ग्वालियर टाइम्स वेब पोर्टल के 6 वर्ष पूरे हुये , 7 वें साल में गौरवशाली प्रवेश
अकेले चले थे जानिबे मंजिल मगर .. लोग साथ आते गये कारवां बनता गया
मुरैना 17 नवम्बर 2010 , मुरैना और चम्बल के नाम से नाक भौंह सिकोड़ने वालों के लिये एक गौरवपूर्ण चुनौती देकर उभरी एक छोटी सी वेबसाइट मजाक ही मजाक में केवल निजी शौक पूरा करने के लिये वर्ष सन 2004 में मुरैना के एक छोटे से कमरे में एक छोटे से कम्प्यूटर से पूरी तरह संसाधन विहीन नौजवान ने मुरैना की एक प्रसिद्ध स्वयंसेवी संस्था नेशनल नोबलयूथ अकादमी के बैनर तले बना कर शुरू की थी । शुरूआत में यह वेबसाइट लोक सेवाओं एवं लोकोपयोगी सेवाओं की वेबसाइटों का लिंक संग्रह के रूप में शुरू हुयी और पूरी तरह निजी उपयोग के लिये इसका प्रसारण प्रारंभ किया गया ।
लेकिन बेहद उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी के भरपूर संग्रह के चलते ही चन्द माह में ही वेबसाइट बेहद लोकप्रिय हो गयी । लेकिन वेबसाइट की पूरी पूरी नकल और तर्ज पर भारत सरकार सहित अन्य राज्य सरकारों द्वारा कॉमन सर्विस सेण्टर योजना चालू कर देने से वेबसाइट के खाके में वर्ष सन 2005 में काफी फेरबदल कर इसमें समाचार प्रकरशन और प्रसारण को अंदर के पेजों से हटा कर मुख्यपृष्ठ पर लाया गया और लोक सेवाओं व लोकसेवाओं को हिडन कर दिया गया ।
वेबसाइट ने लम्बे समय तक धन के और सहयोग के अभाव का सामना किया । इस वेबसाइट की दूसरी ओर दिनों दिन बढ़ती लोकप्रियता और हिटस से जहॉं अन्य लोग अचम्भित थे वहीं खुद वेबसाइट के डिजाइनर व जन्मदाता नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द'' भी हैरत और अचम्भे में थे । वेबसाइट की लोकप्रियता बढ़ते बढ़ते इस हद पर आ गई कि जिन सर्वर पर वेबसाइट चलाई जाती वे ही सर्वर फेल हो जाते और हाथ खड़े कर देते ।
अंतत: संघर्ष के दौर में ही म.प्र. सरकार की यी विज्ञापन नीति से वेबसाइट को सरकारी विज्ञापन मिलने की कुछ आशा बंधी लेकिन म.प्र. में भ्रष्टाचार इतनी बुरी तरह हावी था कि नाममात्र के या बिल्कुल भी नहीं हिटस और पाठक दर्शक वाली वबसाइटों को म.प्र. जनसम्पर्क विभाग ने विज्ञापन दे डाले और चम्बल की धरती पर मुरैना मध्यप्रदेश में जन्मी पली बढ़ी और धुआंधार हिटस वाली वेबसाइट को जनसम्पर्क विभाग ने 30 – 40 पत्र लिखने के बावजूद न तो विज्ञापन सूची में शामिल करने की जहमत ही उठाई और न किसी पत्र का उत्तर देना ही आवश्यक ही समझा ।
हालात इतनी खराब थी कि जब नई विज्ञापन नीति के मुताबिक वेबसाइटों को विज्ञापन नीति में शामिल किये जाने वाला आवेदन पत्र जब विभाग से सम्पर्क करके अनेक बार मांगा गया तो यह नया आवेदन पत्र श्रीमान भ्रष्ट महोदय गण द्वारा कभी बनाया ही नहीं गया , केवल विज्ञापन नीति घोषित करके चुपके से बैठ गये और वेबसाइटों को विज्ञापन के लिये स्वीकृति मात्र स्वीकार कर अपने कर्तव्य की इति कर ली । यह नया आवेदन पत्र आज दिनांक तक जनसम्पर्क विभाग संचालनालय तक में उपलब्ध नहीं है , बावजूद इसके अनेक घटिया वेबसाइटों को किस आधार पर या किस फार्म पर विज्ञापन सूची में शामिल किया गया या विज्ञापन दिये गये , इसका जवाब आज दिनांक तक मध्यप्रदेश के किसी अधिकारी कर्मचारी के पास नहीं है । खैर ये तो फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार की कहानी है जो कि मध्यप्रदेश की पत्रकारिता की जड़ यानि जनसम्पर्क विभाग में ही पेबस्त है ।
ग्वालियर टाइम्स ने इस सरकारी विज्ञापन के आसरे को भी दर किनार करते हुये अपना काम जारी रखा और धीरे धीरे कर के वेबसाइट से वेबपोर्टल और फिर धीरे धीरे बहुत बड़ा वेबसमूह बन गई । अनेक संघर्षों के और संसाधनों के अभाव के चलते हुये भी मुरैना और चम्बल जैसी जटिल जगह पर अपना काम जारी रखते रखते अपना काफिला धीरे धीरे ही सही आगे बढ़ाया । लेकिन दुर्भाग्य से बिजली के अभाव यानि भारी बिजली कटौती ने वेबसाइट की राह अत्यधिक दुश्वार कर दी । परिणामस्वरूप वेबसमूह को अपने सदा नियमित अपडेट होने वाले अनेक महत्वपूर्ण भागों का प्रकाशन ओर अपडेशन रोकना पड़ा । चम्बल की आवाज , इण्डिया न्यज , हिन्दी विकास, भिण्ड समाचार, मुरैना समाचार, मध्यप्रदेश की आवाज, ग्वालियर समाचार जैसे कई भाग लेख आलेख फीचर्स , हास्य व्यंग्व जैसे नियमित अपडेट किये जाने वाले भागों का अपडेशन स्थगित करके बैठना पड़ा । हालांकि इस स्थगन से नुकसान सरकार का ही हुआ क्योंकि इन भागों में 70- 80 फीसदी प्रकाशन और प्रसारण सरकारी ही जाता था । इसके अलावा दन में तीन या चार बार अपडेट किये जाने वाले लोकल फोटो भी अपडेशन से स्थगित करने पड़े ।
तमाम संघर्ष और व्यथाओं के चलते भी समूह अपना काम जारी रखे रहा और अंतत: मुरैना में ही तुरन्त तत्काल डोमेन रजिस्ट्रेशन सुविधा और वेबसर्वर सुविधा उपलब्ध करा दी गयी ।
आज वेबसाइट ने संघर्ष करते हुये अपने कीमती 6 साल पूरे कर लिये हैं और 7 वें वर्ष में प्रवेश कर गई है । 16 नवम्बर 2004 को पंजीकृत होकर अस्तित्व में आई छोटी सी शुरूआत हालांकि आज बहुत बड़ा आगाज बन गई है और जन जन की आवाज बन गई है ... अभी तो हमें और आगे जाना है .. बहुत आगे .. हमारे प्रिय सुधी पाठकों, दर्शकों और सहयोगियों ने सदा हमारा साथ दिया , हमें समर्थन दिया अपना प्यार बनाये रखा और हमें जर्रे से आफताब और नाकुछ से तूती की आवाज को बुलन्द आवाज में बदला , हम आप सबके हृदय से आभारी है और आपका दिल से शुक्रिया करते हैं .. आपका हमारा साथ, प्रेम, समर्थन और सहयोग सदा बरकरार रहे, हम अपने फसबुक और ऑरकुट मित्रों के भी आभारी है जिन्होनें इतनी विशाल संख्या में हमारा साथ देकर हमें काम करने तथा और अधिक बेहतर काम करने की असीम ऊर्जा दी ... इसी आशा और विश्वास के साथ ..
आपका
काफिला चलता रहे , वक्त भी चलता रहे , तेरा मेरा साथ न छूटे कभी, बस इतनी इनायत बनी रहे .....
नरेन्द्र सिंह तोमर ''आनन्द''
प्रधान सम्पादक एवं प्रधान संचालक व सी.ई.ओ.
ग्वालियर टाइम्स वेब समूह एवं राजहंस वेब रजिस्ट्रेशन एवं वेब होस्टिंग सेण्टर
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