ , सिंहोनिया व ऐसाहगढ़ी , मितावली चौंसठ योगनी मंदिर आदि पर फिल्मों का निर्माण होगा । यह सारी फिल्में ओपन थियेटर के जरिये , हमेशा खुली प्रदर्शन की जायेंगीं ।
सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि मुरैना जिला के प्रमुख स्थानों पर महाभारत के सम्राट रहे दिल्लीपति महाराजा अनंगपाल सिंह तोमर की भव्य प्रतिमा मुरैना के बैरियर चौराहे पर लगा कर उसे नये रंग रूप में संवार कर भारत व महाभारत की थीम , प्राण , जान व आत्मा के रूप में अति आकर्षक रूप में सुसज्जित करके बनाया जायेगा , इसी प्रकार हल्दीघाटी के परमवीर वीरगति पाकर महाराणा प्रताप की ओर से अकबर की सेना से लड़ते हुये अपने तीन पुत्रों और एक पुत्र के साथ शहीद हुये राजा रामशाह सिंह तोमर व उनके पुत्रों , महाराणा प्रताप के बहिनोई , एवं राजा रामशाह सिंह तोमर के इकलौते पौत्र व महाराणा प्रताप के भानजे की प्रतिमायें लगा कर मुरैना शहर में ही एक अन्य पंच पराक्रमी हल्दीघाटी वीर चौराहे और हल्दीघाटी के युद्ध में शहीद हुये कुल 450 लोगों में से चम्बल के 423 तोमरों का स्मारक स्तम्भ भी बनवाया जायेगा ।
इसी प्रकार जिला मुरैना में ही ऐसाह गढ़ी , अम्बाह व पोरसा में भी महाराजा अनंग पाल सिंह तोमर , राव घाटमदेव सिंह तोमर, ऐसाह गढ़ी के 27 बरस राजा रहे और ग्वालियर पर तोमर साम्राज्य के संस्थापक परमवीर व महापराक्रमी महाराजा देववरम सिंह तोमर ( वीरम देव सिंह तोमर), पानीपत के मैदान में बाबर से लड़ते हुये परमवीर वीरगति प्राप्त शनीचरा में शनि मंदिर के निर्माता महाराजा विक्रमादित्य सिंह तोमर की भी प्रतिमा व चौराहा आदि बनवाये जायेंगें , इसी प्रकार अन्य तोमर राजाओं के नाम पर भी पार्क व उद्यान बनवाये जायेंगें ।
मुरैना जिला में फैली पसरी समस्त महाभारतकालीन विरासतों को लेकर भी ऐतिहासिक फिल्में सरकार बनवायेगी, कुन्तलपुर , ककनमठ , सिंहोनिया व ऐसाहगढ़ी , मितावली चौंसठ योगनी मंदिर आदि पर फिल्मों का निर्माण होगा । यह सारी फिल्में ओपन थियेटर के जरिये , हमेशा खुली प्रदर्शन की जायेंगीं ।
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