रविवार, 26 जुलाई 2009

ग्वालियर का इतिहास गौरवशाली रहा है- मुख्यमंत्री श्री चौहान

ग्वालियर का इतिहास गौरवशाली रहा है- मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री द्वारा''हमारा ग्वालियर'' पुस्तक का लोकार्पण 

ग्वालियर 25 जुलाई 09। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्वालियर सांस्कृतिक राजधानी रहा है तथा इसका इतिहास गौरवशाली है। उन्होंने कहा कि इस गौरवमयी इतिहास को सहेजकर हमें आने वाली पीढ़ी को सौंपना है। श्री चौहान ने यह बात आज यहां चैम्बर आफ कॉमर्स में आयोजित ''हमारा ग्वालियर'' नामक पुस्तक के लोकार्पण करते हुए कही। इस अवसर पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व ऊर्जा मंत्री श्री अनूप मिश्रा, सांसद श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया व श्री प्रभात झा, नगर निगम के महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी , पुलिस अधीक्षक श्री ए. साँई मनोहर, भारत विकास परिषद के प्रो. मोहन कुमार माथुर, चैम्बर आफ कॉमर्स के अध्यक्ष श्री जी डी. लड्डा सहित नगर के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।

      मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संस्कृति,परंपरा, जीवन मूल्य ग्वालियर की पहचान रही है। साथ ही पुरातत्व, संगीत एवं कला की दृष्टि से भी ग्वालियर समृध्द रहा है। इसलिये यहां संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना प्रदेश सरकार द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि यह संगीत संम्राटों, संतों, क्रांतिकारियों की भूमि है। श्री चौहान ने कहा कि इतिहास केवल पढ़ने भर का विषय नहीं हैं, यह हमें प्रेरणा भी देता है। उन्होंने कहा हम सभी को ''हमारा ग्वालियर'' जैसी इतिहास की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिये, जिससे हम भी इतिहास रचने वाले बन सकें। उन्होंने कहा कि इतिहास पढ़कर हम जान सकते हैं कि साधारण परिवार में जन्मे लोग भी इतिहास रच सकते हैं। श्री चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि साधारण परिवार में जन्म लेकर वे भारतीय राजनीति के क्षितिज पर दैदीप्यमान नक्षत्र के समान छाये हुए हैं। उन्होंने ''हमारा ग्वालियर'' पुस्तक के बारे में कहा कि इसमें ग्वालियर अंचल के अनछुए पहलू शामिल हैं, इसलिये सभी इस पुस्तक को अवश्य पढ़ें। मुख्यमंत्री ने पुस्तक में ग्वालियर अंचल की सांस्कृतिक व पुरातात्विक विरासत सहित सभी बातों का समावेश करने के लिये पुस्तक के लेखक डॉ. अजय अग्निहोत्री को धन्यवाद दिया।

      सांसद श्री प्रभात झा ने कहा कि ''हमारा ग्वालियर'' पुस्तक शासकीय कर्मचारियों को भी रचनात्मक दिशा में आगे बढ़ने का संदेश देती है, क्योंकि पुस्तक के लेखक भी शासकीय सेवक हैं। आरंभ में पुस्तक के लेखक डॉ. अजय अग्निहोत्री  का परिचय उनके गुरू प्रो. मोहनकुमार माथुर ने दिया। उन्होंने बताया कि उनकी अन्य कृतियां भी शीघ्र ही प्रकाशित हो रही हैं। इस अवसर पर प्रो. माथुर को मुख्यमंत्री ने शाल व श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।

      डॉ. अजय अग्निहोत्री द्वारा लिखित इस पुस्तक में ग्वालियर अंचल के इतिहास संस्कृति एवं कलात्मक गौरव का समावेश किया गया है। ग्वालियर की भौगौलिक स्थिति में स्थित अभेद्य ग्वालियर किले पर राजपूत एवं मुस्लिम राजवंशों की उपस्थिति दर्ज कराने से लेकर राजा मानसिंह तोमर के अद्वितीय शासनकाल के स्वर्णिम युग तक का सजीव उल्लेख किया गया है।

      सिंधिया राजवंश के दो सदियों के शासनकाल एवं ग्वालियर की सांस्कृतिक वैभवता तथा शिल्प स्थापत्य के उन्नत स्वरूप के इतिहास को बखूबी शब्दों में पिरोया गया है। ग्वालियर की प्रधान विशेषता इसका सांस्कृतिक वैभव है। ग्वालियर का इतिहास केवल युध्दों-अभियानों तथ सत्ता परिवर्तनों की तारीखों को समेटने वाला ऐतिहासिक विवरण भर नहीं रह गया है। सांस्कृतिक चेतना ने यहां के राजनीतिक इतिहास में रस का संचार किया है।

      आज के ग्वालियर की पहचान संस्कृति एंव कलाल्मक चेतना की दृष्टि से समृध्द नगर के रूप में स्थापित है। ग्वालियर की प्रसिध्दि की तरह उसकी समृध्दि भी अनेक आयाम लिये हुए हैं। इन विशेषताओं के साथ ग्वालियर की ऐतिहासिक परम्परा का उसकी विविध उपलब्धियों सहित विश्लेषण और चित्रण इस पुस्तक में है। हमारा ग्वालियर नामक पुस्तक लेखक के इतिहास बोध और नगर के प्रति गहरे लगाव की छाप छोड़ती है।

 

 

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