रविवार, 8 फ़रवरी 2009

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास हेतु कार्यशाला सम्पन्न

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास हेतु कार्यशाला सम्पन्न

ग्वालियर, 7 फरवरी 09/ म.प्र. लघुउद्योग संघ के तहत तत्वावधान में आज स्थानीय व जय विलास पैलेस परिसर स्थित शासकीय महिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के विकास हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला उद्धाटन श्रीमंत राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.वी.एस.तोमर ने दीप प्रज्वलित कर किया । इस अवसर पर डॉ. तोमर ने कहा कि हमारा अन्नदाता किसान है । किसानों को उनमें उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिय कृषि आधारित उद्योगों की आवश्यकता है । खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पूरी तरह कृषि पर आधारित हैं। व्यवसायियों और उद्यमियों को इस ओर ध्यान देना होगा ।

       इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि चैम्बर आफ कामर्स एवं उद्योग के अध्यक्ष श्री जी.डी.चड्ढ़ा ने कहा कि जिले में फल, सब्जी, आलू, टमाचार,मसाला आदि पर केन्द्रित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापना हेतु जिले के उद्यमियों को संकल्प लेना होगा । इस शहर के उद्योगों के विकास के लिये यह एक सुनहरा मौका है । जिले के आस-पास कई उद्योग कई दशकों से सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं तथा लाभ की स्थिति में भी हैं । हमें उनके नक्शे कदम पर चलना होगा। आधुनिक युग में मनुष्य की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिये खाद्य प्रसंस्करण उद्योग जरूरी है ।

       कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों, कर्मचारियों, उद्यमियों तथा तकनीकी विद्यार्थियों से सम्बोधित करते हुये लघु उद्योग संघ जबलपुर के उपाध्यक्ष श्री अरूण जैन ने कहा क जिले टोमैटो सॉस,चिली सॉस,सोया उत्पादन,आलू चिप्स उद्योग की व्यापक सम्भावनायें हैं। हमें बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के विकल्प देने की जरूरत है।

       इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम, उद्यम विकास संस्थान ग्वालियर के डिप्टी डायरेक्टर श्री डी.सी.साहू ने कहा कि जिले में सामूहिक रूप से औद्यौगिक क्षेत्र विकसित करने की जरूरत है । केन्द्र सरकार से लघु व मध्यम उद्योगों के विकास के लिये अनुदान, सहायता, और छूट मिलती है । यहाँ के उद्यमी इसका लाभ उठाये। उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिये अनुरणीय जगह इन्दौर है । इन्दौर के उद्यमी किसीभी शासकीय योजना एवं उद्योगों के विकास के लिये लाभ उठाने में नहीं चूकते हैं।

       इस अवसर पर कार्यक्रम के सह संयोजक श्री खालिद रहमान कुरैशी ने बताया कि इस क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की व्यापक सम्भावनायें है । राज्य शासन नव उद्यमियों को हर सम्भव मदद करेगा । उद्योग विभाग, एम.पी.एग्रो तथा बैंकर्स और उद्यमियों भी मदद के लिए कृत संकल्पित हैं।

       डॉ. आशा अरोरा, श्री आनन्द मोहन छपरवाल, श्री आदित्य चौबे, श्री विनय कुमार, श्री अविनाश तिवारी ने भी कार्यशाला को सम्बोधित किया।

       कार्यशाला में वक्ताओं ने उद्यमियों को बिस्कुट, बेकरी, शहद, गुड़, शक्कर, चॉकलेट, फल पर केन्द्रित पेय पदार्थ, मूंगफली, अखरोट, अचार, पापड़, चटनी, मसाले आदि से सम्बन्धित उद्योग लगाने की सलाह दी।

       कार्यक्रम में बड़ी संख्या उद्योगपति, वैज्ञानिक, बुध्दिजीवी, शिक्षक और तकनीकी विद्यार्थी मौजूद थे।

 

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