बुधवार, 3 फ़रवरी 2010

प्रदेश में श्वेत क्रान्ति लाने की दिशा में तेजी से काम हो

प्रदेश में श्वेत क्रान्ति लाने की दिशा में तेजी से काम हो

खेती को लाभदायी बनाने में पशुपालन की अहम भूमिका, मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा पशुपालन विभाग की समीक्षा

भोपाल 2 फरवरी 10। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रदेश में अगले तीन वर्ष में श्वेत क्रान्ति लाने की दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत रेखांकित की है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में पशुपालन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में पशुपालन मंत्री श्री अजय विश्नोई, मुख्य सचिव श्री अवनि वैश्य, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री मनोज गोयल, राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ की प्रबंध संचालक श्रीमती शिखा दुबे और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने खेती को लाभ का धंधा बनाने की राज्य सरकार की प्राथमिकता की पूर्ति के लिये डेयरी और पशुपालन योजनाओं के विस्तार की जरूरत रेखांकित की। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकौशल में मिल्क रुट विकसित करने पर ध्यान देना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने दुग्ध संघों की कार्य कुशलता भी बढ़ाने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य के संसाधनों के साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में भी डेयरी और पशुपालन की ज्यादा से ज्यादा योजनाएं स्वीकृत करवायी जाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पशुपालन की हितग्राहीमूलक योजनाओं के प्रकरणों की स्वीकृति में बैंकों द्वारा विलंब की जानकारी मिलने पर पशुपालन मंत्री को लीड बैंक के मुख्यालय से चर्चा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को भी इस संबंध में कहा जायेगा। श्री चौहान ने पशु मेलों के अधिक से अधिक आयोजन पर भी जोर दिया।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में मंथन की विभागीय अनुशंसाओं, मुख्यमंत्री की घोषणाओं, मुख्यमंत्री निवास की पंचायतों की विभागीय घोषणाओं, कॉडर मैनेजमेंट, विभागाध्यक्ष के निरीक्षण और भ्रमण और जनसंकल्प के बिन्दुओं के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की। उन्होंने निरीक्षण और भ्रमण की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।

बैठक में बताया गया कि बकरी पालन में कम लागत के साथ ही ज्यादा लाभ की संभावना के मद्देनजर प्रदेश में बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिये क्षेत्रवार कैलेण्डर बनाया जा रहा है। रायसेन में बकरी के दूध से फेटा चीज के निर्माण की निर्यातक इकाई निजी क्षेत्र में स्थापित करवाने की कार्रवाई की जा रही है।

प्रदेश का और संभवत: देश का पहला गौ-अभ्यारण्य शाजापुर जिले के सुसनेर में स्थापित करने की कार्रवाई भी प्रगति पर है।

बैठक में बताया गया कि विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 में पशु स्वास्थ्य रक्षा पर फोकस किया जा रहा है। इस उद्देश्य से प्रदेश मे निजी क्षेत्र के सहयोग से 40 मोबाईल पशु चिकित्सा यूनिट संचालित कर पशुपालकों को घर पहुंच पशु चिकित्सा सेवा सुलभ करायी जायेगी।

बैठक में जानकारी दी गयी कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2003 की पशुगणना में गौ-वंश की संख्या एक करोड़ 89 लाख 12 हजार थी जो वर्ष 2007 की गणना में बढ़कर 2 करोड़ 12 लाख 17 हजार हो गई है।

ग्वालियर 2 फरवरी 10। जाने-माने शायर मदन मोहन मिश्र 'दानिश' को म प्र. उर्दू अकादमी का प्रतिष्ठित शंभूदयाल सुखन अवार्ड से नवाजा जायेगा। इसकी घोषणा सोमवार को भोपाल में अकादमी की ओर से की गई।    अकादमी की ओर से वर्ष 2009-10 के लिये घोषित विभिन्न पुरस्कारों में शंभूदयाल 'सुखन' पुरस्कार श्री दानिश को दिया जायेगा। यह पुरस्कार उन्हें 10 फरवरी को भोपाल में आयोजित होने वाले एक समारोह में प्रदान किया जायेगा।

      सम्मानों का चयन लखनऊ के डॉ. मलिक जादा मंजूर अहमद की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित बैठक में किया गया। बैठक में समिति के अन्य सदस्यों में अध्यक्ष उर्दू अकादमी पद्मश्री डॉ. बशीर बद्र, उपाध्यक्ष श्री  जफर बैग, डॉ. मुजफ्फर हनफी, दिल्ली , डॉ नसीम अंसारी, श्री रशीद अंजुम, श्री गोविन्द आर्य निशाद, श्री आरिफ अजीज भोपाल, श्री तारिक शाहीन इंदौर, सदस्य सचिव श्रीमती नुसरत मेंहदी ने शिरकत की।

      उल्लेखनीय है कि उर्दू अदब की दुनिया में प्रतिष्ठित मदन मोहन ' दानिश' का गजल संग्रह  अगर काफी चर्चित रहा। 'दानिश' की शायरी को देश ही नहीं दुनिया के तमाम मुल्कों में मुशायरों के मंच एवं पत्र पत्रिकाओं में सराहा गया है। वे दुबई, पाकिस्तान, शारजाह की साहित्यिक यात्रा कर चुके हैं। उनका अगला गजल संग्रह भी शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है। इस उपलब्धि पर श्री 'दानिश' को उनके मित्रों व शुभचिंतकों ने बधाई दी है।

 

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