शनिवार, 7 फ़रवरी 2009

ई-डिस्ट्रिक्‍ट के पायलट प्रोजेक्ट में ग्वालियर जिला भी शामिल, प्रोजेक्ट को लागू करने की कड़ी में कार्यशाला आयोजित

ई-डिस्ट्रिक्‍ट के पायलट प्रोजेक्ट में ग्वालियर जिला भी शामिल, प्रोजेक्ट को लागू करने की कड़ी में कार्यशाला आयोजित

आम आदमी एवं शासकीय सेवाओं के बीच की दूरियाँ सिमटेंगी

ग्वालियर,6 फरवरी 09। जिले में आम आदमी और शासकीय सेवाओं के बीच की दूरियाँ सिमटेंगी । चाहे खसरे-खतौनी की नकल लेनी हो अथवा जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, मियादी स्कीम में बैंकों में धन जमा करना हो या फिर शासकीय योजनाओं की जानकारी व उनके आवेदन पत्र लेने हों इनके लिए ग्रामीणों को विकास खण्ड,तहसील या जिला मुख्यालय तक आने की जहमत नहीं उठानी पड़ेगी । यह सब संभव होगा गाँवों में स्थापित होने जा रहे नागरिक सुविधा केन्द्रों (कॉमन सर्विस सेंटर) से । यह सूचना गुमटियाँ, ई-गवर्नेस के तहत स्थापित होने जा रही हैं। ई-गवर्नेंस के अन्तर्गत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ई-डिस्ट्रिक के लिए प्रदेश के लगभग आधा दर्जन जिलों का चयन किया गया है, जिसमें ग्वालियर जिला भी शामिल है। जिले को ई-डिस्ट्रिक बनाने संबंधी कार्यों को सुव्यवस्थित ढंग से अंजाम देने के सिलसिले में आज जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की मौजूदगी में एल एन यू पी ई. के ऑडीटोरियम में एक कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों के सचिव, पटवारी व राजस्व निरीक्षकों सहित करीबन चार सौ प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनोद शर्मा, अपर कलेक्टर श्री वेद प्रकाश व सहायक कलेक्टर श्रीमती स्वाती मीणा सहित जिले के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदार व नायब तहसीलदारों ने भी सहभागिता की।

      जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने कार्यशाला को संबोधित करते हए कहा कि ई-डिस्ट्रिक  के अन्तर्गत नागरिक सुविधा केन्द्रों की स्थापना के बाद शासकीय कामकाज में पारदर्शिता आयेगी और लोगों को शासकीय दफ्तरों के चक्कर लगाने से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट में गांवों में स्थापित होने वाले नागरिक सुविधा केन्द्र इस प्रोजेक्ट के सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं।चूंकि ग्राम पंचायत स्तर पर नागरिक सुविधा केन्द्रों का संचालन निजी स्वरोजगारियों  (सेवा प्रदाता) द्वारा किया जाना है। अत: ग्राम पंचायत सचिव व पटवारी इसमें व्यक्तिगत रूचि लेकर ऐसे पढ़े-लिखे और कम्प्यूटर का ज्ञान रखने वाले बेरोजगार युवकों को चयनित करने में सहयोग करें जो इन केन्द्रों को बेहतर ढ़ंग से संचालित कर सकें और लोगों को वाछिंत जानकारी प्राप्त करने में कठिनाई न हो।

      उल्लेखनीय है कि ई-डिस्ट्रिक के तहत सभी विभागों के जिला स्तर से लेकर खण्ड स्तर के सभी कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण किया जायेगा। और एक विशेष सॉफ्टवेयर के जरिये स्वान नेटवर्क (स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) से इसे स्टेट डाटा सेंटर से भी जोड़ा जायेगा। अमूमन हर छ: ग्रामों के बीच स्थापित नागरिक सुविधा केन्द्र इस नेटवर्क से जुड़े रहेंगे। सरकार के सूचना प्रौद्यौगिकी विभाग व राज्य इलेक्ट्रोनिक्स विकास निगम की देखदेख में जिले में नागरिक सुविधा केन्द्र स्थापित करने का दायित्व सी.एम.सी. कम्प्यूटर्स लिमिटेड को सौंपा गया। नागरिक सुविधा केन्द्रों की सेवायें लोगों को न्यूनतम शुल्क लेकर प्रदान की जायेंगी। आज यहां हुई कार्यशाला में पॉवर पॉइन्ट प्रेजन्टेशन के जरिये बताया गया कि नागरिक सुविधा केन्द्रों से जो शासकीय सेवायें दी जायेंगी उनमें प्रमुख हैं- भू-अभिलेखों की नकल, जन्म-मृत्यु व अन्य प्रमाण पत्र, सरकारी योजनाओं की जानकारी व उनके आवेदन पत्र, रोजगार कार्यालय की सेवायें, राशन कार्ड प्रक्रिया, चुनाव संबंधी कार्य, सड़क परिवहन, टेलीफोन व बिजली विल भुगतान आदि सुविधायें प्रदान की जायेंगी। साथ ही कृषि सेवाओं के रूप में कृषि उपज मंडी, कृषि ऋण, कृषि परामर्श व कृषि प्रशिक्षण, वित्तीय सेवाओं के रूप में ऋण व बीमा, शिक्षा सेवाओं में ई-शिक्षा, कम्प्यूटर शिक्षा, अंग्रेजी दक्षता, टयूशन (विषय), ई-कॉमर्स सेवाओं में रेलवे टिकिट आदि तथा व्यवसायिक सेवाओं के तहत फोटोग्राफी, वेब सर्फिंग, हिन्दी ई-मेल, कम्प्यूटर गेम, टायपिंग व प्रिटिंग, फॉर्म डाउन लोड व अन्य सेवायें प्रदान की जायेंगी।

 

कोई टिप्पणी नहीं: