मंगलवार, 16 सितंबर 2008

किसी संस्थान का स्वास्थ्य उसकी बैलेंससीट देखकर पता लगाया जा सकता है : महापौर

किसी संस्थान का स्वास्थ्य उसकी बैलेंससीट देखकर पता लगाया जा सकता है : महापौर

ग्वालियर दिनांक 15 सितम्बर 2008:      किसी भी संस्थान का आर्थिक स्वास्थ्य उसकी बैलेंससीट देखकर पता लगाया जा सकता है। नगर निगम ग्वालियर में आज दिनांक पर्यन्त बैलेंससीट का न हो एक दुर्भाग्य का विषय है। निगम की क्या परिसम्पत्तियां है इसकी जानकारी आज तक बैलेंससीट के अभाव में अधूरी है। उक्त उद्गार महापौर विवेक नारायण शेजवलकर द्वारा आज होटल लैण्डमार्क में नगर निगम के गरीबोन्मुखी योजना विभाग तथा जे.पी.एस. एसोसियेट कम्पनी लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बैलेंससीट निर्माण कार्यशाला में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि निगम की बैलेंससीट बनने के बाद निगम के कार्यों में और अधिक पारदर्शिता आयेगी। निगम की जो परिसम्पत्तियां हैं उनका हम और अच्छी तरह व्यवस्थापन कर सकेंगे।

       उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट उत्थान के प्रथम वर्ष एक्शन प्लान में ओपनिंग बैलेंससीट बनाने का प्रस्ताव था उक्त प्रस्ताव पर अमलीजामा पहनाये जाने का कार्य प्रांरभ हो गया है। इससे निगम के कर्मचारियों की क्षमता वृध्दि होगी। किसी भी संस्थान की लेनदारी और देनदारी का हिसाब रखना बहुत आवश्यक है। कार्यशाला का उद्धाटन महापौर विवेक नारायण शेजवलकर तथा निगम में लेखा समिति के अध्यक्ष रामेश्वर विजपुरिया द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इसके पश्चात डी.एफ.आई.डी. के नोडल ऑफीसर देवेन्द्र सिंह चौहान द्वारा कार्यशाला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला तथा निगम अधिकारियों की दक्षतावृध्दि हेतु चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। संस्था के प्रमुख श्री निगम द्वारा बताया गया कि निगम की बैलेंससीट निर्माण का कार्य प्रांरभिक तौर पर जून माह से प्रांरभ किया जा चुका है तथा संस्था पहली बार 01 अप्रेल 2008 की स्थिति में निगम की सभी परिसम्पत्तियों को दर्ज कर सकेगी। इस व्यवस्था से जहां एक और निगम के कार्य में पारदर्शिता आयेगी वहीं निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी निश्चित होगी।

       कार्यशाला में निगम के अपर आयुक्त सुरेश शर्मा तथा कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया, उपायुक्त सुरेन्द्र सिंह भदौरिया, अभय राजनगांवकर, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव एवं समस्त सहायक आयुक्त, कार्यपालनयंत्री विद्युत कौचर, कार्यपालनयंत्री कार्यशाला अतिबल सिंह यादव, लेखाधिकारी दिनेश बाथम तथा निगम के विभिन्न क्षेत्राधिकारी एवं लेखा विभाग से संबंधित अधिकारी उपस्थित थे ।

 

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