मंगलवार, 19 जनवरी 2021

Gwalior Times Live Gwalior Detailed News ग्वालियर टाइम्स लाइव ग्वालियर विस्तृत समाचार

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लोकल किसान साथ नहीं दे रहे तो क्या हुआ , बाहर से कांग्रेसी आयेंगें किसान बनकर , ग्वालियर से महापंचायत में शामिल होगें हजारों काॅग्रेस कार्यकर्ताःडाॅ. सिकरवार

Posted: 18 Jan 2021 09:10 PM PST

 झगड़ा और महाभारत है बस इतना कि कुछभी  करो मतलब कैसे भी करो नरेन्द्र सिंह तोमर को खत्म करो और नरेन्द्र सिंह तोमर ऐसे मृत्युंजीवी हैं कि बरसों बरस से लगी कांग्रेस उनकी जड़ खोदना तो दूर , जड़ पकड़ ही नहीं पा रही है और न तलाश पा रही है , अब कांग्रेस मुरैना में ही महापंचायत करेगी , सवाल है कि मुरैना में ही क्यों , जवाब है नरेन्द्र सिंह तोमर यहीं रहता है , यहीं से सांसद है और केन्द्रीय मंत्री है , अब मुरैना लोकल के किसान तो साथ दे नहीं रहे , ऊपर से पंचायतों के चुनाव , नगरीय निकायों के चुनाव , कांग्रेस अकेले मुरैना से ही उपचुनाव में जीत पाई भारी प्रतिशत में सीटें वरना और जगह तो डिब्बा ही गोल हो गया । अब मुरैना को कुरूक्षेत्र बनाकर एक तीर से दो निशाने , एक तो होने वाने चुनाव और दूसरे नरेन्द्र सिंह तोमर कांग्रेस की नींद हराम और चैन छीन लेने वाले महारथी ,  लोकल वर्सेज विदेशी टूरिस्ट और प्रवासी पक्षियों का बर्ड फ्लू फैलाने का मसला कांग्रेस में भीतर भी और कांग्रेस से बाहर भी कांग्रेस के लिये एक ऐसा लाइलाज सिरदर्द यानि कि माइग्रेन है कि जो अब ग्रेन तक आ पहुंचा है । ग्वालियर। प्रदेष के पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेष काॅग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ के नेतृत्व में किसानों की समस्याओं को लेकर 20 जनवरी को मुरैना में किसानों की होने वाली महापंचायत में ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से हजारों की संख्या में किसान और काॅग्रेस कार्यकर्ता विधायक डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार की अगुवाई में मुरैना कूच करेंगे। महापंचायत की तैयारियों को लेकर आज ललितपुर काॅलोनी कार्यालय पर काॅग्रेसजनों की एक महत्वपूर्ण बैठक विधायक डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कई कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं को लेकर अपने विचार और सुझाव रखे। डाॅ. सिकरवार ने बताया कि 20 जनवरी को प्रातः 9 बजे 100 से अधिक चार पहिया वाहन कटोराताल पर एकत्रित होगें, वाहनों पर स्टीकर और झण्डे लगाये जायेंगे। इन वाहनों से हजारों कार्यकर्ता मुरैना रैली में षामिल होने के लिये कूच करेंगे।  

     विधायक डाॅ. सतीष सिंह सिकरवार ने बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि देष का किसान विभिन्न समस्याओं और केन्द्र सरकार द्वारा पास किये गये तीन कृशि बिल जो किसान विरोधी हैं, से परेषान है। डाॅ. सिकरवार ने कहा कि काॅग्रेस पार्टी हमेषा काॅग्रेस हितों की रक्षा के लिये लडती रही है और आगे भी लडती रहेगी। उन्होने कार्यकर्ताओं का आव्हान किया कि मुरैना में होने वाली महापंचायत में हजारों की संख्या में पहुॅचकर उन किसानों का समर्थन करें, जो दिल्ली की सरहद के आस-पास धरना व आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बेहद निराषाजनक है कि लम्बे समय से आंदोलनरत किसानों की समस्याओं के समाधान के लिये केन्द्र सरकार का रवैया सकारात्मक न होकर नकारात्मक बना हुआ है। इसी कारण अब तक किसानों की समस्याओं को समाधान नहीं निकला है। विधायक डाॅ. सिकरवार ने कहा कि किसानों के समर्थन के लिये काॅग्रेस नेतृत्व अगर दिल्ली कूच का ऐलान करेगा तो हजारों किसान व काॅग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली जाकर अपनी भागीदारी निभाएंगे। बैठक में मौजूद काॅग्रेसजनों ने हजारों की संख्या में मुरैना महापंचायत में षामिल होने का संकल्प व्यक्त किया। विधायक डाॅ. सिकरवार दो दिन लगातार मुरैना प्रवास पर रहेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में सघ्न जनसम्पर्क कर रैली में 100 से अधिक टेक्टरों के साथ रैली में आयेंगे।



जब 'खुद' भये कोतवाल तो डर काहे का :झगड़ा कंपू में.. केस दतिया में; बगैर बताए मुख्यालय छोड़ने और झूठा केस बनाने पर दतिया TI सस्पेंड; घटनाक्रम छुपाने पर कंपू टीआई अटैच

Posted: 18 Jan 2021 08:34 PM PST

गलती छुपाने की चालाकी ग्वालियर क्षेत्र के दो थाना प्रभारियों को भारी पड़ी। एक सस्पेंड कर दिए गए, तो दूसरे से थाना छीनकर लाइन में भेज दिया गया। मामला दतिया और ग्वालियर जिले से जुड़ा है। दिलचस्प मामले का खुलासा जेल में बंद आरोपी के चाचा के शिकायत पत्र से हुआ है। उन्होंने बताया कि पहली बात तो घटना हुई ही नहीं, मेरे भतीजे को जबरन फंसा दिया। मामूली बहस पर मोबाइल लूटने का आरोप लगा दिया, फिर जबर्दस्ती दतिया ले गए और वहां हथियार के साथ पकड़ना बताकर जेल भेज दिया। अफसर फरियाद पढ़ते ही चौंक गए। तत्काल इनपुट निकाला तो बात सही निकली। दोनों जगह के थाना प्रभारियों को गाज गिर गई।

पढ़िए पूरी कहानी-

बात 15 जनवरी की है। दतिया कोतवाली के थाना प्रभारी रत्नेशसिंह यादव को अचानक कोई निजी काम आ पड़ा और वे ग्वालियर रवाना हो गए। वे मुख्यालय छोड़ रहे थे.. इसकी खबर किसी वरिष्ठ अधिकारी को नहीं दी। वे ग्वालियर के कंपू थाना क्षेत्र में आए थे, तभी किसी बदमाश ने उनका मोबाइल लूट लिया। रत्नेश ठहरे पुलिसवाले.. उन्होंने तुरंत पीछा कर संदेही सोम उर्फ शुभम भार्गव निवासी गुढ़ा गुढ़ी को पकड़ा। मोबाइल भी बरामद कर लिया। इसकी सूचना उन्होंने कंपू थाना क्षेत्र की प्रभारी अनिता मिश्रा को दी, तो उन्होंने पुलिसबल भेजा। बावजूद रत्नेश ने इस मामले की रिपोर्ट नहीं कराई, न ही बदमाश को कंपू पुलिस को सौंपा। उलटा वे इसे अपने साथ दतिया ले आए और अपने थाने में एफआईआर करा दी। उसमें मोबाइल लूट नहीं, बल्कि आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाईं और आरोपी को जेल भिजवा दिया।

टीआई ने नियमों का खुद उल्लंघन किया, जबकि उन्हें फरियादी बनकर टीआई रत्नेश को कंपू थाने पर विधिवत रिपोर्ट करानी थी और आरोपी को वहीं पर उनके सुपुर्द कर देना था। दूसरा यह भी हो सकता था कि दतिया थाने में शून्य पर रिपोर्ट कायम कराते और डायरी आरोपी समेत कंपू पुलिस को भिजवा देते। कंपू पुलिस विधिवत कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार करती। जिस घटनास्थल पर वारदात हुई है, मामले की जांच वही थाना करता है।

आदेश में साफ कहा गया है कि गंभीर घटना काे वरिष्ठ अफसराें से छिपाया गया है।
आदेश में साफ कहा गया है कि गंभीर घटना काे वरिष्ठ अफसराें से छिपाया गया है।

जवाब देना पड़ता, इसलिए कंपू में नहीं कराई एफआईआर

कंपू के बजाय दतिया लौटकर रिपोर्ट करने की वजह गलती छुपाना था क्योंकि वे बगैर बताए हेड ऑफिस छोड़ आए थे। यदि रत्नेश ऐसा करते, तो उन्हें यह बताना पड़ता कि वे ग्वालियर के कंपू में क्यों गए थे। पहले क्यों नहीं बताया। अपने थाने के रोजनामचा में कंपू के लिए रवानगी भी दिखाना पड़ती। इस सबसे बचने के लिए, लेकिन आरोपी को हर हाल में फंसाने के लिए उन्होंने अपने थाने पर लाकर अलग घटना में आरोपी बना दिया।

आखिर कंपू टीआई मिश्रा क्यों लाइन अटैच किया

मामले में कंपू थाने की टीआई अनिता मिश्रा लाइन अटैच कर दी गई हैं। इसकी वजह है कि इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी उन्हें थी, लेकिन उन्होंने पूरी बात सीनियर अफसरों से छुपाए रखी। उन्होंने रत्नेश का साथ देने के चक्कर में अपनी कुर्सी गंवा दी। उन्हें थाने से हटाकर लाइन में भेज दिया गया है।

आरोपी कह रहा है कि लूट हुई नहीं, बहस हुई थी

मामले में आर्म्स एक्ट के साथ मोबाइल लूट भी हुई थी या नहीं, यह अब सवालों के घेरे में है। इसकी भी जांच होगी। आरोपी का कहना है कि मैंने कभी लूट की ही नहीं। सिर्फ टीआई के साथ बहस हुई थी और उसके बाद हाथापाई हो गई। वे वर्दी में नहीं थे, हमें क्या पता कौन है। चाचा उमेश भार्गव ने बेटे के साथ हुई घटना की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी तो छानबीन शुरू हो गई। मामला सही निकला तो दोनों अफसरों पर गाज गिर गई।

मामला वहीं दर्ज कराना था टीआई को : एसपी

मामले में दतिया एसपी अमन सिंह राठौर का कहना है, बिना अनुमति दतिया के कोतवाली थाना प्रभारी रत्नेश यादव ग्वालियर गए। वहां लूट हो गई, तो मामला दर्ज न कराते हुए यहां लाकर एफआईआर कर दी। इस पर तत्काल टीआई को सस्पेंड कर लाइन भेजा गया है। ग्वालियर और दतिया में मामले की जांच की जा रही है।

टीआई पर मामला दर्ज कराने दिया आवेदन

दतिया के टीआई रत्नेश यादव द्वारा ग्वालियर के युवक को बिना कारण दतिया ले जाकर आर्म्स एक्ट का फेक मामला दर्ज करने पर आरटीआई एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी ने शिकायत की है। व्यापमं मामले का खुलासा करने वाले आशीष ने ग्वालियर एसपी को आवेदन देकर रत्नेश यादव पर मामला दर्ज करने की मांग की है।

 

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