मंगलवार, 5 अक्तूबर 2010

Facebook Hot Topic: उनका कहना है कोई एक गाल पर थप्‍पड़ सूंत दे ...तो दूसरा गाल भी उसकी सेवा में हाजिर कर दो ...लेकिन कोई दोनों गाल थप्‍पड़ सूंत सूंत कर लाल कर दे तो ... क्‍या करना चाहिये

उनका कहना है कोई एक गाल पर थप्‍पड़ सूंत दे ...तो दूसरा गाल भी उसकी सेवा में हाजिर कर दो ...लेकिन कोई दोनों गाल थप्‍पड़ सूंत सूंत कर लाल कर दे तो ... क्‍या करना चाहिये

(फेसबुक पर क्‍या क्‍या बोले लोग मजेदार और हैरत अंगेज जवाब)

प्रस्‍तुति नरेन्‍द्र सिंह तोमर ''आनन्‍द''

हमने फेसबुक पर अपने मित्रों से पूछा कि - उनका कहना है कोई एक गाल पर थप्‍पड़ सूंत दे ...तो दूसरा गाल भी उसकी सेवा में हाजिर कर दो ...लेकिन कोई दोनों गाल थप्‍पड़ सूंत सूंत कर लाल कर दे तो ... क्‍या करना चाहिये

तो देखिये क्‍या क्‍या जवाब दिये हमारे मित्रों ने (हमें कुल 34 कमेण्‍ट इस विषय पर मिले)  लेकिन इस पर आप क्‍या कहते है बताईये तो जरा

रजनीश के झा बड़े भैया फार्मूला एक गाल से दुसरे गाल तक आगे करने का ही है उसके बाद अपना हाथ जगन्नाथ.

Pinkeeba Vikramsinh Zala भाई ऊसीने कीया वैसा आपको करने का

Mani Kant phir to hoga.....".maro sale ko"...........:)

Narendra Singh Tomar Nst हा हा हा हा हा ... वाह रजनीश वाह ... हमारा ख्‍याल है कि नौबत यहॉं तक पहुँचने से पहले ही बारी बारी गाल देने का फार्मूला तोड़ देना चाहिये ... और अपने हाथ जगन्‍नाथ का इस्‍तेमाल ... प्रायमरी स्‍टेज पर ही कर लेना चाहिये ..... हा हा हा हा

Narendra Singh Tomar Nst Pinkeeba Vikramsinh Zala हमारा ख्‍याल है कि नौबत यहॉं तक पहुँचने से पहले ही बारी बारी गाल देने का फार्मूला तोड़ देना चाहिये ... और अपने हाथ जगन्‍नाथ का इस्‍तेमाल ... प्रायमरी स्‍टेज पर ही कर लेना चाहिये ..... हा हा हा हा

Narendra Singh Tomar Nst Pinkeeba Vikramsinh Zala हमारा फार्मूला यह कहता है कि अपने गाल उसे देने के बजाय ... उसके गाल बारी बारी से मांगना चाहिये ... हा हा हा हा

रजनीश के झा सहमत .... हा हा हा हा

Narendra Singh Tomar Nst हा हा हा ... मणीकान्‍त सही है .. मारो साले को .... हा हा हा हा.. कूटो साले को .... बहुत खूब ... शुरू में ही कर लेते तो काहे को आपको खाने पड़ते इण्‍ट्रोडक्‍टरी थप्‍पड़ ..... हिन्‍दुस्‍तानी जरा देर में समझ पाते हैं .. जब तक उनमें सामने वाला जम कर सूंत चुका होता है ... तब होश आता है

Mani Kant ohhhhhhhhhoooooooooooooooooo hahahahahahahahaha...ab itna bhi mat hansaeeye @ N S Tomar ji

Sushil Singh To Gandhi baba ko bula ke puchna chahiye ki ab kya karun

Nshah Hemnidhi To uske haath chum lena chahiye.
MUNNABHAI KI GANDHIGIRI

Sanjay Pandey gandhi jee kr " bharat chodo " andolan ko dusare hi thappad par apna len. nahi to pair ,hath bhi jayega.

Narendra Singh Tomar Nst

सुशील सिंह जी ... ये गांधी का फार्मूला नहीं है .. एक थपपड़ मारने वाले को दूसरा थप्‍पड़ देने के लिये दूसरा गाल देने का ... दर असल ये फार्मूला ईसा मसीह का है ... इसका स्‍वामी विवेकानन्‍द ने अपनी पुस्‍तक पाच्‍य और पाश्‍चात्‍य जम कर विरोध किया ...है ...स्‍वामी जी ने लिखा है कि ईसा ने कहा कि यदि कोई तुम्‍हारे एक गाल पर थप्‍पड़ मारे तो ... दूसरा गाल उसकी ओर घुमा दो ... सबकी सेवा करो सेवक बनो , श्रीकृष्‍ण ने कहा था कि यदि कोई तुम्‍हारे एक गाल पर थप्‍पड़ मारे तो एक तगड़ा घुसा उसके चेहरे पर जमा दो ... दुनियॉं का भोग करो पुरूषार्थ करो ... दुनियॉं पर राज करो .. स्‍वामी जी अगले पैरागाफ में लिखते हैं ... लेकिन अहो भारत का दुर्भाग्‍य ... ईसा के वंशजो ने ईसा की बात नहीं मानी... श्रीकृष्‍ण के वंशजों ने श्रीकृष्‍ण की बात नहीं मानी ... ईसा के वंशजों ने श्रीकृष्‍ण की बात मानी... श्रीकृष्‍ण के वंशजों ने ईसा की बात मानी... परिणाम यह हुआ कि वे आज हम पर राज कर रहे हैं ... और हम उनकी सेवा कर रहे हैं ... . स्‍वामी विवेका नन्‍द , प्राच्‍य और पाश्‍चात्‍य पुस्‍तक में
अब आप क्‍या कहना चाहेंगें .... ये पुस्‍तक हमारे पास सुरक्षित है

Narendra Singh Tomar Nst भाई जी ये गांधगिरी का फार्मूला नहीं है ... ये ईसागिरी का फार्मूला है ... हम ऊपर कमेण्‍ट में कह चुके हैं

Narendra Singh Tomar Nst हा हा हा .... बहुत खूब संजय जी

Nasser Khan himmet hai to mukabla nahi to ........ no do eigyara... :))

Tushar Devendrachaudhry नरेन्द्र जी, नीति तो यह ह,साम ,दाम ,,दंड ,,भेद का प्रयोग किया जाये , कमजोर व्यक्ति पर दूसरा गाल आगे करने के आलावा कोई चारा नहीं है, बलबान व्यक्ति तो ठोंक कर ही मानेगा

Narendra Singh Tomar Nst शुक्रिया नासिर भाई

Surya Prakash kafi samya se ek personal sawal puchna chah raha tha. Pata nahi aapko pasand aaye ya na aaye. mai kisi ki nijta me takjhak pasand nahi karta. Agar anyatha na le to puchun?

Narendra Singh Tomar Nst हा हा हा हा... आप सही कह रहें हैं तुषार ... आपकी बात की पूर्ति नासिर भाई ने कर दी है

Narendra Singh Tomar Nst

सुर्यप्रकाश जी ... लेखक का दायित्‍व है कि समाज के लिये लिखे... अगर कोई गलत नीति समाज में घुस बैठी हो तो उसे कलम की ताकत से निकाल फेंकें ... और ये हमने नहीं स्‍वामी विवेकानन्‍द ने लिखा है ... ये गांधी का फार्मूला नहीं है .. एक थपपड़ मारने वा...ले को दूसरा थप्‍पड़ देने के लिये दूसरा गाल देने का ... दर असल ये फार्मूला ईसा मसीह का है ... इसका स्‍वामी विवेकानन्‍द ने अपनी पुस्‍तक प्राच्‍य और पाश्‍चात्‍य में जम कर विरोध किया ...है ...स्‍वामी जी ने लिखा है कि ईसा ने कहा कि यदि कोई तुम्‍हारे एक गाल पर थप्‍पड़ मारे तो ... दूसरा गाल उसकी ओर घुमा दो ... सबकी सेवा करो सेवक बनो , श्रीकृष्‍ण ने कहा था कि यदि कोई तुम्‍हारे एक गाल पर थप्‍पड़ मारे तो एक तगड़ा घूंसा उसके चेहरे पर जमा दो ... दुनियॉं का भोग करो पुरूषार्थ करो ... दुनियॉं पर राज करो .. स्‍वामी जी अगले पैरागाफ में लिखते हैं ... लेकिन अहो भारत का दुर्भाग्‍य ... ईसा के वंशजो ने ईसा की बात नहीं मानी... श्रीकृष्‍ण के वंशजों ने श्रीकृष्‍ण की बात नहीं मानी ... ईसा के वंशजों ने श्रीकृष्‍ण की बात मानी... श्रीकृष्‍ण के वंशजों ने ईसा की बात मानी... परिणाम यह हुआ कि वे आज हम पर राज कर रहे हैं ... और हम उनकी सेवा कर रहे हैं ... . स्‍वामी विवेका नन्‍द , प्राच्‍य और पाश्‍चात्‍य पुस्‍तक में
अब आप क्‍या कहना चाहेंगें .... ये पुस्‍तक हमारे पास सुरक्षित है

Rajesh Gupta Narender ji,
Then accept,either we are ingenuin or otherone is militant.

Babban Singh Dear frndz, we should follow these lines :-
"Parhit sarish dharam nahin bhai, parpida sam nahin adhmai" and
"Sathe sathyam samacharet'
but it depends on our power and courage.

Indra Sisodiya संजू बाबा वाला गांधीगिरी फार्मूला अपनाना चाहिए |

Aasha Goswami sir...pehle to koshish karni chaheye ki koi ek gaal par pehla thappad b na marey...agar maar he de to gamla sir par maar dena chaheye...sir phoot jaye uska.....bcz Darvin gave the rule Survival of the fittest

Narendra Singh Tomar Nst

हा हा हा .. राजेश जी यह फार्मूला जब आया था या प्रतिपादित किया गया .. तब नाअसल और उग्रवादी या आतंकवादी जैसी आज जैसी समस्‍या नहीं थी ... हम थप्‍पड़ दर थप्‍पड़ खा कर ... भारत के कई टुकड़े करवा चुके हैं .. क्‍या हम नाअसल थे ... पहले हमने पाकिस...्‍तान का टुकड़ा थप्‍पड़ खा खा कर दे दिया ... उससे पहले हमने थप्‍पड़ खा खा कर महाभारत का विशाल नक्‍शा खो कर .. भारत रह गया.. उसके ाद आज भारत में ही पी ओ के नाम की एक जगह है .. कहते हैं कि वह हमारी है .. हम बरसों से थप्‍पड़ खा खा कर .. हर बार दूसरा गाल घुमाते चले आ रहे हैं .. क्‍या हम यहॉं भी नाअसल हैं ... यदि इस फार्मले पर सचमुच अमल किया जाये तो देश भर के सारे पुलिस थाने बन्‍द करना होंगें क्‍योंकि वे इस फार्मले के खिलाफ काम करते हैं .. सारी सेना और बटालियने तुरन्‍त खत्‍म करना होंगीं.. क्‍योकि ये इस फार्मूले के खिलाफ काम करतीं हैं .. दो तरह की विरोधाभासी विचारधारा एक ही शख्‍स में जब चलती है तो उस शख्‍स का पतन एवं अंत सुनिश्चित होता है ... वह हमारा हो रहा है .. देश इस दोगली और नकली अव्‍यवहारिक विचारधारा के कारण आज अनेक समस्‍याओं में जा घिरा है और भारत का लोकतंत्र चंद भ्रष्‍टों और गुमराह करने वाले घृणित चरित्र के नेताओं के कारण खतरे में आकर मरणासन्‍न सा हो गया है ... जो लोगो को पाठ गांधीगिरी का पढ़ाते हैं और खुद सफेदपोश डकैत हैं .... आप सड़क पर जा रहे हैं ... आपकी बहिन साथ में है .. कोई आकर उसे छेड़ देता है ... क्‍या आप एक गुलाब का फूल लेकर उससे कहेंगें कि प्‍लीज एक बार और... या किसी महिला के साथ कहीं बलात्‍कार होता है तो वह क्‍या दूसरी बार फिर स्‍वयं कों प्रस्‍तुत कर कहेगी कि प्‍लीज एक बार और ... और गांधीगिरी दिखाते हुये उसके हाथों को चूम लेगी ... हमारे हजारों सैनिक मारे जाते हैं .. जो सीमा वे काबू करते हैं ..या जिन आतंकवादीयों को वे जान पर खेलकर पकड़ते हैं... हम गांधीगिरी दिखाते हुये उन्‍हें छोड़ देते हैं ... यह दोहरा दोगला चरित्र सारे देश में आक्रोश व घृणा फैला चुका है ... सच तो सच है .. हम सच से मुँह मोड़ते हैं इसलिये मुसीबत में हैं .. रेत में गर्दन छिपाने से .. दुश्‍मन कभी खत्‍म नहीं होता .. दुश्‍मन तो मारने से ही खत्‍म होता है ...आप ऊपर कमेण्‍टस देखिये ... तरीबन सारे के सारे लोग कूटने पीटने मारने का ही समर्थन कर रहे हैं .. कोई भी दूसरा गाल घुमा कर थप्‍पड़ खाने के मूड में नहीं नजरआ रहा ... ये सब क्‍या है ... हम क्‍यों फर्जी ढकोसला ओढ़े हुये हैं .. इस सच को स्‍वीकार कर लेने में हर्ज क्‍या है .. जो देश भर के लोग अंदरूनी तौर पर दिल से सोचते हैं .. कब तक इस फर्जी मधुर मुर्दे को सीने से लगाये घूमते रहेंगे .....

Narendra Singh Tomar Nst शुक्रिया बब्‍बन सिंह ... आपने जहॉं से परहित सरस घर्म नहीं भाई ... लिया है वहीं ... आगे लिखा है ... विनय न मानति जलधि जड़ गये तीन दिन बीति । बोले राम सकोप तब भय बिनु होय न प्राति ।। शठे शाठयम ... चाणक्‍य नीति ह .. इसी प्रकार खग जाने खग ही की भाषा ... यह सूत्र वाक्‍य है

Narendra Singh Tomar Nst शुक्रिया इन्‍द्र सिसोदिया ... आपने ऊपर कमेण्‍ट नहीं देखे ... आपकी कही बात ऊपर पहले ही निपट चुकी है

Narendra Singh Tomar Nst आशा जी शुक्रिया ... आप एकदम सही कह रहीं है .. हम आपसे पूरा मुकम्‍मल इत्‍तफाक रखते हैं

Aasha Goswami tks sir..

Shanno Aggarwal मार खाना बुरी बात है...'' जो डर गया वो मर गया ''. लेकिन बदले में अधिक मार-कूट भी ठीक नहीं है...फिर दोनों लोगों में अंतर ही क्या रह जाता है ?

Shambhu Nath Pandey

NSTji namaskar, main bangal me rahata hun, sree sree Ramkrishna Paramhans ji maharaj ki ek kitab hai jiska naam "KATHAMRITA" hai. usme ek saanp ki kahani hai usme likha hai mainne tumhe katne keliye
mana kiyatha, Fufkarnese mananahi kiyatha....
kutta jab aapke taraf aatahai katne keliye us samay aap bhage to kutta bhi aapke piche dourega lekin aap agar datke khara ho jaye to kutta bhi apni jagah par rukjayga.

Shambhu Nath Pandey ya nahito fir MUNNA BHAI ka formula iske aage GANDHIJI kuch bolkar nahigaye." ofenciv is the best defanciv" de dnadan.

Narendra Singh Tomar Nst शंभूनाथ जी आप एकदम सही फरमा रहे हैं .. आपका कहना एकदम वाजिब है ... स्‍वामी विवेकानन्‍द जी की बात का ही ऊपर उद्धरण दिया है .. परमहंस जी के प्रिय शिष्‍य .... यह संयोग की बात है

 

कोई टिप्पणी नहीं: