मंगलवार, 16 सितंबर 2008

नि:शक्त व्यक्तियों को विदेश में अध्ययन करने पर छात्रवृत्ति योजना लागू

नि:शक्त व्यक्तियों को विदेश में अध्ययन करने पर छात्रवृत्ति योजना लागू

ग्वालियर 14 सितम्बर 08 । राज्य शासन द्वारा नि:शक्त व्यक्तियों के सामाजिक पुनर्वास एवं सशक्तीकरण के उद्देश्य से छात्रवृत्ति योजना लागू की गई है । यह छात्रवृत्ति नि:शक्त विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिये विदेश में अध्ययन करने पर दी जायेगी ।

       संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय ग्वालियर द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दो-दो अस्थिबाधित नि:शक्त छात्र-छात्राओं को , दो-दो श्रवण बाधित छात्र-छात्राओं तथा दो-दो दृष्टि बाधित चयनित छात्र-छात्राओं को विदेशों में विशिष्ट क्षेत्रों में स्नातकोत्तर स्तर के पाठयक्रमों , शोध उपाधि एवं शोध उपाधि उपरांत शोध कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये वित्तीय सहायता देने का प्रावधान किया गया है । वित्तीय सहायता प्रतिवर्ष 12 छात्र-छात्राओं को दी जायेगी । शोध उपाधि उपरांत अध्ययन के लिये छात्र-छात्रा को संबंधित स्नोतकोत्तर परीक्षा में प्रथम श्रेणी अथवा 60 प्रतिशत अंक या उसके समतुल्य श्रेणी एवं संबंधित क्षेत्र में अनुभव के साथ शोध उपाधि होना चाहिये । इसी प्रकार शोध उपाधि के लिये संबंधित स्नातकोत्तर परीक्षा में प्रथम श्रेणी अथवा 60 प्रतिशत अंक या इसके समतुल्य श्रेणी एवं संबंधित क्षेत्र में दो वर्ष का अध्यापन, शोध, व्यवसायिक अनुभव या एम.फिल होना आवश्यक है । स्नातकोत्तर उपाधि के छात्र-छात्रा को स्नातक उपाधि में प्रथम श्रेणी अथवा 60 प्रतिशत अंक या उसके समतुल्य श्रेणी होना चाहिये । आवेदक की आयु आवेदन किये जाने वाले वर्ष की एक जनवरी को 35 वर्ष से कम हो, विशेष प्रकरणें में समिति द्वारा दस वर्षों तक आयु में छूट दी जा सकेगी । नियोजित उम्मीदवार की अथवा उसके परिवार, अभिभावक की सभी स्त्रोतों से कुल वार्षिक आय 96 हजार रूपये की सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिये । अधिक जानकारी के लिये संयुक्त संचालक समाजिक न्याय के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है ।

 

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