बुधवार, 26 मई 2010

शासकीय शालाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नत वेतन का लाभ (मंत्रिपरिषद का निर्णय)

शासकीय शालाओं में कार्यरत अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नत वेतन का लाभ (मंत्रिपरिषद का निर्णय)

भोपाल 25 मई 10। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहां सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अंतर्गत कार्यरत अध्यापक संवर्ग को क्रमोन्नत वेतन दिये जाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से प्रदेश में लगभग 80 हजार शिक्षाकर्मी अध्यापक संवर्ग में संविलियत हुये शिक्षाकर्मियों को प्रथम क्रमोन्नति की पात्रता होगी।

प्रदेश में एक अप्रैल 2007 से स्थानीय संस्थानों के अधीन कार्यरत शिक्षाकर्मी एवं संविदा शाला शिक्षकों के संविलियन एवं नियुक्ति से अध्यापक संवर्ग का गठन किया गया है। मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय से शिक्षाकर्मी एवं संविदा शाला शिक्षकों को मंहगाई भत्ता एवं अन्य भत्ता अध्यापक संवर्ग के लिये राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किये गये अनुसार देय होंगे। अध्यापक संवर्ग में कार्यरत अध्यापकों को 12 वर्ष एवं 24 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने के उपरांत प्रथम एवं द्वितीय क्रमोन्नति का लाभ दिया जायेगा। अध्यापक संवर्ग में शिक्षाकर्मियों के संविलियन के पश्चात शिक्षाकर्मियों के रूप में उनके द्वारा की सेवा की गणना केवल पदोन्नति/क्रमोन्नति/वरिष्ठता के प्रायोजन हेतु की जायेगी। प्रदेश में शिक्षाकर्मियों की प्रथम नियुक्ति जुलाई 1998 में हुई है। अत: प्रथम क्रमोन्नति की पात्रता 12 वर्ष की सेवाकाल के उपरांत जुलाई 2010 में प्राप्त होगी।

 

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