बुधवार, 14 जुलाई 2010

स्कूल चलें हम अभियान : बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित न होने दें: शिक्षा मंत्री की अपील

स्कूल चलें हम अभियान : बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित होने दें: शिक्षा मंत्री की अपील

ग्वालियर 13 जुलाई 10/ स्कूल शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने ''स्कूल चले हम अभियान'' को सफल बनाने में राजनैतिक दलों और समाज के सभी वर्गो और नागरिकों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि हम सबका दायित्व है कि बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित होने दें। श्रीमती अर्चना चिटनीस ने सांसदों, विधायकों, महापौर, नगर पालिका जिला पंचायत, जनपद पंचायत और नगर पंचायतों के अध्यक्षों सहित सभी से आग्रह किया है कि वे अज्ञान के अंधेरे में शिक्षा का दीप जलाने के महती दायित्व का अपने-अपने क्षेत्र में निर्वहन करें। 

       शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक अप्रैल, 2010 से नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिनियम' प्रभावशील होने के बाद यह अभियान और भी महत्वपूर्ण हो गया है। अधिनियम के अंतर्गत शिक्षा का अधिकार संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों में सम्मिलित किया गया है। जिसके  फलस्वरूप अब भारतवर्ष में जन्म लेने वाले हर बच्चे को नि:शुल्क एवं अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने का मूलभूत अधिकार है। प्रत्येक बच्चे के लिये विद्यालय उपलब्ध हों, विद्यालय में शिक्षक उपलब्ध हों और बच्चों को विद्यालय में शिक्षा उपलब्ध हो यह संवैधानिक जिम्मेदारी शासन व स्थानीय निकायों की है। इस उत्तरदायित्व का निर्वहन समाज और जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से ही संभव है।

       शिक्षा मंत्री ने सभी अभिभावकों से कहा है कि उनके बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित न रहें, विद्यालय में प्रवेश प्राप्त करें, नियमित अध्ययन करें, यह हम सबका दायित्व है। हम अपने और आसपास के पूरे परिवेश को शिक्षा के प्रति जागरूक बनायें तथा अपने बच्चों को पढ़ायें। उन्होंने आगे कहा कि शासन अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा तो प्रदान करता ही है, साथ ही सभी शासकीय विद्यालयों में बच्चों को नि:शुल्क पाठय पुस्तकें, बालिकाओं के लिए नि:शुल्क गणवेश, कक्षा 6वीं में गांव से बाहर जाकर पढ़ने वाली बेटियों को नि:शुल्क सायकिलें व कन्या छात्रावास आदि सुविधाएं भी मुहैया करा रहा है।

 

जगजगी समितियाँ

शासन की योजना प्रत्येक विद्यालय और समाज के बीच एक जीवंत संबंध निर्मित किये जाने की है। इसी मंशा से शासन जगजगी' समितियां बनाने जा रहा है। इस समिति में कस्बे/ग्राम की पढ़ी-लिखी बहुएं, बेटियां, सेवानिवृत्त महिला अधिकारी/कर्मचारी रहेंगी। जगजगी समितियां शिक्षा के क्षेत्र में जागरण का कार्य करेंगी।

 

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