मंगलवार, 26 अक्टूबर 2010

At Last Facebook crime about abusing and harrassment of women knocked the NCW door.

New Delhi 25th October. Very popular social networking website in India is not safe now for peaceful persons and women also.
Some wrogue and cheap chhichhore type persons captured the network in India. One such case is now reached at door of NCW Govt. Of India.
In general public interest and all women of India complaint filed by a Lady who is also one facebook user.
In this complaint she complained to National Commission for women Govt of India that some bad unsocial wrogue elements are making abuse bad names for women users of facebook. All they such accused are working against women of India through their public posts and bad comments on women. They dishonoured and harrassed the women and crashed and destroyed the image of Indian women, They created many falsefied forged and fake identities and evidences and used them against many of people. They also destroyed and deleted many comments and posts and evidences also. They are working against women of India and seriously belongs to special type of Terrerism, they threatened to women openly in public. Some so called women also involved in this case and made accused. General bad names , abusing and threatning is now in general at Facebook against women and peaceful Indians.
This case in public interest and in women interest although knocked the door step of National Commission for womem. But there are multiple bunch of such cases are going on daily at Facebook.
One another case is also here is pending going to register with C.B.I. about abussing and dishonoured hindu God and Godess by a terrorist group working and playing with its international racket with many of forged and fake I.D.s created by themselves.

रविवार, 24 अक्टूबर 2010

भाजपाईयों और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने भगवान राम और श्रीकृष्‍ण की मॉं बहिन एक की

भाजपाईयों और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं ने भगवान राम और श्रीकृष्‍ण की मॉं बहिन एक की

 

इस भगवान का गुनाह ये है कि इसने भगवान राम और श्रीकृष्‍ण के रूप में राजपूतों में अवतार लिया । महाराणा प्रताप, महाराजा पृथ्‍वीराज सिंह चौहान, महाराजा रणजीत सिंह आदि का गुनाह ये है ये राजपूत थे । फेसबुक पर इनके खिलाफ अनेक गन्‍दे , अश्‍लील लेख लिखे गये । विनीता रागा, दीपा शर्मा, रंजना श्रीवास्‍तव, रवि श्रीवास्‍तव, मीतू किरन श्रीवास्‍तव तथा करीब 10 -12 अन्‍य लोगों ने मिलकर हिन्‍दू भगवानों एवं देवी देवताओं के विरूद्ध तथा साहित्‍यकारों, राजनेताओं , धर्म गुरूओं के विरूद्ध फर्जी प्रोफाइलें बनाने, गन्‍दा भद्दा अश्‍लील लेख लिखने का अभियान इन दिनों फेसबुक पर चला रहा है .. ये लोग स्‍वयं को राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ और भाजपा का कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी कहते हैं । जब इन लोगों के कृत्‍यों का विरोध कर अनेक लोगों द्वारा इन्‍हें रोका गया तो इन्‍होंने रोकने और विरोध करने के वालों के खिलाफ गन्‍दी गालियॉं और अश्‍लील बातें लिखना प्रारंभ कर दीं । पुरी राजपूत कौम को अश्‍लील व गन्‍दी गन्‍दी गालियॉं देकर सारे राजपूतों को समाज से बहिष्‍कृत करने का आह्वान कर डाला ।        

Iss Bhagwan ka gunaah ye hai ki issne Bhagwan Ram aur Shri Krishna ke roop main Rajpooton main avataar Liya. Maharana Pratap , Maharaja Prithviraj singh chauhan , Maharaja Ranjeet Singh aadi ka gunah ye hai Ki ye Rajpoot the. Facebook par inke khilaff kayi gande avam ashlil lekh likhe gaye . Jab in lekh likhane walon ...ko roka gaya tau inhone rokne walon sahit poore Rajpooton aur sabhi Bhagwanon devi devataon ko galian de daalin. Aur Rajpooton ko samaj se bahishkrit karne ka ahwan kar daala jis se Log Bhagwan se nafarat karne lagein aur bhagwan ko tyag dein. Jai Shri Ram ..,.., Jai Shri Krishna...... Jai Bhawani ...... Har Har Mahadev..... Jai Rajpoot...... Jai Rajpootana

शनिवार, 23 अक्टूबर 2010

संभागीय मुख्यालय 67 दिन से अंधेरे में

मुरैना 23 अक्टूबर 2010 इससे पूर्व 18 अक्टूबर, 15 अक्टूबर, 14 अक्टूबर, 1 अक्टूबर 23 सितम्बर , 20 सितम्बर एवं 8 एवं 6 सितम्बर (को प्रकाशित ) , 18 अगस्त से पॉवर शट डाउन से लगातार पल पल अंधकार में डूबा चम्बल संभाग का संभागीय मुख्यालय शहर मुरैना में 18 अगस्त सुबह 6 बजे से गुल बिजली आज 67 दिन बाद भी बिजली सप्लाई चालू नहीं हो सकी है । खबर लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्त तक समूचे शहर में सबेरे 6 बजे से लगातार पावर शट डाउन चल रहा है । बिजलीघर शिकायत का तथा अधिकारीयों के फोन इस दरम्यान बंद थे । जे.ई.सिद्दिकी का कहना था कि उसके यहाँ शिकायत दर्ज कराने की कोई व्यवस्था नहीं है तथा शिकायतें सुनना या उन्हें हल करना उसकी ड्यूटी में नहीं आता (यह वार्ता 6 सितम्बर को रात साढे बारह बजे के बाद की गयी ) । इसके अलावा सिद्दिकी का कहना था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता वह सीधे मंत्री को पैसा देकर आता है ।
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सोमवार, 18 अक्टूबर 2010

संभागीय मुख्यालय 62 दिन से अंधेरे में

मुरैना 18 अक्टूबर 2010 इससे पूर्व 15 अक्टूबर, 14 अक्टूबर, 1 अक्टूबर 23 सितम्बर , 20 सितम्बर एवं 8 एवं 6 सितम्बर (को प्रकाशित ) , 18 अगस्त से पॉवर शट डाउन से लगातार पल पल अंधकार में डूबा चम्बल संभाग का संभागीय मुख्यालय शहर मुरैना में 18 अगस्त सुबह 6 बजे से गुल बिजली आज 62 दिन बाद भी बिजली सप्लाई चालू नहीं हो सकी है । खबर लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्त तक समूचे शहर में पावर शट डाउन चल रहा है । बिजलीघर शिकायत का तथा अधिकारीयों के फोन इस दरम्यान बंद थे । जे.ई.सिद्दिकी का कहना था कि उसके यहाँ शिकायत दर्ज कराने की कोई व्यवस्था नहीं है तथा शिकायतें सुनना या उन्हें हल करना उसकी ड्यूटी में नहीं आता (यह वार्ता 6 सितम्बर को रात साढे बारह बजे के बाद की गयी ) । इसके अलावा सिद्दिकी का कहना था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता वह सीधे मंत्री को पैसा देकर आता है ।
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शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2010

संभागीय मुख्यालय 59 दिन से अंधेरे में

मुरैना 15 अक्टूबर 2010 इससे पूर्व 14 अक्टूबर, 1 अक्टूबर 23 सितम्बर , 20 सितम्बर एवं 8 एवं 6 सितम्बर (को प्रकाशित ) , 18 अगस्त से पॉवर शट डाउन से लगातार पल पल अंधकार में डूबा चम्बल संभाग का संभागीय मुख्यालय शहर मुरैना में 18 अगस्त सुबह 6 बजे से गुल बिजली आज 59 दिन बाद भी बिजली सप्लाई चालू नहीं हो सकी है । खबर लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्त तक समूचे शहर में पावर शट डाउन चल रहा है । बिजलीघर शिकायत का तथा अधिकारीयों के फोन इस दरम्यान बंद थे । जे.ई.सिद्दिकी का कहना था कि उसके यहाँ शिकायत दर्ज कराने की कोई व्यवस्था नहीं है तथा शिकायतें सुनना या उन्हें हल करना उसकी ड्यूटी में नहीं आता (यह वार्ता 6 सितम्बर को रात साढे बारह बजे के बाद की गयी ) । इसके अलावा सिद्दिकी का कहना था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता वह सीधे मंत्री को पैसा देकर आता है ।
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गुरुवार, 14 अक्टूबर 2010

संभागीय मुख्यालय 58 दिन से अंधेरे में

मुरैना 14 अक्टूबर 2010 इससे पूर्व 1 अक्टूबर 23 सितम्बर , 20 सितम्बर एवं 8 एवं 6 सितम्बर (को प्रकाशित ) , 18 अगस्त से पॉवर शट डाउन से लगातार पल पल अंधकार में डूबा चम्बल संभाग का संभागीय मुख्यालय शहर मुरैना में 18 अगस्त सुबह 6 बजे से गुल बिजली आज 58 दिन बाद भी बिजली सप्लाई चालू नहीं हो सकी है । खबर लिखे और प्रकाशित किये जाने के वक्त तक समूचे शहर में पावर शट डाउन चल रहा है । बिजलीघर शिकायत का तथा अधिकारीयों के फोन इस दरम्यान बंद थे । जे.ई.सिद्दिकी का कहना था कि उसके यहाँ शिकायत दर्ज कराने की कोई व्यवस्था नहीं है तथा शिकायतें सुनना या उन्हें हल करना उसकी ड्यूटी में नहीं आता (यह वार्ता 6 सितम्बर को रात साढे बारह बजे के बाद की गयी ) । इसके अलावा सिद्दिकी का कहना था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता वह सीधे मंत्री को पैसा देकर आता है ।
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मंगलवार, 12 अक्टूबर 2010

हास्‍य- व्‍यंग्‍य : का बात है भौजी .. ई सरकार का .. लोड ज्‍यादा और ससुरा वोल्‍टेज कैसा डाउन है ...नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनन्‍द’’

हास्‍य- व्‍यंग्‍य

का बात है भौजी .. ई सरकार का .. लोड ज्‍यादा और ससुरा वोल्‍टेज कैसा डाउन है ...

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

अभी एक मित्र ने हमें मोबाइल से एक एडल्‍ट जोक भेजा .. लेकिन इस चुटकुले में कुछ ऐसी चुटकी ली गयी थी कि हम हँसे बिना न रह सके .. चुटकुला कुछ यूं था हम इसे अपनी सदाबहार स्‍टाइल में आपको सुनाते हैं - 

एक बिजली वाले अफसर रोज देर रात को आते घर ।

अद्धी पौआ औनी पौनी, संग में माल मत्‍ता जम कर।।

थके हारे नित दारू पीते, दारू पी कर दारा नियरे जाते।

न नैन से नैन मिल पाये और न लब की मदिरा पी पाते।। 

पर फोन रात में भी बज जाता, सारा मजा किरकिरा होता।

टेंशन नित का देख के अफसर, एक रिकार्डिंग वह कर लेता।।

अपने फोन में वायस भरी, लोड है ज्‍यादा , वोल्‍टेज डाउन ।

बिजली नहीं मिल पायेगी, करा तुमने हमरा सिग्‍नल डाउन ।।

रोज रात को सुनते सुनते, बिजली भौजी ने रट लीं ये लाइन ।

हमारे सनम का प्रिय भाष है, लोड है ज्‍यादा वोल्‍टेज डाउन ।।

एक दिन सुबह बोली पड़ोसन, कुछ सुनो सहेली कुछ कहो जरा ।

कैसी रोज रात है कटती , पिया से कैसे मधुर मिलन है होता ।।

माथा ठोक ठोक के बिजली भौजी, करम दण्‍ड पर रख कर हाथ ।

तड़प झड़प कर बोली सखी से का बतलाऊं जीजी, जरा बड़ी है बात।।

रोज रात को बलम जी पी कर सोते, हाई वोल्‍टेज में करते बात ।

रात बखत जब हाई वोल्‍टेज चाहिये, तब फिर ना करते ये बात ।।

रोज रात को खुद नर्राते, सोते सोते से नित उठ कर चिल्‍लाते ।

लाइन शार्ट है, लाइन फाल्‍ट है, लोड है ज्‍यादा वोल्‍टेज डाउन ।।

किस्‍मत दुखिया हमरी कुछ ऐसी है ,  तुमसे कह दें दिल की बात ।

उनके भरे बदन में दिखता पूरा पावर हाउस, लगे कटाउट पूरे सात ।।  

आते हैं सन्ना सन्‍ना सरकार, पर लोड है ज्‍यादा, है डाउन वोल्‍टेजवा ।

फूट फूट मैं फ्यूज हो कर बुझी ट्यूबलाइट सी बुझती हूं, जले करेजवा ।।

सुन कर सखी मुस्‍काई बोली, करो सस्‍पेण्‍ड डाउन ट्रान्‍सफार्मर, बिना यूज और बेमतलब का, फेंकों जो हैं बिन काज ।

नया हाई टेंशन हाई वोल्‍टेज, टा्रान्‍सफार्मर का करो प्रयोग, या फिर अपने खम्‍बे से डलवा दूं , बोलो क्‍या चाहो तुम आज।

अब जब बिजली ही क्‍या खुद सरकार का ही डाउन वोल्‍टेज और हैवी लोड चल रहा है, जनता उनका लोड झेल रही है, जिनमें वोल्‍टेज ही नहीं है, जो ऊपर चढ़े हैं जनता के, बिना वोल्‍टेज के जिन्‍दा मुर्दे । ऐसे सरकार को शत शत नमन ...  मध्‍यप्रदेश की अन्‍धाधुन्‍ध बिजली कटौती को सादर समर्पित    

रविवार, 10 अक्टूबर 2010

कहत कबीर सुनो भई साधो बात कहूं मैं खरी... फेसबुक पे आय रही नित जन्‍नत की परी - नरेन्‍द्र सिंह तोमर ‘’आनन्‍द’’

कहत कबीर सुनो भई साधो बात कहूं मैं खरी... फेसबुक पे आय रही नित जन्‍नत की परी

नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

प्रधान संपादक ग्‍वालियर टाइम्‍स समूह

फेसबुक महिमा आज लिखूं , देखी लीला अपरम्‍पार ।

जिस पर नित  हो रही , फेक फर्जीयन की भरमार ।।

पूरा ज्ञान बटोर कर लिया बहुत अनुभव और विज्ञान ।

आज कबीरा बॉंट रहा, फेसबुक के अनुभव हुये महान ।।   

कहते सोशल नेटवर्क अहो, बहुत ये फेसबुक है मशहूर ।

गुण्‍डा लफंगा छाय रहे, अनसोशल है भई भलेन सों दूर ।।

सारे मदारी और कबाड़ी नित दस लीला रच कर खेल दिखाते ।

एक आदमी चला रहा अकाउण्‍ट चालीसा फर्जी नाम ये धरते ।।

हर शख्‍स अच्‍छा नहीं,भला नही हर इंसान, फेसबुक ये समझाता।

चेहरे को मत देखिये, चेहरे पर हैं रंग बहुत, यह सारे दिखलाता ।।

फेसबुक पर आय के, यारो खूब समझ सोच के मित्र बनाओ ।

कहीं मित्र के वेष में आतंकी हो न मित्र न धोखा ऐसा खाओ ।।

अलकाइदा से फलकाइदा तक, नक्‍सलीयों से फक्‍सलीयों तक, नित ही सबका यहॉं बसेरा है ।

काल गर्ल से, बॉल गर्ल तक, वेट गर्ल से कैट गर्ल तक, फेट गर्ल से चैट गर्ल का डेरा है ।।

यहॉं खुले में खेलता, दाउद और इब्राहीम ।

यहॉं सुपाड़ी भी चले देते जो राम रहीम ।।

भोग विलास पाखण्‍ड सजा, है नित नई दूकानें रोज लगें ।

एक ही लड़की चला रही सौ नाम चित्र के अकाउण्‍ट बने ।।

हर घण्‍टे पर अकाउण्‍ट बदल कर वह नये खाते से लॉग करे ।

नये अकाउण्‍ट और नये रूप में, हर घण्‍टे वो ग्राहक रोज धरे ।।

रहे बगल यहीं पास आस में, बोले विदेश में रहती हूं ।

फोन नंबर मेरा विदेशी, आई एस.डी.पर कालें करती हूं ।।

कहीं नेता, कहीं पत्रकार, कहीं धर्मगुरू, कहीं व्‍यापारी ।

कभी भोले छात्र फंसाना, कहीं शिकार कोई कलाकार ।

कहीं अभिनेता, या नेता, जो भी दिल से हो लाचार ।

कभी साहित्‍यकार, चाहे कोई या फिर हो बेरोजगार ।

बड़ी विचित्र ब्‍लैकमेल और मौज मजे की दुनियादारी ।।

धर्म अधर्म के नाम पर नित ही यहॉं रोज फसाद रचा करते ।

कोई धर्म की जय पुकार रहा, कुछ धर्म यहॉं गारियाया करते ।।

कुलघाती कुल हीन यहॉं, वर्णसंकरों का मेला रोज सजा ।

जिनके उर में ज्ञान नहीं पाप सिर पर चढ़ कर बोल रहा ।।

हर नाम के पीछे राज छिपे हैं, राजों से फेसबुक पटी हुयी ।

खुद नंगी, सबको नंगा करती, लूटे वो जो पहले लुटी हुयी ।।

हर शख्‍स यहॉं जो नामी है, छोरी रचती उसकीं बदनामी हैं ।

खुद की इज्‍जत पता नहीं, पर लेती इज्‍जत जो भी नामी है ।।

यहॉं रंग रूप के सौदागर नया नित नूतन जाल बिछाते हैं ।

भोली कन्‍याओं को बहला अपने दल का सदस्‍य बनाते हैं ।।

यहॉं नाम सारंगी जिसका, वह नारंगी बन कर  लीला दिखा रही ।

अब यहॉं भड़ुओ की मण्‍डी, खोज ग्राहक दे दे आमंत्रण बुला रही ।।

खाली पीला लूट पीट कर, खाली ठेंगा उसे थमाते ।

दे अखबारों में विज्ञापन फोन नंबर भी उसे थमाते ।। 

 

अगले अंक में जारी....

मंगलवार, 5 अक्टूबर 2010

Facebook Hot Topic: उनका कहना है कोई एक गाल पर थप्‍पड़ सूंत दे ...तो दूसरा गाल भी उसकी सेवा में हाजिर कर दो ...लेकिन कोई दोनों गाल थप्‍पड़ सूंत सूंत कर लाल कर दे तो ... क्‍या करना चाहिये

उनका कहना है कोई एक गाल पर थप्‍पड़ सूंत दे ...तो दूसरा गाल भी उसकी सेवा में हाजिर कर दो ...लेकिन कोई दोनों गाल थप्‍पड़ सूंत सूंत कर लाल कर दे तो ... क्‍या करना चाहिये

(फेसबुक पर क्‍या क्‍या बोले लोग मजेदार और हैरत अंगेज जवाब)

प्रस्‍तुति नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

हमने फेसबुक पर अपने मित्रों से पूछा कि - उनका कहना है कोई एक गाल पर थप्‍पड़ सूंत दे ...तो दूसरा गाल भी उसकी सेवा में हाजिर कर दो ...लेकिन कोई दोनों गाल थप्‍पड़ सूंत सूंत कर लाल कर दे तो ... क्‍या करना चाहिये

तो देखिये क्‍या क्‍या जवाब दिये हमारे मित्रों ने (हमें कुल 34 कमेण्‍ट इस विषय पर मिले)  लेकिन इस पर आप क्‍या कहते है बताईये तो जरा

रजनीश के झा बड़े भैया फार्मूला एक गाल से दुसरे गाल तक आगे करने का ही है उसके बाद अपना हाथ जगन्नाथ.

Pinkeeba Vikramsinh Zala भाई ऊसीने कीया वैसा आपको करने का

Mani Kant phir to hoga.....".maro sale ko"...........:)

Narendra Singh Tomar Nst हा हा हा हा हा ... वाह रजनीश वाह ... हमारा ख्‍याल है कि नौबत यहॉं तक पहुँचने से पहले ही बारी बारी गाल देने का फार्मूला तोड़ देना चाहिये ... और अपने हाथ जगन्‍नाथ का इस्‍तेमाल ... प्रायमरी स्‍टेज पर ही कर लेना चाहिये ..... हा हा हा हा

Narendra Singh Tomar Nst Pinkeeba Vikramsinh Zala हमारा ख्‍याल है कि नौबत यहॉं तक पहुँचने से पहले ही बारी बारी गाल देने का फार्मूला तोड़ देना चाहिये ... और अपने हाथ जगन्‍नाथ का इस्‍तेमाल ... प्रायमरी स्‍टेज पर ही कर लेना चाहिये ..... हा हा हा हा

Narendra Singh Tomar Nst Pinkeeba Vikramsinh Zala हमारा फार्मूला यह कहता है कि अपने गाल उसे देने के बजाय ... उसके गाल बारी बारी से मांगना चाहिये ... हा हा हा हा

रजनीश के झा सहमत .... हा हा हा हा

Narendra Singh Tomar Nst हा हा हा ... मणीकान्‍त सही है .. मारो साले को .... हा हा हा हा.. कूटो साले को .... बहुत खूब ... शुरू में ही कर लेते तो काहे को आपको खाने पड़ते इण्‍ट्रोडक्‍टरी थप्‍पड़ ..... हिन्‍दुस्‍तानी जरा देर में समझ पाते हैं .. जब तक उनमें सामने वाला जम कर सूंत चुका होता है ... तब होश आता है

Mani Kant ohhhhhhhhhoooooooooooooooooo hahahahahahahahaha...ab itna bhi mat hansaeeye @ N S Tomar ji

Sushil Singh To Gandhi baba ko bula ke puchna chahiye ki ab kya karun

Nshah Hemnidhi To uske haath chum lena chahiye.
MUNNABHAI KI GANDHIGIRI

Sanjay Pandey gandhi jee kr " bharat chodo " andolan ko dusare hi thappad par apna len. nahi to pair ,hath bhi jayega.

Narendra Singh Tomar Nst

सुशील सिंह जी ... ये गांधी का फार्मूला नहीं है .. एक थपपड़ मारने वाले को दूसरा थप्‍पड़ देने के लिये दूसरा गाल देने का ... दर असल ये फार्मूला ईसा मसीह का है ... इसका स्‍वामी विवेकानन्‍द ने अपनी पुस्‍तक पाच्‍य और पाश्‍चात्‍य जम कर विरोध किया ...है ...स्‍वामी जी ने लिखा है कि ईसा ने कहा कि यदि कोई तुम्‍हारे एक गाल पर थप्‍पड़ मारे तो ... दूसरा गाल उसकी ओर घुमा दो ... सबकी सेवा करो सेवक बनो , श्रीकृष्‍ण ने कहा था कि यदि कोई तुम्‍हारे एक गाल पर थप्‍पड़ मारे तो एक तगड़ा घुसा उसके चेहरे पर जमा दो ... दुनियॉं का भोग करो पुरूषार्थ करो ... दुनियॉं पर राज करो .. स्‍वामी जी अगले पैरागाफ में लिखते हैं ... लेकिन अहो भारत का दुर्भाग्‍य ... ईसा के वंशजो ने ईसा की बात नहीं मानी... श्रीकृष्‍ण के वंशजों ने श्रीकृष्‍ण की बात नहीं मानी ... ईसा के वंशजों ने श्रीकृष्‍ण की बात मानी... श्रीकृष्‍ण के वंशजों ने ईसा की बात मानी... परिणाम यह हुआ कि वे आज हम पर राज कर रहे हैं ... और हम उनकी सेवा कर रहे हैं ... . स्‍वामी विवेका नन्‍द , प्राच्‍य और पाश्‍चात्‍य पुस्‍तक में
अब आप क्‍या कहना चाहेंगें .... ये पुस्‍तक हमारे पास सुरक्षित है

Narendra Singh Tomar Nst भाई जी ये गांधगिरी का फार्मूला नहीं है ... ये ईसागिरी का फार्मूला है ... हम ऊपर कमेण्‍ट में कह चुके हैं

Narendra Singh Tomar Nst हा हा हा .... बहुत खूब संजय जी

Nasser Khan himmet hai to mukabla nahi to ........ no do eigyara... :))

Tushar Devendrachaudhry नरेन्द्र जी, नीति तो यह ह,साम ,दाम ,,दंड ,,भेद का प्रयोग किया जाये , कमजोर व्यक्ति पर दूसरा गाल आगे करने के आलावा कोई चारा नहीं है, बलबान व्यक्ति तो ठोंक कर ही मानेगा

Narendra Singh Tomar Nst शुक्रिया नासिर भाई

Surya Prakash kafi samya se ek personal sawal puchna chah raha tha. Pata nahi aapko pasand aaye ya na aaye. mai kisi ki nijta me takjhak pasand nahi karta. Agar anyatha na le to puchun?

Narendra Singh Tomar Nst हा हा हा हा... आप सही कह रहें हैं तुषार ... आपकी बात की पूर्ति नासिर भाई ने कर दी है

Narendra Singh Tomar Nst

सुर्यप्रकाश जी ... लेखक का दायित्‍व है कि समाज के लिये लिखे... अगर कोई गलत नीति समाज में घुस बैठी हो तो उसे कलम की ताकत से निकाल फेंकें ... और ये हमने नहीं स्‍वामी विवेकानन्‍द ने लिखा है ... ये गांधी का फार्मूला नहीं है .. एक थपपड़ मारने वा...ले को दूसरा थप्‍पड़ देने के लिये दूसरा गाल देने का ... दर असल ये फार्मूला ईसा मसीह का है ... इसका स्‍वामी विवेकानन्‍द ने अपनी पुस्‍तक प्राच्‍य और पाश्‍चात्‍य में जम कर विरोध किया ...है ...स्‍वामी जी ने लिखा है कि ईसा ने कहा कि यदि कोई तुम्‍हारे एक गाल पर थप्‍पड़ मारे तो ... दूसरा गाल उसकी ओर घुमा दो ... सबकी सेवा करो सेवक बनो , श्रीकृष्‍ण ने कहा था कि यदि कोई तुम्‍हारे एक गाल पर थप्‍पड़ मारे तो एक तगड़ा घूंसा उसके चेहरे पर जमा दो ... दुनियॉं का भोग करो पुरूषार्थ करो ... दुनियॉं पर राज करो .. स्‍वामी जी अगले पैरागाफ में लिखते हैं ... लेकिन अहो भारत का दुर्भाग्‍य ... ईसा के वंशजो ने ईसा की बात नहीं मानी... श्रीकृष्‍ण के वंशजों ने श्रीकृष्‍ण की बात नहीं मानी ... ईसा के वंशजों ने श्रीकृष्‍ण की बात मानी... श्रीकृष्‍ण के वंशजों ने ईसा की बात मानी... परिणाम यह हुआ कि वे आज हम पर राज कर रहे हैं ... और हम उनकी सेवा कर रहे हैं ... . स्‍वामी विवेका नन्‍द , प्राच्‍य और पाश्‍चात्‍य पुस्‍तक में
अब आप क्‍या कहना चाहेंगें .... ये पुस्‍तक हमारे पास सुरक्षित है

Rajesh Gupta Narender ji,
Then accept,either we are ingenuin or otherone is militant.

Babban Singh Dear frndz, we should follow these lines :-
"Parhit sarish dharam nahin bhai, parpida sam nahin adhmai" and
"Sathe sathyam samacharet'
but it depends on our power and courage.

Indra Sisodiya संजू बाबा वाला गांधीगिरी फार्मूला अपनाना चाहिए |

Aasha Goswami sir...pehle to koshish karni chaheye ki koi ek gaal par pehla thappad b na marey...agar maar he de to gamla sir par maar dena chaheye...sir phoot jaye uska.....bcz Darvin gave the rule Survival of the fittest

Narendra Singh Tomar Nst

हा हा हा .. राजेश जी यह फार्मूला जब आया था या प्रतिपादित किया गया .. तब नाअसल और उग्रवादी या आतंकवादी जैसी आज जैसी समस्‍या नहीं थी ... हम थप्‍पड़ दर थप्‍पड़ खा कर ... भारत के कई टुकड़े करवा चुके हैं .. क्‍या हम नाअसल थे ... पहले हमने पाकिस...्‍तान का टुकड़ा थप्‍पड़ खा खा कर दे दिया ... उससे पहले हमने थप्‍पड़ खा खा कर महाभारत का विशाल नक्‍शा खो कर .. भारत रह गया.. उसके ाद आज भारत में ही पी ओ के नाम की एक जगह है .. कहते हैं कि वह हमारी है .. हम बरसों से थप्‍पड़ खा खा कर .. हर बार दूसरा गाल घुमाते चले आ रहे हैं .. क्‍या हम यहॉं भी नाअसल हैं ... यदि इस फार्मले पर सचमुच अमल किया जाये तो देश भर के सारे पुलिस थाने बन्‍द करना होंगें क्‍योंकि वे इस फार्मले के खिलाफ काम करते हैं .. सारी सेना और बटालियने तुरन्‍त खत्‍म करना होंगीं.. क्‍योकि ये इस फार्मूले के खिलाफ काम करतीं हैं .. दो तरह की विरोधाभासी विचारधारा एक ही शख्‍स में जब चलती है तो उस शख्‍स का पतन एवं अंत सुनिश्चित होता है ... वह हमारा हो रहा है .. देश इस दोगली और नकली अव्‍यवहारिक विचारधारा के कारण आज अनेक समस्‍याओं में जा घिरा है और भारत का लोकतंत्र चंद भ्रष्‍टों और गुमराह करने वाले घृणित चरित्र के नेताओं के कारण खतरे में आकर मरणासन्‍न सा हो गया है ... जो लोगो को पाठ गांधीगिरी का पढ़ाते हैं और खुद सफेदपोश डकैत हैं .... आप सड़क पर जा रहे हैं ... आपकी बहिन साथ में है .. कोई आकर उसे छेड़ देता है ... क्‍या आप एक गुलाब का फूल लेकर उससे कहेंगें कि प्‍लीज एक बार और... या किसी महिला के साथ कहीं बलात्‍कार होता है तो वह क्‍या दूसरी बार फिर स्‍वयं कों प्रस्‍तुत कर कहेगी कि प्‍लीज एक बार और ... और गांधीगिरी दिखाते हुये उसके हाथों को चूम लेगी ... हमारे हजारों सैनिक मारे जाते हैं .. जो सीमा वे काबू करते हैं ..या जिन आतंकवादीयों को वे जान पर खेलकर पकड़ते हैं... हम गांधीगिरी दिखाते हुये उन्‍हें छोड़ देते हैं ... यह दोहरा दोगला चरित्र सारे देश में आक्रोश व घृणा फैला चुका है ... सच तो सच है .. हम सच से मुँह मोड़ते हैं इसलिये मुसीबत में हैं .. रेत में गर्दन छिपाने से .. दुश्‍मन कभी खत्‍म नहीं होता .. दुश्‍मन तो मारने से ही खत्‍म होता है ...आप ऊपर कमेण्‍टस देखिये ... तरीबन सारे के सारे लोग कूटने पीटने मारने का ही समर्थन कर रहे हैं .. कोई भी दूसरा गाल घुमा कर थप्‍पड़ खाने के मूड में नहीं नजरआ रहा ... ये सब क्‍या है ... हम क्‍यों फर्जी ढकोसला ओढ़े हुये हैं .. इस सच को स्‍वीकार कर लेने में हर्ज क्‍या है .. जो देश भर के लोग अंदरूनी तौर पर दिल से सोचते हैं .. कब तक इस फर्जी मधुर मुर्दे को सीने से लगाये घूमते रहेंगे .....

Narendra Singh Tomar Nst शुक्रिया बब्‍बन सिंह ... आपने जहॉं से परहित सरस घर्म नहीं भाई ... लिया है वहीं ... आगे लिखा है ... विनय न मानति जलधि जड़ गये तीन दिन बीति । बोले राम सकोप तब भय बिनु होय न प्राति ।। शठे शाठयम ... चाणक्‍य नीति ह .. इसी प्रकार खग जाने खग ही की भाषा ... यह सूत्र वाक्‍य है

Narendra Singh Tomar Nst शुक्रिया इन्‍द्र सिसोदिया ... आपने ऊपर कमेण्‍ट नहीं देखे ... आपकी कही बात ऊपर पहले ही निपट चुकी है

Narendra Singh Tomar Nst आशा जी शुक्रिया ... आप एकदम सही कह रहीं है .. हम आपसे पूरा मुकम्‍मल इत्‍तफाक रखते हैं

Aasha Goswami tks sir..

Shanno Aggarwal मार खाना बुरी बात है...'' जो डर गया वो मर गया ''. लेकिन बदले में अधिक मार-कूट भी ठीक नहीं है...फिर दोनों लोगों में अंतर ही क्या रह जाता है ?

Shambhu Nath Pandey

NSTji namaskar, main bangal me rahata hun, sree sree Ramkrishna Paramhans ji maharaj ki ek kitab hai jiska naam "KATHAMRITA" hai. usme ek saanp ki kahani hai usme likha hai mainne tumhe katne keliye
mana kiyatha, Fufkarnese mananahi kiyatha....
kutta jab aapke taraf aatahai katne keliye us samay aap bhage to kutta bhi aapke piche dourega lekin aap agar datke khara ho jaye to kutta bhi apni jagah par rukjayga.

Shambhu Nath Pandey ya nahito fir MUNNA BHAI ka formula iske aage GANDHIJI kuch bolkar nahigaye." ofenciv is the best defanciv" de dnadan.

Narendra Singh Tomar Nst शंभूनाथ जी आप एकदम सही फरमा रहे हैं .. आपका कहना एकदम वाजिब है ... स्‍वामी विवेकानन्‍द जी की बात का ही ऊपर उद्धरण दिया है .. परमहंस जी के प्रिय शिष्‍य .... यह संयोग की बात है