पहल कारगर कर प्रशासन के लिए आईटी का बेहतर उपयोग
वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने आज संसद में वर्ष 2011-12 का आम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा कि एक कारगर कर प्रशासन के लिए एक मजबूत आईटी अवसंरचना और करदाता को बेहतर सेवाओं के लिए उसका विस्तार किया जाना है। इस उद्देश्य के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीईसी), दोनों ने निम्नलिखित उपाय किए हैं-
• आयकर विवरणी ऑन-लाइन पर तैयार और प्रस्तुत करना, 32 एजेंसी बैंकों के माध्यम से करों का ई-भुगतान, करदाताओं के बैंक खातों में सीधे (धन) वापसी के इलेक्ट्रॉनिक समाशोधन और टीडीएस विवरणियां इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रस्तुत करने के लिए ईसीएस सुविधा अब देशभर में उपलब्ध है। इन उपायों से करदाता आयकर कार्यालय में जाए बिना, अपनी कर संबंधी जिम्मेदारियां पूरा करने में समर्थ हुए हैं।
• बेंगलुरु स्थित केन्द्रीयकृत प्रोसेसिग सेंटर (सीपीसी) ने 2010-11 में अपनी दैनिक प्रोसेसिग क्षमता 20,000 विवरणियों से बढ़ाकर 1.5 लाख विवरणियां कर दी हें। इस परियोजना ने 2011 में ई-गवर्नेंस के लिए स्वर्ण पुरस्कार जीता है। मई 2011 तक और दो सीपीसी मानेसर और पुणे में कार्य करना शुरू कर देंगे तथा चौथा सीपीसी 2011-12 में कोलकाता में स्थापित किया जाएगा।
• सीबीईसी, अपनी आईटी समेकन परियोजना पूरी हो जाने से, अब अपने मुख्य अनुप्रयोग केन्द्रीय रूप से सीमा शुल्क, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क तथा सेवा कर में व्यवस्थित कर सकता है। सीमा-शुल्क की ईडीआई प्रणाली अब देशभर में 92 स्थानों में काम कर रही हे। सीबीईसी के ई-कॉमर्स पोर्टल आईसगेट को भी ई-गवर्नेंस के लिए स्वर्ण पुरस्कार प्रदान किया गया है।
• दोनों बोर्डोंद्वारा सेवोत्तम की संकल्पना अपनाई गई हे। सीबीडीटी के तहत आयकर सेवा केन्द्रों की तीन प्रायोगिक परियोजनाओं ने लम्बा रास्ता तय किया है। सीबीडीटी इस वर्ष और आठ ऐसे केन्द्र चालू करेगा। 2011-12 में देशभर में 50 आयकर सेवा केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। सीबीईसी ने भी इसी प्रकार के उपाय किए हैं और उनकी प्रायोगिक परियोजनाओ में से चार शुरू की गई हैं।
• स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) विवरणों का इलेक्ट्रॉनिक प्रस्तुतिकरण मजबूती प्राप्त कर चुका है। बोर्ड शीघ्र ही उन वेतनभोगी करदाओं की श्रेणी अधिसूचित करेगा, जिन्हें आय का विवरण प्रस्तुत करना जरूरी नहीं होगा, क्योंकिउनकी कर संबंधी देयता का निर्वहन उनके नियोक्ता द्वारा स्रोत पर कटौती के माध्यम से किया जा चुका है।
• सीबीडीटी करदाताओं को आयकर विभाग के साथ सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए एक पृथक वेब आधारित सुविधा मुहैया कराएगा, ताकिकरदाता अपनी वापसी राशिऔर पूर्व प्रदत्त करों के बकाया के संबंध में शिकायत दर्ज कर सकें तथा उनके निराकरण की स्थितिका पर कर सकें।
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