इस वर्ष बराड़ा में फुंकेगा देश का सबसे ऊंचा रावण
रामलीला क्लब, बराड़ा, जिला अम्बाला संस्थापक अध्यक्ष- तेजिन्द्र सिंह चौहान
अम्बाला, (निर्मल रानी- स्तम्भ लेखिका ग्वालियर टाइम्स) अक्तूबर, भले ही देश कितनी ही तरक्ंक़ी क्यों न कर रहा हो, अमेरिकी डॉलर के मुंकाबले में भारतीय मुद्रा दिन-प्रतिदिन मंजबूत क्यों न होती जा रही हो, भारतीय सूचकांक नई ऊंचाईयों को भले ही क्यों न छूता जा रहा हो, धार्मिक प्रवचनों की चारों ओर बौछार सी होती क्यों न दिखाई दे रही हो। परन्तु इन सभी सकारात्मक संकेतों के बावजूद यह भी सच है कि बुराई, भ्रष्टाचार, व्यभिचार, अत्याचार, अराजकता, आतंकवाद, जातिवाद तथा साम्प्रदायिकता भी दिन-प्रतिदिन अपने चरम पर पहुंचती ही जा रही है।
प्रत्येक वर्ष दशहरा के अवसर पर बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक स्वरूप रावण जैसे अहंकार एवं आतंक के प्रतीक का पुतला पूरे देश में जलाया जाता है। इस अवसर पर अम्बाला ंजिले के बराड़ा ंकस्बे में आयोजित किया जाने वाला दशहरा अपने आप में कई मायने में अनूठा है। रामलीला क्लब बराड़ा के संस्थापक अध्यक्ष तेजिन्द्र सिंह चौहान के निर्देशन तथा संरक्षण में आयोजित किए जाने वाले रामलीला के इस दस दिवसीय आयोजन में उच्च स्तरीय मंचन के दृश्य तो देखने को मिलते ही हैं, इसके अतिरिक्त रामलीला की स्टेज की साज-साा भी इतनी आकर्षक, भव्य तथा सुन्दर है कि हरियाणा तथा आसपास के राज्यों में इसका मुंकाबला नहीं किया जा सकता।
उधर 21 अक्तूबर को विजयदशमी के दिन बराड़ा में फूंके जाने वाले विशालकाय रावण के विषय में तेजिन्द्र सिंह चौहान का कहना है कि जैसे-जैसे देश में बुराई, आतंकवाद व साम्प्रदायिकता बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे हम प्रत्येक वर्ष बुराई के प्रतीक रावण की ऊंचाई को भी बढ़ा देते हैं। गत् वर्ष बराड़ा में चौहान के निर्देशन में तैयार किया गया रावण देश में दूसरे स्थान का सबसे ऊंचा रावण था। गत् वर्ष इसकी ऊंचाई लगभग 95 ंफुट थी। परन्तु बीते वर्ष में पानीपत (समझौता एक्सप्रेस), हैदराबाद तथा अजमेर में हुए बम विस्ंफोटों से फिर यह जाहिर हुआ कि आतंकवाद अभी भी निरंतर बढ़ता ही जा रहा है अत: इस वर्ष रावण की ऊंचाई और भी बढ़ा दी गई है। चौहान का दावा है कि इस वर्ष बराड़ा में तैयार होने वाला रावण देश का सबसे ऊंचा रावण होगा।
बराड़ा का यह रावण जहां लगभग 110 ंफुट की ऊंचाई के आसपास पहुंचकर अपना राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाने का प्रयास करेगा, वहीं साम्प्रदायिक सौहार्द्र स्थापित करने में भी इस रावण की कम भूमिका नहीं है। तेजिन्द्र चौहान के निमंत्रण पर इस बार पहली बार आगरा से बारह मुस्लिम कारिगरों का एक जत्था रावण बनाने हेतु बराड़ा आया हुआ है। मोहम्मद उस्मान के नेतृत्व में आए मुस्लिम कारिगरों का कहना है कि बराड़ा में आकर उन्हें कला के प्रति जो प्रेम तथा साम्प्रदायिक सद्भाव का जो दृश्य देखने को मिला, उन्होंने पहले कभी कहीं नहीं देखा। यह सभी मुस्लिम कारिगर तेजिन्द्र चौहान के समर्पण व कला प्रेम के भी ंकायल हैं तथा उनका कहना है कि चौहान के इसी प्रेम के चलते हम सभी बराड़ा आ सके हैं। जहां बराड़ा में देश का सबसे ऊंचा रावण बन रहा है, वहीं रावण के साथ मेघनाथ व कुम्भकर्ण की भी विशालकाय आकृतियां इन्हीं मुस्लिम कारिगरों के हाथों तैयार की जा रही हैं।
ज्ञातव्य है कि गत् एक दशक से भी अधिक समय से बराड़ा में आयोजित होने वाला दशहरा एवं इसमें निर्मित होने वाला रावण स्वयं तेजिन्द्र सिंह चौहान द्वारा अपने ही निर्देशन में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर तैयार किया जाता था। परन्तु इस वर्ष पहली बार चौहान के निमंत्रण पर मुस्लिम कारिगर आगरा से बराड़ा आए हैं तथा दिन-रात मेहनत कर देश के सर्वोच्च रावण बनाए जाने की तैयारी में जुटे हैं। चौहान का मानना है कि दशहरा सहित सभी ऐसे त्यौहार जोकि बुराईयों पर अच्छाई की विजय के प्रतीक स्वरूप मनाए जाते हों अथवा वे जो साम्प्रदायिक एकता व सद्भाव की मिसाल पेश करते हों, उन समस्त त्यौहारों को चाहे वे किसी भी धर्म एवं सम्प्रदाय के क्यों न हों, सामाजिक त्यौहार के रूप में मनाया जाना चाहिए। ऐसा करने से हर धर्मों के लोग हर धर्मों के त्यौहारों में आसानी से शरीक हो सकेंगे तथा देश में साम्प्रदायिक सद्भाव मंजबूत होगा। रामलीला क्लब
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