शुक्रवार, 19 सितंबर 2008

अच्छी प्रगति के लिए प्रशस्ति पत्र देने और कम प्रगति पर वेतन वृध्दि रोकने के निर्देश

अच्छी प्रगति के लिए प्रशस्ति पत्र देने और कम प्रगति पर वेतन वृध्दि रोकने के निर्देश

जिला कलेक्टर द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा

ग्वालियर, 17 सितम्बर 08 महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित लाडली लक्ष्मी योजना सहित अन्य विभागीय योजनाओं की आज जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने विस्तार से समीक्षा की ।  उन्होंने लाडली लक्ष्मी योजना के तहत लक्ष्य के अनुरूप बालिकाओं को लाभान्वित कराने वाले विभागीय अमले को प्रशस्ति पत्र देने और धीमी प्रगति के लिए जिम्मेदार विभागीय पर्यवेक्षकों की वेतन वृद्वि रोकने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश दिये हैं । श्री त्रिपाठी ने कुछ ग्रामों में ऑंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए नव निर्मित भवनों की खराब गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार सरपंचों के खिलाफ धारा -40 के तहत कार्रवाई करने को भी कहा है । यहाँ जिला कार्यालय में सम्पन्न हुई बैठक में सहायक कलेक्टर कुमारी स्वाति मीणा, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा शर्मा तथा जिले की विभिन्न एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं के परियोजना अधिकारी मौजूद थे ।

       उल्लेखनीय है कि राज्य शासन की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल लाडली लक्ष्मी योजना को जिले में प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने विशेष रणनीति बनाई है । फलस्वरूप मौजूदा वर्ष में अब तक डेढ़ हजार से अधिक बालिकाओं को लाडली लक्ष्मी योजना से लाभान्वित कराया जा चुका है । इस योजना के तहत सभी पात्र बालिकाओं को लाभान्वित कराने के उद्देश्य से जिला कलेक्टर ने जिले की सभी एकीकृत बाल विकास परियोजनाओं में पदस्थ पर्यवेक्षकों को नवम्बर माह तक के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसकी नियमित रूप से समीक्षा की जाती है ।

लाडली लक्ष्मी योजना के क्रियान्वयन में लक्ष्य के अनुसार 30 प्रतिशत से कम उपलब्धि हासिल करने वाली पर्यवेक्षकों की दो-दो वेतन वृद्वि और इससे अधिक लेकिन 50 प्रतिशत से कम उपलब्धि वाले पर्यवेक्षकों की एक-एक वेतन वृद्वि दोकने के लिए नोटिस जारी करने के निर्देश कलेक्टर ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिये हैं । उन्होंने परियोजना अधिकारियों को यह भी हिदायत दी की जिन ग्रामों में शासकीय भवन उपलब्ध हैं वहाँ के ऑंगनबाड़ी केन्द्रों को जल्द से जल्द इन भवनों में सिफ्ट कर लें । साथ ही स्वीकृत भवनों का काम भी तत्परता से आंरभ करायें । कुछ ग्रामों में ऑंगनबाड़ी केन्द्र के नव निर्मित भवनों की गुणवत्ता में कमी की बात ध्यान में लाये जाने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की और संबंधित सरपंचों के खिलाफ धारा- 40 की कार्रवाई करने की बात कही है । साथ ही ग्रामीण यात्रिकी सेवा के कार्यपालन यंत्री को मौके पर जाकर भवनों की गुणवत्ता ठीक कराने की हिदायत भी दी है ।

       कलेक्टर ने भितरवार एवं हस्तिनापुर में भी जल्द से जल्द पोषण  पुनर्वास केन्द्र शुरू करने के निर्देश बैठक में दिये। ज्ञातव्य हो कि सरकार द्वारा कुपोषण निवारण के उद्देश्य से ठाटीपुर अस्पताल परिसर, मोहना एवं डबरा में पूर्व से ही यह केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं । बैठक में स्वयं सिध्दा योजना, पोषण आहार वितरण, ऑंगन बाड़ी केन्द्रों में रिक्त कार्यकर्ता व सहायिकाओं को भर्ती आदि की भी विस्तार से समीक्षा की गई ।

 

हर परियोजना में बनेंगी आदर्श ऑंगनबाड़ी

जिले की हर परियोजना में मॉडल बतौर आदर्श आंगन बाड़ी केन्द्र विकसित किये जायेंगे । जिला कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की पहल पर इन ऑंगनबाड़ियों को इस प्रकार से विकसित किया जायेगा,जिससे इन केन्द्रों में वो सभी सुविधायें  आदर्श रूप में मुहैया हो सके,जिनकी अपेक्षा आदर्श ऑंगनबाड़ी केन्द्र से होती है।

 

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