बुधवार, 9 जनवरी 2008

पूरी भिण्‍ड में सिर्फ एक साफ सुथरा गांव जहां डेढ़ माह में 70 लाख के निर्माण हुए

पूरी भिण्‍ड में सिर्फ एक साफ सुथरा गांव जहां डेढ़ माह में 70 लाख के निर्माण हुए

 

प्रदेश के भिंड जिले के चयनित निर्मल ग्राम जौरा ब्राम्हण के लोगों ने लोटा संस्कृति को बिल्कुल त्याग दिया है। ग्रामीणों ने समग्र स्वच्छता अभियान के अंतर्गत अपने घरों में पक्के शौचालय बनवा लिये है। हाल ही में मुरैना और भिंड के 45 सरपंचों ने निर्मल ग्राम जौरा ब्राम्हण का देखा। इस गांव में अब न तो गुटखा पाऊच और ना ही सिगरेट मिलती है।

स्वच्छ वातावरण, चौड़ी सीमेंट की सड़कें, किनारे जल प्रवाह के लिए नालियां और गांव की बसाहट शुरू होते ही 40 फिट लंबा-चौड़ा चौराहा, बीच में पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा जिसके चारों ओर सरपट दौड़ती बच्चों की साइकिल, युवाओं की मोटर साइकिल व बैलगाड़ियों का यह दृश्य किसी शहर का नहीं बल्कि भिंड जिले के जौरी ग्राम का है। केवल शहर ही नहीं अनेक नगरों से भी स्वच्छ व व्यवस्थित यह गांव आज मिसाल बन चुका है। पिछले साल इस गांव को निर्मल ग्राम पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।

भिण्ड जिले की अटेर तहसील की ग्राम पंचायत जौरी ब्राम्हण एवं ग्राम मदनपुरा ने ग्राम की परिभाषा ही बदल दी है। ये दोनों गांव भारतीय संस्कृति का अनूठा संगम है। ग्राम पंचायत जौरी ब्राह्मण गांव को यह नया कलेवर ग्राम पंचायत के युवा सरपंच अखिलेश पुरोहित की लगन तथा ग्रामवासियों की एकता और सहयोग की भावना से ही मिल सका है।

इस ग्राम में 48 दिन की अल्प अवधि में लगभग 70 लाख रूपये के निर्माण कार्य किये गये है। जौरी ब्राहम्ण वह ग्राम पंचायत है जिसने ग्राम स्वराज की अवधारणा को साकार किया है। गांव के सभी अहम फैसले गांव की चौपाल पर ही होते है। इसका ही परिणाम है कि यह ग्राम पंचायत प्रदेश की एक मात्र ग्राम पंचायत है जिसमें अतिक्रमण मुक्त ग्राम की मुहिम चलाई और गांव के लोगों ने स्वेच्छा से अपने, चबूतरे, खलिहान, गाय, भैसों को बांधने के खूटें और खरोटे, खाद के घूरे मार्ग से हटा लिये और ग्राम में साढ़े तीन किलोमीटर मार्ग में सीमेंट- क्रंकीट व नालियों का निर्माण संभव हो सका। घरों की चौखटों को भी सीमेंट, क्रंकीट द्वारा मुख्य मार्ग से जोड़ दिया गया है। गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था ऐसी है कि चारों तरफ का पानी गांव के बाहर बनाये गये, परकोलेशन टेंक में एकत्र हो जाता है। जिससे गांव के हैण्डपम्प और कुएें को रिर्चाज होने में मदद मिल रही है।

गांव के सभी 16 हैण्डपम्प पर पक्के प्लेटफार्म बनाये गये हैं जिससे गंदगी न फैले व गंदा पानी हैण्डपम्प में न जावे। ग्राम के सभी 300 घरों में स्वच्छ शौचालय का निर्माण पूर्ण हो चुका है जिसमें 146 गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों के घरों में शौचालय बनाये गये हैं। जौरी ब्राह्मण को लोटा संस्कृति से मुक्ति मिल गई है। मुख्य मार्ग के दोनों तरफ 13 स्थानों पर कूडेदान रखे गये हैं। ग्राम की साफ सफाई के लिये ग्राम पंचायत द्वारा एक सफाई कर्मी की व्यवस्था भी की गई है। जिसका वेतन व खर्चा ग्रामवासी चंदा कर वहन करते हैं।

ग्राम में 5 लाख रूपये की व्यय से पुराने तालाब का जीर्णोध्दार किया गया है तथा दो नवीन तालाबों का भी निर्माण कराया गया है। ग्राम में बच्चों के लिये आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किया जा रहा है ग्राम में शैक्षणिक सुविधाओं को भी सुदृढ़ बनाया गया है। सरपंच अखिलेश पुरोहित के दादा जी द्वारा दान दी गई भूमि पर माध्यमिक विद्यालय संचालित है इसके साथ ही सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत बालक व बालिका कन्या प्राथमिक शालाओं के लिये सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत भवन का निर्माण कराया जा चुका है। ग्राम में पंचायत भवन व सामुदायिक भवन का भी निर्माण कराया जा चुका है।

ग्राम मदनपुरा ग्राम पंचायत जौरी
ब्राह्मण का ही एक मजरा है। ग्राम जौरी ब्राह्मण के सरपंच ने बताया कि ग्राम मदनपुरा को भी जौरी ब्राहम्ण की तर्ज पर विकसित किया गया है। उन्होंने इस ग्राम में शत-प्रतिशत जनभागीदारी से 85 लाख रूपये की लागत से ग्राम की 3000 मीटर मार्ग को सीमेंट क्रंकीट मार्ग में तब्दील किया गया है। इसके साथ ही ग्राम में 11वें वित्त आयोग की 4 लाख रूपये की राशि से माध्यमिक शाला भवन का निर्माण कराया जा चुका है। ग्राम में एक लाख रूपये की लागत से तीन तालाब भी बनाये गये हैं। एक हजार की जनसंख्या वाले इस ग्राम में 14 हैण्डपम्प का खनन कराया गया है। इस समय ग्राम में 24 हैण्डपम्प है। ग्राम में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 24 परिवारों तथा ए.पी.एल. 50 परिवारों से भी स्वच्छ शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। ग्राम को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त बनाया गया है।

इसी का परिणाम है कि जौरी ब्राहम्ण देश की उन चुनिंदा ग्राम पंचायतों में सम्मिलित हो गई। जिसे महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित होने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस गांव में डेढ़ माह से लगभग 70 लाख रूपये के निर्माण कार्य हुए है। दतिया, मुरैना और भिंड के 45 सरपंचों ने इस ग्राम पंचायत को देखा।

 

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