बुधवार, 5 मई 2010

मलेरिया से बचाव के उपाय

मलेरिया से बचाव के उपाय

ग्वालियर 03 मई 10। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अर्चना शिंगवेकर ने मौसमी बीमारियों से बचाव के संबंध में उपाय सुझाये हैं। उन्होंने बताया कि इस मौसम में मलेरिया, पीलिया, टाईफाइड, उल्टी, दस्त जैसी बीमारियों के फैलने की संभावना अधिक रहती है। मलेरिया से बचाव के लिये घरों के आसपास गंदा पानी जमा न होने दें। पानी के गड्डों को मिट्टी से भर दें अथवा मिट्टी के तेल का छिड़काव करें। मच्छरों से बचाव हेतु नीम की सूखी पत्तियों का धुंआ करें। सोते समय पूरी आस्तीन के कपड़ों का प्रयोग करें। टंकी अथवा कूलर के पानी को सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें। खाली टायर टूटे फूटे वर्तन गमले आदि में पानी इकठ्ठा न होने दें। बुखार आने पर तुरंत निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर खून की जांच अवश्य करायें एवं मलेरिया की स्लाईड बनवायें। डॉ. शिंगवेकर ने पीलिया, टाइफाइड, उल्टी, दस्त से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि इस मौसम में बाजार की वस्तुओं को हमेशा ढंककर रखें। खाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धोयें। व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। पीने का पानी छानकर अथवा उवालकर पियें। मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं बचाव हेतु सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को सभी पेयजल स्त्रोतों में ब्लीचिंग पाउडर डलवाने तथा डिपोहोल्डरों पर सभी आवश्यक दवाईयों की उपलब्घता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं।

       सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित रूप से अपने क्षेत्र का भ्रमण किया जाये और बीमारी फैलने की दशा में प्रभावित क्षेत्र में टीम को दवाओं सहित भेजना सुनिश्चित किया जाये। किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने की स्थिति में जिले में स्थापित कंट्रोल रूम को सूचित किया जावे। किसी भी प्रकार की बीमारी फैलने की स्थिति में जिले में स्थापित कण्ट्रोल रूम के दूरभाष नंबरों 2452994 पर सूचित करने की ताकीद की गई है।

 

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